पैडमैन मूवी अक्षय कुमार

  1. अक्षय कुमार की ‘पैडमैन’ देख अरुणाचलम मुरुगनाथम की आंखों से निकले आंसू, जानिए कारण....
  2. Movie Review: PadMan in hindi, मूवी रिव्यू: पैडमैन, PadMan movie review in hindi
  3. रिव्यू: अक्षय की ‘पैडमैन’ ने दमदार तरीके से की है ‘पीरियड की बात’
  4. Padman Review:पीरियड्स पर शर्म नहीं गर्व करना सिखा गए अक्षय कुमार
  5. Padman Offer: ये आसान काम करने पर अक्षय कुमार खुद भेजेंगे फिल्म का ट्रेलर/ Akshay Kumar Special Offer For Padman Trailer
  6. Box Office: 10 दिन बाद भी 100 करोड़ क्‍लब से दूर Padman, इस मूवी ने किया नुकसान
  7. पैडमैन
  8. आखिर हर किसी क्यों देखनी चाहिए अक्षय कुमार की फिल्म 'पैडमैन'?


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अक्षय कुमार की ‘पैडमैन’ देख अरुणाचलम मुरुगनाथम की आंखों से निकले आंसू, जानिए कारण....

आज अक्षय कुमार की बहुचर्चित फिल्म पैडमैन सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। इस फिल्म से दर्शकों को बहुत सारी उम्मीदें थीं और यह फिल्म वो सारी उम्मीदें पूरी करती हुई भी दिख रही है। हमने आपको अपनी पिछली ही रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है कि सोशल मीडिया पर फिल्म पैडमैन को लेकर दर्शक क्या-क्या लिख रहे हैं ? हालांकि इस सबके बीच हमें असली पैडमैन यानि के अरुणाचलम मुरुगनाथम के शब्दों का इंतजार था कि उन्हें अपने जीवन पर बनी यह फिल्म कैसी लगी है ? बीते बुधवार को अरुणाचलम मुरुगनाथम ने अक्षय कुमार की यह फिल्म देखी थी, जो कि उन्हें काफी पसंद आयी है। मुरुगनाथम के अनुसार, ‘इस फिल्म के माध्यम से मैंने अपनी ही जिंदगी को दोबारा जी लिया है। मैंने अपनी जिंदगी में अब तक क्या-क्या किया और कैसे-कैसे किया, सब मेरी आंखों के सामने आ गया। मुझे नहीं लगता कि मेरी जिंदगी को इतनी खूबसूरती से कोई दूसरा इंसान पर्दे पर उतार सकता था। मुझे खुशी है कि पैडमैन में मेरे सफर को अच्छी तरह से दिखाया गया है।’ जब मुरुगनाथम अरुणाचलम से यह पूछा गया कि क्या आप फिल्म से 100 प्रतिशत संतुष्ट हैं तो उन्होंने बताया, ‘फिल्म पैडमैन में मेरी जिंदगी का 80 प्रतिशत हिस्सा रखा है। यह 100 प्रतिशत मेरे जीवन पर आधारित नहीं है। अगर यह पूरी तरह से मेरे ऊपर आधारित होती तो यह एक डॉक्यूमेंट्री होती। हालांकि मुझे फिल्म बहुत अच्छी लगी है।’ Also Read - [इसे भी पढ़ें- Also Read - मुरुगनाथम ने फिल्म पैडमैन के बारे में बात करते हुए बताया कि, ‘आखिरी बार मैंने साल 1975 में आयी फिल्म शोले देखी थी। जो कि मेरे पिता ने मुझे दिखाई थी। उसके बाद मैंने अब अपनी ही कहानी को पर्दे पर देखा है। हालांकि अब मेरी कहानी को देखने के लिए मेरे पिता मेरे साथ नहीं है लेक...

