पहले विश्व युद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बड़ा

  1. औद्योगिक क्रांति
  2. प्रथम विश्वयुद्ध में भारत का औद्योगिक उत्पादन क्या है? » Pratham Vishwa Yudh Mein Bharat Ka Audyogik Utpadan Kya Hai
  3. NCERT Solutions for Class 10 (Hindi Medium) Social Science History Chapter 5 The Age of Industrialisation - Sid Classes
  4. पहले विश्व युद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बढ़ा? from सामाजिक विज्ञान औधोगीकरण का युग Class 10 CBSE


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औद्योगिक क्रांति

• दे • वा • सं अट्ठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तथा उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में कुछ पश्चिमी देशों के तकनीकी, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक स्थिति में काफी बड़ा बदलाव आया। इसे ही औद्योगिक क्रान्ति (Industrial Revolution) के नाम से जाना जाता है। यह सिलसिला प्रारम्भ होकर पूरे विश्व में फैल गया। "औद्योगिक क्रांति" शब्द का इस संदर्भ में उपयोग सबसे पहले औद्योगिक क्रान्ति का सूत्रपात इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि पिछले दो वित्तीय वर्षों यानी वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए धुबरी और पांडु के बीच ब्रह्मपुत्र में न्यूनतम उपलब्ध गहराई 2.2 मीटर थी। हाल की एलएडी रिपोर्ट के अनुसार, यह गहराई जनवरी, 2022 में और कम होकर 1.5 मीटर तक आ गई। चिलमारी से दाइखावा तक, बिटवा ने 2.2 मीटर की आवश्यक गहराई की पुष्टि की। 16वीं तथा 17वीं शताब्दियों में इंग्लैंड में उन दिनों कुछ नए यांत्रिक आविष्कार हुए। जेम्स के फ़्लाइंग शटल (1733), हारग्रीव्ज़ की स्पिनिंग जेनी (1767), आर्कराइट के वाटर पावर स्पिनिंग फ़्रेम (1769), क्रांपटन के म्यूल (1779),हम्फ्री डेवी (1815) और कार्टराइट के पावर लूम (1785) से वस्त्रोत्पादन में पर्याप्त गति आई। इस प्रकार 18वीं शताब्दी के अंतिम 20 वर्षों में औद्योगिक क्रांति के कारण [ ] • • • व्यापार प्रतिबंधों की समाप्ति • उपनिवेशों का कच्चा माल तथा बाजार • पूंजी तथा नयी प्रौद्योगिकी • पुनर्जागरण काल और प्रबोधन • • कारखाना प्रणाली • हाथों की बजाय मशीनों द्वारा कार्य औद्योगिक क्रांति का प्रभाव [ ] औद्योगिक क्रांति का मानव समाज पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा। मानव समाज के इतिहास में दो प्रसिद्ध क्रांतियां हुई जिन्होंने मानव इतिहास को सर्वाधिक प्रभावित किया। एक क्रांति उस स...

प्रथम विश्वयुद्ध में भारत का औद्योगिक उत्पादन क्या है? » Pratham Vishwa Yudh Mein Bharat Ka Audyogik Utpadan Kya Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। पहले विश्व युद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बनाई जाती लाख भारतीय सैनिकों ने विदेशों में अपनी सेवा दी थी जिनमें से 62000 सैनिक मारे गए थे और में 67000 घायल हो गई थी युद्ध के दौरान कुल मिलाकर 70187 भारतीय सैनिक की मौत की pehle vishwa yudh ke samay bharat ka audyogik utpadan kyon banai jaati lakh bharatiya sainikon ne videshon me apni seva di thi jinmein se 62000 sainik maare gaye the aur me 67000 ghayal ho gayi thi yudh ke dauran kul milakar 70187 bharatiya sainik ki maut ki पहले विश्व युद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बनाई जाती लाख भारतीय सैनिकों ने विद

NCERT Solutions for Class 10 (Hindi Medium) Social Science History Chapter 5 The Age of Industrialisation - Sid Classes

