फूल धोकर चढ़ाना चाहिए या नहीं

  1. जानें, किस देवता को कौन सा फूल चढ़ाने से मिलेगा शुभफल
  2. जानें किस देवता को भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए कौन सा फूल
  3. जानिए किस भगवान को कौन से पुष्प चढ़ाने चाहिए?
  4. सावन में शिव पूजा में भूलकर भी न चढ़ाएं ये 9 चीजें, भोलेनाथ हो सकते हैं नाराज
  5. Ganesh Puja Rules: गणेश जी को भूलकर भी न चढ़ाएं 5 वस्तुएं, नाराज हो जाएंगे गणपति, पूजा हो सकता है निष्फल
  6. फूल चढ़ाने के नियम
  7. Puja Path Tips: देवी


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जानें, किस देवता को कौन सा फूल चढ़ाने से मिलेगा शुभफल

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का विशेष महत्व होता है। विधि-विधान से पूजा-पाठ करने से भगवान जी की असीम कृपा मिलती है। ऐसे में भक्तों द्वारा उन्हें अलग-अलग भोग, चीजें और फूल अर्पित किए जाते हैं। बात फूलों की करें तो कोई भी धार्मिक समारोह फूलों के बिना पूरा नहीं होता है। वैसे तो भगवान जीको कोई भी फूल अर्पित किए जा सकते हैं। मगर उन्हें उनके पसंदीदा सुंदर, सुगंधित फूल अर्पित करने से उनकी कृपा मिलने के साथ जीवन में चल रही सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। साथ ही भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। तो चलिए आज हम आपको बताते है कि किस देवता को कौन सा फूल चढ़ाना शुभफलदाई होता है। गणेश भगवान सबसे पहले प्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश की कृपा पाने की बारे में बताते हैँ। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, गणपति जी को तुलसी का पौधा या पत्ता छोड़ कर कोई भी फूल अर्पित कर सकते है। इसके साथ ही उनको दूर्वा अति प्रति होने से उनकी पूजा में दूर्वा जरूर जलानी चाहिए। अगर दूर्वा के ऊपरी भाग की ओर पर तीन या पांच पत्तियां हों तो इसे गणेश जी को चढ़ाना ज्यादा शुभ माना जाता है। शिव जी भोलेनाथ, शंकर जी को हरसिंगार, धतूरा, पान के पत्ते, हरसिंगार, नागकेसर के सफेद पुष्प, सूखे कमल गट्टे, कनेर, कुसुम, आक, कुश आदि के फूल अति प्रिय माने जाते हैं। ऐसे में इनकी पूजा इन फूलों को चढ़ाने से शिव जी भक्त की हर मनोकामना को पूरा करते है। इसके साथ ही इस बात का खास ख्याल रखें कि शिव जी को कभी भी तुलसी और केवड़ा नहीं चढ़ानी चाहिए। श्रीविष्णु भगवान श्रीहरि को तुलसी अति प्रिय होने से इनकी पूजा में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करने चाहिए। इसके साथ ही कमन, मौलसिरी, केवड़ा, चपेली, चंपा. जूही, कदम्ब, अशोक, मालती, वासंती, वैजयंती के फ...

जानें किस देवता को भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए कौन सा फूल

which flower should not be offered to these gods kis bhagwan ko na chadhayen ye phool जानें किस देवता को भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए कौन सा फूल हिन्दू धर्म (Hinduism) में पूजा-पाठ में देवी-देवताओं को बहुत सी चीजें चढ़ाई जाती हैं, जिनमें फूल भी शामिल हैं. धर्म शास्त्रों में फूलों को पूजा के लिए सबसे उत्तम बताया गया है. किसी भी प्रकार की पूजा बिना फूलों के पूर्ण नहीं मानी जाती. फूलों की खुशबू से वातावरण पवित्र होता है और इनसे घर में सकारात्मकता (Positivity) आती है. अलग-अलग देवी-देवताओं पर अलग-अलग फूल अर्पित किए जाते हैं. मान्यता के अनुसार कुछ फूलों को पूजा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. जिनके बारे में हमें बताया है भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा ने. आइए जानते हैं. • Last Updated :November 11, 2022, 08:15 IST • Edited by कार्तिकेय तिवारी • Written by KEERTI RAJPOOT

जानिए किस भगवान को कौन से पुष्प चढ़ाने चाहिए?

