पंचायत समिति का प्रमुख कौन होता है

  1. Boycotted Panchayat Samiti meeting
  2. पंचायत प्रतिनिधियों के मासिक भत्ते का भुगतान अब सीधे बैंक खाते में होगा
  3. पंचायती राज व्‍यवस्‍था सामान्‍य ज्ञान प्रश्‍न
  4. ग्राम पंचायत क्या है? ग्राम पंचायत अधिनियम और वित्त आयोग की जानकारी
  5. ब्लॉक प्रमुख कौन होता है? योग्यता, कार्य, कार्यकाल, वेतन व चुनाव प्रक्रिया
  6. पंचायती राज नोट्स
  7. पंचायत समिति क्या है? Panchayat Samiti Kya Hai?


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Boycotted Panchayat Samiti meeting

प्रखंड कार्यालय परिसर में सोमवार को बीडीसी सदस्यों की बैठक हुई। अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख रहीमा खातून ने की। बीडीसी सदस्यों ने कई विभाग के पदाधिकारियों के अनुपस्थित रहने के कारण हंगामे के साथ बैठक का बहिष्कार कर दिया। बीडीसी सदस्य जुनेद रिजवी, फहीम आलम, समीउल्लाह अंसारी, मधुप मिश्रा, मो. इसराइल सहित अन्य बीडीसी सदस्यों ने सदन में कहा कि जब विभाग के पदाधिकारी उपस्थित नहीं रहेंगे तो समस्या को सुनेगा कौन? कहा कि लगभग 6 बार बीडीसी सदस्यों की बैठक हो चुकी है लेकिन सभी विभाग के पदाधिकारी सदन में उपस्थित नहीं रहते हैं। जिससे बीडीसी सदस्य नाराजगी जाहिर करते हुए अनुपस्थित पदाधिकारी पर कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा करने लगे और सदन का बहिष्कार कर दिया। बैठक में बिजली कंपनी के जेई, सीडीपीओ, एमओ, बीईओ आदि के अनुस्थित रहने से बीडीसी सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की। बीडीसी की बैठक में बिजली बिल का अधिक आना, बहादुरपुर पंचायत में डीलर की मनमानी, पकड़ी पंचायत के गौसीहाता गांव में बिजली के पोल लगाने के लिए पैसे की मांग, पकड़ी पंचायत के कई वार्ड में नल-जल की समस्या, राछोपाली पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 6 का मामला, हरदोबारा पंचायत के केंद्र संख्या 9 सहित अन्य समस्याओं को सदन के सामने बीडीसी सदस्य अपनी बात को रख रहे थे। इस दौरान अधिकारियों के अनुपस्थित रहने से नाराज होकर बीडीसी सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। प्रमुख रहीमा खातून ने कहा कि बीडीसी सदस्यों की मांग जायज है। बैठक में सभी विभाग के पदाधिकारियों को आना चाहिए। बैठक में पदाधिकारियों के अनुपस्थित होने के सवाल पर कहा कि स्पष्टीकरण पूछा जा रहा है। विभाग के वरीय पदाधिकारी से कार्रवाई मांग की जाएगी। मौके पर प्रमुख रहीमा खातून, उपप्रमुख रा...

