प्राचीन भारत का टाटानगर किसे कहते हैं

  1. प्राचीन भारत का इतिहास किसे कहते हैं? » Prachin Bharat Ka Itihas Kise Kehte Hain
  2. प्राचीन काल में भारत
  3. प्राचीन भारत का इतिहास? ( Praacheen Bhaarat ka Itihaas )
  4. भारत का नेपोलियन किसे और क्यों कहा जाता है
  5. प्राचीन भारत को विस्तार में बताएँ? » Prachin Bharat Ko Vistaar Mein Batayen


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प्राचीन भारत का इतिहास किसे कहते हैं? » Prachin Bharat Ka Itihas Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका पूछा गया प्रश्न है प्राचीन इतिहास किसे कहते हैं प्राचीन इतिहास इतिहास हमारे अतीत को बताता है हम अगर अपने कल के बारे में जानना चाहते हैं तो हमें न्यूज़पेपर रेडियो टीवी के माध्यम से पता चलता है लेकिन हम अगर आज से हजारों साल लाखों साल वर्ष पहले की बात जानना चाहते हैं तो हम तीन चीजों से जानसठ भैया तो अर्थ लो जिससे पुरातत्व विधि से या अभिलेख से या उत्खनन से इंसिडेंट हिस्ट्री प्राचीन इतिहास तीन भागों में बांटा गया है पहला प्रीहिस्टोरिक दूसरा प्रोटोहिस्टोरिक और तीसरा हिस्टोरी aapka poocha gaya prashna hai prachin itihas kise kehte hain prachin itihas itihas hamare ateet ko batata hai hum agar apne kal ke bare mein janana chahte hain toh hamein Newspaper radio TV ke madhyam se pata chalta hai lekin hum agar aaj se hazaro saal laakhon saal varsh pehle ki baat janana chahte hain toh hum teen chijon se janasath bhaiya toh arth lo jisse puratatva vidhi se ya abhilekh se ya utkhanan se incident history prachin itihas teen bhaagon mein baata gaya hai pehla prihistorik doosra protohistorik aur teesra histori आपका पूछा गया प्रश्न है प्राचीन इतिहास किसे कहते हैं प्राचीन इतिहास इतिहास हमारे अतीत को ब

प्राचीन काल में भारत

भारत तथा पाश्चात्य विश्व के बीच संपर्क के प्राचीनतम संदर्भ मिलते हैं, तथापि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं, कि भारत का पाश्चात्य जगत विशेषकर रोम के साथ घनिष्ठ वाणिज्यिक संबंध ईस्वी सन् के प्रारंभ के लगभग आरंभ हुआ। पाम्पेई नगर की खुदाई में भारतीय शैली में निर्मित हाथीदाँत की बनी यक्षिणी की एक मूर्ति मिली है, जिसका काल ईसा पूर्व दूसरी शती माना जाता है। उपलब्ध साहित्यिक एवं पुरातात्विक प्रमाणों से पता चलता है, कि आगस्टन काल (ई.पू.27-14) में उत्तर-पश्चिम तथा भारतीय उपमहाद्वीप के प्रायद्वीपय क्षेत्रों, दोनों के साथ रोम का व्यापारिक संबंध विकसित हो गया था। ये आर्थिक गतिविधियाँ ईसा की प्रथम दो शताब्दियों तक तेज हो गयी तथा आगामी सदियों में भी कुछ कम मात्रा में चलती रही, जबकि YouTube Video पेरीप्लस, वरमिंगटन क्लासिकल विवरण के आधार पर चार ऐसे दूतमंडलों का उल्लेख करता है, जो भारत के विभिन्न भगों – उत्तर पश्चिम, भङौंच (काठियावाङ क्षेत्र) तथा दक्षिण के मार्क अन्तोजी से जस्टिनियन (ई.पू.30 ई. 550)तक भारत – रोम संबंध सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण रहा। ट्रेजन के विषय में एक प्रसंग मिलता है, जिसके अनुसार 116 ई. में भारत की ओर जाने वाले एक जहाज को देखकर उसने यह इच्छा व्यक्त करते हुये कहा था, – यदि मैं युवा होता तो, अभी इस पर कूद कर बैठ जाता। दक्षिण भारत में प्राप्त सिक्कों का अध्ययन करने के बाद सेवेल का निष्कर्ष है, कि इस व्यापार का चरमोत्कर्ष आगस्टन काल में हुआ था। तथा नीरो के समय (65 ई.) तक यह बना रहा। इसी समय भारत से विलासिता-सामग्री बहुत अधिक भेजी गयी। किन्तु वरमिंगटन ने इससे असहमति प्रकट करते हुये लिखा है, कि इसका कोई प्रमाण नहीं है, कि व्यापार में गिरावट आई, अपितु इसके प्रमाण है, कि नीरो के बाद भ...

