पीसीओडी क्यों होता है

  1. What is PCOS PCOD symptoms and treatment and the problem of pregnancy
  2. PCOD Problem: पीसीओडी क्या है, क्यों होता है, लक्षण और घरेलू उपचार
  3. (PCOD Problem in Hindi) जानिए पीसीओडी के मुख्य कारण, लक्षण उपचार
  4. PCOD Problem Symptoms in Hindi
  5. पीसीओडी
  6. PCOS Symptoms in Hindi
  7. पीसीओडी का लक्षण क्या है और घरेलू उपचार
  8. PCOD


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What is PCOS PCOD symptoms and treatment and the problem of pregnancy

PCOD and PCOS: पीसीओडी एक ऐसी समस्या है जिस से आज बहुत बड़ी तादाद में लड़कियां जूझ रही हैं. यह ऐसी दिक्कत है जिसके बारे में जल्दी से कोई बात करने नहीं चाहता. आज हम बताएंगे कि क्या होता है पीसीओडी, इसके लक्षण क्या होते हैं और इसका इलाज कैसे मुमकिन है. यह ऐसी दिक्कत है जिसका इलाज कराते-कराते काफी महिलाएं काफी परेशान हैं. लेकिन कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है. पीसीओडी के वजह से सबसे बड़ी दिक्कत ये पेश आती है कि यह बीमारी ज्यादा बढ़ने से महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती हैं. पीसीओडी क्या होता है? पीसीओडी की दिक्कत में महिलाओं की ओवरी में बहुत सारे एग रिलीज होते हैं. जिसके कारण महिलाओं की ओवरी फूलने लगती हैं. ऐसे हालात में महिलाओं को पीरियड्स नहीं आते और उन्हें पेट में लगातार दर्द रहता है. इस दिक्कत में हॉर्मोन इंबेलेंस होने के कारण मूड स्विंग भी होना काफी आम बात है. क्या हैं पीसीओडी के लक्षण? शुरुआती वक्त में महिलाओं में किसी तरह के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं लेकिन वक्त बीतने के बाद इस बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं.. - चेहरे और शरी पर दाने होना - पीरियड्स का वक्त बदलना - चहरे पर बाल आना - पेट में दर्द होना - वजन का बढ़ जाना - सिर दर्द होना और डार्क पैच होना - कई महिलाओं के इस दिक्कत में बाल भी उड़ने लगते हैं. क्यों हो जाती है यह बीमारी? इस बीमारी का कोई मूल कारण नहीं होता है. कई जानकारों का मानना है कि यह अनहेल्थी लाइफस्टाइल को अपनाने से होती है. तो कुछ कहते हैं कि यह दिक्कत हॉर्मोन में बदलाव के कारण होती है. कई महिलाओं में देखा गया है कि यह दिक्कत अनुवांशिक होती है. क्या है इस बीमारी का इलाज? इस बीमारी का इलाज और दवाईयां और हेल्थी लाइफस्टाइल फॉलो करने से मुमकिन है. एक्सपर्ट्स मानते ...

