Pehli audyogik kranti kahan hui

  1. औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम कहाँ प्रारंभ हुई थी?
  2. Guerrilla phase of the Second Chechen War (2008)
  3. औद्योगिक क्रांति का प्रसार एवं प्रभाव
  4. Main Answer Writing Practice
  5. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
  6. औद्योगीकरण का अर्थ, सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
  7. औद्योगिक क्रांति


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औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम कहाँ प्रारंभ हुई थी?

Manvendra Singh Rathore Teacher 0:12 चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। नमस्कार औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम कहां शुरू हुई तो देख ही सही जवाब है औद्योगिक क्रांति की शुरुआत सर्वप्रथम हुए इंग्लैंड हुई थी नाची इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति Romanized Version 742094 ऐसे और सवाल भारत में सबसे पहले औद्योगिक क्रांति कहाँ हुई थी?... आपका सवाल है भारत में सबसे पहले औद्योगिक क्रांति कहां हुई थी 14 की सवाल और पढ़ें GAZIBAR RAHMANTeacher औद्योगिक क्रांति किसे कहते हैं?... औद्योगिक क्रांति की बात करें तो यह जो है वह इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन को बोला जाता... और पढ़ें GunjanJunior Volunteer औद्योगिक क्रांति क्या है?... और पढ़ें Norang sharmaSocial Worker विश्व में औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम कहाँ हुई थी?... विश्व में औद्योगिक क्रांति के नाम से जो जाना जाता है इसकी शुरुआत इंग्लैंड में... और पढ़ें Abhishek KumarVolunteer औद्योगिक क्रांति के बारे में बताएं?... औद्योगिक क्रांति सबसे पहले इंग्लैंड में प्रारंभ हुई थी इससे उद्योग धंधों को विकास और और पढ़ें MD ARSHAD ANSARITeacher औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम कहाँ हुई थी?... उद्योग क्रांति की सबसे पहले इंग्लैंड में 1844 में हुई धन्यवाद और पढ़ें HAIDAR ALI औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम किस देश में हुई?... उद्योग इकरार प्रथम किस देश ने इसका उत्तर है औद्योगिक क्रांति है वह सर्वप्रथम इंग्लैंड... और पढ़ें Manvendra Singh RathoreTeacher इंग्लैंड में सर्वप्रथम औद्योगिक क्रांति हुई थी?... रशियन रिवॉल्यूशन जिसे औद्योगिक क्रांति कहते हैं इंग्लैंड मैच की शुरुआत 18 से 44 ईसवी... और पढ़े...

Guerrilla phase of the Second Chechen War (2008)

Contents • 1 Timeline • 1.1 January • 1.2 February • 1.3 March • 1.4 April • 1.5 May • 1.6 June • 1.7 July • 1.8 August • 1.9 September • 1.10 October • 1.11 November • 1.12 December • 2 References Timeline [ ] January [ ] • January 1 – Three high-ranking police officers were assassinated in a separate incidents in Chechnya and Dagestan, local Interior Ministry officials said. • January 8 – Police killed two rebels in the Derbent district of Dagestan, Russian media reported. • January 10 – Six rebels were killed during a two-day operation's in Tabasaran district of Dagestan, Dagestan Interior Ministry said. Doku Umarov's men was killed in Grozny, Chechen Interior Minister said. • January 14 – An apartment siege in Makhachkala, capital of Dagestan, ended with three alleged guerrillas killed and one policeman injured, the local police chief said. In Chechnya gunmen killed one police officer and wounded another in a southern forested area. • January 15 – Police attacked a home in Grozny, killing four suspected rebels, including Uvais Tachiyev, the alleged leader of a rebel group, while one OMON officer was wounded, Chechnya's Interior Ministry said. • January 16 – RIA Novosti reported that one police officer was killed and six others wounded in the a clash with rebels in the Vedensky District, and that one militant was killed in retaliatory fire. Itar Tass reported that the body of the deputy commander of the Ingushetian OMON, Karabulak, Ingushetia with numerous gunshot wound...

