पंजाब शाह का उर्स

  1. NEET exam: Pranjal tops among girls
  2. बू अली शाह का उर्स मनाया
  3. कलंदर शाह का उर्स मनाया
  4. राजस्थान के प्रमुख राजा एवं उनका काल
  5. Rajasthan GK fakir Punjab Shah Ka dhai Din Ka Urs Lagne Ke Liye Ajmer Ka Kaunsa Sthan Prasidh Hai Gk Question Answers In Hindi
  6. 79th Urs of Shah Makhdoom Shah faded due to Corona
  7. सांभर का चौहान वंश
  8. Shah Manjar Aijaz Sabri 39 s 7th Annual Urs begins
  9. राजस्थान में त्यौहार Question
  10. महबूबा ने उर्स शाह


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NEET exam: Pranjal tops among girls

इस परीक्षा में कुल 11,45,976 विद्यार्थियों ने पात्रता हासिल की है। वहीं, तमिलनाडु के प्रबंजन जे और आंध्र प्रदेश के बोरा वरुण चक्रवर्ती ने 720-720 अंक हासिल कर शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। पंजाब की प्रांजल अग्रवाल 715 अंक हासिल कर लड़कियों में अव्वल रहीं। एनटीए की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक सात मई को 499 शहरों के 4,097 परीक्षा केंद्रों पर ‘नीट’ का आयोजन किया गया था। तेरह भाषाओं में आयोजित इस परीक्षा के लिए 20,87,462 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था जिनमें से 20,38,596 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। पात्रता हासिल करने वालों में 6,55,599 छात्राएं, 4,90,374 छात्र और तीन किन्नर शामिल हैं। साल 2022 में कुल 9,93,069 विद्यार्थियों ने पात्रता हासिल की थी। पिछले साल के मुकाबले इस साल 1,52,907 अधिक विद्यार्थियों ने पात्रता हासिल की है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 1.39 लाख, महाराष्ट्र में 1.31 लाख और राजस्थान में एक लाख से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र देश के दो सबसे अधिक आबादी वाले राज्य हैं, जबकि राजस्थान भी जनसंख्या के मामले में शीर्ष दस राज्यों में आता है। एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वाले सात उम्मीदवारों की पहचान की गई और उनसे नियमों के मुताबिक निपटा गया। परीक्षा 13 भाषाओं असमिया, बांग्ला, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू में आयोजित की गई थी। यह परीक्षा भारत के अलावा आबू धाबी, बैंकाक, कोलंबो, दोहा, काठमांडू आदि में भी आयोजित की गई थी। • मुखपृष्ठ • चुनाव 2023 • भारत न्यूज़ • ब्रेकिंग न्यूज़ • वीडियो • अंतरराष्ट्रीय • व्यापार • बजट • खेल • क्...

बू अली शाह का उर्स मनाया

दरगाह हजरत मखदूम साहब सोसाइटी के महासचिव इरफान अली ने बताया कि शुक्रवार को सुबह 7 बजे कुरान खानी हुई। फातिहा सुबह 10 बजे व शाम 5:30 बजे आयोजित किया गया। सैकड़ों जायरीनों ने दोपहर 2 बजे व रात 8 बजे लंगर में प्रसाद चखा। कलंदर बाबा पीर चांद सराय चादर भेजी गई। खादिम रामकरण ने चादर चढ़ा कर दुआ मांगी। कव्वाल निजाम साबरी, इनायत वजनी व एजाज साबरी ने कव्वाली पेश किया। मोइन निजामी ने कव्वाली बाबा ने जिसे चाहा दीवाना बना डाला, जिस पर भी नजर डाली मस्ताना बना डाला पेश किया। मुझे आपने बुलाया ये कर्म नहीं तो क्या है, मेरा मर्तबा बढ़ाया ये कर्म नहीं तो क्या है कव्वाली पर सब झूमने लगे। उन्होंने बताया कि शनिवार को दरगाह हजरत मखदूम साहब सोसाइटी के पदाधिकारी व सदस्य जुलूस की शक्ल में ढोल ताशो के साथ शाम 5:30 बजे दरगाह कलंदर शाह पर चादरपोशी करेंगे। पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। 17 जुलाई को भी भव्य कार्यक्रम होगा। 18 जुलाई को गुसल्ल मुबारक के बाद उर्स मुबारक का समापन होगा।