PCOD Problem: पीसीओडी क्या है, क्यों होता है, लक्षण और घरेलू उपचार

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन रोग ( PCOD in Hindi ), जिसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS in Hindi) के रूप में भी जाना जाता है, महिलाओं में होने वाली एक हार्मोनल समस्या है, जो उनके मासिक धर्म व गर्भधारण करने की क्षमता को प्रभावित करती है। हालांकि, बहुत सी महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (पीसीओडी) होने के बावजूद भी उन्हें इसके बारे में पता नहीं चल पाता है और वह इस रोग से उम्र भर प्रभावित रहती हैं। इस पोस्ट में हम आपको पीसीओडी की समस्या (PCOD problem in Hindi) के बारे में बता रहे हैं जिसमें आप जानेंगे – पीसीओडी क्या है? पीसीओडी के लक्षण क्या हैं, पीसीओडी क्यों होता है (कारण) और पीसीओडी का घरेलू उपचार कैसे किया जाता है? तो आइये अब इस पोस्ट को शुरू करते हैं। 13 संदर्भ (References) पीसीओडी क्या है? (PCOD problems in Hindi) Image source pexels PCOD का अर्थ (Meaning of PCOD in Hindi) PCOD का पूरा नाम पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज है जिसे हिंदी भाषा में पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग कहा जाता है। PCOD ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जो किशोर और युवा महिलाओं को उनके असंतुलन हॉर्मोन (Hormone imbalance) के कारण प्रभावित करती है। महिलाओं की प्रजनन प्रणाली मुख्य रूप से पांच प्रजनन हार्मोन अर्थात् एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, एण्ड्रोजन, फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन की परस्पर क्रिया द्वारा नियंत्रित होती है। जिसमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन, मासिक धर्म के चक्र को नियंत्रित करते हैं, एण्ड्रोजन बालों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है और इसके अलावा फॉलिकल स्टिमुलेटिंग और ल्यूटिनाइजिंग, ओवरी से परिपक्व अण्डों के निकलने को नियंत्रित करते हैं। इन होर्मोनेस के बिगड़ने (imbalance) से ही पॉलीसिस्टिक ओ...

(PCOD Problem in Hindi) जानिए पीसीओडी के मुख्य कारण, लक्षण उपचार

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • पीसीओडी का क्या मतलब होता है? (PCOD in Hindi | PCOD meaning in Hindi) PCOD kya hota hai? Polycystic Ovarian Disease (pcod full form in hindi ), आम भाषा में समझे तो PCOD ( पीसीओडी ) ये महिलाओं में आज कल होने वाली एक कॉमन समस्या है जो मुख्य रूप से हॉर्मोनल असंतुलन का कारण होती है। इसके परिणामस्वरूप महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन ( एण्ड्रोजन ) का उत्पादन बढ़ जाता है और अंडाशय में सिस्ट बनने लगते है। जिससे महिलाओ में मुख्यता irregular periods यानी अनियमित माहवारी के लक्षण दिखने लगते हैं। “प्रोजेनेसिस फर्टिलिटी सेंटर के चीफ फर्टिलिटी कंसलटेंट डॉ.नरहरी मलगावकर बताते है की PCOD के लक्षणों में अनियमित पीरियड्स, लम्बे दर्दभरे पीरियड्स, मुंहासे, पेल्विक दर्द, आवेरियन सिस्ट, चेहरे पर अनचाहे बाल आना इसी के साथ, इनफर्टिलिटी भी हो सकती है। चिंता की बात नहीं, सही समय पर जांच, योग्य औषध और उपचार के साथ पीसीओडी की समस्या पर नियंत्रण लाया जा सकता है।” PCOD किसे और कब होता है? ( PCOD kise aur kab hota hai ) PCOD कि समस्या सामान्यता 18-44 वर्ष की 5 से 10% महिलाओ में देखी जाती है। मुख्यता तब , जब महिलाएं फर्टिलिटी दौर से गुजर रही हो। अधिकांश महिलाओं को जब गर्भवती होने में किसी प्रकार की समस्या आती है तब पता चलता है के उन्हें पीसीओडी की समस्या है। इसलिए पीरियड्स और बढ़ती उम्र के साथ डॉक्टर से अपने रेगुलर चेकअप जरुर कराये। PCOD वंशानुगत है , यानि अगर आपकी मां , बहन या मौसी को पीसीओडी की समस्या हो तो आपको पीसीओडी होने की संभावना अधिक है। PCOD के लक्षण (Symptoms of PCOD in Hindi ) माहवारी की समस्याएं: पीसीओडी का मुख्य लक्षण ऑलिगोमेनोरिया (...

