पार्किंसन रोग के लक्षण

  1. कंपवात ( पार्किसन) रोग के लक्षण, कारण, इलाज और घरेलू उपचार के तरीके
  2. Parkinson's Disease In Hindi : पार्किंसन रोग (Parkinson's Disease) के कारण, लक्षण, इलाज, दवा, परहेज
  3. पार्किंसंस रोग क्या है? कारण, लक्षण और इलाज
  4. जानिए क्या है पार्किंसन रोग और कैसे पहचाने इसे
  5. क्या है पार्किंसन की बीमारी, इन शुरुआती लक्षणों को न करें नजरअंदाज
  6. पार्किंसन बीमारी क्या है, इसके लक्षण और इसे लड़ने के लिए आहार और व्यायाम
  7. पार्किंसंस रोग: लक्षण, क्या करें और क्या न करें, उपचार, कारण
  8. पार्किंसंस रोग के कारण, लक्षण और इलाज


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कंपवात ( पार्किसन) रोग के लक्षण, कारण, इलाज और घरेलू उपचार के तरीके

कंपवात ( पार्किसन) रोग के लक्षण, कारण, इलाज और घरेलू उपचार के तरीके | Kampvat rog ka gharelu upchar कंपवात हाथ पैरों में कंपन की बीमारी को कहते है, जब बहुत अधिक यह बीमारी जकड़ लेती है तब हमें मालूम चलता है कि हमें कंपवात की बीमारी हो चुकी है। इसमें शरीर में नियंत्रण खो जाने से कंपन महसूस होता रहता है आज के ब्लॉग के माध्यम से हम यह जानेंगे कि कंपवात (पार्किंसंस) रोग क्या है, लक्षण, कारण और घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे उम्र के बढ़ने के साथ शरीर में रोगों का आना आमतौर पर सामान्य माना जाता है, लेकिन बहुत सी ऐसी बीमारियां है जो कि बिना उम्र के ही हो जाती है। और पढ़ें- और जब काफी विकराल रूप धारण कर लेता है कोई भी बीमारी तब हमें उसका एहसास होता है कि हमें यह बीमारी हो गया है। शरीर के किसी अंग या पूरे शरीर का नियंत्रण हट जाने से पूरे शरीर में कंपन होता रहता है यह एक तरह का वात रोग है इसलिए इसको कंपवात कहा जाता है। कंपवात (पार्किसन) रोग क्या है जानें Kampwat Rog ka Parichay, kampwat Rog kya hai कंपवात के बारे में आयुर्वेद में यह बताया गया है कि कंपावत दिमाग का रोग है जो काफी समय से दिमाग में पल रहा होता है। इसका असर बहुत धीरे-धीरे होता है और यह तब तक पता नहीं चलता जब तक यह बड़ा रूप धारण नहीं कर लेता है, तब हमें यह पता चलता है कि हमें कंपवात नामक रोग हो गई है। और पढ़ें- जब यह बीमारी किसी को भी हो जाता है तो उसमें होता यह है कि उस व्यक्ति का हाथ- पैर कांपने लगता है। कभी-कभी यह भी होता है कि जब व्यक्ति लिखने का कार्य करता है तो उस समय कार्य करने में वह असमर्थ हो जाता है। जिनको कंपवात की शिकायत है उनके हाथ- पैर कांपने लगते हैं या जब वह पानी का गिलास पकड़ते है उस स्थिति में भी हाथ का...

Parkinson's Disease In Hindi : पार्किंसन रोग (Parkinson's Disease) के कारण, लक्षण, इलाज, दवा, परहेज