पंचायत प्रतिनिधियों के मासिक भत्ते का भुगतान अब सीधे बैंक खाते में होगा

त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों व ग्राम कचहरी के सरपंच, उप सरपंच समेत सदस्यों के मासिक भत्ते का भुगतान अब सीधे बैंक खाते में किया जाएगा। इसका लाभ जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, मुखिया, सरपंच, उप मुखिया, उप सरपंच, वार्ड और पंच सदस्यों को मिलेगा। इसके लिए राज्य सरकार के पंचायती राज विभाग ने जिले के अधिकारियों को आदेश जारी किया है। विभाग की ओर से प्रतिनिधियों के बैंक खाते का सत्यापित डिटेल्स व मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसे हार्ड व सॉफ्ट कॉपी में उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। विभाग की ओर से केंद्रीयकृत नई प्रणाली के तहत नियत मासिक भत्ते का भुगतान विभागीय स्तर से करने का निर्णय लिया गया है। किसको कितना मिलेगा मासिक भत्ता जिला परिषद अध्यक्ष : 12000 जिला परिषद उपाध्यक्ष : 10000 पंचायत समिति प्रमुख : 10000 ग्राम पंचायत मुखिया: 2500 ग्राम कचहरी सरपंच : 2500 उप सरपंच :1200 जिला परिषद सदस्य : 2500 पंचायत समिति सदस्य: 1000 ग्राम पंचायत सदस्य ( वार्ड): 500 ग्राम कचहरी सदस्य (पंच): 500 पहले बीडीओ के माध्यम से होता था भुगतान इससे पहले जिला परिषद के माध्यम से ग्राम पंचायत व ग्राम कचहरी के लिए मासिक भत्ते की राशि का आवंटन बीडीओ के माध्यम से किया जाता था। इसमें कई तरह की परेशानियों से प्रतिनिधियों को जूझना पड़ता था। साथ ही नियमित रूप से मासिक भत्ते का भुगतान नहीं हो पाता था। इसके कारण विभाग को फजीहत झेलनी पड़ती थी। मासिक भत्ते के भुगतान के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते थे। बैंक खाते का सत्यापित विवरण देना अनिवार्य पंचायत समिति उपप्रमुख को 5000 की राशि भेजी जाएगी। यह राशि नियमित रूप से प्रतिमाह उनके खाते में भेज दी जाएगी। उप मुखिया के खाते में 1200 रुपये जा...

पंचायती राज व्‍यवस्‍था सामान्‍य ज्ञान प्रश्‍न

पंचायती राज व्‍यवस्‍था सामान्‍य ज्ञान प्रश्‍न/पंचायती राज महत्‍वपूर्ण सामान्‍य ज्ञान/Most important Questions पंचायती राज व्‍यवस्‍था • पंचायत के चुनाव कराने हेतु निर्णय किसके द्वारा दिया जाता है? – राज्य सरकार के द्वारा • पंचायत स्तर पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कौन करता है? – पंचायत सेवक • किसके अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है? – नीति निर्देशक सिद्धांत • पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य क्या है? – जनता को विकासमुलक प्रशासन में भागीदारी योग्य बनाना • क्या माध्यमिक शिक्षा पंचायती राज के कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आती है? – नहीं • ग्राम पंचायतों के कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण कौन करता है? – ग्राम सभा • 73 वां संविधान संशोधन किससे संबंधित है? – पंचायती राज प्रणाली से • पंचायत समिति के सदस्य किसके द्वारा निर्वाचित किए जाते हैं? – प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा निर्वाचित किए जाते हैं • भारत में पंचायती राज अधिनियम कब लागू हुआ? – 24 अप्रैल 1993 • पंचायत का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है? – 5 वर्ष का • पंचायती राज संस्थाएं अपनी निधि हेतु किस पर निर्भर करती है? – सरकार द्वारा दिए जाने वाले अनुदान पर • संविधान के किस भाग में ग्राम पंचायतों की स्थापना की बात कही गई है? – भाग 4 पंचायती राज व्‍यवस्‍था सामान्‍य ज्ञान प्रश्‍न • पंचायती राज की सबसे छोटी इकाई क्या है? – ग्राम पंचायत • ग्राम पंचायतों की आय का स्त्रोत क्या होता है? – मेल एवं बाजार पर लगने वाला कर • भारत में किसके अंतर्गत पंचायती राज प्रणाली की व्यवस्था की गई है? – नीति निर्देशक सिद्धांत • पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं एवं निम्न वर्गों से अधिक प्रतिनिधित्व के समर्थक थे? – राजीव गांधी • पंचायती राज क्या प्रदान करता है?...