प्राचीन भारत का इतिहास? ( Praacheen Bhaarat ka Itihaas )

प्राचीन भारत का इतिहास? ( History of Ancient India ) प्राचीन भारत का इतिहास :— भारत एक विशाल प्रायद्वीप ( Vast Peninsula ) है , जो तीनों दिशाओं में समुद्र से घिरा है । भारत को इन नामों से भी जाना जाता है । जैसे कि , आर्यावर्त , ब्रह्मावर्त , हिन्दुस्तान तथा इण्डिया आदि । प्राचीन भूगोलशास्त्रियों ने इसकी स्थिति के लिए ‘ चतुःस्थानसंस्थितम् ‘ शब्द का प्रयोग किया था । भारत की मूलभूत एकता के लिए ‘ भारतवर्ष ‘ नाम सबसे पहले पाणिनी की अष्टाध्यायी में आया है । देश का भारत नामकरण ऋग्वैदिक काल के प्रमुख जन ‘ भरत ‘ के नाम पर किया गया है । यूनानियों ने भारतवर्ष के लिए ‘ इण्डिया ( India ) ‘ शब्द का प्रयोग किया , जबकि मध्यकालीन लेखकों ने इस देश को ‘ हिन्द ‘ या ‘ हिन्दुस्तान ‘ नाम से सम्बोधित किया । इतिहास ( History ) भारत का इतिहास हजारों साल पुरानी है । आज से लगभग 65,000 साल पहले , आधुनिक मानव , या होमो सेपियन्स , अफ्रीका से भारतीय उपमहाद्वीप में पहुँचे थे , जहाँ वे पहले विकसित हुए थे । सबसे पुराना ज्ञात आधुनिक मानव ( Modern Man ) आज से लगभग 30,000 वर्ष पहले दक्षिण एशिया में रहता है । 6500 ईसा पूर्व के बाद , खाद्य फसलों और जानवरों के वर्चस्व ( Domination ) के लिए सबूत , स्थायी संरचनाओं का निर्माण और कृषि अधिशेष का भण्डारण मेहरगढ़ और बलूचिस्तान के अन्य स्थलों में दिखाई दिया और ये धीरे-धीरे सिंधु घाटी सभ्यता में विकसित हुए । दक्षिण एशिया में सबसे पहले शहरी संस्कृति जो अब पाकिस्तान और पश्चिमी भारत में 2500-1900 ईसा पूर्व के दौरान पनपी ( Flourished ) । मेहरगढ़ पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है जहां नवपाषाण युग ( Neolithic Age ) ( 7000 ईसा-पूर्व से 2500 ईसा पूर्व ) के बहुत से अवशेष म...