औद्योगिक क्रांति का प्रसार एवं प्रभाव

सामान्य अर्थ में, औद्योगिक क्रांति से तात्पर्य औद्योगिक उत्पादन प्रणाली में हुए उन मौलिक परिवर्तनों से है, जिनके कारण परम्परागत कृषि एवं उद्योग धंधों की जगह नए प्रकार के वृहद एवं आधुनिक कारखानों में बड़े पैमाने पर उत्पादन प्रारंभ हुआ एवं यातायात के नवीन साधनों के विकास के द्वारा उनके बड़े पैमाने पर विपणन संभव हुआ। 17वीं और 18वीं शताब्दी में हुए अनेक वैज्ञानिक खोजों एवं विज्ञान का तकनीक के क्षेत्र में प्रयोग होने औद्योगिक क्रांति की आधारभूमि तैयार हुई। साथ ही, यूरोप में पूंजीवादी व्यवस्था की स्थापना होने से बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं धन का अधिक उत्पादन करने के लिए कुशलतापूर्वक उपयोग करने को प्रोत्साहन मिला। कृषि, यातायात व उत्पादन के क्षेत्र में नवीन विकास एवं कच्चे माल की उपलब्धता व विनिर्मित मालों के लिए बाजार तक पहुँच-इन बातों ने मिलकर औद्योगिक क्रांति को संभव एवं सफल बनाया। इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि विज्ञान एवं तकनीक ने प्रथमतः औद्योगिक क्रान्ति का सूत्रपात इंग्लैंड में किया जबकि वैज्ञानिक विचारधारा के मामले में 18वीं शताब्दी एवं 19वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में में अग्रणी राष्ट्र फ्रांस था, जहाँ अनेक महान भौतिकविदों, रसायन शास्त्रियों, जीव वैज्ञानिकों एवं गणितज्ञों ने वैज्ञानिक ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया। फिर भी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत इंग्लैंड में हुई। इसके कुछ प्रमुख कारण अग्रांकित हैं: 1.) इंग्लैंड एक द्वीपीय देश होने कारण अनेक व्यापारिक बंदरगाहों से सम्पन्न था एवं समुद्री व्यापार के लिए वहाँ अनुकूल परिस्थितियां विद्यमान थी। एक सुदृढ़ नौसेना के कारण वह बाह्य आक्रमणों से भी काफी हद तक सुरक्षित था, एवं अपने व्यापारिक हितों की भी रक्षा कर सकता था। व...

Main Answer Writing Practice

उत्तर : भूमिका: औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के बारे में बताते हुए उत्तर प्रारंभ करें- 18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आर्थिक व तकनीकी क्षेत्र में हुए व्यापक परिवर्तनों के कारण घरेलू उत्पादन प्रणाली का स्थान कारखाना उत्पादन प्रणाली ने ले लिया। इन परिवर्तनों से आधुनिक व्यापार प्रणाली का विकास हुआ व उत्पादन और व्यापार में अप्रत्याशित वृद्धि हुई, जिसे औद्योगिक क्रांति की संज्ञा दी जाती है। विषय-वस्तु विषय-वस्तु के पहले भाग में हम इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के शुरू होने के कारणों पर चर्चा करेंगे- • 1688 की गौरवपूर्ण क्रांति के परिणामस्वरूप इंग्लैंड में सर्वप्रथम सामंत वर्ग की अवधारणा से इतर मध्यम वर्ग का उदय हुआ। ये मध्यम वर्ग के उद्योगपति और व्यापारी ही थे जिन्होंने इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति को सफल बनाया। औपनिवेशिक क्षेत्रों के शोषण व दास व्यापार से पर्याप्त पूंजी उपलब्ध हो सकी। • कृषि क्रांति से छोटे कृषक स्वतंत्र मजदूर में परिवर्तित हो गए जिससे सस्ता श्रम उपलब्ध हुआ। • तकनीकी व वैज्ञानिक क्षेत्र में व्यापक विकास एवं नए-नए आविष्कार, जैसे- वाष्प इंजन, फ्लाइंग शटल, स्पिनिंग जेनी आदि ने औद्योगिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया। • लोहा, कोयला व अन्य प्राकृतिक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता। अनुकूल राजनीतिक वातावरण एवं व्यापार नीतियों से संबंधित कारण अन्य देशों में भी उपलब्ध थे परंतु इंग्लैंड में ही औद्योगिक क्रांति होने का मुख्य कारण वहाँ पर तकनीकों व नवीन व्यापार प्रणालियों को मध्यम वर्ग द्वारा आत्मसात् करना था जिसमें सरकार की भूमिका भी सहायक रही, वहीं प्राँस जैसे देशों में सरकारी नियंत्रण ने औद्योगिक क्रांति की सफलता को बाधित किया। इसके साथ ही उपनिवेशों के बाजारों पर ब्रिटि...

