फिस्टुला क्यों होता है

  1. Vaginal Fistulas: वजाइनल फिस्टुला के कारण, लक्षण और उपचार
  2. piles, fissure and fistula cause, sign, symptoms and cure
  3. भगन्दर के कारण, लक्षण और होम्योपैथिक इलाज — Homeopathy Treatment Of Fistula In Hindi
  4. फिस्टुला कौन सी बीमारी होती है? – Expert
  5. HealthCare : फिस्टुला क्या है और क्यों होता है?!!What is fistula and why does it happen?
  6. किस तरह का रोग है फिस्टुला, जानिए इसका उपचार
  7. फिस्टुला को हिंदी में क्या कहते हैं? – ElegantAnswer.com
  8. रेक्टल फिस्टुला
  9. फिस्टुला (भगंदर) के प्रकार, कारण, लक्षण, परीक्षण और इलाज
  10. फिस्टुला का सबसे अच्छा इलाज कहाँ से पाए


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Vaginal Fistulas: वजाइनल फिस्टुला के कारण, लक्षण और उपचार

Mousumi Dutta Author | 1 Articles Follow हमें पता है कि आप वजाइनल फिस्टुला के नाम से अनजान है। कई बार डिलीवरी के समय लंबे समय तक लेबर पेन में रहने के कारण वजाइनल फिस्टुला की समस्या हो जाती है। इस समस्या के कारण वजाइना के छेद से मूत्र, गैस और मल सब कुछ पास होने लगता है। मुश्किल की बात यह है कि अपनी उंगलियों को योनि में डालने से वजाइना फिस्टुला महसूस नहीं कर सकते है। इसके कारण शायद ही कभी दर्द या परेशानी होती हो। लेकिन आप में पेशाब का रिसाव, दर्दनाक संभोग या बढ़े हुए संक्रमण जैसे अन्य लक्षण दिखाई देने की संभावना रहती है। इसलिए वजाइनल फिस्टुला को समझने के लिए सबसे पहले वजाइनल फिस्टुला क्यों होता है और इसके क्या लक्षण होते हैं, इसके बारे में विस्तार से जानना जरूरी होगा। चलिए आगे इसके बारे में पहले जान लेते हैं। वजाइनल फिस्टुला क्या होता है? What is Vaginal Fistulas वजाइनल फिस्टुला एक गुफा जैसा ओपनिंग होता है जो वजाइना की दिवार में विकसित होता है। वजाइना, वल्वा(बाहरी महिला जननांग) और सर्विक्स, गर्भाशय के मुंह के बीच का मस्कुलर ट्युब होता है। वजाइना और यूरिनरी सिस्टेम या डाइजेस्टिव सिस्टेम का एक अंग वजाइनल फिस्टुला होता है। वजाइना के दिवार के टीशू को नुकसान पहुँचने के कारण एक छेद बन जाता है, जहाँ यह नहीं होता है। असल में डिलीवरी के दौरान लंबे समय तक लेबर पेन सहने या पेल्विक सर्जरी के कारण वजाइनल फिस्टुला बनता है। वजाइना में यह ओपनिंग तब बनता है, जब वजाइना के टीशू मर जाते है और यूरीनरी या डाइजेस्टिव सिस्टेम के बीच छेद बन जाता है। इसमें सबसे कॉमन टाइप है, वेसिको वजाइनल फिस्टुला, जो वजाइना और ब्लाडर के बीच बनता है। सांत्वना की बात यह है कि सर्जरी के द्वारा फिस्टुला को बंद किया जा स...