लखनऊ। देवी-देवताओं को फल-फूल चढ़ायें, कलियों को चढ़ाना शास्त्रों में निषिद्ध माना गया है। कमल की कली लक्ष्मी जी को चढ़ाई जा सकती है। सूंघा हुआ या अंग से लगाया गया फूल या जिस फूल की पंखुड़ियां टूट गई हो, बासी उग्र गंधवाले फूल देवी-देवताओं को नहीं चढ़ाना चाहिए। फूलों को जल में डूबोकर धोना भी नहीं चाहिए अपितु इसका शुद्धजल से प्रेक्षण कर देना चाहिए। माली के घर में रखे फूल को बासी नहीं माना जाता है। यदि आप स्वयं फूलों को तोड़ रहे हो तो विधि-विधान से तोड़ना चाहिए। स्नान करने के पश्चात ही इन्हें चढ़ाना चाहिए। भिन्न-भिन्न देवताओं को भिन्न-भिन्न फूल चढ़ाने चाहिए। शास्त्रों के अनुसार फूल विशेष को देवता पर चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं तथा निषिद्ध फलों को चढ़ाने से नाराज होते हैं। देवताओं को चढ़ायें जाने वाले पुष्प • यदि आप कोई पूजा, जाप या अन्य उपाय न कर सकें तो कम से कम इष्ट देव को प्रिय पुष्प ही चढ़ा दें, इससे देवता प्रसन्न हो जाते हैं। • शिव को प्रसन्न करने के फूल-आक, शंखपुष्पी, नागकेसर, कनेर, चमेली, मौलसिरा, पलाश, कटेरी, कास, खस, तगर आदि के फूल चढ़ाने से शिव जी खुश होंगे। • निषिद्ध फूल-कदंब, सेमल, अनार, केतकी, मालती, जूही, कपास, कैश, बहेड़ा, शिरीष, केवडा आदि के फूल नहीं चाहिए। विष्णुजी को चढ़ाने वाले पुष्प • भगवान विष्णु को कमल का फूल अतिप्रिय है। मालती, मौलश्री, अशोक, चंपा, जूही, कदंब, चमेली, बसंती, केवड़ा, परिजात, तुलसी, दल चढ़ाये जाते हैं। कार्तिक मास में केतकी पुष्प में विष्णु की पूजा करने से विष्णु जी अत्यन्त प्रसन्न होते है। • आक, धतूरा, शिरीष, सहजन, सेमल, कचनार, गूलर, आदि के फूल विष्णु जी को नहीं चढ़ाने चाहिए। विष्णु जी पर अक्षत भी नहीं चढ़ाने चाहिए। • गणेश जी को हरी दुर्वा सर्वाधिक प्रिय ह...