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

प्राचीन समय से ही विदेशी हमलावर हमेशा भारत आने को उत्सुक रहे हैं, फिर चाहे वो आर्य, फारसी, ईरानी, मुगल, चंगेज खान, मंगोलियाई या सिकंदर ही क्यों ना हों। अपनी समृद्धि और खुशहाली के कारण भारत हमेशा से आक्रमणकारियों और शासकों की रुचि का कारण रहा। भारत की आजादी का इतिहास 1757 में पलासी के युद्ध के बाद ब्रिटिश भारत में राजनीतिक सत्ता जीत गए और यही वो समय था जब अंग्रेज भारत आए और करीब 200 साल तक राज किया। 1848 में लाॅर्ड डलहौजी के कार्यकाल के दौरान यहां उनका शासन स्थापित हुआ। उत्तर-पश्चिमी भारत अंग्रेजों के निशाने पर सबसे पहले रहा और 1856 तक उन्होंने अपना मजबूत अधिकार स्थापित कर लिया। 19वीं सदी में अंग्रेजों ने अपने शासन में सबसे उंचाई को छुआ। नाराज़ और असंतुष्ट स्थानीय शासकों, किसानों और बेरोजगार सैनिकों ने विद्रोह कर दिया जिसे आमतौर पर ‘1857 का विद्रोह’ या ‘1857 के गदर’ के तौर पर जाना जाता है। 1857 का विद्रोह यह गदर मेरठ में बेरोजगार सैनिकों के विद्रोह से शुरु हुआ। उनकी बेरोजगारी का कारण वो नई कारतूस थी जो नई एनफील्ड राइफल में लगती थी। इन कारतूसों में गाय और सूअर की चर्बी से बना ग्रीस था जिसे सैनिक को राइफल इस्तेमाल करने की सूरत में मुंह से हटाना होता था। यह हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों के सैनिकों को धार्मिक कारणों से मंजूर नहीं था और उन्होंने इसे इस्तेमाल करने से मना कर दिया था जिसके चलते वो बेरोजगार हो गए। जल्दी ही यह विद्रोह फैल गया खासकर दिल्ली और उसके आसपास के राज्यों में, लेकिन यह विद्रोह असफल रहा और अंग्रेजों की सेना ने इसका जवाब लूट और हत्याएं करके दिया जिसके चलते लोग निराश हो गए। इस विद्रोह ने दिल्ली, अवध, रोहिलखंड, बुंदेलखंड, इलाहाबाद, आगरा, मेरठ और पश्चिमी बिहार ...