piles, fissure and fistula cause, sign, symptoms and cure

बवासीर, फिस्टुला और फिशर ये तीनों गुदा द्वार (anus)में होने वाली बीमारियां हैं जो बेहद परेशान करती हैं। गुदा द्वार 4-5 सेमी लंबा होता है जिससे हम सभी स्टूल पास करते हैं। ये तीनों परेशानियां एनस में ही होती है। पाइल्स, फिस्टुला और फिशर तीनों बीमारियां खराब डाइट और खराब लाइफस्टाइल की वजह से होती हैं। इन बीमारियों के कारणों की बात करें तो कब्ज, पाचन संबंधी दिक्कतें, गैस की परेशानी और मोटापा की वजह से पनप सकती हैं। आइए जानते हैं कि तीनों बीमारियां कैसे एक दूसरे से भिन्न हैं और उनके लक्षण कौन कौन से हैं। पाइल्स क्या है: पाइल्स की परेशानी गुदा के टर्मिनल हिस्से में सूजन वाली नसें हैं। ये बीमारी ज्यादातर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को होती है। पाइल्स दो तरह की होती है एक खूनी बवासीर और दूसरी बादी बवासीर। खूनी बवासीर में मस्से खूनी सुर्ख होते हैं और उनसे ब्लड आता है, जबकि बादी बवासीर में मस्से काले रंग के होते है और मस्सों में दर्द और सूजन की शिकायत होती है। बवासीर के साथ होने वाला दर्द, रक्तस्राव और तेज खुजली बेहद परेशान करती है। फिशर क्या है? फिशर गुदा के चारों ओर एक कट या दरार है जो बहुत दर्दनाक होता है। जिन लोगों को फिशर की परेशानी होती है उन्हें स्टूल पास करने के लिए काफी जोर लगाना पड़ता है। फिशर की परेशानी कब्ज की वजह से या फिर भारी सामान उठाने की वजह से हो सकती है। ये परेशानी 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को ज्यादातर परेशान करती है। फिशर के लक्षण: इस परेशानी में गुदा से खून या मवाद आ सकता है, गुदा के आस-पास जलन या खुजली होना, गुदा के आस-पास के क्षेत्र में खुजली होना, गुदा के पास के क्षेत्र में तेज जलन होना शामिल है। फिस्टुला क्या है? फिस्टुला जिसे भगंदर भी कहते हैं। ये एक...

भगन्दर के कारण, लक्षण और होम्योपैथिक इलाज — Homeopathy Treatment Of Fistula In Hindi

जीवनशैली और खासकर खान पान खराब यानी की अनहेल्दी होने के कारण आज हर इंसान किसी न किसी बीमारी से परेशान है। इन्ही बीमारियों में से एक बीमारी भगन्दर है। प्रिस्टीन केयर के इस ब्लॉग में आज हम आपको भगन्दर के कारण, भगन्दर के लक्षण और भगन्दर के होम्योपैथिक इलाज के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। इस ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद, कुछ सावधानियों को बरतने के बाद आप खुद को इस बीमारी से बचाने या अगर आप इस बीमारी से पीड़ित हैं तो घर बैठे होम्योपैथी दवाओं की मदद से इसका बेहतर इलाज करने में कामयाब हो पाएंगे। इसे भी पढ़ें: Table of Contents • • • • • • • • • भगन्दर (फिस्टुला) क्या है — What Is Fistula In Hindi — Fistula In Hindi — Bhagandar Kya Hai भगन्दर को अंग्रेजी में फिस्टुला (Fistula) कहा जाता है। यह एक गंभीर शारीरिक बीमारी है। इससे पीड़ित होने की स्थिति में आपके एनस में या उसके आस पास फोड़े और फुंसियां बन जाते हैं। जिसके कारण एनस में घाव और जख्म बनने लगते हैं। घाव और जख्म के कारण वहां खुजली, दर्द और जलन शुरू हो जाती है। इसे ही मेडिकल की भाषा में भगन्दर कहा जाता है। भगन्दर होने पर एनस के आस पास लाल चकत्ते बन जाते हैं तथा प्रभावित स्थान का रंग भी पीला पड़ जाता है। इसे पढ़ें: कुछ समय के बाद फोड़े और फुंसियों में मवाद यानी की पस बन जाता है जो धीरे धीरे रिसना शुरू हो जाता है। पस से बदबू भी आती है। कुछ समय बीतने के बाद भगन्दर अपना मुंह दूसरी तरफ भी बना लेता है जिसके कारण मरीज की परेशानियां भी दोगुनी हो जाती हैं। इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद आपको चलने फिरने, उठने, बैठने, लेटने, अपने दैनिक जीवन के कामों को करने और खासकर स्टूल पास करते समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसे भी पढ़ें: अगर इस...

