पार साइबेरियन रेल मार्ग

  1. Top knowlage: ट्रांस साइबेरियन रेलवे ( Trans Siberian Railway)
  2. UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 16 Means of Transport – UP Board Solutions
  3. ट्रांस इंडियन रेल मार्ग क्या है? – ElegantAnswer.com
  4. विश्व का अंतर महाद्वीपीय रेलमार्ग कौन सा है? – ElegantAnswer.com
  5. Top knowlage: ट्रांस साइबेरियन रेलवे ( Trans Siberian Railway)
  6. विश्व का अंतर महाद्वीपीय रेलमार्ग कौन सा है? – ElegantAnswer.com


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ट्रांस

अप्रैल के महीने में व्लाडिवॉस्टोक (Vladivostok) की एक ख़ुशनुमा शाम । रुस के सुदूर दक्षिण पूर्व में स्थित इस शहर में सर्दियाँ ख़त्म हो चुकी थी और दिन भर की बूँदाबूँदी ने मौसम को ख़ुशगवार कर दिया था । व्लाडिवॉस्टोक में आने के पहले मैं बस यही सोच रहा था कि सुबह-सुबह यहाँ हवाई जहाज से पहुँचकर मैं शाम वाली ट्रेन से ही अपनी ट्रांस-साइबेरियन रेल यात्रा (Trans-Siberian Railway Journey) का श्रीगणेश कर दूँगा। लेकिन समय सारिणी के चक्कर में कुछ ऐसा उलझा कि मुझे अपनी बहुप्रतिक्षित यात्रा शुरू करने से पहले व्लाडिवॉस्टोक में दो दिन घूमने का मौक़ा मिल गया । देखा जाए तो व्लाडिवॉस्टोक शहर की पहचान का सबसे प्रमुख कारण यही है कि यह ट्रान्स-साइबेरियन रेलवे का आखिरी छोर है । बावजूद इसके कि यह साइबेरिया के परे पूर्व में स्थित रूस का सबसे महत्वपूर्ण शहर है । यहाँ रूस की प्रशांत महासागरीय नौसेना का मुख्य बेस है । व्लाडिवॉस्टोक की महत्वपूर्ण स्थिति का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि रूस के इस शहर की दूरी जापान से क़रीब 500 मील, उत्तर कोरिया से क़रीब 150 मील और चीन से क़रीब 50 मील होगी । यह ऐसा शहर था जहाँ से अमेरिका की दूरी रूस की राजधानी मॉस्को की तुलना में ज्यादा पास थी । सच पूछिये तो मॉस्को से व्लाडिवॉस्टोक की लगभग नौ घंटे की हवाई यात्रा एक जहाज में बैठकर की गई मेरी सबसे लम्बी हवाई यात्रा थी । जितना समय मैंने रूस की राजधानी से उसके एक कोने में स्थित शहर व्लाडिवॉस्टोक तक पहुँचने में लगाया, उतनी देर की हवाई यात्रा में आप दिल्ली से लन्दन (साढ़े नौ घंटे में ) पहुँच सकते हैं । रूस के भौगोलिक विस्तार का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं । 11 समय ज़ोन में फैला हुआ एक ऐसा देश जिसकी ऊत्तरी-पश्चिमी स...

Top knowlage: ट्रांस साइबेरियन रेलवे ( Trans Siberian Railway)

ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग विश्व का सबसे लंबा रेलमार्ग है जिसका निर्माण कार्य 18 91 ईस्वी से 1916 ईस्वी तक चला इसका निर्माण रूस के राजशाही शासन काल के समय हुआ ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग 9560 किलोमीटर लंबा है इस रेलवे का ट्रेक गेज 1520 एमएम है इस रेलवे का संचालन रशियन रेलवे द्वारा किया जाता है यह रेल मार्ग रूस के पश्चिम भाग में स्थित सेंट पीटर्सबर्ग ( लेनानग्राद) से एशियाई रूस के पूर्व में स्थित बलाडीवोसटक तक लंबा है यह दोहरे पथ से युक्त विद्युतीकृत पार महाद्वीपीय रेलमार्ग एशिया का महत्वपूर्ण रेलमार्ग है इस रेलमार्ग ने एशियाई प्रदेश को पश्चिमी यूरोपीय बाजारों से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया है यह रेल मार्ग यूराल पर्वत और युराल की नदियों से होकर गुजरता है इसके साथ यह मंगोलिया से होता हुआ चाइना में भी प्रवेश करता है यह रेल मार्ग मास्को ,टूला, टयूमिन,कजान, ओमस्क नोवोसिबिस्रक,चिता,खबरोवसक आदि शहरों से होकर गुजरता है इस रेल मार्ग के निर्माण से विशेषकर साइबेरिया का विकास हुआ है इस रेल मार्ग का व्यापारिक एवं आर्थिक महत्व बहुत ज्यादा है इस रेलमार्ग को सन 1945 में डबल ट्रेक कर दिया गया यह रेल मार्ग साइबेरिया के आर-पार जाने के कारण ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग के नाम से जाना जाता है इस रेल मार्ग के प्रारंभ से अंत तक पूरी यात्रा करने में कम से कम 1 सप्ताह का समय लगता है इस प्रकार ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग विश्व के सबसे लंबी रेल मार्ग के साथ-साथ विश्व का सबसे उपयोगी रेल मार्ग भी बन जाता है पर्यटन दृष्टि से देखा जाए तो ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग का महत्व ज्यादा है इसमें बैठकर आप 9560 किलोमीटर लंबी यात्रा का आनंद ले सकते हैं इस रेल मार्ग में कई खूबसूरत हिल स्टेशन तथा खूबसूरत जगह पर बने हुए ...

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 16 Means of Transport – UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 16 Means of Transport (यातायात के साधन) are part of Board UP Board Textbook NCERT Class Class 12 Subject Geography Chapter Chapter 16 Chapter Name Means of Transport (यातायात के साधन) Number of Questions Solved 25 Category UP Board Solutions UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 16 Means of Transport (यातायात के साधन) विस्तृत उत्तरीय प्रश्न प्रश्न ट्रांस-साइबेरियन, कैनेडियन-पैसिफिक एवं केप-काहिरा रेलमार्गों का वर्णन कीजिए तथा इनका व्यापारिक महत्त्व भी समझाइए। या ट्रांस-साइबेरियन रेलमार्ग का वर्णन कीजिए तथा उसके महत्त्व की विवेचना कीजिए। [2007, 10] या टिप्पणी लिखिए ट्रांस-साइबेरियन रेलमार्ग। [2008, 14, 16] या टिप्पणी लिखिए कैनेडियन-पैसिफिक रेलमार्ग। या कनाडा के आर्थिक विकास में कैनेडियन पैसिफिक रेलमार्ग के योगदान का मूल्यांकन कीजिए। या कैनेडियन पैसिफिक रेलमार्ग के महत्त्व की विवेचना कीजिए। या ट्रांस-साइबेरियन रेलमार्ग को भौगोलिक विवरण दीजिए। या रेल परिवहन की सुविधाओं का विवेचन कीजिए तथा इसके आर्थिक विकास में ट्रांस-साइबेरियन रेलमार्ग की भूमिका का विवरण कीजिए। [2012] या ट्रांस-साइबेरियन रेलमार्ग को प्रदर्शित करने के लिए एक रेखामानचित्र बनाइए। [2013, 14] या रूस के आर्थिक विकास में ट्रांस-साइबेरियन रेलमार्ग की भूमिका का विवरण दीजिए। [2013) उत्तर (1) ट्रांस-साइबेरियन रेलमार्ग Trans-Siberian Railway ट्रांस-साइबेरियन रेलमार्ग विश्व का सबसे लम्बा रेलमार्ग है। यह एशिया महाद्वीप के सुदूरपूर्व में प्रशान्त तट पर स्थित ब्लाडीवॉस्टक नगर को युरोपीय रूस की राजधानी मास्कसोडत है। पूनः मास्को से यह लेनिनग्राड तक जाता है। इसके बाद...

पार

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ट्रांस इंडियन रेल मार्ग क्या है? – ElegantAnswer.com