Movie Review: PadMan in hindi, मूवी रिव्यू: पैडमैन, PadMan movie review in hindi

निर्देशकः आर. बाल्की प्रोडूयसरः ट्विंकल खन्ना प्रोडक्शन हाउसः कोलंबिया पिक्चर्स, होप प्रोडक्शंस, क्रियाज एंटरटेनमेंट, मिसेजफनीबोन्स मूवीज लेखकः आर. बाल्की सिनेमेटोग्राफीः पी.सी. श्रीराम संगीतः अमित त्रिवेदी शैली: जीवनी कॉमेडी ड्रामा कथानकः आर. बाल्की द्वारा निर्देशित फिल्म पैडमैन आज के समाज में मेंस्ट्रुअल हाइजीन (मासिक धर्म) की स्वच्छता के बारे में बताती है। यह फिल्म “द सैनिटरी मैन ऑफ सेक्रेड लैंड” पर आधारित है, बॉलीवुड अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना द्वारा लिखी एक छोटी कहानी है, जो इस फिल्म की निर्माता भी हैं। ट्विंकल की यह फिल्म अरुणाचलम मुरुगनाथम के जीवन से प्रेरित है, जो तमिलनाडु के कोयम्बटूर में एक साधारण धातुकर्मी (लोहार) है, बाद में यह एक सामाजिक कार्यकर्ता बन जाता है और ग्रामीण भारत में मेंस्ट्रुअल हाइजीन (मासिक धर्म) की स्वच्छता की अवधारणा को ध्यान में रखकर कम लागत वाली सैनिटरी नैपकिन बनाने के लिए क्रांतिकारी बदलाव लाता है। उन्होंने भारत में इस मुद्दे को उस समय एक स्पष्टवादी और दृढ़ संकल्प वक्ता के रूप में उठाया, जब प्रगतिशील दुनिया भर के लोग इसके बारे में बात करने में भी शर्म करते थे और यह कार्य करके उन्होंने समाज की पुरानी और शर्म भरी रूढ़िवादी सोच को चुनौती दी। अरुणाचलम मुरुगनाथम ने सैनिटरीपैड बनाने की मशीन निर्मित की, इस आविष्कार के लिए उनको पुरस्कार भी मिला और इन सैनिटरी पैडों ने महिलाओं को सशक्त बनाने में योगदान दिया है क्योंकि यह स्वतंत्र रूप से जिंदगी बिताने में सहायता करते हैं। मूवी रिव्यूः इस फिल्म में, अक्षय कुमार ने मध्य प्रदेश के एक गांव में रहने वाले एक मैकेनिक लक्ष्मीकांत चौहान की भूमिका निभाई है। गांव के लोगों द्वारा लक्ष्मीकांत को एक पागल का नाम दिया जा...

रिव्यू: अक्षय की ‘पैडमैन’ ने दमदार तरीके से की है ‘पीरियड की बात’

पिछले कुछ सालों से अक्षय कुमार अपनी हर फिल्म में कुछ न कुछ सामाजिक संदेश देने का काम कर रहे हैं. टॉयलेट: एक प्रेम कथा में जहां अक्षय ने ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों की दिक्कत को फिल्म के जरिए सामने रखा था, वहीं अब पैडमैन में वो सैनिटरी पैड जैसे मुद्दों को लेकर आए हैं. ये अरुणाचलम मुरुगनाथम की असली जिंदगी पर बनी फिल्म है, जिन्होंने सस्ते सैनेटरी पैड बनाकर देश की करोड़ों महिलाओं की जिंदगी को बेहतर बनाने का काम किया है. ऐसे देश में जहां अब भी 'पीरियड' जैसी चीजों पर बातचीत करने में लोग संकोच करते हैं, अरुणाचलम की कहानी एक मिसाल जैसी है जिसे बताने के लिए अक्षय कुमार और फिल्म की पूरी टीम ने खूब मेहनत की है. आर. बाल्कि के कसे हुए डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में सच्ची कहानी को फिल्मी स्टाइल में बड़े ही सलीके के पेश किया गया है. अक्षय कुमार की अदाकारी फिल्म की जान है. पैडमैन में अक्षय कुमार ने लक्ष्मीकांत चौहान नाम के किरदार को निभाया है, जो मध्यप्रदेश के एक गांव का रहने वाला है. हालांकि, असली कहानी जिन अरुणाचलम पर बनी है वो कोयंबटूर के रहने वाले हैं. ऐसा बदलाव हिंदी दर्शकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. सेट पर खास ध्यान रखा गया है जिससे कहानी साल 2001 की लगे, कीचड़ और गोबर से सने रास्ते इसे असलियत के करीब दिखाते हैं. फिल्म के डायलॉग में अक्षय ने अपनी फिल्म टॉयलेट: एक प्रेम कथा का भी पूरा खयाल रखा है जैसे- टॉयलेट है...पैड्स नहीं है?? असली कहानी लक्ष्मीकांत चौहान की शादी के बाद शुरू होती है. लक्ष्मी को पीरियड्स और महिलाओं की परेशानियों के बारे में पता चलता है. वो अपने परिवार की दूसरी महिलाओं और पत्नी को किफायती सैनेटरी पैड दिलाने के लिए जुट जाता है, धीरे-धीरे ये लक्ष्मी का जुन...