Table of Page Contents • • • • What is Parkinson’s Disease in Hindi : पार्किंसन रोग (Parkinson’s Disease) क्या है? पार्किंसंस रोग एक प्रगतिशील विकार है जो तंत्रिका तंत्र और तंत्रिकाओं द्वारा नियंत्रित शरीर के कुछ हिस्सों को प्रभावित करता है। लक्षण धीरे-धीरे शुरू होते हैं। पहला लक्षण सिर्फ एक हाथ में बमुश्किल ध्यान देने योग्य कंपन हो सकता है। झटके आम हैं, लेकिन विकार भी कठोरता या गति को धीमा कर सकता है। पार्किंसंस रोग के शुरुआती चरणों में, आपके चेहरे पर बहुत कम या कोई भाव नहीं दिख सकता है। जब आप चलते हैं तो हो सकता है कि आपकी बाहें न झूलें। आपकी वाणी में नरमी या कटुता आ सकती है। जैसे-जैसे आपकी स्थिति समय के साथ बढ़ती है, पार्किंसंस रोग के लक्षण बिगड़ते जाते हैं। हालांकि पार्किंसंस रोग का इलाज नहीं किया जा सकता है, दवाएं आपके लक्षणों में काफी सुधार कर सकती हैं। कभी-कभी, आपका स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता आपके मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों को विनियमित करने और आपके लक्षणों में सुधार करने के लिए सर्जरी का सुझाव दे सकता है। Causes of Parkinson’s Disease in Hindi – पार्किंसन रोग (Parkinson’s Disease) के कारण पार्किंसंस रोग में, मस्तिष्क में कुछ तंत्रिका कोशिकाएं (न्यूरॉन्स) धीरे-धीरे टूट जाती हैं या मर जाती हैं। कई लक्षण न्यूरॉन्स के नुकसान के कारण होते हैं जो आपके मस्तिष्क में डोपामाइन नामक एक रासायनिक संदेशवाहक उत्पन्न करते हैं। जब डोपामाइन का स्तर कम हो जाता है, तो यह असामान्य मस्तिष्क गतिविधि का कारण बनता है, जिससे बिगड़ा हुआ आंदोलन और पार्किंसंस रोग के अन्य लक्षण होते हैं। पार्किंसंस रोग का कारण अज्ञात है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कई कारक भूमिका निभाते हैं, जिनमें शामिल हैं: • जीन...

पार्किंसंस रोग क्या है? कारण, लक्षण और इलाज

पार्किंसंस रोग क्या है? What is Parkinson’s disease? पार्किंसंस रोग एक प्रगतिशील विकार (progressive disorder) है जो तंत्रिका तंत्र (nervous system) और नसों द्वारा नियंत्रित शरीर के कुछ हिस्सों को प्रभावित करता है। इस रोग के लक्षण धीरे-धीरे शुरू होते हैं। पहला लक्षण केवल एक हाथ में दिखाई दे सकता है जो कि बमुश्किल ध्यान देने योग्य कंपन हो सकता है। इस दौरान झटको (Tremors) की समस्या होना आम बात है, लेकिन इस विकार के कारण भी कठोरता या गति धीमी हो सकती है। पार्किंसंस रोग के शुरुआती चरणों में, आपका चेहरा बहुत कम या कोई अभिव्यक्ति दिखाने में असमर्थ हो सकता है। जब आप चलते हैं तो आपकी बाहें ठीक से आगे-पीछे होने में समस्याएँ हो सकती है। आपकी वाणी नरम या कठोर हो सकती है। जैसे-जैसे आपकी स्थिति समय के साथ बढ़ती जाती है, पार्किंसंस रोग के लक्षण पहले के मुकाबले और भी ज्यादा बिगड़ते जाते हैं। हालांकि पार्किंसंस रोग को ठीक नहीं किया जा सकता है, दवाएं आपके लक्षणों में काफी सुधार कर सकती हैं। कभी-कभी, डॉक्टर रोगी के मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों को विनियमित करने और लक्षणों में सुधार करने के लिए सर्जरी का सुझाव दे सकता है। पार्किंसंस रोग के संकेत और लक्षण क्या हैं? What are the signs and symptoms of Parkinson's disease? पार्किंसंस रोग के संकेत और लक्षण सभी के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। शुरुआती संकेत हल्के हो सकते हैं और लक्षणों की ओर किसी का ध्यान नहीं जा सकता। लक्षण शुरुआत में अक्सर शरीर के एक तरफ से शुरू होते हैं और समय के साथ और ज्यादा खराब होते रहते हैं, भले ही लक्षण दोनों तरफ के अंगों को प्रभावित करने लगते हैं। पार्किंसंस के संकेत और लक्षण में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं :- • कंपन (Tremor) :- ...

