पोकरण का मौसम

  1. अगले 24 घंटे में अरब सागर से उठेगा, सभी बंदरगाहों के लिए अलर्ट जारी
  2. परमाणु परीक्षण : ऐसे बीता पोकरण का 11 मई 1998 का दिन, ग्रामीण कभी नहीं भूल सकेंगे पौने 3 बजे का वक्त
  3. VIDEO : पोखरण परमाणु परीक्षण का आंखों देखा हाल, जानिए 2 KM दूर के गांव खेतोलाई में क्या असर पड़ा?
  4. मौसम शब्द के अर्थ


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अगले 24 घंटे में अरब सागर से उठेगा, सभी बंदरगाहों के लिए अलर्ट जारी

तूफान के बढ़ते खतरे के चलते बीच खाली कराते हुए पुलिसकर्मी। गुजरात के तटीय इलाकों में बादल छाए बिपरजॉय उत्तर से उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ रहा है। इसके चलते सौराष्ट्र और कच्छ के बंदरगाहों में एक नंबर की सिग्नल का अलर्ट जारी कर दिया गया है। सौराष्ट्र के तटीय इलाकों में बादल छाए हुए हैं और कहीं-कहीं 30 से 40 किमी की स्पीड से हवाएं भी चल रही हैं। अनुमान है कि तटीय इलाकों में हवाओं के साथ तेज बारिश हो सकती है। इसी के चलते मछुआरों को समुद्र में न जाने के निर्देश दिए गए हैं। भावनगर में तूफान से बचाने अपनी नावों को बांधते हुए मछुआरे। डिस्टैंट कॉशनरी-1 सिग्नल एक्टिव करने के निर्देश मौसम विभाग ने उत्तर और दक्षिण गुजरात तटों के सभी बंदरगाहों पर डिस्टैंट कॉशनरी-1 (डीसी-1) सिग्नल प्रणाली सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग के पोर्टल के अनुसार, डीसी-1 को किसी बंदरगाह पर तब सक्रिय किया जाता है, जब समुद्र में गहरे दबाव की स्थिति बनती है। हमेशा पर्यटकों की भीड़ से गुलजार रहने वाले सूरत के डुमस बीच पर सन्नाटा। पाकिस्तान, ईरान, ओमान तक तूफान का असर डीसी-1 सिग्नल तब एक्टिव किया जाता है, जब बंदरगाह पर स्थानीय मौसम के तुरंत प्रभावित होने की संभावना नहीं होती, लेकिन बंदरगाह से रवाना होने वाले जहाज खतरे में पड़ सकते हैं। भारत समेत पाकिस्तान, ईरान, ओमान और अरब सागर से सटे देशों पर भी इसके असर की आशंका जताई गई है।

परमाणु परीक्षण : ऐसे बीता पोकरण का 11 मई 1998 का दिन, ग्रामीण कभी नहीं भूल सकेंगे पौने 3 बजे का वक्त

पोकरण। 11 मई 1998 को पूरी दुनिया कभी नहीं भूल पाएगी। इस दिन भारत ने परमाणु परीक्षण कर सबको चौंका दिया था। राजस्थान के जैसलमेर जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर स्थित पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में हुए धमाकों ने भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों की श्रेणी में खड़ा कर दिया था। भारत के इतिहास में जहां 11 मई 1998 का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। वहीं, पोकरण के लोगों के जेहन में इन दिन की यादें हमेशा ताजा रहेंगी। 22 साल पहले हुआ परमाणु परीक्षण-2 यूं तो भारत में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 1974 में पहला परमाणु परीक्षण हुआ था। फिर अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में पोकरण में 11 व 13 मई 1998 को परमाणु परीक्षण-2 हुआ। उस उपलब्धि की याद में हर साल 11 मई को राष्ट्रीय तकनीक दिवस मनाया जाता है। 22 साल पहले पोकरण के लोगों का 11 मई 1998 का दिन कैसे बीता। आईए जानते हैं उन्हीं की जुबानी। वो 5 मां जिन्होंने पिता की भी भूमिका निभाकर बेटों को बनाया IAS परमाणु परीक्षण स्थल के सबसे नजदीक है गांव खेतोलाई पोकरण कस्बा परमाणु परीक्षण स्थल से करीब 25 किलोमीटर दूर है जबकि परीक्षण स्थल से महज 5 किलोमीटर दूर गांव है खेतोलाई। इस सबसे नजदीकी गांव खेतोलाई के रणजीता राम व विरधाराम ने मीडिया से बातचीत बताया कि पोकरण में सेना की फिल्ड फायरिंग रेंज है। यहां आए दिन धमाके होते रहते हैं, लेकिन 11 मई 1998 का बेहद खास और कभी नहीं भूल सकने वाला था। उस दिन सुबह नौ बजे गांव में सेना के अधिकारी व जवान आए। The tests in Pokhran in 1998 also showed the difference a strong political leadership can make. Here is what I had said about Pokhran, India’s scientists and Atal Ji’s remarkable leadership during one of t...

