परंपरागत ऊर्जा किसे कहते हैं

  1. ऊर्जा के परंपरागत स्रोत किसे कहते हैं
  2. ऊर्जा के स्रोत क्या है परम्परागत गैर परम्परागत Source Energy
  3. ऊर्जा का उत्तम स्रोत किसे कहते हैं?
  4. क्लोरोप्लास्ट क्या है , क्लोरोप्लास्ट की संरचना तथा कार्य किसे कहते है , हरित लवक परिभाषा chloroplast definition in hindi
  5. परंपरागत ऊर्जा किसे कहते हैं? » Paramparagat Urja Kise Kehte Hain
  6. संतुलित आहार किसे कहते हैं? संतुलित आहार के तत्व का महत्व क्या है?


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ऊर्जा के परंपरागत स्रोत किसे कहते हैं

ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत- पृथ्वी में अनेक वर्षों तक हुई भौतिक तथा रासायनिक क्रियाओं के फलस्वरूप प्राप्त स्रोत 'परंपरागत ऊर्जा स्रोत' कहलाते हैं। पृथ्वी पर इनके सीमित भंडार उपलब्ध हैं। इन्हें ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें पुनः प्राप्त करना संभव नहीं है। क्योंकि इनके निर्माण में अनेक वर्षों का समय लगता है। अतः इन्हें अनवीकरणीय स्रोत भी कहा जाता है। पृथ्वी के कुल ऊर्जा संसाधनों का लगभग 87% परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त होता है। पृथ्वी के प्रमुख परंपरागत ऊर्जा स्रोत निम्नलिखित हैं- विषयसूची Show • • • • Conventional sources of energy- The sources obtained as a result of physical and chemical reactions in the earth for many years are called 'conventional energy sources' Huh. There are limited reserves of these available on earth. These are also known as primary sources of energy. It is not possible to retrieve them. Because it takes many years to build them. Therefore, they are also called non-renewable sources. About 87% of the Earth's total energy resources are derived from conventional energy sources. Following are the main conventional energy sources of the earth- 1. पेट्रोलियम- पेट्रोलियम का निर्माण करोड़ों वर्षों तक जीव-जंतुओं और जीवाश्मों की चट्टानों के नीचे दबने से होता है। भारत में पेट्रोलियम का सीमित भंडार है। देश अपनी कुल आवश्यकताओं का लगभग 70% पेट्रोलियम आयात करता है। भारत में लंकेश्वर (गुजरात), डिग्बोई (असम) और मुंबई हाई में पेट्रोलियम का उत्पादन होता है। 1. Petroleum- Petroleum is formed by being buried under rocks of animals and fos...

ऊर्जा के स्रोत क्या है परम्परागत गैर परम्परागत Source Energy

Source Of Energy In Hindi ऊर्जा के स्रोत क्या है परम्परागत और गैर परम्परागत स्रोत : हमें आए दिन ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ती जा रही है. Energy Source यानी ऊर्जा के परम्परागत अथवा ऊर्जा के गैर परम्परागत स्रोत क्या है हम जानते है कि ऊर्जा का उपयोग खाना बनाने, प्रकाश के लिए तथा कृषि के कार्य में मुख्य रूप से किया जाता हैं. Source Of Energy में हम ऊर्जा के दोनों प्रकार परिभाषा तथा इनकी श्रेणी में आने वाले ईधन के बारे में जानेगे. ऊर्जा क्या है– किसी भी देश की आर्थिक समृद्धि वहां के ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर करती हैं. औद्योगिक उत्पादन, परिवहन, कृषि, चिकित्सा आदि सभी क्षेत्रों में ऊर्जा की जरूरत होती हैं. ऊर्जा स्रोत के दो प्रकार हैं. • ऊर्जा के परम्परागत स्रोत– खनिज कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैसें पन बिजली, आण्विक विद्युत् • ऊर्जा के गैर परम्परागत स्रोत– सौर ऊर्जा, वायु शक्ति, भूतापीय ऊर्जा बायो गैस. एनर्जी ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत अनादि काल से पृथ्वी के समस्त जीवन के लिए एनर्जी का सबसे बड़ा अक्षय स्रोत सूर्य रहा हैं. विश्व की अधिकतर संस्कृतियों ने सूर्य को जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हुए उसकी पूजा की हैं. कई कल्चर में जीवन पद्धति सूर्य के इर्द गिर्द ही रही हैं. सूर्य उदय के साथ दिन की शुरुआत और दिन की समाप्ति इसके अस्त होते ही हो जाती हैं. हर एक पल विद्यमान रहने वाला सूर्य समस्त जगत की ऊर्जा का अक्षय स्रोत हैं. जन जीवन के साथ ही पेड़ पौधों और अन्य जीवों में भी सूर्य के कारण ही ऊर्जा का सन्चाल होता हैं. एक अनुमान के मुताबिक़ यदि हम एक घंटे में प्राप्त होने वाली समस्त सौर ऊर्जा को सहेज ले तो यह समूची दुनिया की वर्ष भर होने वाली बिजली की खपत को पूरा कर सकती हैं. भारत में सूर्य से 270 द...