PCOD Problem Symptoms in Hindi

पीसीओडी महिला के हार्मोन्स को प्रभावित करने वाली स्थिति होती है। हार्मोन्स का असंतुलन महिलाओं में कई तरह की परेशानियाँ पैदा करता है। जिसकी वजह से उनकी जीवनशैली कठिन हो जाती है और उन्हें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मासिक धर्म अनियमित हो जाते है, गर्भवती होना मुश्किल हो जाता है। समय पर पीसीओडी के लक्षण को जान लेना इसके अत्यधिक दुष्प्रभाव से बचा लेते है। पीसीओडी क्या होता है - What Is PCOD in HIndi प्रत्येक महिला में दो अंडाशय होते हैं। जो हर माह बारी-बारी से एक अंडा छोड़ते हैं। यह अंडाशय कम मात्रा में एण्ड्रोजन जो पुरुष हार्मोन होता है उसका उत्पादन करते हैं। यह हार्मोन महिलाओं में कम होता है पीसीओडी में अंडाशय बहुत सारे अपरिपक्व अंडे छोड़ते हैं जो अंततः सिस्ट में बदल जाते हैं। इस स्थिति में, अंडाशय बढ़े हुए हो जाते हैं और बड़ी मात्रा में एण्ड्रोजन का स्राव करते हैं। जब यह महिलाओं में ज्यादा मात्रा में बढ़ने लगता है तो पीसीओडी होने लगता है। पीसीओडी एक महिला के अंडाशय को प्रभावित करता है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम अंडाशय में बनते हैं। यह सिस्ट की तरह होता है लेकिन कुछ महिलाओं में सिस्ट नहीं होते हैं। यह समस्या महिलाओं क प्रसव के वर्षों (१५ से ४४ वर्ष की आयु) के दौरान प्रभावित करती है। जब एक अंडाशय से एक परिपक्व अंडा निकलता है। ऐसा इसलिए तब ओव्यूलेशन होता है, इसे पुरुष शुक्राणु द्वारा निषेचित किया जा सकता है। अगर अंडे का निषेचन नहीं किया जा सकता तो यह मासिक धर्म के दौरान शरीर से बाहर कर दिया जाता है। ओव्यूलेट करने के लिए महिलाएं आवश्यक पर्याप्त हार्मोन नहीं बनाती है। ओव्यूलेशन नहीं होने के उपरांत अंडाशय में छोटे सिस्ट बन सकते है। इन सिस्ट के द्वारा एण्ड्रोजन हार्मोन ...

पीसीओडी

पीसीओडी - अवलोकन PCOD problem in Hindi के बारे में विस्तार से जान लेते हैं। इसका मतलब ये है कि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज 12 से 45 साल की उम्र की लगभग 10 फीसदी महिलाओं को प्रभावित करती है। ये आपके मासिक धर्म चक्र को बाधित कर सकती है, गर्भधारण करने की क्षमता को कम कर सकती है और जीवनशैली तक पर प्रभाव डाल सकती है। अब आप इतना तो जान ही गए होंगे कि PCOD kya h । वहीं अब इसके आगे के उपाय के बारे में बात करते हैं। Polycystic ovary disease का अगर वक्त पर इलाज ना कराया जाए, तो यह मधुमेह, मोटापा और हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकता है। जो सभी तरह के हृदय रोग का कारण बनते हैं। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। PCOD in Hindi एक ऐसी स्थिति है जिस पर आप नियंत्रण कर सकते हैं। PCOD ka full form in Hindi के बारे में तो अब आपने जान ही लिया है। हालांकि इसका इलाज कराने के लिए आपको सही प्लानिंग और लाइफस्टाइल की जानकारी हासिल करनी होगी। ऐसे में इलाज से पहले आपको ये जान लेना बेहद जरूरी है कि तो चलिए अब जब भी आपके जहन में ये सवाल आए कि PCOD kya hai in Hindi तो इसका इलाज ये है कि इससे पीड़ित शख्स को अनचाही जगहों पर बाल आने लगते हैं या फिर वजन बढ़ने लगता है। ऐसी ही स्थितियों में ही महिलाएं डॉक्टरों के पास जाती हैं। ऐसी स्थिति में जब महिलाओं को शक होता है कि पीसीओडी क्या है, तो वह डॉक्टर से यही पूछने आती हैं कि PCOD thik hone ke lakshan in Hindi क्या होते हैं। भले ही ये लक्षण पीरियड्स के अनियमित होने के बाद दिखते हैं, लेकिन इसका इलाज वक्त पर होना बेहद जरूरी है। रिपोर्ट में एक अन्य महिला के हवाले से लिखा गया है, "मेरी मां का कहना है कि पीरियड्स का अनियमित तौर पर होना, एक आम बात है। यह किशोरावस्था के आखिर म...