कलंदर शाह का उर्स मनाया

दरगाह बू अली शाह कलंदर में उर्स मुबारक के तीसरे दिन चहल पहल रही। जैसे जैसे शाम ढली, चहलकदमी बढ़ती गई। बाबा की इबादत करने धूप अगरबत्ती, गुलाब के फूल व प्रसाद लेकर पहुंचे। रात 9 बजे दरगाह की गलियों में वाहनों की कतार लग गई। उर्स मुबारक के लिए दरगाह परिसर में बनाए गए पंडाल में हजारों श्रद्धालु सर्वधर्म सद्भाव का संदेश देने में लगे रहे। देर रात 10:30 बजे से दस्तारबंदी का कार्यक्रम शुरू हुआ। उर्स में जिसने सहयोग किया वक्फ बोर्ड की तरफ से एस्टेट ऑफिसर खुर्शीद अहमद, अजमेर से आए गद्दीनशीन सैयद वाहिद हुसैन चिश्ती शाह व सैयद सूफी एजाज अहमद हाशिमी ने उन्हें दस्तार व प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। रेंट कलेक्टर नसीम अहमद, दानिश, शाह उस्मानी, हाफिज महमूद नसीम काजमी, शाकिर हुसैन, रफीक, इरफान अली, निशान सोनी, अबू हमजा, मो. अफजल, रशीद मिर्जा, विकास अरोड़ा, राज राणा, जीशान कालू, कामिल बाबा, अश्विनी नंबरदार, शाम मियान, उप जेल अधीक्षक साजिद व शईमुद्दीन सैफी सहित अन्य को दस्तार देकर सम्मानित किया गया। दरगाह में समरसता का पैगाम अजमेर शरीफ से आए सैयद वाहिद हुसैन चिश्ती ने बताया कि वे बीते 35 वर्षो से लगातार उर्स मुबारक करने पानीपत आते हैं। दरबारी होने के नाते सभी दरबार में उनका आना जाना लगा रहता है। ये सुकून की जगह है। दुनिया में अमन शांति चाहिए। वो सूफीज्म से मिलेगी। ये कलाम किए पेश तीसरे दिन रात 10.50 बजे से कलाम पेश करने का सिलसिला शुरू हुआ। 12 कव्वालों में से सबसे पहले दिल्ली से आए कलीम साबरी का नंबर आया। निर्धारित समय में कलाम पेश करने को कहा गया। कलीम साबरी क्यों न लू उस मालिक का नाम जो अपने बंदों के लिए बनाया सुबह शाम। नूर ए हक शम्मी इलाही को बुझा सकता है जिसका हामी खुदा उसको मिटा सकता ह...

राजस्थान के प्रमुख राजा एवं उनका काल

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • जनपद काल- जनपद का नाम राजधानी वर्तमान स्थल शूरसेन जनपद मथुरा भरतपुर, धौलपुर, करौली जांगल प्रदेश अहिच्छत्रपुर (वर्तमान का नागौर) बीकानेर, नागौर मत्स्य जनपद विराटनगर जयपुर, दौसा, अलवर शिवी जनपद मध्यमिका (यइन्यमिका) – वर्तमान में मध्यमिका के अवशेष चित्तौड़गढ़ जिले के नगरी कस्बे के पास प्राप्त होते है चित्तौड़, उदयपुर अबुर्द देश चन्द्रावती (माउण्ट आबू) सिरोही मालव जनपद झालावाड़, टोंक, कोटा, बूंदी मौर्यकाल- • सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में सम्पूर्ण राजस्थान मौर्य साम्राज्य के अन्तर्गत आता है। • सम्राट अशोक के समय में विराटनगर (जयपुर) महान बौद्ध नगरी के रूप में विख्यात था। • विराटनगरी से प्राप्त भाब्रू शिलालेख से पता चलता है कि सम्राट अशोक बौद्धधर्म के मानने वाले थे। • भाबू शिलालेख की खोज 1840 ई. में कैप्टन बर्ट ने की थी। • विराटनगर के निकट बीजक की पहाडियां स्थित है। जहां बौद्ध स्तूपों के तथा बौद्ध गुफाओं के प्रमाण प्राप्त होते है। • 7वीं शताब्दी के चित्रांगद मौर्य नामक शासक ने चित्तौड़गढ़ किले का निर्माण करवाया था। • 734 ई. में मानमौर्य नामक शासक से मेवाड़ के बप्पा रावल ने यह दुर्ग छिन लिया। • चित्तौड़गढ़ से कर्नल जेम्स टॉड को मानमौर्य का शिलालेख प्राप्त हुआ था। जिसे इंग्लैंड जाते समय टॉड ने समुद्र मे फेंक दिया था। • 738 ई. कणसव अभिलेख (कोटा) से पता चलता है कि धवल मौर्य नामक शासक कोटा और उसके आस-पास के भू-भाग पर शासन करता था। गुप्तकाल- • गुप्त राजवंश की स्थापना चन्द्रगुप्त प्रथम ने की थी। • गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन कहा जाता है। • कुमार गुप्त के स...

