पीरियड ज्यादा दिन तक आने के कारण और उपाय

  1. पीरियड्स नहीं आने के कारण और उपाय
  2. पीरियड्स खुलकर न आने के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज
  3. पीरियड क्या है और पीरियड लाने के घरेलू उपाय (Period kya hai aur Period lane ke gharelu Upay)
  4. एक महीने में दो बार पीरियड आने के कारण और उपाय
  5. पीरियड कम या रूक रूक कर आने के लक्षण, कारण, इलाज
  6. पीरियड लाने का उपाय
  7. home remedies to cure periods naturally.
  8. पीरियड ज्यादा दिन तक आने के कारण Archives


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पीरियड्स नहीं आने के कारण और उपाय

पीरियड्स नहीं आने के कारण और उपाय ( period nahi aane ke karan aur upay ) : मासिक धर्म महिलाओं के लिए समस्या नहीं, बल्कि प्रकृति का एक विशेष उपहार है लेकिन जब मासिक धर्म अनियमित हो जाए तो यह जरूर एक समस्या बन जाता है। मासिक धर्म के अनियमित होने का मतलब होता है कि पीरियड का अनियमित तरीके से होना यानी देर से होना या न होना। नियमित रूप से एक महिला को 21 से 35 दिन के अंदर पीरियड्स होते हैं, जो थोड़ा बहुत आगे पीछे हो सकते हैं। अगर किसी महिला को पीरियड 35 दिनों से ज्यादा देर से हो रहे हैं तो हो सकता है कि उस महिला को कोई विकार या समस्या हो। पीरियड्स नहीं आने का कारण हर बार प्रेग्नेंसी ही नहीं होता है बल्कि कई बार इसके लिए दूसरे कारक भी जिम्मेदार होते हैं जैसे खान-पान व रहन-सहन, तनाव, बुखार, गर्भ-निरोधक गोलियों का सेवन, स्तनपान, मोटापा व दुर्बलता, ज्यादा एक्सरसाइज करना, हार्मोन असंतुलित होना, डायबिटीज और थायराइड आदि कुछ ऐसी ही वजहें हैं, जिनके कारण पीरियड आना बंद हो सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं, कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं, जिनका उपयोग कर आप अनियमित पीरियड को सामान्य कर सकती है। आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से पीरियड्स नहीं आने के कारण और उपाय के बारे में। पीरियड नहीं आने के स्वाभाविक कारण (Natural reasons for not getting Periods in hindi) गर्भावस्था (Pregnancy) अगर गर्भधारण हो जाए तो ओवुलेशन नहीं होता है और न ही पीरियड आते हैं इसलिए गर्भावस्था के दौरान पूरे नौ महीनों के लिए माहवारी यानी मासिक धर्म की क्रिया रुक जाती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान थोड़ी ब्लीडिंग महसूस हो सकती है, लेकिन यह पीरियड्स के कारण नहीं होती है। स्तनपान (Breastfeeding) स्तनपान कराने वाली महिलाओं में भ...

पीरियड्स खुलकर न आने के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

खराब खानपान के कारण पीरियड का खुलकर न आना महिलाओं के मासिक धर्म पर खानपान का असर अधिक पड़ता है। सही तरीके से भोजन न करने पर वजन घट जाता है और मासिक धर्म को रेगुलेट करने वाले हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं जिससे पीरियड खुलकर नहीं आता है। (और पढ़े – पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के कारण पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होना जब पीरियड खुलकर न आने के लक्षण – Symptoms of a light period in Hindi पीरियड्स में ब्लड कम आने की समस्या होने पर इसे बेहद आसानी से पहचाना जा सकता है क्योंकि इस दौरान सामान्य मासिक धर्म से बहुत कम ब्लीडिंग होती है। आइये जानते हैं पीरियड खुलकर न आने के लक्षण। • दो दिन से कम ब्लीडिंग होना • रक्तस्राव हल्का और बहुत धीमी गति से होना। • पहले और दूसरे दिन सामान्य ब्लींडिन न होना लेकिन पीरियड पूरी तरह से बंद भी न होना • मासिक धर्म देर से शुरू होना। • कम पैड लगाने की जरूरत पड़ना। (और पढ़े – मासिक धर्म खुलकर आने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Light Periods in Hindi महिलाओं में माहवारी खुलकर न आने की समस्या हमेशा गंभीर नहीं मानी जाती है। कई बार कुछ मामूली कारणों से पीरियड प्रभावित हो जाता है लेकिन अगले ही महीने नॉर्मल भी हो जाता है। लेकिन फिर भी अगर मासिक धर्म खुलकर न आ रहा हो तो आपको ये घरेलू उपाय करना चाहिए। माहवारी खुलकर आने के उपाय गाजर का जूस – Carrot Juice for Light Periods in Hindi इसमें भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है जो हार्मोन की क्रियाओं को बेहतर बनाने में प्रभावी तरीके से काम करता है। गाजर (और पढ़े – पीरियड खुलकर ना आने का घरेलू उपाय अशोक का पेड़ – Ashoka Tree periods khul kar na ka gharelu upay in Hindi पुराने समय से ही माहवारी खुलकर आने के लिए अशोक के पेड़ ...

