पाईल्स के कारण

  1. बवासीर
  2. पथरी (किडनी स्टोन) के कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार
  3. Bye Bye Piles Premium, बाय बाय पाईल्स प्रीमियम – Saptrishi Organics
  4. बवासीर का ऑपरेशन: कैसे होता है, दर्द की दवाएं और घर पर देखभाल कैसे करें
  5. बवासीर में क्या खाएं क्या ना खाएं 35 टिप्स
  6. सांस फूलने के लक्षण, कारण, उपचार, दवा, इलाज और परहेज
  7. पेट से आवाज (गुड़गुड़ाना) : कारण, लक्षण और उपचार
  8. बवासीर पाईल्स के आसान घरेलु नुस्खे Piles ka upchar
  9. बवासीर का ऑपरेशन: कैसे होता है, दर्द की दवाएं और घर पर देखभाल कैसे करें
  10. बवासीर


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बवासीर

महिलायें सावधान!! पाईल्स का रोग!!पाइल्स की समस्या​ बवासीर या पाइल्स- पचास वर्ष की आयु से अधिक का हर दूसरा मरीज बवासीर की तकलीफ़ से ग्रस्त है.यह बच्चों ,वयस्कों, स्त्री- पुरुषों किसी को नहीं बख्शता. बवासीर के 90% मरीजों में पाइल्स के मस्सों का उगम गुदा के भीतर होता है और वहां से बढ़ते हुए वे गुदा के बाहर आ जाते हैं. उन्हें होने वाली रक्त की आपूर्ति का स्त्रोत भी गुदा से तीन सेंटीमीटर भीतर की ओर होता है. पाइल्स के मस्से अपनी प्रारंभिक अवस्था में कोई दर्द उत्पन्न नहीं करते, उनसे केवल खून बहता है. मगर अपनी उन्नत अवस्था में गुदा के बाहर आ जाने पर, या उनमें कोई जटिलता पैदा हो जाने पर दर्द उत्पन्न होता है और मरीज दर्द, रक्तस्राव, खुजली या मस्सों से पीड़ित रहता है. इनसे न केवल मल त्याग के समय तकलीफ होती है बल्कि बैठने- उठने, वाहन चलाने और सामान्य शारीरिक गतिविधियों में भी व्यवधान उत्पन्न होता है. जैसे-जैसे कामकाजी महिलाओं की संख्या में वृद्धि होती जा रही है इस रोग का प्रमाण भी बढ़ रहा है. वे महिलायें,जिन्हें रोजगार की वजह से घंटों खड़े रहना होता है, जैसे कि रिसेप्शनिस्ट, सेल्स गर्ल, इत्यादि, या जो एक स्थान पर घंटों बैठे रहने का काम करती हैं, जैसे बैंक कर्मी, ऑफिस वूमन, टेलीफोन ऑपरेटर इत्यादि , इनमें औरों की अपेक्षा इस रोग का खतरा अधिक रहता है. खानपान -- आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में भोजन समय, भोजन की गुणवत्ता, संतुलित नहीं रह पाती. उसी प्रकार फास्ट फूड, मिर्च मसालों का अधिक सेवन, तेज, तीखा, तला भोजन भी बवासीर को बढ़ाने में सहायता करता है. महिलाओं में धूम्रपान मद्यपान और तंबाकू के बढ़ते सेवन को भी बवासीर का कारक माना जा सकता है, शारीरिक श्रम का अभाव, कसरत करने का समय न मिल पाना, और ...