भारत का नेपोलियन किसे और क्यों कहा जाता है

नमस्कार दोस्तों, नेपोलियन इतिहास का एक महान एवं सफल योद्धा जिसने पुरे विश्व को काबू में करने की इच्छा जताई थी. नेपोलियन फ्रांस का सम्राट था. ऑस्ट्रिया, रूस, स्पेन और यूरोप के कई क्षेत्रों में अपना कब्ज़ा था . अपने शौर्य और बुद्धिमता से उसने कई युद्ध जीते एवं अपना लोहा मनवाया लेकिन आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता है के बारे में जानेंगे.भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता है के अलावा हर तथ्य की विस्तार से चर्चा करेंगे जो आपकी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए अहम है. आज की इस पोस्ट से हम पूरी कोशिश करेंगे की आपको इस विषय के साथ अन्य बोनस जानकारियाँ भी मिले जिससे आप अपनी एग्जाम में और बेहतर कर सके. Table of Contents [Hide] भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता है | Bharat ka napoleon kise kaha jata hai भारत का नेपोलियन समुद्रगुप्त कोकहा जाता है. समुद्रगुप्त प्राचीन भारत के गुप्त साम्राज्य के शासक थे. वे गुप्त राजवंश के चौथे राजा एवं चन्द्रगुप्त I के उत्तराधिकारी थे. इनका शासनकाल स्वर्णयुग कहलाता था. समुद्रगुप्त को इतिहास के सबसे सफल एवं महान सम्राट के रूप में जाना जाता था. समुद्रगुप्त के साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र थी. समुद्रगुप्त गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त प्रथम और लिच्छवी राजकुमारी कुमारदेवी के पुत्र थे. इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख में व्यापक सैन्य विजय का श्रेय दिया गया है इससे पता चलता है कि समुद्रगुप्त नेउत्तर भारत के कई राजाओं को हराकर अपने साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया. समुद्रगुप्त कासाम्राज्य पश्चिम में रावी नदी से पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी तक एवं उत्तर में हिमालय की तलहटी से लेकर दक्षिण-पश्चिम में मध्य भारत तक फैला हुआ था. समुद्रगुप्त का जीवन परिचय समुद्रगुप्त ...

प्राचीन भारत को विस्तार में बताएँ? » Prachin Bharat Ko Vistaar Mein Batayen

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। मैं हूं आपका वॉकर फ्रेश अमित कुमार आपका सवाल है प्राचीन भारत विस्तार से बताएं भारत का इतिहास और संस्कृति से गतिशील और यह एक मानव सभ्यता किसे बाद तक जाती है या सिंधु घाटी के रश्मि संस्कृति से शुरू हो शुरू होती है और भारत के दक्षिणी इलाकों में किसान सामुदायिक तक जाती है भारत के इतिहास में भारत के आसपास स्थित अनेक संस्कृतियों संस्कृतियों से लोगों का निरंतर समीक्षा होता रहा है उपलब्ध साक्ष्य सो जाते हैं कि लोहे तांबे और अन्य धातुओं के उपयोग का विवाह शुरुआती समय में भी भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित थे जो दुनिया के इस हिस्से द्वारा की गई प्रगति का संकेत है चौथी शास्त्र वर्ष के अंत तक भारत एक अत्यंत विकसित सभ्यता के क्षेत्र के रूप में उभर चुका था सिंधु घाटी की सभ्यता भारत का इतिहास सिंधु घाटी की सभ्यता के जन्म के साथ आरंभ हुआ और अधिक बारीक बारीक किसे कहा जाए तो भारत अग्नि हड़प्पा सभ्यता के समय इसकी शुरुआत मानी जाती है या दक्षिण एशिया के पश्चिमी हिस्से में लगभग 25 से 20 में खली पुलिस जिसे आज पाकिस्तान और पश्चिमी भारत कहा जाता है सिंधु घाटी मिसरे मेसोपोटामिया भारत और चीन के 400 प्राचीन स्वरूप सारी सबसे बड़ी सभ्यताओं का घर थी इस बार सभ्यता के बारे में 1920 तक कुछ भी ज्ञात नहीं था जब भारतीय पुरातत्व विभाग ने सिंधु घाटी की खुदाई का कार्य आरंभ किया उसमें जिसमें दो पुराने शहरों अर्थात मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के भग्नावशेष निकला निकल आए और भावनाओं के टूटे हुए हिस्से और अन्य वस्तुओं जैसे घरेलू सामान युद्ध के चार सोने और चांदी आभूषण मुहर खिलौने बर्तन आदि चाहते हैं कि इस क्षेत...