ऊर्जा का उत्तम स्रोत किसे कहते हैं?

हेलो दोस्तों हमें प्रश्न दे रखा की ऊर्जा का उत्तम स्त्रोत किसे कहते हैं चलिए बात करते हैं ऊर्जा के उत्तम स्त्रोत क्या होते हैं देखिए मैंने यहां पर कुछ पॉइंट लिख रखे हैं आप को एक-एक करके बताता हूं ठीक है वह स्त्रोत जो पहली बात करें तो क्या प्रति एकांक आयतन या द्रव्यमान अत्यधिक कार्य करें अर्थात उसके कैलोरी मान क्या होना चाहिए अधिक होना चाहिए और साथ में उसकी एक छोटी सी मात्रा में सब कुछ करिए 1 ग्राम मात्रा में तो उसमें हमें उससे अत्यधिक ऊर्जा मिलनी चाहिए थी क्या दूसरी बात करते हैं तो क्या कह रहा है आसानी से उपलब्ध तथा संस्थाओं अर्थात उसकी कॉस्ट भी कम होनी चाहिए और हमें आसानी से उपलब्ध भी हो जाए तीसरी बात करें तो क्या कह रहा है भंडारण तथा परिवहन में आसानी हो अर्थात उसको हम आसानी से संरक्षित व सुरक्षित रख सके और लाना ले जाना भी उसका आशा लो कहीं भी लाने ले जाने के लिए विषयों में आसानी हो चौथा भाग जलने पर प्रदूषण ना होता लग रहा था जब हम अपनी उर्जा स्त्रोत से ऊर्जा प्राप्त करें तो जलने पर उससे प्रदूषण ना के बराबर उत्पन्न ना ऐसे दस्तूर को हम क्या कहेंगे उत्तम स्त्रोत कहेंगे वही हमसे इस प्रश्न में पूछा गया उम्मीद करता हूं आपको यह वीडियो चालू है ना अच्छे से समझ में आएगा पसंद भी डाउटनट देखने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

क्लोरोप्लास्ट क्या है , क्लोरोप्लास्ट की संरचना तथा कार्य किसे कहते है , हरित लवक परिभाषा chloroplast definition in hindi

chloroplast definition in hindi क्लोरोप्लास्ट क्या है , क्लोरोप्लास्ट की संरचना तथा कार्य किसे कहते है , हरित लवक परिभाषा ? • लवक (Plastids ) पादप जगत् में जीवाणु, नीले हरे शैवाल एवम् कवकों को छोड़कर सभी पादपों की कोशिका में पाये जाने वाले सबसे बड़े किन्तु केन्द्रक से छोटे कोशिकांग लवक (Plastids ) कहलाते हैं । पादपों में इनकी उपस्थिति एक मुख्य लक्षण है, जिसके आधार पर जन्तुओं को पादपों से विभेदित किया गया है। किन्तु कुछ जन्तु कोशिकाओं, जैसे-युग्लीना में अपवाद के रूप में प्लास्टिड्स पाये जाते हैं । हिकेल (Haeckel, 1865) ने इन कोशिकांगों को लवक कहा। किन्तु ए.एफ. डब्ल्यू. शिम्पर (A.F. W. Schimper, 1885) ने इन्हें ‘प्लास्टिकास’ (Plastikas moulded ढाले गये) कहा। इनका मुख्य कार्य खाद्य पदार्थों का संश्लेषण व संचय करना है। ये जीवित संरचनाएँ होती हैं, अर्थात् विभाजित होकर संख्या में वृद्धि करती हैं। इनकी उत्पत्ति पूर्ववर्ती संरचनाओं से होती है। जिन्हें ‘प्रोप्लास्टिड्स’ (Proplastids) कहते हैं । उच्च पादपों में वे सभी कोशिका द्रव्यी संरचनाओं का समूह, जिनमें प्राकृतिक वर्णक (natura coloured substances), लिपिड्स, प्रोटीन्स तथा काब्रोहाइड्रेट्स संचित रहते हैं, प्लास्टिड्स कहलाते हैं । किन्तु निम्न पादप समूहों, जैसे- नीले-हरे शैवाल, कवक व कुछ प्रोटोजोआ के सदस्यों में सुविकसित, झिल्ली आबद्ध प्लास्टिड्स के स्थान पर प्लास्टिड समान संरचनाएँ ‘क्रोमेटोफोर’ (Chromatophores) पायी जाती हैं। प्लास्टिड्स का वर्गीकरण (Classification of Plastids ) प्लास्टिड्स को, उनमें संचित भोजन व विभिन्न वर्णकों की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति के आधार पर निम्न समूहों में वर्गीकृत किया गया है- (A) ल्यूकोप्लास्ट्स (Leuc...

