पोषण अभियान आईसीडीएस

  1. कुपोषण से बचने के लिए मिलेट्स सर्वोत्तम आहार
  2. ICDS works reviewed
  3. पोषण अभियान : राष्ट्रीय आत्मचिंतन का समय
  4. पोषण अभियान में पोषण के साथ मतदान के प्रति जागरूकता फैला रही है आंगनबाड़ी सेविकाएं
  5. भारत को प्रत्यक्ष पोषण हस्तक्षेपों को बढ़ाने की आवश्यकता है


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कुपोषण से बचने के लिए मिलेट्स सर्वोत्तम आहार

आईसीडीएस द्वारा चलाए जा रहे पोषण अभियान के तहत बुधवार को पोषण समिति सेमिनार आयोजित किया गया। उक्त सेमिनार में पोषण अभियान के तहत कुपोषण मिटाने के लिए मोटे अनाज को सर्वोत्तम विकल्प माना गया। कारगिल भवन में आयोजित उक्त सेमिनार में जिले में कुपोषण को मिटाने को लेकर मिलेट्स यानि मोटे अनाज के उपयोग पर पर जोर दिया गया। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए डीडीसी सुशांत कुमार ने आईसीडीएस, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, पंचायती राज विभाग को आपस में समन्वय के साथ कार्य करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने पोषण पखवाड़ा के मुख्य थीम श्री अन्न या मिलेट्स पर अपना विचार रखा। डीडीसी ने कहा कि श्री अन्न यानि मोटे अनाज आ अनेक संभावनाओं से युक्त हैं। क्योंकि इस अनाज में खाद्य सुरक्षा की समस्या के साथ फूड हैबिट से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का भी समाधान प्राप्त हो सकता है। इसके अलावे उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि आम नागरिक अपने भोजन में श्री अन्न को प्रमुखता से शामिल करें। यही कुपोषण को मिटाने का सर्वोत्तम विकल्प हो सकता है। कार्यशाला के दौरान डीडीसी ने कहा कि एक वक्त था जब आम लोग रोजमर्रा के खान-पान में पोषक युक्त मोटे अनाज जैसे मरूआ, कौनी, मकई, ज्वार, बाजरा, सामा सहित अन्य अनाज स्वाभाविक रूप से शामिल करते थे। लेकिन कालांतर में लोगों के खाद्य व्यवहार में परिवर्तन के कारण दैनिक तौर पर इस प्रकार के पोषण युक्त खाद्यान्न के प्रयोग में कमी आई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान फूड हैबिट विशेष तौर पर फास्ट फूड्स के व्यापक प्रयोग में मानव स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं सामने आ रही है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि वे भोजन में श्री अन्न के उपयोग को बढ़ाव देकर बेहतर स्वास्थ्य की ओर कदम बढ़ा...

ICDS works reviewed

किशनगंज, एक प्रतिनिधि । प्रभारी जिलाधिकारी, स्पर्श गुप्ता की अध्यक्षता में आईसीडीएस के कार्यों की समीक्षात्मक बैठक रचना भवन में आहुत की गई। बैठक में आईसीडीएस अंतर्गत क्रियान्वित सभी योजनाओं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, राष्ट्रीय पोषण अभियान के साथ- साथ आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर संचालित सभी कार्यों की गहन समीक्षा की गई। प्रभारी डीएम के द्वारा द्वारा सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में स्कूल पूर्व शिक्षा में सभी पंजीकृत बच्चों की उपस्थिति एवं केंद्र के साफ-सफाई को सुनिश्चित करेंगे। केंद्र निरीक्षण में अनियमितता पर कार्रवाई,भवन निर्माण की स्थिति पर समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत समीक्षा के क्रम में प्रभारी जिलाधिकारी द्वारा लक्ष्य के विरूद्ध आवेदन प्राप्त नहीं करने पर खेद व्यक्त किया गया एवं निर्देश दिया गया कि अगली बैठक तक इसे पूर्ण कर लिया जाए। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना अंतर्गत सभी परियोजनाओं में पिछले माह की तुलना में प्रगति संतोषप्रद पाया गया। सभी महिला पर्यवेक्षिका को उक्त योजना अंतर्गत सभी योग्य कन्या लाभार्थी का चयन कर लाभ देने का निर्देश दिया गया। पोषण अभियान अंतर्गत पोषण ट्रैकर डैशबोर्ड में लाभार्थियों के इंट्री की गहन समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि पोषण ट्रैकर एप्लिकेशन में सेविकाओं द्वारा सभी योग्य लाभार्थियों का इंट्री आधार सत्यापन के साथ कराने का निर्देश दिया गया। के घर भ्रमण कर बच्चों के अभिभावक को उचित सलाह एवं अनुश्रवण हेतु निर्देशित किया गया।