Rajasthan GK fakir Punjab Shah Ka dhai Din Ka Urs Lagne Ke Liye Ajmer Ka Kaunsa Sthan Prasidh Hai Gk Question Answers In Hindi

फकीर पंजाब शाह का ढाई दिन का उर्स लगने के लिए अजमेर का कौनसा स्थान प्रसिद्ध है - Which place in Ajmer is famous for the two-and-a-half-day Urs of Fakir Punjab Shah? - fakir Punjab Shah Ka dhai Din Ka Urs Lagne Ke Liye Ajmer Ka Kaunsa Sthan Prasidh HaiRajasthan GK in hindi, स्थापत्य कलाBrahma Mandir question answers in hindi pdf Aana Sagar Jheel questions in hindi, Know About Adhai Din Ka Jhompda Rajasthan GK online test Rajasthan GK MCQS Online Coaching in hindi quiz book Khwaja Muinuddeen Chishti Ki Dargaah

79th Urs of Shah Makhdoom Shah faded due to Corona

गुवाहाटी/शरीफुद्दी: कोरोना की वजह कई राज्यों में अभी पाबंदियां लगी हुई हैं. कोरोना के साये ने शाह मखदूम शाह रहमतुल्ला अलेही के सालाना उर्स पर भी अपना असर छोड़ा. असम की राजधानी गुवाहाटी में के सीजूबारी में मौजूद शाह मखदूम शाह रहमतुल्लाह की दरगाह पर उनका 79वां उर्स बहुत ही सादगी के साथ मनाया गया. क्योंकि असम में सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक सिर्फ 200 लोगों के इकट्ठा होने की इजाज़त मिली हुई है. सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए हज़ारों की तादाद में जायरीन उर्स मुबराक में शामिल नहीं हो सके. कोरोना गाइडलाइंस को नजर में रखते हुए दरगाह कमेटी ने भी किसी खास प्रोग्राम का आयोजन नहीं किया. दरगाह कमेटी ने कुछ लोगों के साथ मिलकर जुमा की नमाज़ के बाद दुआ और कुरानख्वानी कर फातिहा की रस्म अदा की. इस मौके पर जी मीडिया ने मखदूम शाह दरगाह के खादिम साहेब से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने हमें बताया कि इस बार उर्स मुबारक में भीड़ नही लगाई गई है. सिर्फ कुछ लोगों को लेकर दुआ की गई और कुरानख्वानी और फातिहा की रस्म अदा. उन्होंने बताया कि सरकार ने सिर्फ 200 लोगों की इजाज़त दी थी इसीलिए हमारी कमेटी ने कहा कि इस बार उर्स नहीं मनाया जाएगा. अगर उर्स मनाया जाता तो हजारों की तादाद में लोगों की इसीलिए हम लोग इस बार उर्स मुबारक नहीं मनाएंगे. ZEE SALAAM LIVE TV By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device and the processing of information obtained via those cookies (including about your preferences, device and online activity) by us and our commercial partners to enhance site navigation, personalise ads, analyze site usage, and assist in our marketing efforts. More info...