Padman Review:पीरियड्स पर शर्म नहीं गर्व करना सिखा गए अक्षय कुमार

पीरियड्स आना और मेंस्ट्रुअल साइकिल आज भी समाज में महिलाओं के लिए शर्म की बात है। खासकर तब जब बात मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों की हो, वहां शर्म ही धर्म है। लड़की के बड़े होने पर धूम-धाम से उसका स्वागत तो किया जाता है लेकिन जैसे ही वो पांच दिन आते हैं लड़की अछूत हो जाती है और घर के किसी कोने में धकेल दी जाती है। लड़कियां वो भी स्वीकार कर लें तो भी शर्म के नाम पर उन्हें बार बार प्रताड़ित किया जाता है। जिस समय लड़कियों को सबसे ज्यादा केयर और साफ-सफाई की आवश्यकता होती है उन्हें गंदगी में रहने को कहा जाता है। लड़कियों और महिलाओं को इस गंदगी की वजह और उन दिनों की दुश्वारियों में किन-किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है कुछ ऐसी कहानी कहने की कोशिश कर रही है "पैडमैन"। फिल्म के कई सीन और कई डायलॉग झकझोरते हैं। फिल्म में समाज की कुरीतियों को, शर्म को, संवेदना को भर भर कर दिखाया गया है। पीरियड्स को गंदी चीज कहने वालों की सोच शायद फिल्म को देख कर बदले। महिलाओं के अधिकारों की बात करने वाली सरकार शायद महिला की पहली सबसे बड़ी जरूरत सैनिटरी पैड पर जीएसटी हटाए। उसे सस्ता करने के लिए कुछ कदम उठाए कि हर गरीब महिला उन दिनों में साफ-सफाई का ध्यान रखे और खुद को भी कई तरह की होने वाली बीमारियों से बचा सके। जब सिनेमा की परिकल्पना की गई थी तो उसका एक मकसद समाज में मनोरंजन के साथ जागरूकता फैलाना था। लेकिन फिल्म उद्योग पर मनोरंजन और कॉमर्स इतना हावी हुआ कि मकसद पीछे ही रह गया। 'पैडमैन' आज की जरूरत की फिल्म है जिसे परिवार के साथ देखना चाहिए। परिवार के साथ अगर हिचकिचाहट हो रही हो तो लड़कों को समूह में जाकर इस फिल्म को देखना चाहिए जैसे वो दसवीं की बायलॉजी की किताब के पिछले पन्नों को पढ़ते हैं। समाज को खासक...

Padman Offer: ये आसान काम करने पर अक्षय कुमार खुद भेजेंगे फिल्म का ट्रेलर/ Akshay Kumar Special Offer For Padman Trailer