पथरी (किडनी स्टोन) के कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार

क्या आप जानते हैं कि पेट के निचले हिस्से में होने वाला दर्द पथरी की समस्या भी हो सकती है। यह गलत खानपान और अनियंत्रित जीवनशैली का नकारात्मक प्रभाव है। इसे किडनी स्टोन के नाम से जाना जाता है। अगर समय रहते इसका इलाज न करवाया जाए, तो यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख के माध्यम से हम गुर्दे में पथरी होने के कारण के साथ पथरी का इलाज और पथरी की दवा से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। साथ ही लेख में हम आपको गुर्दे की पथरी का घरेलू इलाज भी बताएंगे, लेकिन आपको ध्यान रखना होगा कि घरेलू इलाज समस्या में कुछ हद तक ही राहत पहुंचा सकते हैं। पूर्ण इलाज के लिए डॉक्टरी इलाज और परामर्श अतिआवश्यक है। • मूत्र में कैल्शियम, ऑक्सालेट, सिस्टीन व यूरिक एसिड जैसे पदार्थों का स्तर बढ़ जाने से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। • किडनी रोग, कैंसर और एचआईवी के इलाज के लिए ली जा रही दवाओं से भी पथरी हो सकती है। • उन चिकित्सीय स्थितियों के कारण भी पथरी विकसित हो सकती है, जो शरीर में कैल्शियम, ऑक्सालेट व यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा देते हैं। आगे पढ़ें लेख पथरी होने के कारण जानने के बाद लेख के अगले भाग में हम आपको पथरी के लक्षण से जुड़ी जानकारी देंगे। पथरी के लक्षण – Symptoms of Kidney Stone in Hindi शुरुआती समय में किडनी स्टोन के लक्षण बमुश्किल ही पता चलें, लेकिन समस्या जटिल होने पर इसके कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन्हें हम नीचे दिए गए बिन्दुओं के माध्यम से आसानी से समझ सकते हैं • पसलियों के ठीक नीचे पीठ में दर्द महसूस होना। • पीठ में दर्द बढ़ने के साथ मतली और उल्टी आना। • पेशाब में खून आना। • गाढ़ा और बदबूदार पेशाब होना। • कंपकंपी, पसीना और बुखार आना (किडनी स्टोन के कारण मूत्र संक्रमण...

Bye Bye Piles Premium, बाय बाय पाईल्स प्रीमियम – Saptrishi Organics

बाय बाय पाईल्स एक कम्पलीट हर्बल ट्रीटमेंट है जो पाईल्स, मस्से, फिशर, फिस्टुला जैसी गंभीर बीमारियों को जड़ से ख़त्म करता है l यह पूरी तरह से हर्बल फॉर्मूले पर आधारित तथा देशी जड़ी-बूटियों के मिश्रण से निर्मित है जो बिना किसी साइड इफेक्ट के आपको इन सभी बीमारियों की असहनीय पीड़ा से हमेशा के लिए छुटकारा दिलाता है l इसको मंगवाकर इस्तेमाल करने के बाद आपको किसी भी अन्य दवाई, डॉक्टर या ऑपरेशन की जरुरत नहीं पड़ेगी l बाय बाय पाईल्स पूर्णतः आयुर्वेदिक होने के साथ ही साथ FDA द्वारा प्रमाणित, लेबोरेटरी में जांचा परखा और अनुभवी डॉक्टर्स द्वारा प्रमाणित एक गारंटीड ट्रीटमेंट है l बाय बाय पाईल्स एक कम्पलीट हर्बल ट्रीटमेंट है जो पाईल्स, मस्से, फिशर, फिस्टुला जैसी गंभीर बीमारियों को जड़ से ख़त्म करता है l यह पूरी तरह से हर्बल फॉर्मूले पर आधारित तथा देशी जड़ी-बूटियों के मिश्रण से निर्मित है जो बिना किसी साइड इफेक्ट के आपको इन सभी बीमारियों की असहनीय पीड़ा से हमेशा के लिए छुटकारा दिलाता है l इसको मंगवाकर इस्तेमाल करने के बाद आपको किसी भी अन्य दवाई, डॉक्टर या ऑपरेशन की जरुरत नहीं पड़ेगी l बाय बाय पाईल्स पूर्णतः आयुर्वेदिक होने के साथ ही साथ FDA द्वारा प्रमाणित, लेबोरेटरी में जांचा परखा और अनुभवी डॉक्टर्स द्वारा प्रमाणित एक गारंटीड ट्रीटमेंट है l आजकल की बदली हुई जीवनशैली ने हमारी कई अच्छी आदतों से लेकर हमारे खानपान को भी बदल दिया है l बच्चों के साथ-साथ बड़े भी पिज्जा, बर्गर आदि जैसे फास्टफूड खाने लगे हैं जो असल में जंकफूड है तथा हमारे पेट में जाकर गैस, एसिडिटी, कब्ज के द्वारा हमारी पाचन क्षमता को कमजोर कर देता है जिसके परिणामस्वरूप हमें पाईल्स, मस्से, फिशर, फिस्टुला जैसी गंभीर व असहनीय पीड़ा देने वाली बीमा...