ट्रांस इंडियन रेल मार्ग क्या है? इसे सुनेंरोकेंट्रांस-साइबेरियाई रेलमार्ग एक प्रसिद्ध रेलमार्ग है जो रूस की राजधानी मास्को को रूस के साइबेरिया क्षेत्र से गुज़रते हुए सूदूर-पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक से जोड़ता है। इसकी शाखाएँ मंगोलिया से गुज़रती हुई चीन भी जाती हैं। ट्रांस साइबेरियन रेल मार्ग को बनाने में कितने वर्ष लगे? इसे सुनेंरोकेंइस रेलमार्ग का निर्माण सन् 1891 से 1905 ई० के दौरान हुआ तथा 1905 ई० में इसे परिवहन के लिए खोल दिया गया। ट्रांस साइबेरियन रेल मार्ग की लंबी कितनी है? इसे सुनेंरोकेंरूस की राजधानी मॉस्को और सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्टक तक ट्रांस-साइबेरियन रूट एक समय दुनिया का सबसे लंबा रेल मार्ग था। इस रूट की लंबाई करीब 9300 किमी है। इस रूट पर ट्रेन कई टाइम जोन को पार करते हुए शुरुआती स्टेशन से अंतिम स्टेशन तक पहुंचती है और इसमें करीब 6 दिन का वक्त लगता है। ओरिएंट एक्सप्रेस रेलमार्ग क्या है? इसे सुनेंरोकेंओरिएंट एक्सप्रेस मार्ग… यह मार्ग फ्राँस के पेरिस शहर और तुर्की के कॉन्सटिनटिनोप शहर के बीच चलता है। इस रेलमार्ग की शुरुआत 5 जून 1883 को फ्राँस के पेरिस से वियना के बीच शुरु हुआ था। इस मार्ग का नाम ‘ओरिएंट एक्सप्रेस’ 1891 में किया गया। ये मार्ग बाद में बढ़ाकर तुर्की के इस्तांबुल शहर तक कर दिया गया। केप काहिरा रेल मार्ग की लंबाई कितनी है? द रोड्स कोलोसस : सेसिल जॉन रोड्स का कैरिकेचर, जब उन्होंने केप टाउन से काहिरा तक एक टेलीग्राफ लाइन और रेलवे की योजना की घोषणा की।…केप से काहिरा रेलवे काहिरा-केप रेलवे दिशा और रेखा 10,489 किमी (6,518 मील) नाप का पता करें 1,435 मिमी ( 4 फीट 8 .)1 / 2 में)मानक गेज विद्युतीकरण 25 केवी 50/60 हर्ट्ज एसी वर्तमान में विश्व का सबसे लंबा रे...

विश्व का अंतर महाद्वीपीय रेलमार्ग कौन सा है? – ElegantAnswer.com

विश्व का अंतर महाद्वीपीय रेलमार्ग कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंपार-साइबेरियाई रेलमार्ग – विकिपीडिया पार महाद्वीप रेल मार्ग क्या है? इसे सुनेंरोकें(ii) पार महाद्वीपीय रेलमार्ग क्या होता है? उत्तर: महाद्वीप के आर-पार बनाए गए तथा इसके दो सिरों को जोड़ने वाले मार्गों को ‘पार महाद्वीपीय रेलमार्ग’ कहते हैं। ऐसे रेलमार्ग हैं-ट्रांस-साइबेरियन रेलमार्ग, कनाडियन पैसेफिक रेलमार्ग तथा ट्रांस-ऑस्ट्रेलियन रेलमार्ग। ऊटी में चलने वाली मीटर गेज रेलवे लाइन का क्या नाम रखा गया है? इसे सुनेंरोकें46 किलोमीटर लंबी नीलगिरी माउंटेन रेलवे तमिलनाडु की एक मात्र मीटर-गेज यानी छोटी लाइन रेलवे ट्रैक है जिसके निर्माण का प्रस्ताव अंग्रेजों के शासन काल में 1854 में रखा गया था लेकिन पर्वतीय इलाके में निर्माण करने के दौरान आने वाली कठिनाइयों की वजह से इसका निर्माण 1891 में शुरू हुआ जिसे पूरा होने में 18 साल का वक्त लगा और सन … भारतीय रेलवे को भारत की जीवन रेखा क्यों कहा जाता है? 16 अप्रैल 1853 भारतीय रेल/स्थापना की तारीख और जगह विश्व का सबसे लम्बा रेलमार्ग कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंदुनिया का सबसे लंबा रेल मार्ग ट्रांस साइबेरियन रेलवे में रूस के मास्को से नार्थ कोरिया के प्योंगयेंग तक है जिसकी लंबाई 10,214 किलोमीटर (6346 मील) है जिसमे आप एक बार बिना ट्रेन बदले पहुच सकते है। विश्व में कितने रेल मार्ग हैं? इसे सुनेंरोकेंट्रांस-साइबेरियन रेलवे यह एक प्रसिद्ध रेलमार्ग है जो सेंट पीटर्सबर्ग से गुज़रते हुए सूदूर-पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक से जोड़ता है। मार्ग के मुख्य जंक्शन हैं: यारोस्लावस्की वोक्झल, चेल्याबिंस्क, ओम्स्क, नोवोसिबिर्स्क, इर्कुत्स्क, क्रास्नोयार्स्क, उलान-उडे, चिता, खाबरोवस्क, और व्लादिवोस्तोक। इसे सुनेंरो...