ग्राम पंचायत क्या है? ग्राम पंचायत अधिनियम और वित्त आयोग की जानकारी

ग्राम पंचायत क्या है? ग्राम पंचायत अधिनियम ने आपको क्या अधिकार दिया है और वित्त आयोग कैसे काम करता है? क्या इस बारे में आप जानकारी चाहते हैं? आपको गूगल ने बिल्कुल सही जगह भेज दिया है। इस वेबसाइट के द्वारा दिए गए जानकारी पर आप भरोसा कर सकते हैं और कहीं भी इस जानकारी को आप भूना सकते हैं। तो देर किस बात की आखिर तक FAQs तक पढ़िए। गांधी ने पारस्परिक सम्मान और साझा संसाधनों के आधार पर समुदायों के साथ जाति व्यवस्था और राजनीतिक उत्पीड़न के अंत की कल्पना की। उनकी इच्छा थी कि प्रत्येक गाँव सुशासन, सहकारी अर्थशास्त्र और स्थायी जीवन पद्धतियों का स्थान बने। यह विश्वास प्रणाली पारंपरिक भारतीय संस्कृति को अपने मूल में संरक्षित करते हुए वर्ग या जाति की परवाह किए बिना सभी नागरिकों के बीच सामाजिक सद्भाव पैदा करेगी। गांधी ने पूरे भारतीय इतिहास में उत्पीड़ित ग्रामीणों को गरिमा बहाल करने के लिए अथक प्रयास किया। ग्राम पंचायत एक स्वायत्त स्वशासी निकाय है जो भारत में गांवों के स्थानीय मामलों के प्रबंधन के लिए स्थापित किया गया है। यह लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकृत शासन की त्रिस्तरीय प्रणाली है और इसे संविधान में राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के एक भाग के रूप में और इसकी मूलभूत विशेषताओं में से एक के रूप में भी घोषित किया गया है। ग्राम पंचायत में सदस्य होते हैं जो प्रत्येक गांव से चुने जाते हैं और कार्यकारी समिति बनाने के लिए अपने संबंधित वार्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रत्येक वार्ड का अपना नामित प्रतिनिधि होता है, जिसमें एक सदस्य को अध्यक्ष या सरपंच के रूप में नियुक्त किया जाता है। इस समिति द्वारा लिए गए सभी निर्णय उस गांव के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए बाध्यकारी होते हैं। सं...

ब्लॉक प्रमुख कौन होता है? योग्यता, कार्य, कार्यकाल, वेतन व चुनाव प्रक्रिया

|| ब्लॉक प्रमुख कौन होता है? | Block pramukh kise kahate hain | ग्राम पंचायत के चुनाव क्या होते हैं? (Gram panchayat ke chunav | ब्लॉक प्रमुख बनने के लिए योग्यता | Block pramukh eligibility in Hindi | ब्लॉक प्रमुख का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है? || Block pramukh kya hota hai :- भारत देश एक बहुत बड़ा देश है जहाँ विश्व की सर्वाधिक जनसँख्या रहती है। पिछले कई दशकों तक यह उपलब्धि चीन के नाम थी लेकिन हमारे देश ने इसमें भी अपना लोहा मनवा लिया और जनसँख्या में पहले स्थान पर आ गए। फिर चाहे हमने इस बात को नज़रअंदाज कर दिया कि बढ़ी हुई जनसँख्या कितनी समस्याएं साथ में लेकर आती है। अब हमारे देश में कई राज्य, उन राज्यों में सैकड़ों जिले और उन जिलों में लाखों ब्लॉक व गाँव आते (Block pramukh kon hota hai) हैं। भारतीय संविधान के अनुसार इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाये रखने और लोगों पर शासन करने के लिए अलग अलग तरह के चुनाव की व्यवस्था की गयी है। इन चुनावो में कुछ पद विभाजित किये गए हैं और उन चुने हुए लोगों को जनप्रतिनिधि के नाम से जाना जाता (Block pramukh in Hindi) है। अब इन जनप्रतिनिधियों को अपनों में से ही किसी एक व्यक्ति को प्रमुख चुनना होता है जो उन सभी का प्रतिनिधित्व करता है। इस तरह से चुनावी प्रक्रिया को संपन्न करवाया जाता है। 1.12 प्रश्न: एक ब्लॉक में कितने गांव होते हैं? ब्लॉक प्रमुख कौन होता है? योग्यता, वेतन व चुनाव प्रक्रिया भारत में आप राज्यों के नाम तो जानते ही होंगे और हमारे देश में कुल 29 पूर्ण राज्य तथा 9 केंद्र शासित प्रदेश है। इन सभी राज्यों में भारतीय प्रजा के द्वारा चुनी हुई सरकारे काम कर रही है और वहां का एक मुख्यमंत्री भी है। हालाँकि अधिकतर केंद्र शासित प्रदेशों क...