सांभर का चौहान वंश

सांभर का चौहान वंश चौहानों की उत्पति के संबंध में विभिन्न मत हैं। पृथ्वीराज रासौ(चंद्र बरदाई) में इन्हें ‘ अग्निकुण्ड’ से उत्पन्न बताया गया है, जो ऋषि वशिष्ठ द्वारा आबू पर्वत पर किये गये यज्ञ से उत्पन्न हुए चार प. गौरीशंकर ओझा चौहानों को सूर्यवंशी मानते हैं। बिजोलिया शिलालेख के अनुसार चौहानों की उत्पत्ति ब्राह्मण वंश से हुई है। राजस्थान में चौहानों के मूल स्थान सांभर(शाकम्भरी देवी - तीर्थों की नानी,देवयानी तीर्थ) के आसपास वाला क्षेत्र माना जाता था, इस क्षेत्र को सपादलक्ष(सपादलक्ष का अर्थ सवा लाख गांवों का समूह) के नाम से जानते थे, प्रारम्भिक चौहान राजाओं की राजधानी अहिच्छत्रपुर (हर्षनाथ की प्रशस्ति) थी जिसे वर्तमान में नागौर के नाम से जानते हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार सांभर इनकी राजधानी थी। यहीं पर वासुदेव चौहान ने चौहान वंश की नीव डाली। इसने सांभर(सांभर झील के चारों ओर रहने के कारण चौहान कहलाये) को अपनी राजधानी बनाया। सांभर गूवक प्रथम के बाद गंगा के उपनाम से विग्रहराज द्वितीय को जाना जाता है सर्वप्रथम विग्रहराज द्वितीय ने भरूच (गुजरात) के चालुक्य शासक मूलराज प्रथम को पराजित किया तथा भरूच गुजरात में ही आशापुरा देवी के मंदिर का निर्माण कराया इस कारण विग्रहराज द्वितीय को मतंगा शासक कहा गया इस शासक की जानकारी का एकमात्र स्त्रोत सीकर से प्राप्त हर्षनाथ का शिलालेख है, जो संभवतयः 973ई. का है। इस वंश का प्रथम स्वतंत्र शासक पृथ्वीराज प्रथम था जिसकी उपाधि महाराजाधिराज थी। पृथ्वीराज प्रथम के मंत्री हट्ड ने सीकर में जीण माता के मंदिर का निर्माण करवाया। अजयराज पृथ्वीराज प्रथम के पुत्र का नाम अजयराज था। अजयराज को चाँदी के सिक्कों पर 'श्री अजयदेव' के रूप में प्रदर्शित किया गया था, अजयर...

Shah Manjar Aijaz Sabri 39 s 7th Annual Urs begins

कलियर दरगाह अब्दाल शाह में रविवार को शाह मंजर ऐजाज साबरी उर्फ शिम्मी मियां के 7वें सालाना उर्स का आगाज हुआ। इसके बाद नमाज असर चादर पोशी और कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। अकीदतमन्दों ने उर्स के मौके पर बड़ी अकीदत और मुहब्बत के साथ मजार शरीफ पर चादर फूल पेश कर देश में अमनों अमान और खुशहाली के लिए दुआएं मांगी गई। दरगाह अब्दाल साहब में शाह मंजर ऐजाज साबरी उर्फ शिम्मी मियां के 7वे सालाना उर्स का आगाज दरगाह साबिर के सज्जादा नशीन शाह अली ऐजाज शाह यावर अली ऐजाज साबरी की सरपरस्ती में किया गया। रविवार शाम को दरगाह साबिर पाक के सज्जादानशीन शाह अली ऐजाज साबरी और शाह यावर अली ऐजाज साबरी सैकड़ों अकीदतमंदों के साथ दरगाह साबिर पाक पहुंचे। उसके बाद दरगाह साबिर में चादर और फूल पेश करने बाद दरगाह अब्दाल साहब में शाह मंजर ऐजाज साबरी उर्फ शिममी मियां के मजार शरीफ पर चादर और अकीदत के फूल पेश किए। उसके बाद कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। इस दौरान शाह अली ऐजाज साबरी और शाह यावर अली ऐजाज साबरी ने तमाम जायरीन के लिए दुआ की। साथ ही मुल्क की एकता खुशहाली की दुआ की। रात को बाद नमाजे मगरिब लंगर तकसीम (बांटा) गया। बाद नमाजे ईशा महफिल समा का आयोजन किया गया। महफिल समा के बाद उर्स सम्पन्न किया गया। पंजाब, सूरत, चंडीगढ़, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद आदि जगहों से अकीदतमंदों ने शिरकत की। इनके अलावा उर्स में गंगोह शरीफ के सज्जादा नशीन शाह मेहताब आलम, रौदोली शरीफ के सज्जादानशीन नय्यर मियां, खानकाह बज्मे तसल्लिया से सुफियान बाबा, मिस्सी बाबा, खालिक मियां, शाह सुहैल मियां, असद साबरी, राजू फरीदी, आदिल हबीब, अदनान साबरी, मुनव्वर अली साबरी, शाह राजी, शाह गाजी, शफीक साबरी और नोमी मियां आदि मौजूद रहे।