पीरियड क्या है और पीरियड लाने के घरेलू उपाय (Period kya hai aur Period lane ke gharelu Upay)

महिलाओं में अनियमित पीरियड्स (Periods) यानि की मासिक धर्म एक कॉमन प्रॉब्लम है। जब लड़कियां 13 से 14 वर्ष की उम्र की हो जाती है तो इस आयु में उन्हें पीरियड आना शुरू हो जाता है। कुछ लड़कियों को पीरियड बिलकुल सही उम्र पर आती है तो कुछ सही उम्र में आकर भी सही रूप से नही होते और इस कारण लडककियों को कई सवास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है साथ ही साथ पीरियड्स सही रूप से नहीं आने पर गर्भावस्था में भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज हम जानेंगे मासिक धर्म यानि की पीरियड्स क्या है? (Period kya hai) साथ ही जानेंगे पीरियड के उपाय (Period ke upay), 5 मिनट में पीरियड लाने के उपाय और जल्दी पीरियड्स लाने के लिए मेडिसिन। तो चलिए शुरू करते है : पीरियड क्या है ? (Period kya hai in hindi) सभी महिलाओं को प्रतिमाह तकरीबन 21 से 32 दिन के अंदर में जब मासिक धर्म होता है, तो इसे नियम के अनुसार मासिक धर्म कहा जाता है। मगर जब किसी महिला को एक महीने में 15 दिन में मासिक धर्म आ जाता है और अगले महीने 35 दिन तक न आए तो इसे अनियमित माहवारी कहा जाता है। खून की कमी होना या फिर कभी खून ज्यादा आना तो इस प्रक्रिया को भी अनियमित मासिक धर्म कहा जाता है। इसके अलावा आपके जानकारी के लिए बता दूं कि एक या दो की अनियमितता ज्यादा गंभीर नहीं माना जाता है लेकिन वही पर जब बार बार हो तो इसे ही अनियमित मासिक धर्म की प्रॉब्लम माना जाता है। 5 मिनट में पीरियड लाने के उपाय : यदि आप 5 मिनट में पीरियड लाने के उपाय के बारे में सोच रही है तो बिल्कुल भी न सोचें क्योंकि ऐसी कोई भी घरेलू उपाय नहीं है जिसके करने या खाने से आपको 5 मिनट के अंदर पीरियड हो जाये। यदि आप पीरियड नहीं आने से या फिर खून का कम स्राव होने से परेशान ह...