PCOS Symptoms in Hindi

PCOS Symptoms: पीसीओएश की समस्या महिलाओं में काफी आम होती जा रही है. ये ऐसी समस्या है जिसके बारे में काफी महिलाएं जागरुक नहीं हैं. यही कारण है पीसीओएस के लक्षण को लोग समझ नहीं पाते हैं और ये समस्या बढ़ने का कारण बन जाता है. पीसीओएस का ट्रीटमेंट शुरूआती स्टेज में काफी आसान हो जाता है. ऐसे में आज हम आपको पीसीओएस के लक्षण बताने वाले हैं. इससे पहले आपको बताते हैं कि आखिर पीसीओएस क्या है. पीसीओडी या पीसीओएस की समस्या शरीर में हॉर्मोन की गड़बड़ी के कारण होती है जिसकी वजह से महिलाओं की सेक्शुअल हेल्थ और रिप्रोडक्टिव हेल्थ ( प्रजनन स्वास्थ्य) काफी प्रभावित होती है. जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या होती है उनके ओवरी में रसौली बनने लगती हैं और साथ ही पीरियड्स साइकिल भी खराब हो जाती है. पीसीओएस के लक्षण - पीरिड्स साइकिल खराब होना - पीरियड्स के दौरान हेवी ब्लीडिंग होना - चेहरे और शरीर के दूसरे हिस्सों पर बालों की ग्रोथ होना. - पिंप्लस और एक्ने की समस्या - जिन लोगों को पीसीओडी की समस्या होती है उनका आमतौर पर वजन तेजी से बढ़ता है. पेट पर चर्बी आने लगती है. - समस्या ज्यादा बढ़ने पर सिर पर बाल कम होने लगते हैं, और स्किन काली पड़ने लगती है. - जो महिलाएं इस समस्या से परेशान हैं उन्हें सिर दर्द होता रहता है. PCOS के कारण होने वाले गलत प्रभाव जो महिलाएं इस समस्या से परेशान हैं उनमें बांझपन होने का खतरा रहता है. इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, एचडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना जैसी समस्याएं होने की भी संभावना रहती है. यह भी पढ़ें: Bathua Benefits: ठंड में बहुत सी बीमारियों को दूर करता है बथुआ, पीरियड्स के बहुत फायदेमंद पीसीओएस क्यों होता है? पीसीओएस की समस्या क्यों होती है इसके पीछे क...