बवासीर का ऑपरेशन: कैसे होता है, दर्द की दवाएं और घर पर देखभाल कैसे करें

गुदा के आसपास अक्सर बवासीर समस्याएं पैदा नहीं करते हैं लेकिन यदि बवासीर से बहुत अधिक खून निकलता है, दर्द का कारण बनता है, या सूजन, कठोर और दर्दनाक हो जाता है, तो सर्जरी उन्हें हटा सकती है। बवासीर का ऑपरेशन आपके डॉक्टर के क्लिनिक में या अस्पताल परिचालन कक्ष में किया जा सकता है। ज्यादातर मामलों में, आप उसी दिन घर जा सकते हैं। पाइल्स की सर्जरी का प्रकार आपके लक्षणों और रक्तस्राव के स्थान और आकार पर निर्भर करता है। बवासीर का ऑपरेशन से पहले, आपका डॉक्टर क्षेत्र को सुन्न करेगा ताकि आप होश में रहें, लेकिन कुछ भी महसूस न करें। सर्जरी के कुछ प्रकार के लिए, आप को सामान्य संज्ञाहरण (जनरल एनेस्थीसिया) दिया जा सकता है। इसका मतलब है कि आपकी नस में दवा दी जाएगी जो आपको बेहोश कर देती है और आपको सर्जरी के दौरान दर्द से मुक्त रखती है। बवासीर का ऑपरेशन में निम्न शामिल हो सकता है: • रक्त प्रवाह को अवरुद्ध करके इसे सिकुड़ने के लिए पाईल्स के चारों ओर एक छोटा रबर बैंड लगाया जाता है • रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध करने के लिए एक पाईल्स को स्टेपल करना, जिससे यह सिकुड़ जाए। • बवासीर को हटाने के लिए एक चाकू (स्केलपेल) का उपयोग करना इसमें आप को टाँके भी लग सकते हैं • हेमोरहाइड के रक्त वाहिका में एक रासायनिक इंजेक्शन लगाना जिससे यह सिकुड़ कर हट जाए • हेमोराहॉइड जलाने के लिए लेजर का उपयोग करना बवासीर का ऑपरेशन प्रक्रिया क्यों की जाती है आप छोटे बवासीर का प्रबंधन निम्न से कर सकते हैं: • उच्च फाइबर आहार भोजन • अधिक पानी पीना • • शौच के समय अधिक दबाव नहीं लगाना सामान्य संज्ञाहरण और सर्जरी के लिए जोखिम निम्न हैं: • बेहोशी की दवाइयों से रिएक्शन, साँस लेने में समस्याएं • रक्त स्राव, रक्त के थक्के, संक्रमण इस प्रक...

बवासीर में क्या खाएं क्या ना खाएं 35 टिप्स

बवासीर में व्यक्ति को काफी पीड़ा पहुंचती है। मल द्वार की शिराओं के फूलने से यह बीमारी होती हैं |आयुर्वेद में अर्श और आम भाषा में बवासीर (Piles) के नाम से जाना जाता है। यह रोग बादी और खूनी बवासीर के नाम से दो प्रकार का होता है। बादी बवासीर में गुदा में पीड़ा, खुजली और सूजन होती है, जबकि खूनी बवासीर में मस्सों से रक्तस्राव होता है। कारण : पाइल्स होने के प्रमुख कारणों में कब्ज अजीर्ण की शिकायत, ज्यादा शराब पीने, नशीली चीजें खाना, मिर्च-मसालेदार, तले हुए गरिष्ठ पदार्थों कार्य करना, श्रम व व्यायाम न करना, देर रात तक जागना, पेट की खराबी, घुड़सवारी आदि होते हैं। पाइल्स में खानपान का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए खासतौर पर क्या नहीं खाना चाहिए | इससे आप इस बीमारी की तकलीफों से बच सकते हैं | वावासीर के मरीजो के खानपान के मुख्य बिंदु ये है : • खाना फाइबर यानि रेशो से भरपूर होना चाहिए ताकि कब्ज ना बने | • खाना मिर्च मसालों से नहीं बना हुआ होना चाहिए ताकि मल त्याग करते समय जलन ना हो | • खाने की तासीर ठंडी होनी चाहिए गर्म तासीर की चीजो से कब्ज बनने का खतरा होता है | बवासीर में क्या खाएं : बवासीर मरीजो को क्या खाना चाहिए P iles Diet Tips • फाइबर से भरपूर फल-सब्जियों का सेवन जरूरी : चूंकि फलों और सब्जियों में अनेक पोषक तत्वों के अलावा फाइबर भी होते हैं, इसलिए ये रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ाते ही हैं, कब्ज की स्थिति को भी सुधारते हैं। इसी के साथ ये शौच के वक्त दबाव और दर्द को भी कम करने में मदद करते हैं। वैसे तो सभी फलों में फाइबर होते हैं, इसलिए सभी लाभदायक हैं, पर ज्यादा फाइबर वाले फलों में बेरी, सेब, आलूबुखारा, नाशपाती, एवोकैडो, अंजीर, बेल, अनार, चीकू, अंगूर, पपीता, संतरा, बब्बूगोशा, म...