एक महीने में दो बार पीरियड आने के कारण और उपाय

Mahine Me Do Baar Period Aane Ke Karan महीने में दो बार पीरियड आना चिंता का विषय हो सकता है महिलाओं में माहवारी (periods) आना एक आम बात है। पीरियड्स आना और उसमें होने वाली पीड़ा से हर महिला को गुजरना पड़ता है। परन्तु किसी महिला को एक महीने में दूसरी बार पीरियड्स की समस्या से गुजरना पड़े तो यह एक चिंताजनक बात हो सकती है। वैसे तो वयस्क महिलायों में • • • • • • • • • • 3. 4. महीने में दो बार पीरियड को ऐसे पहचाने – Mahine Me Do Baar Period Aana In Hindi महीने में दो बार माहवारी आने के बहुत से कारण हो सकते है। अगर किसी महिला को महीने की शुरुआत में पीरियड्स आये है और वह कम समय के लिए हुए तो उस महिला को महीने के अंत में दोबारा पीरियड्स आने की संभावना हो सकती है, जो कोई चिंता का विषय नही है, परन्तु अगर किसी को उनके सामान्य माहवारी के समय से अलग, रक्तस्राव का अनुभव होता है और आपको यह दूसरी बार के पीरियड्स लगते है तो यह जानना ज़रूरी है की यह स्पॉटिंग (spotting) है फिर पीरियड्स में होने वाला रक्तस्राव। इसको पता करने के कई तरीके है जैसे आप पेड या दोनों ही सूरतों में आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकतीं है, परन्तु यह जानना भी ज़रूरी है की इस तरह के रक्तस्राव का क्या कारण हो सकता है। अगर आपने डॉक्टर से सलाह ले ली है की यह स्पॉटिंग (spotting) के लक्षण नही है तो फिर यह जानना ज़रूरी है की एक महीने में दो बार अवधि (periods) आने के पीछे क्या कारण हो सकते है। (और पढ़े – महीने में दो बार पीरियड आने के कारण – Dusri baar periods aane ke Karan in Hindi दूसरी बार पीरियड्स आने के कई कारण हो सकते है, जिनकी सूचि निचे दी गयी है – एक महीने में बार बार पीरियड्स का कारण तनाव – Ek Mahine Me Baar Baar Periods Ka Karan...

पीरियड कम या रूक रूक कर आने के लक्षण, कारण, इलाज

महिलाओं को माहवारी होना, उनके शरीर की जैविक प्रक्रिया का हिस्सा है। सरल शब्दों में कहा जाए तो महिलाओं के शरीर का प्रजनन के लिए तैयार होने पर पीरियड्स आना शुरू हो जाते हैं। हर महिला का मासिक धर्म चक्र भिन्न हो सकता है। विशेषज्ञ मासिक धर्म के चक्र की अवधि को 21 से 35 दिन बताते हैं। इस समय अवधि में महिलाओं को पीरियड्स होते हैं। पीरियड्स के समय महिलाओं को 2 से 7 दिनों तक रक्तस्त्राव हो सकता है। इसके अलावा विशेषज्ञ बताते हैं कि सामान्य महिला को इन दिनों में लगभग 30 से 40 मिली लीटर रक्तस्त्राव हो सकता है। माना जाता है कि एक पैड करीब 5 मिली लीटर रक्त सोखने के लिए सक्षम होता है। इस प्रकार माहवारी के दौरान यदि 7 से 8 पैड्स इस्तेमाल हो तो इसको सामान्य अवस्था समझी जाती है। इसके आलावा इससे कम होने पर या आपको खुद रक्त का स्त्राव कम महसूस हो, तो इस स्थिति को मासिक धर्म कम आना कहा जाएगा। (और पढें - माहवारी के दौरान खून कम आना आपके लिए परेशानी का कारण हो सकता है। इस समस्या के कई लक्षण आपके शरीर में दिखाई देते हैं। आगे जानते हैं कि इस दौरान क्या लक्षण महसूस होते हैं। • दो या उससे कम दिन रक्त स्त्राव होना। (और पढ़ें - • • नियमित होने वाले रक्त प्रवाह से कम रक्त निकलना।(और पढ़ें - • माहवारी के अगले महिने भी कम रक्त स्त्राव होना। पीरियड्स में ब्लड कम आने के सही कारणों के बारे में आप नहीं समझ पा रही हों तो आपको इस स्थिति के बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। डॉक्टर इस समस्या के अंतर्निहित कारणों और इससे आपके मासिक धर्म चक्र पर पड़ने वाले प्रभावों का सही तरह से पता लगा पाएंगे। (और पढ़ें - यदि आपको पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होने की समस्या कई महीनों से परेशान कर रही है, तो आपको इसके कारणों को...