फिस्टुला कौन सी बीमारी होती है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • फिस्टुला कौन सी बीमारी होती है? फिस्टुला क्या है? फिस्टुला – गुदा के मध्य भाग में गुदा ग्रंथियां होती हैं, जिनमें संक्रमण हो जाती हैं जिससे और गुदा पे फोड़ा हो जाता है, जिससे मवाद निकलने लगता है। फिस्टुला संक्रमित ग्रंथि को फोड़ा से जोड़ने वाला मार्ग है। फिस्टुला क्यों होता है? फिस्टुला यानी कि भगंदर की समस्या काफी दर्दकारक स्थिति है। मलाशय में संक्रमण के कारण यह समस्या होती है। अगर इसपर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह एक मामूली फोड़े से बढ़कर भयंकर दर्द देने वाली समस्या हो सकती है। महिलाओं की तुलना में पुरुष इससे अधिक प्रभावित होते हैं। फिस्टुला का ऑपरेशन कैसे किया जाता है? इसके तहत बिना चीरफाड़ के मरीज को फिस्टुला की बीमारी से छुटकारा दिलाया जा सकता है। इसमें मोशन के रास्ते के बगल में एक चीरा लगाया जाता है। इसके बाद फिस्टुला के एक एंड की सिलाई कर दी जाती है, ताकि इंफेक्शन और दोबारा बीमारी होने की टेंशन ख्रत्म हो जाए। इसके बाद बाहर का जख्म धीरे-धीरे ठीक हो जाता है। READ: पेट की गर्मी को कैसे खत्म करें? फिस्टुला के ऑपरेशन में कितना खर्चा आता है? मनीष मंडल के मुताबिक नई तकनीक से फिस्टुला के इलाज के लिए जिन उपकरणों की जरूरत होती है, वे संस्थान के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में उपलब्ध हैं। यहां इस तकनीक से इलाज कराने में 10 हजार रुपए खर्च होते हैं, जबकि दूसरे राज्यों में 25 हजार से 50 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ते है। फिस्टुला कितने दिन में ठीक होता है? परम्परागत उपचार विधि में मल त्याग में दिक्कत होती है। फिस्टुला की सर्जरी से होने वाले जख्म को भरने में छह सप्ताह से लेकर तीन माह का समय लग जाता है। वीडियो असिस्टेड एनल फिस्टुला ट्रीटमेंट (वीएएएफटी) ...

HealthCare : फिस्टुला क्या है और क्यों होता है?!!What is fistula and why does it happen?

A healthcare blog is an online platform that provides information and insights related to various aspects of healthcare. It can cover a wide range of topics, including health conditions, medical treatments, healthcare policies, health news, and wellness tips. A healthcare blog can serve as a valuable resource for patients, caregivers, healthcare professionals, and anyone who wants to stay informed about the latest developments in the healthcare industry. It can also provide a platform फिस्टुला: परिभाषा और कारण। फिस्टुला क्या है और क्यों होता है? फिस्टुला शरीर में दो अंगों या संरचनाओं के बीच एक असामान्य संबंध है जो आमतौर पर जुड़ा नहीं होता है। यह कनेक्शन एक असामान्य मार्ग या उद्घाटन बनाता है जो तरल पदार्थ, गैसों या ठोस पदार्थों को शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाने की अनुमति देता है। फिस्टुला शरीर के विभिन्न भागों में हो सकता है, जैसे पाचन तंत्र, मूत्र पथ या प्रजनन प्रणाली। वे सूजन, चोट, संक्रमण, सर्जरी, या विकिरण चिकित्सा सहित विभिन्न कारकों के कारण हो सकते हैं। कुछ मामलों में, फिस्टुला जन्मजात हो सकता है, जिसका अर्थ है कि एक व्यक्ति असामान्य कनेक्शन के साथ पैदा हुआ है। फिस्टुला के सामान्य प्रकारों में शामिल हैं: गुदा नालव्रण: गुदा नहर और गुदा के आसपास की त्वचा के बीच एक असामान्य संबंध। वेसिकोवागिनल फिस्टुला: मूत्राशय और योनि के बीच एक असामान्य संबंध, जो मूत्र असंयम का कारण बन सकता है। Fistula: definition and causes. What is fistula and why does it happen? A fistula is an abnormal connection between two organs or structures in the body that are not usually connecte...