नई दिल्ली: अक्षय कुमार इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म 'पैडमैन' के प्रमोशन में लगे हुए हैं. कल ही फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने वाला है ऐसे में अक्षय कुमार ने अपने फैंस को एक स्पेशल ऑफर दिया है. ऑफर है जो अक्षय के ट्वीट के रीट्वीट करेगा अक्षय कुमार उसे खुद सोशल मीडिया पर मैसेज के जरिए फिल्म का ट्रेलर भेजेंगे. कुछ ही देर पहले अक्षय कुमार ने सोशल मीडिया पर एक ट्वीट के जरिए वीडियो पोस्ट करते हुए कहा है कि 'यहां वह खबर है जिसका आप लोग इंतजार कर रहे थे! देखें और पैडमैन का ट्रेलर खुद 'पैडमैन' के द्वारा पाने के लिए इसे रीट्वीट करना न भूलें.' इसके साथ ही वीडियो में दिखाया गया है कि लोग पूछ रहे हैं कब आएगा 'पैडमैन' का ट्रेलर इसके बाद इसे लेकर अक्षय कहते हैं, 'मानना पड़ेगा आपकी एक्साइटमेंट को! तो बस तैयार हो जाओ क्योंकि पैडमैन का ट्रेलर आ रहा है कल. रीट्वीट करो इस ट्वीट को और मैं खुद आपको भेजूंगा ट्रेलर. तब तक के लिए एक छोटी सी झलक.' So here's the news you've been waiting for! Watch and don't forget to RETWEET to get the — Akshay Kumar (@akshaykumar) इसके बाद वीडियो के अंत में एक सीन दिखाया जाता है जिसमें अक्षय कुमार साइकिल चला रहे हैं. तो देर किस बात की जल्द ही अक्षय कुमार के इस ट्वीट को रीट्वीट करें और कल खुद अक्षय कुमार भेजेंगे. फिल्म की बात करें तो ये फिल्म 26 जनवरी को रिलीज होने वाली है. अक्षय कुमार की इस फिल्म को उनकी पत्नी ट्विंकल खन्ना ने प्रोड्यूस किया है. यह एक बायॉपिक फिल्म है जो रियल लाइफ हीरो अरुणाचलम मुरुगनाथम पर आधारित है. उन्होंने महिलाओं के लिए पैड मेकिंग मशीन बनाई ताकि उन्हें सस्ते दाम पर सैनिटरी नैपकिन मिल सके. फिल्म की कास्ट की बात करें तो फिल्म में अक्षय कुमार के साथ ...

Box Office: 10 दिन बाद भी 100 करोड़ क्‍लब से दूर Padman, इस मूवी ने किया नुकसान

अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन बेशक भारत में सौ करोड़ क्लब में शामिल न हुई हो, लेकिन वर्ल्डवाइड इस फिल्म ने सौ करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. दस दिन में दुनिया भर में पैडमैन 121 करोड़ कमा चुकी है. धमाकेदार प्रमोशन और अच्छे रिव्यूज के बाद भी फिल्म उम्मीद के मुताबिक कमाई नहीं कर पा रही है. हालांकि हाल ही में रिलीज हुई अय्यारी के मुकाबले पैडमैन की कमाई अभी भी जारी है. अय्यारी पहले वीकेंड में सिर्फ 11 करोड़ ही कमा पाई है. वहीं दस दिन में पैडमैन की कमाई के बारे में ट्रेड एनालिस्ट रमेश बाला ने ट्वीट करते हुए बताया है कि फिल्म का दस दिन का वर्ल्डवाइड बिजनेस 121 करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है. बॉक्स ऑफिस की बात करें, तो हॉलीवुड फिल्म ब्लैक पैंथर से पैडमैन को कड़ी टक्कर मिल रही है. अमेरिकन सुपरहीरो फिल्म पहले ही वीकेंड में 19 करोड़ से ज्यादा कमा चुकी है. Nett - ₹ 71.90 cr Gross - ₹ 92 cr. Overseas: Gross - ₹ 29 cr. [US$ 4.50 M] Total - ₹ 121 cr. — Ramesh Bala (@rameshlaus) ये भी दिलचस्प है कि अक्षय कुमार ने सिर्फ महिलाओं की जागरुकता के लिए पैडमैन जैसी फिल्म ही नहीं बनाई है, वो इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीर हैं. फिल्म रिलीज के एक हफ्ते बाद ही अक्षय ने मुंबई सेंट्रल एसटी बस डिपो पर एक पैड वेंडिंग मशीन भी इंस्टॉल करवाई है. — taran adarsh (@taran_adarsh) बता दें कि पैडमैन फिल्म को अक्षय की पत्नी ट्विंकल खन्ना ने प्रोड्यूस किया है. ये फिल्म सोशल एंटरप्रेन्योर और एक्टिविस्ट अरुणाचलम मुरुगनांथम की जिंदगी पर आधारित है. अरुणाचलम ने महिलाओं के लिए सस्ते सैनिटरी पैड बनाकर उनमें जागरुकता लाने का काम किया था. प्रियांक ने क्यों किया बेनाफ्शा को ब्लॉक