परंपरागत ऊर्जा किसे कहते हैं? » Paramparagat Urja Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। परंपरागत ऊर्जा स्रोत किसे कहते हैं ऐसे उद्योग जिनका उपयोग हम प्राचीन काल से करते हैं उनको परंपरागत ऊर्जा स्रोत कहते हैं उदाहरण से आप इसको समझ सकते हैं जैसे कि कोयला लकड़ी डीजल पेट्रोल यह सब ऊर्जा का परंपरागत स्रोत है paramparagat urja srot kise kehte hain aise udyog jinka upyog hum prachin kaal se karte hain unko paramparagat urja srot kehte hain udaharan se aap isko samajh sakte hain jaise ki koyla lakdi diesel petrol yah sab urja ka paramparagat srot hai परंपरागत ऊर्जा स्रोत किसे कहते हैं ऐसे उद्योग जिनका उपयोग हम प्राचीन काल से करते हैं उनको

संतुलित आहार किसे कहते हैं? संतुलित आहार के तत्व का महत्व क्या है?

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे अपने खाने में उन पदार्थो का इस्तेमाल नहीं करते जिससे शरीर को कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, प्रोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त हो। पर्याप्त मात्रा में संतुलित आहार न लेने से शरीर के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए स्वस्थ तन और मन के लिए एवं गंभीर बीमारियों से बचने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना अति आवश्यक है तो आज हम आपको बतायेगे संतुलित आहार किसे कहते हैं? संतुलित आहार के तत्व का महत्व क्या है? What is a balanced diet संतुलित आहार किसे कहते हैं? संतुलित आहार किसे कहते हैं:- संतुलित आहार वे आहार होता है जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, वसा, जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद हो और जल भी शारीरिक जरुरत के अनुसार भरपूर मात्रा में शामिल होता हो उसको ही संतुलित आहार कहते है। आसान भाषा में कहे तो संतुलित आहार वो होता है जिसमे शरीर के अनुसार सभी प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते है। संतुलित आहार आपको स्वस्थ रखने एवं आपकी आयु को बढ़ाने में भी मददगार होता है। संतुलित आहार लेने से व्यक्ति का वजन भी संतुलन में रहता है और उसका स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है। संतुलित आहार के लिए जरुरी है की भोजन में सभी खाद्य समूहों जैसे, अनाज, दाले, हरी सब्जिया, ताजे फल, मांस-मच्छी, अंडा, वसा, आदि का सेवन उचित एवं पर्याप्त मात्रा में किया जाये। संतुलित आहार में 70% कार्बोहाइड्रेट, 10% प्रोटीन और 20% वसा होनी चाहिए। संतुलित आहार के तत्व • विटामिन • कार्बोहाइड्रेट • वसा • प्रोटीन • पानी • खनिज • फाइबर विटामिन (Vitamin) विटामिन भोजन का एक ऐसा तत्व है जिसके आवश्यकता सभी जीवो को होती है। रासायनिक रूप से देखा जाये तो ये कार्बनिक यौगिक होते है। विट...