किस तरह का रोग है फिस्टुला, जानिए इसका उपचार

एनल कनाल यानि मल त्यागने के रास्ते में किसी तरह का फोड़ा बहुत ही ख़तरनाक और पीड़ादायक होता है, इसे गंभीरता से लेने की ज़रुरत है। फिस्टुला बीमारी के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं डॉक्टर अरशद अहमद, कोलोरेक्टल सर्जन • क्या है एनल फिस्टुला होने का कारण? • क्या है लक्षण? • कितने तरह का होता है एनल फिस्टुला? • • कैसे करें बचाव? • फिस्टुला जिसे आम भाषा में भगंदर कहते हैं, एक गंभीर बीमारी है जो हमारे गुदा द्वार यानि एनल कनाल के आसपास फोड़े हो जाने की वजह से होती है। दरअसल मल त्यागने के रास्ते के आसपास की मांसपेशियों में कुछ ग्रंथियां होती हैं जिनसे एन्ज़ाइम निकलते हैं और ये मल त्यागने में मदद करते हैं। इन्हीं ग्रंथियों में किसी तरह का इन्फेक्शन होने पर वहां फोड़े हो जाते हैं। जब ये फोड़े बढ़कर फूट जाते हैं, तो इनका एक सिरा एनल कनाल के अंदर रह जाता है जिसे फिस्टुला (भगंदर) कहा जाता है। ये रोग ना सिर्फ ख़तरनाक है बल्कि काफ़ी पीड़ादायक भी होता है। इस बीमारी से पीड़ित मरीज़ खुलकर अपनी तकलीफ़ बताने में भी झिझकते हैं। क्या है एनल फिस्टुला होने का कारण? (What causes anal fistula?) इस बीमारी की शुरूआत इंफेक्शन की वजह से होती है। जब गुदा के आसपास मौजूद ग्रंथियों की नलियां किसी वजह से बंद हो जाएं,तो ऐसे में इंफेक्शन हो जाता है। यही इंफेक्शन आगे जाकर फोड़ा बन जाता है और फोड़े के फटने परयेफिस्टुला बन जाता है।जिन लोगों को फिशर (Fissure) की परेशानी रहती है,उन लोगों में भी फिस्टुला की बीमारी होने का ख़तरा बढ़ जाता है। कब्ज़, डाइबीटीज़, टीबीके मरीज़ोंके साथ-साथ फिस्टुला उन लोगों को भी हो सकता है जिनका इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है। लेकिन सबसे ज्यादा ये बीमारी एनल कनाल कीग्रंथियों में फोड़े होने...

फिस्टुला को हिंदी में क्या कहते हैं? – ElegantAnswer.com

फिस्टुला को हिंदी में क्या कहते हैं? इसे सुनेंरोकेंभगन्दर [Fistula] अंग्रेजी भाषा में इसे फिस्टुला[Fistula] कहते हैं। यह फोड़ा कुछ दिनों में फूट जाता है और उसमें से मवाद तथा दूषित रक्त निकलने लगता है। यह फोड़ा कभी-कभी बहुत चौड़ा तथा गहरा होता है। इस फोड़े के कारण रोगी व्यक्ति को गुदाद्वार के पास बहुत तेज दर्द होता है। भगंदर की पहचान क्या है? इसे सुनेंरोकेंभगंदर के लक्षण: मलद्वार से रक्तस्नाव बुखार लगना, ठंड लगना और थकान होना कब्ज होना, मल नहीं हो पाना गुदा के पास से बदबूदार और खून वाली पस निकलना लैट्रिन की जगह में फोड़ा हो जाए तो उसकी दवा क्या है? इसे सुनेंरोकेंअगर कभी आपको गुदा द्वार के पास फुंसी, फोड़ा वगैरह हो चुका है तो भगंदर से बचने के लिए आपको सावधानियां बरतनी चाहिए। कब्ज या सूखे मल की स्थिति में पर्याप्त मात्रा में फाइबर लें। तरल पदार्थ/पेय का ज्यादा सेवन करें। भगंदर और बवासीर में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंपाइल्स मुख्य रूप से सूजी हुई रक्त वाहिकाएं हैं, जबकि फिशर एक प्रकार की कट या दरारें होती हैं और फिस्टुला एक गुहा का उद्घाटन होता है। पाइल्स ज्यादातर दर्द रहित होता है और ध्यान से ओझल रहता हैं। फिशर में बहुत रहता है। फिस्टुला में गुदा क्षेत्र से मवाद का स्राव होता है। Fistula क्यों होता है? इसे सुनेंरोकेंफिस्टुला में सबसे आम होता है- एनल फिस्टुला यानी भगंदर। यह छोटी नली की तरह होता है, जो आंत के अंतिम हिस्से को गुदा के पास की त्वचा से जोड़ देता है। गुदा नली में पस जमा होने के कारण कई बार ऑपरेशन की जरुरत पड़ जाती है। फिस्टुला का ऑपरेशन कैसे होता है? इसे सुनेंरोकेंक्या है स्लाफ्ट तकनीक इसके तहत बिना चीरफाड़ के मरीज को फिस्टुला की बीमारी से छुटकारा दिलाया जा सकता है...