जानिए क्या है पार्किंसन रोग और कैसे पहचाने इसे

हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि इस रोग के शुरूआती चरण में कुछ लक्षण नजर आते हैं और यह लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। शुरुआती संकेत हल्के हो सकते हैं और इसलिए अमूमन इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता। लक्षण अक्सर आपके शरीर के एक तरफ से शुरू होते हैं और फिर धीरे−धीरे यह लक्षण दोनों तरफ को प्रभावित करते हैं। कंपन होना हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, पार्किंसन रोग का सबसे पहला लक्षण है कंपन। हो सकता है कि जब आप यूं ही बैठे हों, तब आपके हाथ या हाथ की उंगलियों में हल्की कंपन हो। काम करते समय आपको इस कंपन का अहसास नहीं होगा, लेकिन आराम की स्थिति में हाथ व उंगलियों को हल्का हिलते हुए देखा व महसूस किया जा सकता है। काम की गति धीमी होना हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि पार्किंसन रोग आपके काम करने की गति को भी धीमा कर सकता है। जिससे आपके आसान कार्य भी कठिन हो सकते हैं और इसमें आपको अपेक्षाकृत अधिक समय लग सकता है। मसलन, जब आप चलते हैं तो आपके कदम छोटे हो सकते हैं। एक कुर्सी से उठना भी आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। मांसपेशियों में अकड़न मांसपेशियों में अकड़न भी पार्किंसन रोग का ही एक लक्षण है। आपके शरीर के किसी भी हिस्से में मांसपेशियों में अकड़न हो सकती है और यह अकड़ी हुई मांसपेशियों में आपको दर्द हो सकता है और यह आपकी मूवमेंट को भी सीमित कर सकता है। बोलने और लिखने में परिवर्तन इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति को लिखने में भी कठिनाई हो सकती है और इसके अलावा उसे बोलने में भी परेशानी का अनुभव हो सकता है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति को यह लक्षण नजर आएं तो एक बार अपनी जांच अवश्य करवानी चाहिए। मिताली जैन

क्या है पार्किंसन की बीमारी, इन शुरुआती लक्षणों को न करें नजरअंदाज

Parkinson disease symptoms: पार्किंसन की बीमारी मूवमेंट संबंधी एक विकार या डिसऑर्डर है जिसमें हाथ या पैर से दिमाग तक पहुंचाने वाली नसें या तंत्रिका काम करने में असमर्थ हो जाती है. इसमें व्यक्ति का हाथ पर से नियंत्रण बहुत कम हो जाता है. आमतौर पर जब दिमाग को संदेश देने वाला डोपामाइन का स्तर कम हो जाता है तब यह बीमारी होती है. हालांकि विशेषज्ञों को अब तक यह पता नहीं है कि पार्किसन बीमारी का विकास कैसे होता है लेकिन विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि पार्किंसन के लिए आनुवांशिक कारण के अलावा पर्यावरण की विषाक्तता भी जिम्मेदार है. पार्किंसन के शुरुआती लक्षण मूवमेंट में परिवर्तन शुरुआत में बहुत ही मामूली तरह से मूवमेंट में परिवर्तन होने लगता है. इसमें हाथ या पैर कंपकपाने लगता है और उंगलियों में कंपन होने लगती है. इसके साथ ही व्यक्ति की चाल बदलने लगती है. वह थोड़ा आगे की ओर झुककर चलता है. व्यक्ति को हाथ पर समन्वय नहीं रहता है जिससे वह किसी चीज को गिरा सकता है. लिखने में दिक्कत शुरुआत में जब कोई कुछ लिखता है तो पेन पकड़ने में दिक्कत होने लगती है. यही से पार्किंसन की भी शुरुआत हो जाती है. अंगूठे और तर्जनी उंगली एक दूसरे से रगड़ने शुरू हो जाती हैं. स्थिति जब बिगड़ने लगती है तो स्थिर अवस्था में भी हाथ हिलने लगते हैं. इसे भी पढ़ेंः हमारे लिए अच्छी नींद क्यों जरूरी है , जानिए इसके अच्छे फायदे आवाज में बदलाव होना हालांकि यह लक्षण सबमें नहीं दिखता लेकिन कुछ लोगों की आवाज या उच्चारण में जब बदलाव शुरू हो जाता है तो इसका मतलब है कि पार्किंसन की बीमारी होने वाली है. कुछ लोगों की आवाज बहुत ज्यादा बिगड़ जाती है. यहां तक कि आवाज में कंपन शुरू हो जाता है. शरीर की पोजीशन में बदलाव कुछ लोगों में पार्कि...

