Postcard ka siddhant kisne diya

  1. बुद्धि के सिद्धान्त
  2. बुद्धि के एकल कारक का सिद्धांत किसने दिया था?


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बुद्धि के सिद्धान्त

• बिने का एक तत्त्व सिद्धान्त • स्पीयरमैन का द्वितत्त्व सिद्धान्त • थार्नडाइक का बहुतत्त्व सिद्धान्त • थर्स्टन का समूह तत्त्व सिद्धान्त • थामसन का प्रतिदर्श सिद्धान्त • वर्नन का पदानुक्रमित सिद्धान्त • गिल्फोर्ड का संक्रिया-उत्पादन सिद्धान्त THEORIES OF INTELLIGENCE बुद्धि के सिद्धान्त हमें बुद्धि की संरचना का ज्ञान कराते हैं। बुद्धि की संरचना (Structure) के द्वारा ही हमें यह ज्ञात होता है कि बुद्धि किन-किन तत्त्वों या घटकों (Factors) से मिलकर बनी है। इन घटकों की संख्या, क्रम तथा शक्ति विभिन्न विद्वानों ने पृथक्-पृथक् बतलाई है। घटकों या खण्डों के आधार पर समय बुद्धि के निम्नलिखित सिद्धान्त उपलब्ध हैं- • बिने का एक तत्त्व सिद्धान्त • स्पीयरमैन का द्वितत्त्व सिद्धान्त • थार्नडाइक का बहुतत्त्व सिद्धान्त • थर्स्टन का समूह तत्त्व सिद्धान्त • थामसन का प्रतिदर्श सिद्धान्त • वर्नन का पदानुक्रमित सिद्धान्त • गिल्फोर्ड का संक्रिया-उत्पादन सिद्धान्त नीचे इन सिद्धान्तों का सामान्य परिचय प्रस्तुत है- बुद्धि के सिद्धान्त – Buddhi ke Siddhant 1. बिने एक तत्त्व सिद्धान्त (Unifactor Theory) इस सिद्धान्त के प्रतिपादक तथा समर्थकों में बिने, टरमैन, स्टर्न तथा जाॅनसन का नाम उल्लेखनीय रूप से लिया जा सकता है, जाॅनसन जो इस सिद्धान्त के प्रथम प्रवर्तक माने जाते हैं, का कहना है कि बुद्धि एक सर्वशक्तिशाली मानसिक प्रक्रिया है जो सम्पूर्ण मानव-क्रियाओं पर एकछत्र शासन करती है। यह किसी के अधीन नहीं है वरन् अन्य सभी मानसिक योग्यताएँ इसके अधीन हैं। इस प्रवृत्ति के कारण इसे निरंकुशवादी (Monarecic) सिद्धान्त भी कहते हैं। बुद्धि केवल एक ही तत्त्व से निर्मित है। बिने, टरमैन आदि ने केवल एक मानसिक योग्यता को ही ...

बुद्धि के एकल कारक का सिद्धांत किसने दिया था?

Explanation : बुद्धि के एकल कारक का सिद्धांत अल्फ्रेड बिने ने दिया था। उनका विचार था कि बुद्धि केवल एक खण्डात्मक होती है, जिसकी मात्रा अलग-अलग मनुष्यों में भिन्न-भिन्न होती है। अल्फ्रेड बिने एक फ़्रांसिसी मनोविज्ञानी थे। वह पहले मनोवैज्ञानिक थे जिन्होंने बुद्धि को वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित रूप में समझने का प्रयास किया। उनको बुद्धि मापन क्षेत्र का जन्मदाता माना जाता है। बिने ने यह स्पष्ट किया कि बुद्धिकेवल एक कारक नहीं है जिसको कि हम एक विशेष परीक्षण द्वारा माप सकें अपितु यह विभिन्न योग्यताओं की वह जटिल प्रक्रिया है जो समग्र रूप से क्रियान्वित होती है। बिने ने साईमन के सहयोग से सन् 1905 में प्रथम बुद्धि मापनी अर्थात् बुद्धि परीक्षण का निर्माण किया जिसे बिने-साईमन बुद्धि परीक्षण का नाम दिया। ये बुद्धि परीक्षण तीन से सोलह वर्ष की आयु के बच्चों की बुद्धि का मापन करता है। इस परीक्षण में सरलता से कठिनता के क्रम में तीस पदों का प्रयोग किया गया। इस परीक्षण से व्यक्तियों के बुद्धि केस्तरों का पता लगाया जा सकता है। Tags :