प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत notes

  1. प्राचीन भारत का इतिहास 1200
  2. भारत.के.प्राचीन.इतिहास.को.जानने.के.स्रोत Study Material
  3. प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत (Sources of Ancient Indian History) »


Download: प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत notes
Size: 17.39 MB

प्राचीन भारत का इतिहास 1200

प्राचीन भारत का इतिहास 1200 – IGNOU Notes • • ❤️ लेटेस्ट अपडेट के लिए हमारा Telegram Channel ज्वाइन करें - GK Online Test IGNOU Books UOU Books UPRTOU Books Important Notice हम लगातार इस वेबसाइट को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं | लेकिन मुझे लगता है यह अभी पूरी तरह परफेक्ट नहीं है | अगर आपको इस वेबसाइट में कुछ कमियां नजर आयीं हों या आपको इस वेबसाइट को यूज़ करने में किसी प्रकार की समस्या हुई हो तो कृपया कमेंट करके हमें बताएं | कमेंट आप किसी अन्य पेज पर कर सकते हैं क्योंकि इस पेज पर कमेंट करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है |

भारत.के.प्राचीन.इतिहास.को.जानने.के.स्रोत Study Material

भारत के प्राचीन इतिहास को जानने के स्रोत प्राचीन भारतीय इतिहास के सन्दर्भ में जानकारी जुटाने के क्रम में हमें विभिन्न स्रोतों का सहारा लेना पड़ता है। प्राचीन इतिहास कोजानने के निम्नलिखित तीन महत्वपूर्ण स्रोत हैं- 1.पुरातात्विक स्रोत, 2.साहित्यिक स्रोततथा 3. विदेशी यात्रियों के विवरण। पुरातात्विक स्रोत प्राचीन भारत के अध्ययन के लिए पुरातात्विक सामग्रियां सर्वाधिक प्रमाणिक हैं। इसके अन्तर्गत मुख्यतः अभिलेख, सिक्के, स्मारक, भवन, मूर्तियां, चित्रकला आदि आते हैं। अभिलेख • पुरातात्विक स्रोतों के अन्तर्गत सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्रोत अभिलेख हैं। प्राचीन भारत के अधिकतर अभिलेख पाषाण शिलाओं, स्तम्भों, ताम्रपत्रों, दीवारों तथा प्रतिमाओं पर उत्कीर्ण हैं। • सर्वाधिक प्राचीन अभिलेख मध्य एशिया के बोगजकोई नामक स्थान से लगभग 1400 ई.पू. में मिले हैं। इस अभिलेख में इन्द्र, मित्र, वरूण और नासत्य आदि वैदिक देवताओं के नाम मिलते हैं। • भारत में सबसे प्राचीन अभिलेख अशोक के हैं जो 300 ई.पू. के लगभग हैं। मास्की , गुज्जर्रा , निट्टूर एवं उदेगोलम से प्राप्त अभिलेखों में अशोक के नाम का स्पष्ट उल्लेख है। इन अभिलेखों से अशोक के धर्म और राजत्व के आदर्श पर पर्याप्त प्रकाश पड़ता है। • अशोक के अधिकतर अभिलेख ब्राह्मी लिपि में है। केवल उत्तरी पश्चिमी भारत के कुछ अभिलेख खरोष्ठी लिपि में है। खरोष्ठी लिपि फारसी लिपि की तरह दाईं से बाई की ओर लिखी जाती है। • लघमान एवं शरेकुना से प्राप्त अशोक के अभिलेख यूनानी तथा आरमेइक लिपियों में हैं। इस प्रकार अशोक के अभिलेख मुख्यतः ब्राह्मी, खरोष्ठी यूनानी तथा आरमेइक लिपियों में मिले हैं। • प्रारम्भिक अभिलेख (गुप्त काल से पूर्व) प्राकृत भाषा में हैं किन्तु गुप्त तथा गुप्तोत्तर काल क...

प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत (Sources of Ancient Indian History) »

Contents • 1 पुरातात्विक स्रोत • 1.1 अभिलेख • 1.1.1 मुख्य अभिलेख, शासक एवं उनके विषय • 1.2 सिक्के • 1.3 स्मारक एवं भवन • 1.4 मूर्तियाँ • 1.5 चित्रकला • 1.6 भौतिक अवशेष • 2 साहित्यिक स्रोत • 2.1 ब्राह्मण साहित्य • 2.1.1 ऋग्वेद • 2.1.2 यजुर्वेद • 2.1.2.1 कृष्ण यजुर्वेद • 2.1.2.2 शुक्ल यजुर्वेद • 2.1.3 सामवेद • 2.1.4 अथवर्वेद • 2.2 उपनिषद् • 2.3 वेदांग (सूत्र) • 2.4 स्मृतियाँ • 2.5 महाकाव्य • 2.5.1 रामायण • 2.5.2 महाभारत • 2.6 पुराण • 2.7 बौद्ध साहित्य • 2.7.1 सुत्तपिटक • 2.7.1.1 दीघनिकाय • 2.7.1.2 मज्झिमनिकाय • 2.7.1.3 संयुक्त-निकाय • 2.7.1.4 अंगुत्तर निकाय • 2.7.1.5 खुद्यक निकाय • 2.7.2 विनय पिटक • 2.7.2.1 पातिमोक्ख • 2.7.2.2 सुत विमंग • 2.7.2.3 खन्धक • 2.7.2.4 परिवार • 2.7.3 अभिधम्म पिटक • 2.7.4 दीपवंश • 2.7.5 महावंश • 2.8 जैन साहित्य (आगम) • 2.8.1 पूर्वमध्यकाल के जैन ग्रंथ • 2.9 धार्मिकेतर या लौकिक साहित्य • 2.10 1148-1150 के मध्य रचित ग्रंथ • 3 विदेशी यात्रियों के वर्णन • 3.1 यूनान और रोम के लेखक • 3.2 चीनी यात्रियों के वृतांत • 3.3 अरब यात्रियों के वृतांत • 4 Related Links प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत (Sources of Ancient Indian History) प्राचीन भारत (ANCIENT INDIA) इतिहासकार भारतीय इतिहास को तीन भागों में बाँटते हैं — • प्रागैतिहासिक काल —जिसका कोई लिखित साधन उपलब्ध नहीं है. • आद्य इतिहास -जिसका लिखित साधन तो उपलब्ध है, किंतु उसे अब तब पढ़ा नहीं जा सका है. इसके अंतर्गत हड़प्पा संस्कृति तथा वैदिक काल आते हैं. • ऐतिहासिक काल -इसके अन्तर्गत लिखित उपलब्ध सामग्री को पढ़ा जा सका है तथा जिसका काल 600 ई.पूर्व. से शुरू होता है. प्रागैतिहासिक काल का इतिहास लिखते समय इतिहासकार प...