सांस फूलने के लक्षण, कारण, उपचार, दवा, इलाज और परहेज

सांस फूलना क्या होता है? सांस फूलना या सांस चढ़ना एक बेचैनी भरी स्थिति होती है, जिसमें फेफड़ों तक पर्याप्त मात्रा में वायु (ऑक्सीजन) पहुंचने में कठिनाई होने लगती है। आपके दिल या फेफड़ों से संबंधित कोई भी समस्या आपकी सांसों में बाधा डाल सकती है। सांस फूलने की समस्या कुछ लोगों को अचानक व कुछ समय के लिए होती है और कुछ लोगों को लंबे समय तक यह समस्या बनी रहती है, जिसमें कुछ हफ्ते या उससे ज्यादा का समय भी लग सकता है। सांस फूलने की समस्या के दौरान हुए अनुभव का लोग अलग-अलग तरीके से वर्णन करते हैं, जैसे सांस लेने में दिक्कत, छाती में जकड़न, अंदर पर्याप्त वायु ना खींच पाना आदि। सांस फूलना काफी जब आप कुछ ज्यादा मेहनभरा या तनाव भरा काम करते हैं तो सांसे फूलना आम बात होती है, लेकिन किसी प्रकार की मेहनत किए बिना और अचानक से यदि इसकी समस्या होती है तो यह एक मेडिकल (चिकित्सा) स्थिति हो सकती है। (और पढ़ें - सांस फूलने के लक्षण क्या हो सकते हैं? सांस फूलने के दौरान महसूस होता है कि आपको सांस लेने में कठिनाई हो रही है और आप अपने फेफड़ों को पर्याप्त वायु नहीं दे पा रहे हैं। • वायु की कमी महसूस होना (सांस लेने की तलब लगना) • • गहरी सांस ना ले पाना • छाती में जकड़न सांस फूलने की समस्या अचानक या धीरे-धीरे बढ़ सकती है। अचानक से होने वाली सांस फूलने की समस्या कुछ ही मिनट में विकसित हो जाती है तथा यह सांस फूलने की क्रोनिक समस्या में घर के किसी भी काम को करते समय सांसों में कमी का अनुभव होने लगता है, जैसे एक कमरे से दूसरे कमरे तक चलकर जाना, एक पॉजिशन (स्थिति) में खड़े रहना आदि। शरीर के पॉजिनशन को बदलना भी कई बार इस स्थिति (सांस फूलने की समस्या) में परिवर्तन ला सकता है। उदाहरण के लिए, जिन लोगों को फेफ...

पेट से आवाज (गुड़गुड़ाना) : कारण, लक्षण और उपचार

• बीमारी • मधुमेह • लिवर की बीमारियाँ • संक्रमण • कैंसर • गुर्दा और मुत्र • लिवर की बीमारियाँ • स्वास्थ्य जानकारी • लक्षण • स्वस्थ आँखें • पुरुष स्वास्थ्य • स्त्री स्वास्थ्य • स्तनपान • प्रेगनेंसी • बाँझपन • बच्चों का स्वास्थ्य • जन्म के पूर्व • स्वास्थ्य दिनचर्या • मोटापा • त्वचा स्वास्थ्य • मानसिक स्वास्थ्य • धुम्रपान छोड़ें • पारंपरिक • टिप्स • स्वास्थ्य उपकरण • Search for: Search पेट से आवाज (गुड़गुड़ाना) : कारण, लक्षण और उपचार पेट से आवाज आना जिसे पेट में गड़गड़ाहट, पेट गुड़गुड़ाना, पेट में गुड़गुड़ाहट भी कहते हैं, ज्यादातर समय यह सामान्य होता है। लेकिन कभी कभी पेट से आवाज नहीं आना या बहुत ज्यादा आवाज आना किसी समस्या का संकेत हो सकता है, जानिये ऐसा होने पर कैसे उपचार करना चाहिए? पेट से आवाज, पेन में आंतो के गुड़गुड़ाहट से आती है। पेट की आवाज़ें (आंत्र ध्वनियां) आंतों की मूवमेंट के द्वारा बनाई जाती हैं क्योंकि उनके अन्दर भोजन आगे बढ़ता है। आंतें खोखली होती है, इसलिए पेट में मल के मूवमेंट से पानी की पाइपों जैसे सुनाई देने वाली आंतों के अन्दर आंत्र की आवाजें गूंजती हैं। अधिकतर आंत्र ध्वनियां (पेट में गुड़गुड़ाहट) सामान्य हैं इसका मतलब यह है कि जठरांत्र संबंधी पथ काम कर रहा है। स्टेथोस्कोप से साथ पेट को सुनकर एक डॉक्टर से आवाज की जांच कर सकता है। अधिकांश आंत्र ध्वनियां (पेट में गुड़गुड़ाहट) हानिरहित होती हैं हालांकि, कुछ ऐसे मामले होते हैं जिनमें असामान्य पेट से आवाज समस्या का संकेत दे सकती है। इलियस (Ileus) एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंत्र गतिविधि की कमी होती है। कई चिकित्सा शर्तों के कारण ileus हो सकता है। इस समस्या से गैस, तरल पदार्थ और आंतों में इकठ्ठा होती है और आंत्र दी...