रेक्टल फिस्टुला

यदि गुदा में एक रेक्टल फिस्टुला का निदान किया जाता है, तो इसे हटाने के लिए समय पर सर्जरी आवश्यक है। रोग खतरनाक है, क्योंकि जब फोड़े खोले जाते हैं, तो नैदानिक ​​रोगी की फोड़े और मृत्यु को बाहर नहीं किया जाता है। रेक्टल फिस्टुला पुरानी पैराप्रोक्टाइटिस की अभिव्यक्ति है, जो बेहद अप्रिय लक्षणों के साथ होती है और समय पर उपचार की आवश्यकता होती है। रेक्टल फिस्टुला क्या हैयह गुदा ग्रंथि में एक भड़काऊ प्रक्रिया है, जो एक पुराने पाठ्यक्रम के लिए प्रवण है। पैथोलॉजी का फोकस सीधे मॉर्गन क्रिप्ट्स के क्षेत्र में केंद्रित है, और यह एक मार्ग है जिसके माध्यम से मवाद, बलगम, इचोर और सूजन के अन्य उत्पाद समय-समय पर उत्सर्जित होते हैं। गुदा फिस्टुला को फिस्टुला भी कहा जाता है, इसे आंतरिक और बाहरी रूप में वर्गीकृत किया जाता है। रोग के लक्षण अनायास बढ़ते हैं, समय पर उपचार की आवश्यकता होती है, ऑपरेशन करना संभव है। लक्षण गुदा के दृश्य निरीक्षण द्वारा पूर्ण बाहरी नालव्रण का निदान किया जा सकता है: वे एक दृश्यमान लुमेन की तरह दिखते हैं, जिसमें पक्षों पर सुगठित संकुचित ऊतक होता है। मलाशय की एक विशिष्ट विकृति की उपस्थिति का पहला संदेह प्यूरुलेंट डिस्चार्ज, दर्द के साथ उत्पन्न होता है, जिसका स्थानीयकरण गुदा है। पैराप्रोक्टाइटिस फिस्टुला के अन्य लक्षण हैं जिन्हें रोगी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह: • गुदा में बेचैनी; • मल का उल्लंघन; • पेशाब में देरी; • गुदा के आसपास की त्वचा की जलन; • उच्च तापमान, बुखार। पुरुषों में लक्षण बाहरी परीक्षा के दौरान घर पर खतरनाक लक्षणों को निर्धारित करना संभव है, और रोगी की सामान्य भलाई तेजी से बिगड़ रही है। उदाहरण के लिए, पुरुषों में मांसपेशियों में कमजोरी, गुदा में दर्द, ...