सावन में शिव पूजा में भूलकर भी न चढ़ाएं ये 9 चीजें, भोलेनाथ हो सकते हैं नाराज

Sawan 2022: श्रावण मास हो या कोई सा भी दिन हो भगवान शिव की पूजा में सावधानी रखना चाहिए। शिवलिंग पर कोई भी अर्पित करने या चढ़ाने से पहले जान लें कि क्या नहीं चढ़ाना चाहिए अन्यथा शिवजी नाराज हो सकते हैं। अनजाने में कहीं आप ऐसी चीजें तो नहीं अर्पित कर रहे हैं जिससे अशुभ फल मिल रहा हो। आओ जानते हैं ऐसी ही 9 चीजें जो शिवलिंग पर अर्पित नहीं की जाती है। 1. फूल : शिवलिंग पर केतकी के फूल अर्पित नहीं करते हैं। इसके अलावा मदंती, केवड़ा, जूही, कुंद, शिरीष, कंद (वसंत में खिलने वाला एक विशेष फूल), अनार के फूल, कदंब के फूल, सेमल के फूल, सारहीन/ कठूमर के फूल, कपास के फूल, पत्रकंटक के फूल, गंभारी के फूल, बहेड़ा के फूल, तिंतिणी के फूल, गाजर के फूल, कैथ के फूल, कोष्ठ के फूल और धव के फूल। कनेर और कमल भी नहीं अर्पित करने हैं। लाल रंग के फूल भी नहीं चढ़ाते हैं। शिवजी को केवल सफेद रंग के फूल चढ़ाने चाहिए। कहा जाता है कि ब्रह्मा जी के झूठ में जब केतनी ने साथ दिया तो भगवान भोलेनाथ नाराज हो गए और उन्होंने श्राप देते हुए कहा कि उनकी पूजा में केतनी का फूल नहीं चढ़ाया जाएगा। 2. हल्दी : हल्दी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। हल्दी उपयोग मुख्य रूप से सौंदर्य प्रसाधन में भी किया जाता है। इसीलिए हल्दी को शिवलिंग पर नहीं चढ़ता हैं। ले‍किन साल में सिर्फ एक बार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन शिव जी को हल्दी चढ़ाई जाती है जब उनका विवाह हुआ था। हल्दी की स्त्रोयोचित यानी स्त्री से संबंधित वस्तु होती है और शिवलिंग को पुरुष तत्व का प्रतीक माना जाता है। 4. तुलसी : तुलसी पहले वृंदा के रूप में जालंधर की पत्नी थी, जिसका शिवजी ने वध किया था। वृंदा इससे दु:खी होकर बाद में तुलसी का पौधा बन गई थी। इसलिए भगवान शिव को उन...

Ganesh Puja Rules: गणेश जी को भूलकर भी न चढ़ाएं 5 वस्तुएं, नाराज हो जाएंगे गणपति, पूजा हो सकता है निष्फल

ganesh puja rules avoid 5 things to offer lord ganapati and know ganesh puja ke niyam Ganesh Puja Rules: गणेश जी को भूलकर भी न चढ़ाएं 5 वस्तुएं, नाराज हो जाएंगे गणपति, पूजा हो सकता है निष्फल Ganesh Puja Rules: बुधवार का दिन गणेश पूजा का होता है. इसके अलावा संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. गणेश जी की पूजा के विशेष नियम हैं, उनका पालन आवश्यक है. गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए मोदक, सिंदूर और दूर्वा जरूर अर्पित करते हैं ताकि गणपति बप्पा संकटों को दूर करके मनोकामनाएं पूरी करें. लेकिन गणेश पूजा में कुछ वस्तुओं को अर्पित करना वर्जित है. उन वस्तुओं को चढ़ाने से विघ्नहर्ता गणेश जी नाराज हो सकते हैं. इससे आपका व्रत और पूजा भी निष्फल हो सकता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि गणेश पूजा में किन वस्तुओं को नहीं चढ़ाना चाहिए? • Last Updated :June 14, 2023, 07:45 IST • Written by कार्तिकेय तिवारी Ganesh Puja Rules: गणेश जी को भूलकर भी न चढ़ाएं 5 वस्तुएं, नाराज हो जाएंगे गणपति, पूजा हो सकता है निष्फल तुलसी है वर्जित: शिव जी की तरह ही भगवान गणेश की पूजा में भी तुलसी ​वर्जित है. गणपति के भोग या प्रसाद में तुलसी के पत्ते नहीं डालते हैं क्योंकि भगवान गणेश ने तुलसी को श्राप दिया था और अपनी पूजा में स्वीकार न करने की बात कही थी. (Photo: Pixabay)