प्रश्न 1.निम्नलिखित की व्याख्या करें – (क)ब्रिटेन की महिला कामगारों ने स्पिनिंग जेनी मशीनों पर हमले किए। (ख)सत्रहवीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गाँवों में किसानों और कारीगरों से काम करवाने लगे। (ग)सूरत बंदरगाह अठारहवीं सदी के अंत तक हाशिये पर पहुँच गया था। (घ)ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में बुनकरों पर निगरानी रखने के लिए गुमाश्तों को नियुक्त किया था। उत्तर (क)जेम्स हरग्रीज़ ने 1764 में स्पिनिंग जेनी नामक मशीन बनाई थी। इस मशीन ने कताई की प्रक्रिया तेज कर दी और मज़दूरों की माँग घटा दी। एक ही पहिया घुमाने वाला एक मजदूर बहुत सारी तकलियों को घुमा देता था और एक साथ कई धागे बनने लगते थे। जब इन मशीनों का प्रयोग शुरू हुआ तो हाथ से ऊन कातने वाली औरतें इस तरह की मशीनों पर हमला करने लगी क्योंकि इस मशीन की वजह से उनका काम छिन गया था। इस मशीन की वजह । से शारीरिक श्रम की माँग घटने के कारण बहुत-सी महिलाएँ बेरोजगार हो गई थीं। इसलिए उन्होंने स्पिनिंग जेनी के प्रयोग का विरोध किया। (ख) • 17वीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गाँवों की तरफ़ रुख करने लगे थे। वे किसानों और कारीगरों को पैसा देते थे और उनसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए उत्पादन करवाते थे। • उस समय विश्व व्यापार के विस्तार और दुनिया के विभिन्न भागों में उपनिवेशों की स्थापना के कारण चीजों की माँग बढ़ने लगी थी। इस माँग को पूरा करने के लिए केवल शहरों में रहते हुए उत्पादन नहीं बढ़ाया जा सकता था। इसलिए नए व्यापारी गाँवों की तरफ जाने लगे। • गाँवों में गरीब काश्तकार और दस्तकार सौदागरों के लिए काम करने लगे। यह वह समय था जब छोटे व गरीब किसान आमदनी के नए स्रोत हूँढ़ रहे थे। • इसलिए जब सौदागर वहाँ आए और उन्होंने माल पैदा करने के लिए ...

पहले विश्व युद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बढ़ा? from सामाजिक विज्ञान औधोगीकरण का युग Class 10 CBSE

इसके निम्नलिखित कारण थे: (i) जब श्रमिकों की बहुतायत होती है तो वेतन गिर जाते हैं। इसलिए, उद्योगपति को श्रमिकों की कमी या वेतन के मद में भारी लागत जैसे कोई परेशानी नहीं थी। उन्हें ऐसी मशीनों में कभी दिलचस्पी नहीं थी जिसके कारण मजदूरों से छुटकारा मिल जाए वह जिन पर बहुत ज्यादा कर चाहने वाला हो। (ii) बहुत सारे उद्योगो में श्रमिकों की माँग मौसमी आधार पर घटती-बढ़ती रहती थी। गैसघरों और शराबखानों में जाड़ों के दौरान खासा काम रहता था। इस दौरान उन्होंने ज़्यादा मज़दूरों की ज़रूरत होती थी। क्रिसमस के समय बुक बाइंडराे और प्रिंटरों को भी दिसंबर से पहले अतिरिक्त मज़दूरों की दरकार रहती थी। (iii) बंदरगाहों पर जहाज़ों की मरम्मत और साफ़-सफ़ाई व सजावट का काम भी जाड़ों में ही किया जाता था। जिन उद्योगों में मौसम के साथ उत्पादन घटता- बढ़ता रहता था वहाँ उद्योगपति मशीनों की बजाए मज़दूरों को ही काम पर रखना पसंद करते थे। (iv) बहुत सारे उत्पाद केवल हाथ से ही तैयार किए जा सकते थे। मशीनों से एक जैसे के उत्पाद ही बड़ी संख्या में बनाए जा सकते थे। लेकिन बाज़ार में अकसर बारीक डिज़ाइन और खास आकारों वाली चीज़ों की काफी माँग रहती थी। इन्हें बनाने के लिए यांत्रिक प्रौद्योगिकी की नहीं बल्कि इंसानी निपुणता की ज़रूरत थी। (v) विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में उच्च वर्ग के लोग-कुलीन और पूँजीपति वर्ग-हाथों से बनी चीज़ों को तरजीह देते थे। हाथों से बनी चीज़ों को परिष्कार और सुरुचि का प्रतीक माना जाता था। उनकी फ़िनिश अच्छी होती थी। उनको एक-एक करके बनाया जाता था और उनका डिज़ाइन अच्छा होता था। औद्योगिक क्रांति की शुरुआत सबसे पहले इंग्लैंड में 1730 के दशक में हुई। इंग्लैंड में सबसे पहले स्थापित होने वाले कारखानों में कपास के कारखाने प्रमुख थे।...