VIDEO : पोखरण परमाणु परीक्षण का आंखों देखा हाल, जानिए 2 KM दूर के गांव खेतोलाई में क्या असर पड़ा?

गांव खेतोलाई के भागीरथ सिंह बिश्नोई का इंटरव्यू जैसलमेर में पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में परमाणु परीक्षण स्थल से दो किलोमीटर दूर स्थित गांव खेतोलाई के भागीरथ सिंह बिश्नोई कहते हैं कि उस समय भीषण गर्मी पड़ रही थी। तब हमारे घरों में आर्मी वाले आए थे। उन्होंने हमें कहा कि बड़ी चांदमारी या फायरिंग होने वाली है। इसलिए सभी गांव वाले अपने-अपने घरों से बाहर निकल जाओ। हम सब ग्रामीण दो घंटे तक अपने घरों से बाहर रहे थे। फिर गांव से पश्चिम दिशा में अचानक तेज धमाका हुआ और आसमां में धूआं उठता दिखा। हिल गई थी खेतोलाई की जमीन, मकानों में आई दरारें उस समय गांव के घर-घर में आर्मी के जवान पहुंच गए थे। गाड़ियों में सवार होकर और पैदल भी गांव की गली गली में घूम रहे थे। आर्मी के जवान ग्रामीणों से यही कह रहे थे कि घर से बाहर निकल जाएगा। किसी पर घर गिर जाएगा। नुकसान हो जाएगा। भागीरथ सिंह कहते हैं कि परमाणु परीक्षण के समय गांव खेतोलाई में कोई मकान गिरा नहीं बल्कि मकानों में दरारें आ गई थीं। भूकंप की तरह जोरदार कम्पन हुआ था। एक बारगी तो ग्रामीण घबरा गए थे। बीस साल से आर्मी ने डाल रखा था डेरा परमाणु परीक्षण के बारे में गांव वालों को पहले से जानकारी थी क्या? के सवाल भागीरथ सिंह ने कहा कि साल 1974 में भी यहां पर परमाणु परीक्षण हुआ था। उसके बाद लगातार बीस साल तक आर्मी ने पोखरण में डेरा डाल रखा था। ऐसे में ग्रामीणों को लगता था कि जरूर कुछ बड़ा होने वाला है, मगर परमाणु ​परीक्षण की जानकारी नहीं थी। कार्य स्थल के नजदीक जाने की मनाही भागीरथ सिंह कहते हैं कि फिर जब आर्मी के जवान गांव आकर ग्रामीणों को घरों से बाहर ​निकलने की कहने लगे तो हम समझ गए थे कि आर्मी का काम अब हो चुका है। शायद उनको परमाणु परीक्षणु के लि...

मौसम शब्द के अर्थ

اسم، مذکر • سماں، زمانہ، رُت، فصل، وقت (کسی چیز کا) • (مجازاً) کسی موسم یا وقت کے شروع ہونے سے ختم ہونے تک کی مدت، دور، چکر • کسی مقام کی سردی، گرمی، نمی وغیرہ اور اس سے پیدا ہونے والی فضائی کیفیت، آب و ہوا • سال کی چار فصلوں میں سے ایک (سردی، گرمی، خزاں، بہار) • (ع۔ بالفتح وکسر سوم) مذکر، وقت، سماں، موقع، دن، زمانہ، فصل، فارسی اردو شعرا نے بفتح سوم استعمال کیا ہے۔ रेख़्ता डिक्शनरी उर्दू भाषा के संरक्षण और प्रसार के लिए रेख़्ता फ़ाउंडेशन की एक महत्त्वपूर्ण पहल है। रेख़्ता डिक्शनरी की टीम इस डिक्शनरी के उपयोग को और सरल एवं अर्थपूर्ण बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नरत है। कृपया रेख़्ता डिक्शनरी को संसार का सर्वश्रेष्ठ त्रिभाषी शब्दकोश बनाने के लिए हमें सहयोग कीजिए। दानकर्ता द्वारा दी गई योगदान-राशि भारतीय अधिनियम की धारा 80G के तहत कर-छूट के अधीन होगी।