पोषण अभियान : राष्ट्रीय आत्मचिंतन का समय

कीवर्ड्स : पोषणअभियान, एनएफएचएस 5 ,कुपोषण, अधिकवजन, बालमृत्युदर , अल्पपोषण , 1000 दिन चर्चामेंक्यों ? नवम्बरमेंजारीराष्ट्रीयपरिवारस्वास्थ्यसर्वेक्षणकापांचवासंस्करणभारतमेंकुपोषणकीस्थितिमेंधीमीगतिसेसुधारकासंकेतदेरहाहै।इससमयभारतमेंकुपोषणकीव्यापकतथागंभीरस्थितिनिरंतरबनीहुईहै।पांचवर्षसेकमआयुवर्गकाहरतीसराबच्चातथाहरपांचवीमहिलाकुपोषितहै।इसीकेसाथ -साथमोटापेसेग्रसितमहिलाओंकीसंख्यामेंएकचौथाईवृद्धिहुईहै।बच्चों , किशोरोंतथामहिलाओंमेंएनिमियाकीसंख्याभीबढ़रहीहै। छहमाहसेअधिकआयुवर्गवालेबच्चोंमें 10 मेंसेमात्र 1 बच्चाइसआयुवर्गहेतुअनुशंसितआवृत्तिकेअनुसारखाद्यपदार्थ, अर्थातअर्धठोसखाद्यपदार्थोंकोदिनमेंतीनसेचारबारसेवनकररहाहै। पोषणअभियानक्याहै ? • पोषण( समग्रपोषणकेलिएप्रधानमंत्रीकीव्यापकयोजनायाप्राइममिनिस्टरसओवररीचिंगस्कीमफॉरहॉलिस्टिकन्यूट्रीशन ) अभियानबच्चों ,गर्भवतीमहिलाओंतथास्तनपानकरानेवालीमहिलाओंकेपोषणसंबंधीपरिणामोंमेंसुधारकरनेकेउद्देश्यसेआरम्भकियागयाप्रमुखकार्यक्रमहै।इसेराष्ट्रीयपोषणमिशनभीकहाजाताहै। • पोषणअभियानकामुख्यउद्देश्यप्रमुखआंगनबाडीसेवाकेउपयोगतथावितरणकीगुणवत्तामेंसुधारकेद्वाराकुपोषणकेअधिकतमदबाववालेजिलोंमेंस्टंटिंगकमकरनाहै। • इसकेसाथहीपोषणअभियानमहिलाओंतथा 1000 दिनकेबच्चोतककईसरकारीयोजनाओंतथाकार्यक्रमोंकेलाभपहुंचानेकेलिएस्पष्टरुपसेएकीकृततथासमन्वयकीआवश्यकताकोइंगितकरताहै। राष्ट्रीयपरिवारस्वास्थ्यसर्वेक्षण 5 • यहभारतकेपरिवारोंकेसैम्पलपरआधारितएकव्यापकतथाबहुचरणीयसर्वेक्षणहै। • एनएफएचएस 5 (राष्ट्रीयपरिवारस्वास्थ्यसर्वेक्षण 5) विभिन्नक्षेत्रोंमेंप्रमुखनिष्कर्षोंकोबताताहै।इसकेसाथहीसाथक्षेत्रोमेंसुधारकेमार्गमेंआनेवालीकमियोंकेकारणोंकोभीइंगितकरताहै। राष्ट्रीयपरिवारस्वास्थ्यसर्वेक्षण 5 केनिष्कर्षऔरह...