Top knowlage: ट्रांस साइबेरियन रेलवे ( Trans Siberian Railway)

ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग विश्व का सबसे लंबा रेलमार्ग है जिसका निर्माण कार्य 18 91 ईस्वी से 1916 ईस्वी तक चला इसका निर्माण रूस के राजशाही शासन काल के समय हुआ ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग 9560 किलोमीटर लंबा है इस रेलवे का ट्रेक गेज 1520 एमएम है इस रेलवे का संचालन रशियन रेलवे द्वारा किया जाता है यह रेल मार्ग रूस के पश्चिम भाग में स्थित सेंट पीटर्सबर्ग ( लेनानग्राद) से एशियाई रूस के पूर्व में स्थित बलाडीवोसटक तक लंबा है यह दोहरे पथ से युक्त विद्युतीकृत पार महाद्वीपीय रेलमार्ग एशिया का महत्वपूर्ण रेलमार्ग है इस रेलमार्ग ने एशियाई प्रदेश को पश्चिमी यूरोपीय बाजारों से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया है यह रेल मार्ग यूराल पर्वत और युराल की नदियों से होकर गुजरता है इसके साथ यह मंगोलिया से होता हुआ चाइना में भी प्रवेश करता है यह रेल मार्ग मास्को ,टूला, टयूमिन,कजान, ओमस्क नोवोसिबिस्रक,चिता,खबरोवसक आदि शहरों से होकर गुजरता है इस रेल मार्ग के निर्माण से विशेषकर साइबेरिया का विकास हुआ है इस रेल मार्ग का व्यापारिक एवं आर्थिक महत्व बहुत ज्यादा है इस रेलमार्ग को सन 1945 में डबल ट्रेक कर दिया गया यह रेल मार्ग साइबेरिया के आर-पार जाने के कारण ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग के नाम से जाना जाता है इस रेल मार्ग के प्रारंभ से अंत तक पूरी यात्रा करने में कम से कम 1 सप्ताह का समय लगता है इस प्रकार ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग विश्व के सबसे लंबी रेल मार्ग के साथ-साथ विश्व का सबसे उपयोगी रेल मार्ग भी बन जाता है पर्यटन दृष्टि से देखा जाए तो ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग का महत्व ज्यादा है इसमें बैठकर आप 9560 किलोमीटर लंबी यात्रा का आनंद ले सकते हैं इस रेल मार्ग में कई खूबसूरत हिल स्टेशन तथा खूबसूरत जगह पर बने हुए ...

पार

नाज़िवाएवस्काया स्टेशन पर अप्रैल के महीने में बर्फ़ से गुज़रती हुई रेल ट्रांस-साइबेरियाई रेलमार्ग एक प्रसिद्ध रेलमार्ग है जो रूस की राजधानी मास्को को रूस के साइबेरिया क्षेत्र से गुज़रते हुए सूदूर-पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक से जोड़ता है। इसकी शाखाएँ मंगोलिया से गुज़रती हुई चीन भी जाती हैं। यह एक 9,259 किमी लम्बा रेलमार्ग है और इसपर एक छोर से दुसरे छोर तक पूरा सफ़र करने में आठ दिन लग जाते हैं।, route No. 8 संबंधों: ---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अ...