फूल चढ़ाने के नियम

हम भगवान को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं, उनकी पूजा अर्चना करते हैं पर कई बार हम नियमों का पालन नही करते हैं जिस कारण हमें भक्ति का पूर्ण फल नही मिल पाता है, हिन्दू धर्म में भगवान की पूजा को लेकर कई नियम है और पूजा के समय फूल चढ़ाने के नियम भी होते हैं जिनका पालन करना ज़रुरी होता है पर भक्तों को इनका पता नही होता हैं जिस कारण वो इनका पालन नही करते हैं, तो आज के इस लेख में आपको फूल चढ़ाते समय किन नियम का पालन करना है इसकी जानकारी मिल जाएगी। फूल चढ़ाने के नियम • भगवान को कभी भी पुराने तथा बदबूदार फूल नही चढ़ाना चाहिए। • कभी भी कीड़े लगे फूलों का उपयोग नही करना चाहिए अगर फूल पर इल्ली या कुछ हो और फूल ताज़ा हो तो पुष्प पर से उस कीड़े को हटा कर ही फूल को अर्पित करना चाहिए। • फूल चढ़ाने के लिए तीन उंगलियां मध्यमा, अनामिका और अंगूठे का उपयोग करना चाहिए। इन उंगलियों के अलावा बाकी उंगलियों से फूल को स्पर्श नहीं करना है। फूल उतारने के नियम फूलों को एक पहर तक ही भगवान के ऊपर रखा जाता हैं, फूल उतारने के लिए तर्जनी उंगली और अंगूठे का उपयोग किया जाता हैं। FAQs

Puja Path Tips: देवी

डीएनए हिंदी: भगवान की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा अर्चना (Puja Path Tips) की जाती है. भगवान की पूजा अर्चना के लिए बहुत से रीति रिवाजों और परंपराओं को माना जाता है. सभी भगवान की पूजा अर्चना (Puja Path Tips) के अलग-अलग नियम होते हैं. हालांकि सभी की पूजा में फूल चढ़ाएं (Flower Offering Rules) जाते हैं. हिंदू धर्म में पूजा के दौरान फूलों का बहुत अधिक महत्व (Flower Offering Significance) होता है. लोग पूजा के दौरान भगवान को फूल माला पहनाते हैं और फूल अर्पित करते हैं. फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है लेकिन सभी भगवानों को अलग-अलग फूल प्रिय होते हैं. ऐसे में भगवान को उनके प्रिय फूल चढ़ाने से वह जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. वह प्रसन्न होकर भक्तों की इच्छाएं पूरी करते हैं. तो चलिए जानते हैं कि कौन से भगवान जी को कौन से पुष्प प्रिय होते हैं. भगवान गणेश हिंदू धर्म में भगवान गणेश जी को सर्वप्रथम पूज्नीय माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है. भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए आपको उन्हें लाल रंग के गुड़हल के फूल को अर्पित करना चाहिए. यह गणेश जी का प्रिय फूल है. गुड़हल, चांदनी, चमेली और पारिजात के फूल चढ़ाने से भी भगवान गणेश जी प्रसन्न होते हैं. यह भी पढ़ें - विष्णु भगवान को प्रिय है ये फूल भगवान विष्णु को पृथ्वी का पालनहार माना जाता है. उनके कई नाम है. भगवान विष्णु को प्रसन्न कर आप उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. भगवान विष्णु को आपको उनके प्रिय पुष्प अर्पित करने चाहिए. भगवान विष्णु की पूजा में जूही, अशोक, चंपा, केतकी और वैजयंती के फूलों का प्रयोग करना चाहिए. यह सभी फूल भगवान विष्णु के प्रिय फूल हैं. इस फूल को चढ़ाने से प्रसन्न होंगी मां दूर्गा कालो के काल ...