पीरियड लाने का उपाय

पेरिमेनोपॉज़ के दौरान होने वाले हार्मोन परिवर्तन – रजोनिवृत्ति से पहले के वर्षों में जब आपका शरीर कम एस्ट्रोजन बनाना शुरू करता है – एक माहवारी से दूसरी माहवारी तक का समय कम या अधिक हो सकता है और आपकी अवधि के दौरान आपको भारी या हल्का रक्तस्राव हो सकता है। रजोनिवृत्ति शुरू होने से पहले यह चरण 10 साल तक चल सकता है और आपकी अवधि को अच्छे से रोक सकता है। इस समय पे यह जानना बहुत ज़रूरी है कि सही पीरियड लाने के उपाय क्या हैं | आइये पहले जानते हैं कि पीरियड जल्दी आने व न आने के कारण क्या हैं | Table of Contents • • • • • • • • • पीरियड जल्दी आने के कारण एक महिला का मासिक धर्म चक्र आमतौर पर 21 से 39 दिनों तक चलता है, जबकि पीरियड 2 से 7 दिनों तक चलता है। वैज्ञानिक रूप से, “मासिक धर्म चक्र” की गणना उस दिन से की जाती है जब आपकी अवधि दिखाई देती है और अगले महीने दिखाई देने वाले पहले दिन तक। कभी-कभी आपका प्रवाह थोड़ा जल्दी हो सकता है, तो चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, यह नैच्रल है । हमारा शरीर आमतौर पर चीजों को अपने आप सुलझा लेता है। लेकिन अगर आपके पीरियड्स अक्सर 21 दिनों से कम समय में दिखाई देते हैं, तो यह सुनिश्चित करने के लिए अपने डॉक्टर से जाँच करें कि सब कुछ ठीक है। पीरियड जल्दी आने के कारण हो सकते है मिस्ड गर्भपात, एंडोमेट्रियोसिस, थायराइड की समस्या, आदि। पीरियड न आने का कारण एक बार जब आप अपनी पहली पीरियड अनुभव कर लेते हैं, तो आपके चक्र लंबे हो सकते हैं, जिसका अर्थ है कि जब एक अवधि अगले माह से शुरू होती है तो अधिक समय बीत सकता है। एक टीनएज के लिए एक सामान्य चक्र 21 से 45 दिनों का हो सकता है। समय के साथ, वे छोटे और अधिक अनुमानित हो जाते हैं, औसतन लगभग 21 से 35 दिन। बात की जाये प...

home remedies to cure periods naturally.

हैवी पीरियड्स (Heavy Periods) को मेनोरेजिया (menorrhagia) भी कहा जाता है। यदि आपका पीरियड साइकल 7 दिनों से अधिक अवधि तक चल रहा है या इस दौरान काफी गाढ़े और ज्यादा खून के थक्के गिर रहे हैं, तो यह हैवी पीरियड्स के संकेत हैं। आम पीरियड्स के मुकाबले इस दौरान आपको अधिक थकान और परेशानी महसूस होती है। रक्त का बहाव तेज होने के कारण (heavy bleeding in periods) कई बार एनीमिया के लक्षण भी नजर आने लगते हैं। इसलिए इस स्थिति को हरगिज इग्नोर न करें, क्योंकि ये किसी अंतर्निहित समस्या का संकेत हो सकता है। आजकल बहुत सी महिलाओं में हैवी पीरियड्स की शिकायत देखने को मिल रही है। यह समस्या सेहत को नुकसान पहुंचाने के साथ ही नियमित दिनचर्या को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए आपको इस समस्या से जुडी सभी अहम जानकारी होना जरुरी है। मैत्री वुमन की संस्थापक, सीनियर कंसलटेंट गायनोकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन डॉक्टर अंजली कुमार ने हैवी पीरियड्स को लेकर कुछ जरूरी जानकारी शेयर की है। तो चलिए जानते है इसके कारण और उपाय से जुड़े कुछ जरुरी फैक्ट्स। यूटेराइन पॉलिप्स काफी मुलायम ट्यूमर होता है जो यूटेराइन मसल्स के अंदर स्थिर होते हैं। यह हैवी पीरियड्स का एक कारण हो सकते हैं। असल में यूटेराइन और पेल्विक इंफेक्शन के कारण पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता है साथ ही वजाइनल डिस्चार्ज गाढ़े और बदबूदार होते हैं। यह भी हैवी ब्लीडिंग का एक कारण हो सकता है। एंडोमेट्रियोसिस की स्थिति में पीरियड्स हैवी होते हैं और इस दौरान अधिक दर्द महसूस होता है। कॉपर टी का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में भी हैवी पीरियड्स देखने को मिलता है। क्या हैवी पीरियड्स का उपचार किया जा सकता है? डॉक्टर अंजलि कुमार के अनुसार आपके हेवी पीरियड्...

पीरियड ज्यादा दिन तक आने के कारण Archives

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