पंचायती राज नोट्स

Table of Contents • • • • • • • • • • • • सन् 1928 में ग्राम पंचायत अधिनियम बनाया गया। • राजस्थान पंचायतराज विभाग की स्थापना सन् 1949 में हुई थी। • 1953 में “ राजस्थान ग्राम पंचायत अधिनियम 1953” बनाया गया था। • 1959 में राजस्थान में पंचायती राज संस्थाओं का उद्घाटन हुआ। • • 1959 में राजस्थान जिला परिषद् अधिनियम 1959 तथा राजस्थान पंचायत • पहली बार इनके चुनाव 1960 में हुए थे। • 1964 में सादिक अली ग्राम सेवकों के प्रशिक्षण पर अपनी अनुशंसा दी थी। • 1973 में गिरधारी लाल व्यास • 1984 में इन्दिरा गाँधी ग्रामीण विकास व पंचायत राज संस्थान’ की स्थापना की गयी थी। यह पंचायत राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों को प्रशिक्षण देने वाला राजस्थान का सर्वोच्च संस्थान है। • “ राजस्थान विकास” राजस्थान के ग्रामीण व पंचायती राज विभाग द्वारा प्रकाशित पत्रिका का नाम है। जबकि ‘ कुरूक्षेत्र’ भारत सरकार के ग्रामीण विकास व पंचायत राज विभाग की पत्रिका है। • 1988 में हरलाल सिंह खर्रा की अध्यक्षता में एक ग्रामीण विकास प्राधिकरण का विलय जिला परिषद् में किया गया था। • 2011 में गुलाबचन्द कटारिया की अध्यक्षता में एक पंचायत राज संस्थाओं को देने की अनुशंसा की थी। • राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994, 23 अप्रैल, 1994 से लागू कर दिया था जिसे राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 कहा गया है। • इस अधिनियम के संदर्भ में राजस्थान पंचायती राज विस्तार नियम 1996 बनाया गया था जो 30 दिसम्बर, 1996 से लागू कर दिया गया है। • राज्य में वर्तमान में 343 पंचायत 11152 ग्राम पंचायत व 33 जिला परिषदें है। ग्राम सभा • इसकी 4 बैठक होती है। (26 जनवरी, 1 मई, 15 अगस्त, 2 अक्टूबर ) इन तिथियों के 15 दिन पहले या 15 दिन बाद यह बैठकें कभ...

पंचायत समिति क्या है? Panchayat Samiti Kya Hai?

पंचायती राज व्यवस्था का दूसरा प्रमुख अंग पंचायत समिति है। जिसका गठन प्रखंड स्तर पर किया जाता है। एक प्रखंड के क्षेत्र में जितने गांव सम्मिलित हैं, उसे पंचायत समिति का क्षेत्र माना जाता है। इस क्षेत्र में वे भाग सम्मिलित नहीं होतेजो किसी नगरपालिका या नगर निगम के अधिकार में आते हैं। इसके सभी सदस्यों को चार भागों में विभाजित किया जाता है। • सीधे निर्वाचित सदस्य, जिनमें से प्रत्येक सदस्य लगभग 5000 की ग्रामीण संख्या के ऊपर निर्वाचित होता है तथा ऐसे सदस्यों की संख्या विभिन्न पंचायत समितियों के क्षेत्र के आधार पर 20 से 24के बीच तक होती है। • पंचायत समिति के क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा तथा विधानसभा के सदस्य। • उस क्षेत्र से संबंधित यदि राज्य सभा अथवाविधान परिषद के कोई सदस्य हो, तो वेभी पंचायत समिति के सदस्य होते हैं। • पंचायत समिति के क्षेत्र से संबंधित सभी ग्राम पंचायतों के मुखिया इन चारों श्रेणियों के सदस्यों को पंचायत समिति की सभी बैठकों में भाग लेने और मतदान करने का अधिकार होता है। लेकिन पंचायत समिति के प्रमुख तथा उप-प्रमुख का निर्वाचन करने अथवा उन्हें हटाने के लिए केवल येसदस्य ही वोट दे सकते हैं, जो पंचायत समिति के निर्वाचित सदस्य होते हैं। पंचायत समिति के निर्वाचित सदस्य अपने में से किन्ही दो सदस्यों को क्रमशः प्रमुख और उप-प्रमुख के रूप में निर्वाचित करते हैं। पंचायत समिति के कार्यकी अवधि उसकी पहली बैठक की तिथि से 5 वर्ष की होती है। पंचायत समिति का प्रमुख इसकी बैठकों की अध्यक्षता करता है। इसकी अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता उप-प्रमुख के द्वारा की जाती है। बैठक की कार्यवाही तथा उसके निर्णयों को लिखने का काम प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा किया जाता है। यहीपंचायत ...