बवासीर पाईल्स के आसान घरेलु नुस्खे Piles ka upchar

बवासीर piles का मुख्य कारण कब्ज रहना है। बवासीर का ध्यान नहीं रखा जाये तो रक्त बहने से खून की कमी होने की संभावना होती है। अतः कब्ज और पाईल्स का जल्दी उपचार कर लेना चाहिए। पाईल्स होने के कारण – Cause of Piles कब्ज के कारण अधिक जोर लगाने से बवासीर हो जाते है। आनुवंशिकता heredity भी पाईल्स होने का कारण हो सकती है। यानी घर में किसी को है तो आपको भी हो सकता है अतः आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। इसके अलावा बहुत अधिक समय तक बैठे रहना या बहुत अधिक समय तक खड़े रहने के कारण बवासीर हो सकते है। बिना रेशे Fiber वाला भोजन करना। शौच के लिए अधिक देर तक बैठे रहना। मोटापा , पुरानी खांसी , कम पानी पीना भी कारण बन जाते है। शुरू में कब्ज के कारण गुदा में दर्द होता है विशेष कर मलत्याग के बाद। ये अधिक समय तक रहे तो गुदा में बाहर या अंदर मस्से बन जाते है। और इनमें कब्ज के कारण जोर लगाने से सूजन आकर रक्त स्राव होने लगता है। कभी कभी रक्त स्राव का पता नहीं चलने के कारण हीमोग्लोबिन बहुत कम हो जाता है जो खतरनाक हो सकता है। अतः Bawaseer का इलाज जल्द करना चाहिए। ( इस पढ़ें : कृपया ध्यान दें : किसी भी लाल अक्षर वाले शब्द पर क्लीक करके उसके बारे में विस्तार से जान सकते है। पाईल्स हो तो क्या खाएँ क्या नहीं what type of food for piles suffering बवासीर masse होने पर तली चीजें , लाल मिर्च , गरम छाछ बवासीर में बहुत फायदा करती है इसे रोजाना पियें। छाछ में थोड़ा भुना पिसा जीरा डालकर पीने से ज्यादा फायदा होता है। छाछ के अन्य अमृत तुल्य लाभ जानने के लिए भोजन में रेशे अधिक होने चाहिए ताकि आंतों की सफाई हो जाए। भोजन के साथ पर्याप्त सलाद लेना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जी ज्यादा खानी चाहिए। फलों का सेवन अधिक करना चाह...