राजस्थान में त्यौहार Question

प्रश्न 1‘हरियाली अमावस्या’ का पर्व किस तिथि को मनाया जाता है - (अ)आषाढ़ अमावस्या (ब)श्रावण अमावस्या (स)फालगुन अमावस्या (द)कार्तिक अमावस्या उत्तर SHOW ANSWER प्रश्न 2गणगौर पर्व पर गौर (गवर) की पूजा होती है। ये किस देवी का रूप है - (अ)दुर्गा (ब)पार्वती (स)सरस्वती (द)गंगा उत्तर SHOW ANSWER प्रश्न 3राजस्थान में “अबूझ सावा” किस दिन मनाते हैं - (अ)गणगौर (ब)बसंत पंचमी (स)कार्तिक पूर्णिमा (द)आखा तीज उत्तर SHOW ANSWER प्रश्न 4राजस्थान में त्योहारों की शुरूआत श्रावणी तीज से होती है और अंत _____ से होता है। (अ)चटड़ा चौथ (ब)शीतला अष्टमी (स)गणगौर (द)हरियाली तीज उत्तर SHOW ANSWER प्रश्न 5राजस्थान के कौन से क्षेत्र में गुलाबी गणगौर चैत्र शुक्ल पंचमी को मनाई जाती है - (अ)पुष्कर (ब)नाथद्वारा (स)जयपुर (द)उदयपुर उत्तर SHOW ANSWER प्रश्न 6‘हरियाली अमावस्या’ का पर्व किस माह में मनाया जाता है - (अ)श्रावण अमावस्या (ब)भाद्रपद अमावस्या (स)आषाढ़ अमावस्या (द)फाल्गुन अमावस्या उत्तर SHOW ANSWER प्रश्न 7निम्न में से विवाह के लिए राजस्थान का सबसे महत्वपूर्ण अबूझ सावा कौन सा है - (अ)शरद पूर्णिमा (ब)आखा तीज (स)निर्जला एकादशी (द)चौथ करवा उत्तर SHOW ANSWER प्रश्न 8कजली तीज का त्योहार कहाँ मनाया जाता है - (अ)जयपुर (ब)जोधपुर (स)उदयपुर (द)बूंदी उत्तर SHOW ANSWER प्रश्न 9ईसर - ईसरी की पूजा किस त्यौहार पर की जाती है - (अ)तीज (ब)गणगौर (स)रक्षाबंधन (द)नागपंचमी उत्तर SHOW ANSWER प्रश्न 10श्वेताम्बर जैनों द्वारा पर्युषण पर्व कब और कितने दिन मनाया जाता है - (अ)श्रावण, आठ दिन (ब)भाद्रपद, आठ दिन (स)श्रावण, सात दिन (द)भाद्रपद, सात दिन उत्तर SHOW ANSWER page no.(1/15)

महबूबा ने उर्स शाह

श्रीनगर : मुख्यमंत्री, महबूबा मुफ्ती ने हजरत मीर सईद अली हमदानी (आरए), जिन्हें लोकप्रिय रूप से शाह-ए-हमदान कहा जाता है, के वार्शिक उर्स पर राज्य के लोगों को बधाई दी है। अपने शुभकामना संदेश में, मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग हजरत शाह-ए-हमदान (आरए) के बहुत अधिक ऋणी है, क्योंकि उन्होंने शिक्षा, सामाजिक और अन्य मानवीय सेवाओं के माध्यम से धर्म के मार्ग का मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग सम्मानित संत के आभारी भी है जो अपने शिष्यों के माध्यम से कई व्यवसाय, हस्तशिल्प, भोजन और संस्कृति लाए थे, जो बाद में राज्य व इसके लोगों के लिए एक विषेशता बन गए। महबूबा मुफ्ती ने आशा व्यक्त की कि वार्षिक उर्स राज्य के लोगों के बीच समृद्धि, कल्याण और सौहार्द लाएगा। इस बीच, मुख्यमंत्री ने खानकाही मोला, श्रीनगर में हजरत शाह-ए-हमदान (आरए) की दरगाह का दौरा किया और वहां माथ टेका। उन्होंने शाब ख्वानी, सामूहिक प्रार्थना आदि सहित वार्षिक उर्स के लिए व्यवस्था की समीक्षा की। उसने श्रद्धालुओं के साथ बातचीत भी की और उनकी प्रतिक्रिया मांगी। महबूब मुफ्ती, जो वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष भी हैं, ने दरगाह के विस्तार के लिए किए गए उपायों का जायजा लिया। उन्होंने विस्तार योजना के तहत तैार किए जाने वाले ढांचे को पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने सुखदायक माहौल देने के लिए दरगाह के बीच में फव्वारे के संचालन और रंगीन रोशनी की स्थापना के लिए का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने झेलम नदी के तटों के सुशोभिकरण का भी निर्देश दिया। Related Story • शिवसेना तेलंगाना में 119 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, CM केसीआर को लेकर कहीं ये बड़ी बात • 'यात्री अपने सामान का खुद जिम्मेदार', ट्रेन में होने वाली चोरी पर सुप्...