फिस्टुला (भगंदर) के प्रकार, कारण, लक्षण, परीक्षण और इलाज

उपक्षेप – Introduction भगंदर एक संक्रमित सुरंग है जो गुदा के अंदर से लेकर उसके चारों ओर की त्वचा में कहीं पर भी होती है। अधिकांश गुदा फिस्टुलस एक गुदा ग्रंथि में संक्रमण का परिणाम है जो त्वचा में फैलता है। बवासीर और भगन्दर को एक ही बीमारी न समझें, यह एक बड़ी गलतफहमी है। दरअसल, भगंदर एक ऐसी बीमारी है जिसमें किसी भी दो अंगों या तंत्रिकाओं के बीच एक जोड़ बनता है। जैसे ही यह जोड़ खाली हो जाता है, मवाद और रक्त भी इसमें भरा जा सकता है। यहाँ इस लेख में, हम गुदा फिस्टुला के प्रकार, लक्षण, कारण और उपचार के बारे में बताएंगे। फिस्टुला क्या है – What is Anal Fistula? भगंदर को अंग्रेजी में फिस्टुला कहा जाता है। ज्यादातर मामलों में, गुदा मार्ग में पहले से बने मवाद के कारण मवाद बनता है। जब मवाद अपना रास्ता बनाता है, तो गुदा मार्ग और त्वचा के बीच एक ट्यूब बनता है। जब छेद खुद को ठीक करने में असमर्थ होता है और खुला रहता है, तो भगंदर की समस्या सामने आती है। यह एक गंभीर शारीरिक बीमारी है जो मनुष्यों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। यह गुदा के आसपास और आसपास होने वाले छोटे-छोटे दाने पैदा कर सकता है। और, यह बहुत जल्दी ठीक नहीं होता है। इनके कारण गुदा के भाग पर घाव बन जाते हैं और लाल धब्बे भी पड़ जाते हैं। इससे खुजली और दर्द शुरू हो जाता है। बाद में यह दर्दनाक भगंदर का रूप ले लेता है। गुदा के आसपास का क्षेत्र पीला हो जाता है। अगर सही समय पर भगंदर का इलाज नहीं किया गया तो यह कैंसर का रूप भी ले सकता है। कुछ समय बाद भगंदर दूसरी तरफ भी मुंह बनाता है। दो मुंह वाले गेट के बनने के कारण व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी एक ऐसी स्थिति बन जाती है कि उसका मुंह जांघ के किसी भी हिस्से पर उ...

फिस्टुला का सबसे अच्छा इलाज कहाँ से पाए

भगवान ने हमारे शरीर की संरचना बड़े ही अनोखे ढंग से की है। जब हमारे प्राकृतिक शरीर के साथ कोई अप्राकृतिक काम होता है तो वह शरीर के लिए बड़ी समस्या हो जाती है। फिस्टुला भी गुदा मार्ग के आस-पास होने वाला एक अप्राकृतिक सुरंग है जो किसी दो अंग या दो नसों के जोड़ के कारण उत्पन्न होता है। फिस्टुला रोगी को मलत्याग के दौरान दर्दनाक परिस्थिति से नियमित रूप से गुजरना पड़ता है। फिस्टुला होने पर गुदा क्षेत्र में मवाद और खून की स्थिति बनी रहती है। अगर स्थिति सामान्य न हुई तो इससे इन्फेक्शन हो सकता है जिसके कारण गुदा क्षेत्र में फोड़े आ जाते हैं और जीना दुश्वार हो जाता है। फिस्टुला का सफल इलाज सिर्फ सर्जरी से ही किया जा सकता है। आइये फिस्टुला से जुड़े कारण, लक्षण और उपचार के बारे में जानते हैं साथ ही हम यह जानेंगे कि फिस्टुला के लिए सबसे अच्छा अस्पताल कौन सा है। • गुदा क्षेत्र के आस-पास की गई किसी भी प्रकार की सर्जरी • डायबिटीज • शराब का अधिक सेवन • गुदा क्षेत्र में की गई रेडिएशन थेरेपी भी फिस्टुला का कारण बन सकती है • कब्ज • अगर रोगी टीबी या एचआईवी से पीड़ित है तो उसमें फिस्टुला होने के ज्यादा चांसेस होते हैं • छोटी या बड़ी आंत में सूजन हो जाने के कारण • पाचन संबंधी समस्याएं • क्रोहन रोग (इस रोग में रोगी को लम्बे समय से पाचन संबंधी बीमारी की शिकायत होती है जिसमें रोगी के पाचन तंत्र में सूजन हो जाता है। • मोटापा और धूम्रपान करना फिस्टुला के लक्षण फिस्टुला के कई लक्षण होते हैं। अगर आप इन लक्षणों के नजर आने पर ही फिस्टुला से बचाव शुरू कर दें तो फिस्टुला का इलाज आसानी से किया जा सकता है। • कुछ दिनों के अंतराल में गुदा मार्ग में फोड़े होने • गुदा क्षेत्र को स्पर्श करने पर सूजन महसूस होना और दर्द होना...