विश्व का अंतर महाद्वीपीय रेलमार्ग कौन सा है? – ElegantAnswer.com

विश्व का अंतर महाद्वीपीय रेलमार्ग कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंपार-साइबेरियाई रेलमार्ग – विकिपीडिया पार महाद्वीप रेल मार्ग क्या है? इसे सुनेंरोकें(ii) पार महाद्वीपीय रेलमार्ग क्या होता है? उत्तर: महाद्वीप के आर-पार बनाए गए तथा इसके दो सिरों को जोड़ने वाले मार्गों को ‘पार महाद्वीपीय रेलमार्ग’ कहते हैं। ऐसे रेलमार्ग हैं-ट्रांस-साइबेरियन रेलमार्ग, कनाडियन पैसेफिक रेलमार्ग तथा ट्रांस-ऑस्ट्रेलियन रेलमार्ग। ऊटी में चलने वाली मीटर गेज रेलवे लाइन का क्या नाम रखा गया है? इसे सुनेंरोकें46 किलोमीटर लंबी नीलगिरी माउंटेन रेलवे तमिलनाडु की एक मात्र मीटर-गेज यानी छोटी लाइन रेलवे ट्रैक है जिसके निर्माण का प्रस्ताव अंग्रेजों के शासन काल में 1854 में रखा गया था लेकिन पर्वतीय इलाके में निर्माण करने के दौरान आने वाली कठिनाइयों की वजह से इसका निर्माण 1891 में शुरू हुआ जिसे पूरा होने में 18 साल का वक्त लगा और सन … भारतीय रेलवे को भारत की जीवन रेखा क्यों कहा जाता है? 16 अप्रैल 1853 भारतीय रेल/स्थापना की तारीख और जगह विश्व का सबसे लम्बा रेलमार्ग कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंदुनिया का सबसे लंबा रेल मार्ग ट्रांस साइबेरियन रेलवे में रूस के मास्को से नार्थ कोरिया के प्योंगयेंग तक है जिसकी लंबाई 10,214 किलोमीटर (6346 मील) है जिसमे आप एक बार बिना ट्रेन बदले पहुच सकते है। विश्व में कितने रेल मार्ग हैं? इसे सुनेंरोकेंट्रांस-साइबेरियन रेलवे यह एक प्रसिद्ध रेलमार्ग है जो सेंट पीटर्सबर्ग से गुज़रते हुए सूदूर-पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक से जोड़ता है। मार्ग के मुख्य जंक्शन हैं: यारोस्लावस्की वोक्झल, चेल्याबिंस्क, ओम्स्क, नोवोसिबिर्स्क, इर्कुत्स्क, क्रास्नोयार्स्क, उलान-उडे, चिता, खाबरोवस्क, और व्लादिवोस्तोक। इसे सुनेंरो...

ट्रांस

पिछली सदी में पक्का ट्रांस-साइबेरियन रेलवे पूरे देश से होकर गुजरता है और यह यूरोपीय भाग और साइबेरिया और सुदूर पूर्व से जोड़ता है। एक चौथाई सदी के लिए यह अच्छी तरह से सुसज्जित रेल मार्ग, रूस के मुख्य रेलवे शाखा है। निर्माण का प्रारंभ के निर्माण पर निर्णय साइबेरियाई रेलवे राजकोष के धन पर उन्नीसवीं सदी के 80-ies में tsarist सरकार द्वारा किया गया था। 1887 में तीन अभियानों स्थानों दक्षिण Ussuri, पश्चिम और मध्य साइबेरियाई बाइकाल रेलवे के तहत मोटर मार्ग निर्माण की तलाश के लिए आयोजित किए गए। पिछली सदी के 90 वर्षों के लिए ट्रांस-साइबेरियन रेलवे खातों के निर्माण की शुरुआत करें। व्लादिवोस्तोक से चेल्याबिंस्क के लिए - ग्रेट साइबेरियाई मार्ग के निर्माण पर कार्य का संचालन करने का निर्णय सर्दियों 1891 निर्माण दोनों पक्षों को शुरू हुआ में बनाया गया था। बिछाने के मुख्य चरण निर्मित ट्रांस-साइबेरियन रेलवे, विकास के लिए संभावनाओं की जो अब व्यापक रूप से कई चरणों में: • 1893 - इरकुत्स्क को ओब नदी से सड़क के निर्माण। • 1894 - उत्तर Ussuri सड़क के निर्माण की शुरुआत। • 1897 - CER पैड की शुरुआत। • 1898 - क्रास्नोयार्स्क को ओब से भूमि प्राप्त किया। • 1900 - के निर्माण पर निर्णय • 1906 - अमूर मेनलाइन बिछाने के लिए किए गए सर्वेक्षण। • 1911 - निर्माण स्थल किर्क - पी। Blagoveshchensk में एक शाखा के साथ तूफान। • 1916 - के कमीशन अमूर नदी पार पुल। ट्रांस-साइबेरियन रेलवे के महान लंबाई पहले से ही है उन वर्षों में यह सक्षम देश के मुख्य परिवहन धमनी बन जाते हैं। लेकिन नागरिक युद्ध के दौरान, नई सड़क की स्थिति, दुर्भाग्य से, काफी बिगड़ गया। यह कम आंका और पुलों का एक बहुत जला दिया गया था। समय-समय पर कारों और इंजनो...