बवासीर का ऑपरेशन: कैसे होता है, दर्द की दवाएं और घर पर देखभाल कैसे करें

गुदा के आसपास अक्सर बवासीर समस्याएं पैदा नहीं करते हैं लेकिन यदि बवासीर से बहुत अधिक खून निकलता है, दर्द का कारण बनता है, या सूजन, कठोर और दर्दनाक हो जाता है, तो सर्जरी उन्हें हटा सकती है। बवासीर का ऑपरेशन आपके डॉक्टर के क्लिनिक में या अस्पताल परिचालन कक्ष में किया जा सकता है। ज्यादातर मामलों में, आप उसी दिन घर जा सकते हैं। पाइल्स की सर्जरी का प्रकार आपके लक्षणों और रक्तस्राव के स्थान और आकार पर निर्भर करता है। बवासीर का ऑपरेशन से पहले, आपका डॉक्टर क्षेत्र को सुन्न करेगा ताकि आप होश में रहें, लेकिन कुछ भी महसूस न करें। सर्जरी के कुछ प्रकार के लिए, आप को सामान्य संज्ञाहरण (जनरल एनेस्थीसिया) दिया जा सकता है। इसका मतलब है कि आपकी नस में दवा दी जाएगी जो आपको बेहोश कर देती है और आपको सर्जरी के दौरान दर्द से मुक्त रखती है। बवासीर का ऑपरेशन में निम्न शामिल हो सकता है: • रक्त प्रवाह को अवरुद्ध करके इसे सिकुड़ने के लिए पाईल्स के चारों ओर एक छोटा रबर बैंड लगाया जाता है • रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध करने के लिए एक पाईल्स को स्टेपल करना, जिससे यह सिकुड़ जाए। • बवासीर को हटाने के लिए एक चाकू (स्केलपेल) का उपयोग करना इसमें आप को टाँके भी लग सकते हैं • हेमोरहाइड के रक्त वाहिका में एक रासायनिक इंजेक्शन लगाना जिससे यह सिकुड़ कर हट जाए • हेमोराहॉइड जलाने के लिए लेजर का उपयोग करना बवासीर का ऑपरेशन प्रक्रिया क्यों की जाती है आप छोटे बवासीर का प्रबंधन निम्न से कर सकते हैं: • उच्च फाइबर आहार भोजन • अधिक पानी पीना • • शौच के समय अधिक दबाव नहीं लगाना सामान्य संज्ञाहरण और सर्जरी के लिए जोखिम निम्न हैं: • बेहोशी की दवाइयों से रिएक्शन, साँस लेने में समस्याएं • रक्त स्राव, रक्त के थक्के, संक्रमण इस प्रक...

बवासीर

महिलायें सावधान!! पाईल्स का रोग!!पाइल्स की समस्या​ बवासीर या पाइल्स- पचास वर्ष की आयु से अधिक का हर दूसरा मरीज बवासीर की तकलीफ़ से ग्रस्त है.यह बच्चों ,वयस्कों, स्त्री- पुरुषों किसी को नहीं बख्शता. बवासीर के 90% मरीजों में पाइल्स के मस्सों का उगम गुदा के भीतर होता है और वहां से बढ़ते हुए वे गुदा के बाहर आ जाते हैं. उन्हें होने वाली रक्त की आपूर्ति का स्त्रोत भी गुदा से तीन सेंटीमीटर भीतर की ओर होता है. पाइल्स के मस्से अपनी प्रारंभिक अवस्था में कोई दर्द उत्पन्न नहीं करते, उनसे केवल खून बहता है. मगर अपनी उन्नत अवस्था में गुदा के बाहर आ जाने पर, या उनमें कोई जटिलता पैदा हो जाने पर दर्द उत्पन्न होता है और मरीज दर्द, रक्तस्राव, खुजली या मस्सों से पीड़ित रहता है. इनसे न केवल मल त्याग के समय तकलीफ होती है बल्कि बैठने- उठने, वाहन चलाने और सामान्य शारीरिक गतिविधियों में भी व्यवधान उत्पन्न होता है. जैसे-जैसे कामकाजी महिलाओं की संख्या में वृद्धि होती जा रही है इस रोग का प्रमाण भी बढ़ रहा है. वे महिलायें,जिन्हें रोजगार की वजह से घंटों खड़े रहना होता है, जैसे कि रिसेप्शनिस्ट, सेल्स गर्ल, इत्यादि, या जो एक स्थान पर घंटों बैठे रहने का काम करती हैं, जैसे बैंक कर्मी, ऑफिस वूमन, टेलीफोन ऑपरेटर इत्यादि , इनमें औरों की अपेक्षा इस रोग का खतरा अधिक रहता है. खानपान -- आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में भोजन समय, भोजन की गुणवत्ता, संतुलित नहीं रह पाती. उसी प्रकार फास्ट फूड, मिर्च मसालों का अधिक सेवन, तेज, तीखा, तला भोजन भी बवासीर को बढ़ाने में सहायता करता है. महिलाओं में धूम्रपान मद्यपान और तंबाकू के बढ़ते सेवन को भी बवासीर का कारक माना जा सकता है, शारीरिक श्रम का अभाव, कसरत करने का समय न मिल पाना, और ...