पीसीओडी का लक्षण क्या है और घरेलू उपचार

- Advertisement - 7 Home Remedies for PCOD in Hindi पीसीओडी का लक्षण क्या है और घरेलू उपचार pcod – polycystic ovarian disorder भारत में ही नहीं पूरे विश्व की महिलाओं में होने वाली बहुत ही आम समस्या है। 10 में 1 महिला इस बीमारी से पीड़ित होती है। लेकिन कई बार महिला को ये पता ही नहीं चलता कि वह pcod से पीड़ित है और वह लापरवाही कर बैठती हैं। जब भी किसी महिला का अचानक पीसीओडी क्या है पीसीओडी में महिला को ओवरी के अंदर सिस्ट बन जाते हैं जिसकी वजह से उनके पीरियड बंद हो जाते है। ये एक ऐसी अवस्था है जिसमें अंडाशय कई अपरिपक्व अण्डों का निर्माण करते हैं जो बाद में सिस्ट का रूप ले लेते हैं। कई बार तो 2 से 5 महीने तक पीरियड्स आते ही नहीं। इस वजह से महिला को माँ बनने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पीसीओडी क्यों होता है (Causes of PCOD) हार्मोनल बदलाव के अलावा अन्य कई कारण होते हैं आइये जानते है – पीसीओडी का घरेलू उपचार (Home Remedies for PCOD in Hindi) निम्नलिखित घरेलू उपचारों द्वारा आप पीसीओडी की समस्या से निजात पा सकती हैं – सूखा धनिया और आंवला सूखा धनिया गुणों की खान है और आंवले का प्रयोग क्लींजिंग करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इन दोनों के संयोग से pcod की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। आइये जानते हैं सेवन की विधि – सेवन का तरीका – सूखा धनिया चूर्ण और आंवला चूर्ण (100-100 ग्राम) को 500 ml पानी में मिलाकर मध्यम आंच पर पकाएं और जब एक कप पानी रह जाए तो इसे छानकर हल्का ठंडा होने दें। इसका सेवन सुबह खाली पेट और शाम को भोजन से एक घंटा पहले करें। मुलेठी और दालचीनी दालचीनी दस्तऔर काढ़ा बनाने का तरीका – एक कप में आधा चम्मच मुलेठी पाउडर और आधा चम्मच ही दालचीनी पाउडर मिलाकर धीमी आंच ...

PCOD

PCOD के इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज, हो सकती है गंभीर समस्या! PCOD के इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज, हो सकती है गंभीर समस्या पीसीओडी यानि पॉलिसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर ये एक प्रकार का हार्मोनल विकार होता है। ये अधिकतर महिलाओं की प्रजनन आयु में उन्हें प्रभावित करती है। बता दें कि, इस डिसऑर्डर में महिला का शरीर अंसतुलित तरीके से हार्मोन का उत्पादन करने लगता है जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में पुरुष हार्मोन का उत्पादन भी बढ़ जाता है। जी हां, एक शोध के मुताबिक, हर दस महिला में से एक महिला इस समस्या से जूझ रही होती है। वैसे इसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) के नाम से भी जाना जाता है। पीसीओएस से प्रभावित महिलाओं के बढ़े हुए अंडाशय में कई छोटे सिस्ट्स पाए जाते हैं। पीसीओडी क्यों होता है? (Why does PCOD happen?) • • हमारे जीवन में तेजी से बढ़ रहा स्ट्रेस और बदली हुई लाइफस्टाइल इस बीमारी का कारण भी होती है। • देर रात तक जगने और दिन में देर तक सोने से भी हमारे् शरीर में हार्मोन्स पर अधिक प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि पीसीओडी के साथ ही मोटापा और डिप्रेशन तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है। • स्ट्रेस और लाइफस्टाइल बदलने की वजह से हमारे शरीर की बायॉलजिकल क्लॉक गड़बड़ा जाती है। इससे हम सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी बीमारी होने लगते हैं। कैसे पहचाने पीसीओडी की समस्या को? (How to recognize the problem of PCOD?) • अब टीनऐज के बाद ही लड़कियां इस दिक्कत से ग्रसित हो रही हैं। • हर लड़की या महिला में पीसीओडी के लक्षण एक जैसे नहीं होते हैं। • किसी को चेहरे पर बाल आने की समस्या हो सकती है या शरीर के अन्य अंगों पर घने बाल उग सकते हैं। • महिलाओं की ब्रेस्ट पर बाल आने लगते हैं। • इ...