पार्किंसन बीमारी क्या है, इसके लक्षण और इसे लड़ने के लिए आहार और व्यायाम

- Advertisement - पार्किंसन बीमारी क्या है, इसके लक्षण और इसे लड़ने के लिए आहार और व्यायाम Causes Symptoms of Parkinson Disease in Hindi 11 अप्रैल को विश्वभर में पार्किंसन दिवस मनाया जाता है। इसे यूरोपीय पार्किंसंस रोग संघ द्वारा समर्थित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य इस रोग के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचाना है और साथ ही ये बताना भी है यह रोग किस तरह मनुष्य को प्रभावित करता है। • • • • • • • • • • • • • • • पार्किंसन रोग क्या है? (Parkinson Disease in Hindi) ये एक neurodegenerative बीमारी है। इसमें ब्रेन के न्यूरोन/सेल्स degenerate होते हैं उसमें से निकलने वाले रसायन कम हो जाते हैं। ये dopamine group of chemicals होते हैं, इन्हीं केमिकल्स के कम होने की वजह से आपको पार्किंसन बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं। पार्किंसन रोग के लक्षण in Hindi (Causes Symptoms of Parkinson Disease in Hindi) पार्किंसन रोग के लक्षण क्या हैं? आइये जानते हैं – स. लक्षण 1 हाथ-पैरों में कम्पन होना 2 चलने और बात करने में मुश्किल होना 3 शरीर के कुछ हिस्सों में अकड़न हो जाती है 4 मांसपेशियों में तनाव की स्थिति उत्त्पन्न हो जाती है 5 हिलने-डुलने में मुश्किल होने लगती है 6 नींद नहीं आती 7 पसीना अधिक आता है 8 9 बैलेंस बनाने में मुश्किल होती है जिससे व्यक्ति गिर भी जाता है पार्किंसन रोग के कारण (Parkinson Disease Causes) अनुवांशिक कारणों के अलावा तनाव, सिर में चोट लगने की वजह से या रसायन युक्त भोजन करने की वजह से भी पार्किंसन बीमारी का खतरा अधिक होता है। पार्किंसन में क्या खाना चाहिए वैसे तो कोई ऐसा स्पेशल फ़ूड नहीं है जो पार्किंसन में खाना चाहिए लेकिन कुछ विटामिन्स और खनिजों की मात्रा बढ़ाने से इसमें फर्क...