पैडमैन

अनुक्रम • 1 पात्र • 2 कहानी • 3 फिल्म शूटिंग • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ • 6 बाहरी कड़ियाँ पात्र [ ] • • • • कहानी [ ] कहानी की शुरुआत लक्ष्मी (अक्षय कुमार) और गायत्री (राधिका आप्टे) के विवाह से शुरू होती है जो कि एक खुशहाल और भाग्यशाली दंपति हैं। लक्ष्मी अपनी पत्नी को बेहद प्यार करता था और उसके लिए कुछ भी करने को तैयार था। मासिक धर्म को लेकर गांव में एक रूढ़िवादी सोच के चलते उस दौरान गायत्री को घर का काम-काज नहीं करने दिया जाता था और उस पांच दिन के दौरान उसे अपने पति से अलग बाहर दूसरे बिस्तर पर सोना पड़ता था। गांव के युवाओं के द्वारा इसे 'औरतों का पांच दिन का टेस्ट मैच' भी कहा गया जिसके विषय में लक्ष्मी बिल्कुल अनभिज्ञ था, लक्ष्मी इस पर शांत था लेकिन माहवारी के दौरान जब वह अपनी पत्नी गायत्री को फटे-पुराने गंदे कपडे इस्तेमाल करते हुए देखता तो उसे अच्छा नहीं लगता और वह परेशान हो जाता है।इस विषय पर जब वह गायत्री से बात करता तो वह कहती हैं कि इसका मर्दों से कोई लेना-देना नहीं है और एक मर्द होने के नाते उसे औरतों के विषय में दखल देने की कोई जरूरत नहीं है, वे उनका मामला है वे खुद इससे निपटा लेंगी। इन सबके बावजूद भी लक्ष्मी को रहा नहीं गया और वो मेडिकल स्टोर पर जाकर ₹55 का एक लक्ष्मी बिना कुछ सोचे-समझे उसकी चोट पर सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करता है ताकि रक्त प्रवाह कम हो सके। वहीं दूसरी ओर अन्य लोग इसे 'अपवित्र' मानते हैं। इसके बाद लक्ष्मी तुरंत उस कारीगर को अस्पताल ले जाता हैं जहां डॉक्टर लक्ष्मी को शाबाशी देते हैं और कहते हैं कि रक्तस्राव रोकने के लिए सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल एक बेहतर विकल्प है। लक्ष्मी बहुत खुश होता है और उसे एक उपाय सूझता है। फिर वह कुछ रूई , कपड़े और ...

आखिर हर किसी क्यों देखनी चाहिए अक्षय कुमार की फिल्म 'पैडमैन'?