पोषण अभियान में पोषण के साथ मतदान के प्रति जागरूकता फैला रही है आंगनबाड़ी सेविकाएं

• रंगोली, मेहंदी व पेंटिंग के माध्यम से लोगों को दे रही हैं जागरूकता का संदेश • पोषण माह में घर-घर जाकर महिलाओं को दिए जा रहे हैं पोषण संदेश • समुदाय स्तर पर पोषण रैली निकालकर किया जा रहा है जागरूक छपरा:जिले में सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है । अभियान के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण अभियान के साथ-साथ मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ऐसे में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय पोषण अभियान प्रभावित न हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के निर्देश पर जिले में एक से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य प्रत्येक के लिए पोषण और बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में जन भागीदारी को प्रोत्साहन देना है। इस क्रम में जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से लोगों तक पोषण संदेश पहुंचाया जा रहा है। पोषण वाटिका निर्माण के लिए किया जा रहा प्रेरित आईसीडीएस की जिला परियोजना सहायक आरती कुमारी ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण मिशन का उद्देश्य छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोरियों में कुपोषण व एनीमिया को खत्म करना है। नीति आयोग ने साल 2022 तक भारत को कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस बार पोषण माह में पोषक तत्वों से भरपूर पौधे लगाने के लिए पोषण वाटिकाएं बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों व मॉडल केंद्रों पर पोषण वाटिका का निर्माण कराया जा रहा है। वहीं, सेविकाओं व सहायिकाओं के साथ-साथ जीविका समूह की दीदियों की मदद से स्थानीय ग्रामीणों के अपने घर में पोषण वाटिका लगाने के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। ...

भारत को प्रत्यक्ष पोषण हस्तक्षेपों को बढ़ाने की आवश्यकता है

की-वर्ड्स :प्रत्यक्षपोषणहस्तक्षेप, बालकुपोषण, समग्रपोषणकेलिएप्रधानमंत्रीकीव्यापकयोजना (पोशन), पोषण 2.0, एकीकृतबालविकाससेवाएं (आईसीडीएस), विशेषस्तनपान (ईबीएफ) संदर्भ: • जैसेहीभारतनेअपनीस्वतंत्रताकी 75वींवर्षगांठकेसमारोहकीशुरुआतकी, बहुतकुछगर्वकरनेलायकहै; लेकिनफिरभी, यहचिंताजनकहैकिआजादीकेसातदशकोंकेबादभी, भारतसार्वजनिकस्वास्थ्यकेमुद्दोंजैसेकिबालकुपोषण (35.5% स्टंटेड, 67.1% एनीमिक) सेपीड़ितहै, जिसकेकारणपांचसालसेकमउम्रकेबच्चोंकीमृत्युदर 68.2% है। पोषण (POSHAN) अभियान • पोषण (POSHAN) कामतलबसमग्रपोषणकेलिएप्रधानमंत्रीकीव्यापकयोजनाहै। • इसेमहिलाएवंबालविकासमंत्रालय (MWCD) द्वारालॉन्चकियागयाथा। • इसेराष्ट्रीयपोषणमिशनभीकहाजाताहै। • भारतसरकारने 2022 तककुपोषणमुक्तभारतसुनिश्चितकरनेकेलिए 2018 मेंपोषणअभियानशुरूकिया। • इसकालक्ष्य 2022 तकबच्चोंमेंस्टंटिंगको 38.4 प्रतिशतसेघटाकर 25 प्रतिशतकरनाहै। पोषण 2.0 • पोषण 2.0 एकीकृतबालविकाससेवाओं (आईसीडीएस) (आंगनवाड़ीसेवाएं, पोषणअभियान, किशोरियोंकेलिएयोजना, राष्ट्रीयशिशुगृहयोजना) कोकवरकरनेवालीएक-छत्रयोजनाहै। • पूरकपोषणकार्यक्रमोंऔरपोषणअभियानकोमिलाकरकेंद्रीयबजट 2021-22 मेंइसकीघोषणाकीगईथी। • पोषण 2.0 पूरकपोषणकार्यक्रमकेतहतभोजनकीगुणवत्ताऔरवितरणकोअनुकूलितकरनेकाप्रयासकरेगा। • एकमांकीगर्भावस्थाऔरउसकेबच्चेकेदूसरेजन्मदिनकेबीच 1,000 दिनों (गर्भावस्थाके 270 दिनऔर 0-24 महीने) परध्यानकेंद्रितकियाजाताहै, महिलाओंऔरलड़कियोंकोप्राथमिकतादीजातीहै, औरफोर्टीफिकेशनऔरटेक-होमराशनकेप्रावधानकेमाध्यमसेउनकीपोषणसंबंधीकमियोंकोदूरकियाजाताहै। कुछसंकेतकोंमेंसुधार: • एनएफएचएस-4 2015-16 कीतुलनामेंराष्ट्रीयपरिवारस्वास्थ्यसर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 2019-21 केआंकड़ोंसेपताचलताहैकिचारसेपांचसालकीअ...