पार्किंसंस रोग: लक्षण, क्या करें और क्या न करें, उपचार, कारण

पार्किंसंस रोग एक पुरानी और प्रगतिशील न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो मस्तिष्क के एक हिस्से में तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) के एक छोटे समूह को प्रभावित करती है। जबकि यह स्थिति मांसपेशियों के नियंत्रण, संतुलन और गतिशीलता को प्रभावित करने के लिए जानी जाती है, यह इंद्रियों, सोचने की क्षमता, मानसिक स्वास्थ्य और जीवन के अन्य पहलुओं को भी प्रभावित कर सकती है। इस स्थिति का कारण अभी भी एक पहेली है। हालांकि अभी तक कोई परिभाषित इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई उपचार विकल्प उपलब्ध हैं जिनमें दवाएं और सर्जरी शामिल हैं। हालांकि यह घातक नहीं है, यह गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है। पार्किंसंस रोग के प्रकार पार्किंसंस रोग के प्रकार इस प्रकार हैं: • आंदोलन परिवर्तन से जुड़े झटके। • बिगड़ा हुआ समन्वय और संतुलन किसी व्यक्ति को वस्तुओं को गिराने या गिरने के लिए प्रेरित कर सकता है। • सूंघने में असमर्थता • चलते समय, एक व्यक्ति की चाल बदल जाती है, और वह थोड़ा आगे झुक जाता है या लड़खड़ा जाता है। • चेहरे की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली नसों में परिवर्तन निश्चित चेहरे के भावों को प्रेरित करता है। • आवाज में कंपन या कमजोर स्वर • लिखावट अधिक तंग और छोटी होती है • बेचैन पैरों और अन्य कारकों के कारण नींद में गड़बड़ी • गति के लक्षण शरीर के एक तरफ से शुरू होकर दूसरी तरफ फैल सकते हैं। अन्य सामान्य लक्षणों में शामिल हैं: डॉक्टर को कब देखना है? अगर किसी व्यक्ति को कंपकंपी, मांसपेशियों में जकड़न, संतुलन की हानि, या गति धीमी होने का अनुभव होता है, तो उसे डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यदि लक्षण पार्किंसंस रोग की शुरुआत का सुझाव देते हैं, तो डॉक्टर रोगी को न्यूरोलॉजिस्ट या जराचिकित...

पार्किंसंस रोग के कारण, लक्षण और इलाज

पार्किंसंस रोग के कारण – Causes of Parkinson’s Disease in Hindi द्रव्य नाइग्रा (Substantia Nigra) से न्यूरॉन्स का खत्म होना पार्किंसंस रोग का मुख्य कारण होता है। यह मस्तिष्क का वह भाग होता है, जो शरीर को नियंत्रित करने के लिए सिग्नल दिमाग से रीढ़ की हड्डी तक भेजता है। दरअसल, यह काम इस भाग में बनने वाला केमिकल डोपामाइन करता है, जो इन न्यूरॉन्स में बनता है। पार्किंसंस रोग होने के कारण इन न्यूरॉन्स की संख्या कम हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप डोपामाइन की मात्रा भी कम होने लगती है। ऐसे में दिमाग से सिग्नल भेजने में समस्या आने लगती है और शरीर पर नियंत्रण नहीं रह पाता ( आगे जरूरी जानकारी है पार्किंसंस रोग के कारण के बाद लेख के अगले भाग में जानिए पार्किंसन के लक्षण। पार्किंसन रोग के लक्षण – Symptoms of Parkinson’s Disease in Hindi पार्किंसंस रोग के लक्षण प्रारंभिक अवस्था में नहीं दिखते। इसके लक्षण 80 प्रतिशत न्यूरॉन्स खत्म होने के बाद ही नजर आने लगते हैं। फिर समय के साथ जैसे-जैसे मस्तिष्क में डोपामाइन रसायन की मात्रा और कम होती जाती है, तो इसके लक्षण बढ़ते जाते हैं। पार्किंसंस रोग के लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं ( • शरीर के किसी भाग में कंपन होना, खासकर हाथ में • • शरीर को संतुलित रखने में समस्या • शारीरिक गतिविधियां, जैसे – चलना व करवट बदलना आदि में धीमापन • आवाज में नरमाहट आना • आंखों को झपकाने में दिक्कत • खाना या पानी निगलने में समस्या • मूड स्विंग जैसे कि अवसाद आदि • बार-बार नींद खुलना • संवेदी (Sensory) लक्षण, जैसे कि गंध की अनुभूति या दर्द आदि न होना • बेहोशी छाना • शारीरिक संबंधों में कम रुचि • आंत और मूत्राशय की गतिविधियों में गड़बड़ी • थकान महसूस होना • किसी भी कार्य मे...