नई दिल्ली: सैनेटरी पैड और पीरियड जैसे मुद्दे पर बनी अक्षय कुमार की मच अवेटेड फिल्म 'पैडमैन' रिलीज हो चुकी है. फिल्म के गाने पहले ही आम लोगों को गुनगुनाने के लिए मजबूर कर रहे हैं और अब कहा जा रहा है कि इस फिल्म के जरिए अक्षय कुमार अपनी बात दर्शकों तक आसान भाषा में पहुंचाने में कामयाब रहे हैं. लेकिन दर्शकों के मन में एक सवाल अब भी है कि आखिर क्यों देखें अक्षय कुमार की फिल्म 'पैडमैन'? क्यों देखें अक्षय कुमार की फिल्म ' पैडमैन ' फिल्म एक ऐसे मुद्दे पर बनी है कि जिसपर लोग खुल कर बात करना तो दूर एक शब्द भी बोलने या सुनने से शर्माते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि इस फिल्म को हर किसी को क्यों देखनी चाहिए? तो हम आपको बता दें कि ये फिल्म हर किसी को इसलिए देखनी चाहिए ताकि वो आसानी से समझ सके कि पीरियड औरतों की बीमारी नहीं है. हां, अगर उसे लेकर सावधान नहीं रहे तो बीमारी जरूर हो सकती है. घर हो, परिवार हो या फिर स्कूल. इसके बारे में खुलकर बात होनी चाहिए. पीरियड्स को लेकर ना शर्माने की जरूरत है और ना ही छिपाने वाली कोई बात. आपको जानना चाहिए कि 15 से 24 साल की उम्र की लड़कियों में से 42 फ़ीसदी ही सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं, बाकी 62 फ़ीसदी कपड़े, पत्ते या फिर राख तक का इस्तेमाल करती हैं जिससे कई बड़ी बीमारियां होती हैं. यहां पढ़ें सोच बदलेगी तभी हालात बदलेंगे ये आंकड़े कुछ समय पहले नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे ने जारी किए थे. ये फिल्म आपको यही समझाने में मदद करेगी कि ये शर्माने का नहीं बल्कि कुछ कर दिखाने का मौका है. सोच बदलेगी तभी हालात बदलेंगे. तो इस वीकेंड आप अपने परिवार के साथ कुछ नया देखिए ताकि जिस पर आपने अबतक कोई बात नहीं कि वो फिल्म के जरिए कुछ ही घंटो में समझ आ जाए. कुछ डायलॉग सोच...

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1 / 2 अक्षय कुमार की मोस्ट अवेटेड फिल्म पैडमैन आखिरकार बड़े परदे पर रिलीज हो चुकी है। फिल्म को दर्शकों और आलोचकों का बराबर प्यार मिल रहा है। लेकिन रियल लाइफ पैडमैन इस फिल्म के बारे में क्या सोचते हैं, ये जानकर आप हैरान हो जाएंगे। क्योंकि, फिल्म को देखते हुए उनकी आंखों से आंसू निकल आए। इमोशनल हुआ रियल लाइफ का 'पैडमैन'... फिल्म पैडमैन अरुणाचलम मुरुगनाथम की लाइफ पर बेस्ड हैं। खबरों की माने तो बुधवार को अरुणाचलम ने अक्षय कुमार की ये फिल्म देखी थी, जो उन्हें काफी पसंद आई। मुरुगनाथम के मुताबिक ‘इस फिल्म के जरिए मैंने अपनी ही जिंदगी को दोबारा जी लिया है। मैंने अपनी जिंदगी में अब तक क्या-क्या किया और कैसे-कैसे किया, सब मेरी आंखों के सामने आ गया। मुझे नहीं लगता कि मेरी जिंदगी को इतनी खूबसूरती से कोई दूसरा इंसान पर्दे पर उतार सकता था। मुझे खुशी है कि पैडमैन में मेरे सफर को अच्छी तरह से दिखाया गया है। ये फिल्म देखकर मैं इमोशनल हो गया।’ अगर पूरी तरह रियल लाइफ पर बेस्ड होती तो... जब मुरुगनाथम अरुणाचलम से यह पूछा गया कि क्या आप फिल्म से 100 प्रतिशत संतुष्ट हैं तो उन्होंने बताया, ‘फिल्म पैडमैन में मेरी जिंदगी का 80 प्रतिशत हिस्सा दिखाया गया है। यह मूवी 100% मेरी लाइफ पर बेस्ड नहीं है। अगर यह पूरी तरह से मेरे ऊपर आधारित होती तो एक डॉक्यूमेंट्री की लगती। हालांकि, मुझे फिल्म बहुत अच्छी लगी है।’ 2 / 2 मुरुगनाथम ने फिल्म पैडमैन के बारे में बात करते हुए बताया कि, ‘आखिरी बार मैंने साल 1975 में आयी फिल्म शोले देखी थी। जो कि मेरे पिता ने मुझे दिखाई थी। उसके बाद मैंने अब अपनी ही कहानी को पर्दे पर देखा है। हालांकि अब मेरी कहानी को देखने के लिए मेरे पिता मेरे साथ नहीं है लेकिन मुझे पूरी उम्मीद है कि...