औद्योगीकरण का अर्थ, सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

औधोगिकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे आधुनिकतम प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाता है और जिसका उद्देश्य उत्पादन के साधनों मे वृद्धि करना, मनुष्यों के श्रम की जगह मशीनों पर निर्भर करना और कम से कम मेहनत मे जीवन स्तर को ऊपर उठाना होता है। इसके माध्यम से मनुष्यों की मशीन पर निर्भरता बढ़ती है और प्रकृति पर मनुष्यों के नियंत्रण मे वृद्धि होती है। औधोगिकरण कोई ऐसी प्रक्रिया नही है जो कल-कारखानों तक ही सीमित रहती है बल्कि यह मूलतः एक आर्थिक प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत मशीनों के माध्यम से उत्पादन मे वृद्धि की जाती है। औद्योगीकरण और नागरीकरण एक सिक्के के पहलू हैं अर्थात् औद्योगीकरण और नगरीकरण से उत्पन्न सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभावों में कोई भिन्नता नही है। औद्योगीकरण की प्रक्रिया से नगरों का विकास तेजी से होता है। जिस स्थान पर औद्योगीकरण होता है वहा लोग रोजगार के लिए आने लगते है और जनसंख्या में बढ़ोतरी होने गलती है। औद्योगीकरण के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव औद्योगीकरण के सामाजिक प्रभाव 1. अपराधों में वृध्दि औद्योगीकरण के प्रभाव स्वरूप अपरोधों मे वृध्दि होती है। क्योंकि ग्रामीण सामाज के लोग रोजगार के लिए औद्योगीक क्षेत्र मे आने लगते है। यहां पर उन्हें जो वातावरण मिलता है उससे वह अनिविज्ञ होते है। जिसकी वजह से वह तनाव और चिंता से घिर जाते है। यहां पर उन्हें अनौपचारिक सम्बन्धों का अभाव मिलता है। इसलिए वह व्यसनों शराब जैसी आदि लतों से घिर जाते है। 2. आधुनिकीकरण में वृध्दि औद्योगीकरण से आधुनिकीकरण में वृध्दि होती है। क्योकि औद्योगीकरण में उत्पादन मे नई तकनीक का प्रयोग, नया बजार, यातायाता के साधन आदि आधुनिकीकरण की पृष्ठभूमि तैयार करते है। 3. स्त्रियों की स्थित में परिवर्तन नागरीकरण की तरह ही औद्योगी...

औद्योगिक क्रांति

औद्योगिक क्रांति का अर्थ जब गृह उद्योगों की अपेक्षा कारखानों में विशाल पैमाने पर वस्तुओं का उत्पादन किया जाने लगा जिसके परिणामस्वरूप व्यवसाय , यातायात , संचार आदि क्षेत्रों में परिवर्तन हुए। उन सभी परिवर्तनों को हम सामूहिक रूप से औद्योगिक क्रांति कहते हैं। इस प्रकार उत्पादन के साधनों में जो क्रांतिकारी परिवर्तन हुए , उसे औद्योगिक क्रांति कहा जाता है। इतिहासकार डेविस ने औद्योगिक क्रांति की परिभाषा देते हुए लिखा है कि , “ औद्योगिक क्रांति का अभिप्राय उन परिवर्तनों से है जिन्होंने यह सम्भव कर दिया है कि मनुष्य उत्पादन के प्राचीन साधनों को त्याग कर बड़े पैमाने पर विशाल कारखानों में वस्तुओं का उत्पादन कर सके। ” डॉ. पी.बी. सक्सेना ने इस क्रांति का अर्थ स्पष्ट करते हुए लिखा है कि , “ उत्पादन के साधनों में परिवर्तन हो जाने का नाम ही औद्योगिक क्रांति है। ” इतिहासकार हेजन का कथन है कि , “ औद्योगिक क्रांति से तात्पर्य गृह उद्योग-धन्धों का मशीनीकरण है। ” केसिलडीन के अनुसार “ औद्योगिक क्रान्ति एक-दूसरे से सम्बद्ध तीन क्षेत्रों से उत्पन्न प्रक्रिया का परिणाम है। ये तीन क्षेत्र हैं ( i) आर्थिक संगठन ( ii) तकनीकी और ( ii) व्यापारिक ढाँचा। एक अन्य इतिहासकार का कथन है कि , “ औद्योगिक क्रांति परिवर्तन की उस स्थिति का द्योतक है , जिसके कारण प्राचीनकाल के सीमित गृह-उद्योगों की अपेक्षा वाष्प या विद्युत यन्त्रों की सहायता से कारखानों में बहुत बड़ी मात्रा में वस्तुओं का उत्पादन हो रहा है। ” औद्योगिक क्रान्ति का तात्पर्य कुटीर उद्योग में आमूल-चूल परिवर्तन से है। औद्योगिक क्रांति का काल औद्योगिक क्रांति का कार्यकाल निर्धारित करना कठिन है। इतिहासकार टायनबी का कथन है कि , “ औद्योगिक क्रांति एक आकस्मि...