प्रारूप

  1. प्रारूप
  2. कारण बताओ नोटिस क्या है? यह नोटिस कैसे लिखा जाता है?
  3. अनौपचारिक पत्र कैसे लिखें? (उदाहरण, प्रकार और प्रारूप)
  4. पाठ योजना प्रारूप (Lesson Plan Format in Hindi) (2023)
  5. {डाउनलोड PDF फॉर्म} Swa Pramanit Ghoshna Patra Pdf Download
  6. प्रारूप समिति
  7. औपचारिक पत्र Formal Letter in Hindi Format, Types, Examples
  8. पटकथा लेखन : प्रारूप, विशेषताएं और उदाहरण
  9. कारण बताओ नोटिस क्या है? यह नोटिस कैसे लिखा जाता है?
  10. पाठ योजना प्रारूप (Lesson Plan Format in Hindi) (2023)


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चर्चित शब्द (विशेषण) जो किसी वस्तु, स्थान आदि के मध्य या बीच में स्थित हो। (संज्ञा) स्त्रियों का गहने, कपड़े आदि से अपने आपको सजाने की क्रिया। (संज्ञा) राजा जनक की पुत्री तथा राम की पत्नी। (संज्ञा) शिक्षा संबंधी योग्यता। (विशेषण) अच्छे चरित्रवाली। (विशेषण) धोखा देने के लिए किसी प्रकार की झूठी कार्रवाई करने वाला। (विशेषण) कहीं-कहीं पर होने वाला। (संज्ञा) सेना का प्रधान और सबसे बड़ा अधिकारी। (संज्ञा) वह रोग जिसमें भोजन नहीं पचता। (विशेषण) जो प्रशंसा के योग्य हो।

कारण बताओ नोटिस क्या है? यह नोटिस कैसे लिखा जाता है?

कारण बताओ नोटिस क्या है? यह कैसे लिखा जाता है? (What is show cause notice? How it is written?) कारण बताओ नोटिस क्या है (what is show cause notice) दोस्तों, आपको बता दें कि कारण बताओ नोटिस को अंग्रेजी में शो काॅज नोटिस (show cause notice) भी पुकारा जाता है। यह किसी भी सक्षम प्राधिकारी, संगठन अथवा कोर्ट द्वारा जारी एक आदेश होता है। यह आदेश किसी व्यक्ति अथवा समूह को लिखित रूप में किसी गलती, कदाचार, गलत कार्य, प्रदर्शन, अनुपस्थिति, लापरवाही, समय पर कार्यालय न आने, संतोषजनक कार्य न करने आदि से संबंधित किसी घटना का कारण बताने अथवा समझाने के लिए भेजा जाता है कि क्यों न अमुक व्यक्ति अथवा समूह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। इसे आप एक उदाहरण से भी समझ सकते हैं। जैसे-मोहन एक सरकारी कार्यालय में क्लर्क है, लेकिन वह बगैर किसी सूचना के कार्यालय से गायब रहता है। ऐसे में उसके उच्च अधिकारी उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर ऐसा करने का स्पष्टीकरण मांग सकते हैं। मोहन को एक निर्धारित अवधि में अपने सूचना दिए बगैर गायब रहने का कारण बताना होगा। 2.12 Spread the love कारण बताओ नोटिस किन किन बातों के लिए जारी किया जा सकता है? (for what show cause notice is given) दोस्तों, अब आपको जानकारी देते हैं कि मोटा-मोटी किन किन बातों के लिए कोई प्राधिकरण, कोर्ट, सरकारी अथवा निजी कार्यालय कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है। ये वजहें इस प्रकार से हैं- • किसी जिम्मेदारी के निर्वहन में लापरवाही बरतने पर। • किसी आवश्यक कार्य से अनुपस्थित पाए जाने पर। • किसी सरकारी अथवा निजी कार्यालय में नियम-कायदों का उल्लंघन करने पर। • किसी कार्यालय अथवा प्राधिकरण की अनुशासन प्रक्रिया का उल्लंघन करने पर। • सरकार द्वारा जारी किसी व...

अनौपचारिक पत्र कैसे लिखें? (उदाहरण, प्रकार और प्रारूप)

विषय सूची • • • • • • • अनौपचारिक पत्र क्या होते हैं? इस श्रेणी के अंतर्गत व्यक्तिगत पत्र आते हैं। व्यक्तिगत पत्र से तात्पर्य ऐसा पत्रों से है, जिन्हें व्यक्तिगत मामलों के संबंध में परिवारिक सदस्यों, मित्रों एवं अन्य परिजनों को लिखा जाता है। अतः हम कह सकते हैं व्यक्तिगत पत्र के आधार पर व्यक्तिगत संबंध होते हैं। जैसे – पिता पुत्र को लिखा गया पत्र, मित्र को लिखा गया पत्र, संबंधी को लिखा गया पत्र, परिजनों को लिखा गया पत्र या अपने माता-पिता को लिखा जाता है। अनौपचारिक पत्र अपने माता-पिता, परिजनों, दोस्तों या सगे संबंधियों को लिखा जाता है। ये पत्र पूरी तरह से निजी या व्यक्तिगत होते हैं। इस तरह के पत्रों में व्यक्ति अपनी भावनाओं, विचारों व सूचनाओं को अपने प्रियजनों को भेजते हैं। इस तरह के पत्रों में भाषा बहुत ही सरल, सहज और मधुर होती है। अनौपचारिक पत्र अपने प्रियजनों का हालचाल पूछने या उन्हें निमंत्रण भेजने, धन्यवाद देने या कोई महत्वपूर्ण सूचना देने के लिए लिखे जाते हैं। इसीलिए ऐसे पत्रों में शब्दों की संख्या लिखने वाले व्यक्ति पर निर्भर करती है। अनौपचारिक पत्र के प्रकार अनौपचारिक पत्र अपने सगे, संबंधियों, रिश्तेदारों और परिवारजनों को लिखा जाता है, जो विभिन्न उद्देश्यों से हो सकता है: • निवेदन पत्र • अनुमति पत्र • निमंत्रण पत्र • बधाई पत्र • शुभकामना पत्र • आभार प्रदर्शन पत्र • संवेदना, सहानुभूति या सांत्वना पत्र • नाराजगी/खेद पत्र • सूचना/वर्णन संबंधी पत्र • सुझाव/सलाह पत्र • क्षमायाचना एवं आश्वासन संबंधी पत्र अनौपचारिक पत्र के अंग अनौपचारिक पत्र के निम्नलिखित मुख्य अंग होते हैं: पत्र लेखक का पता अनौपचारिक पत्र लिखते वक्त सबसे पहले पत्र लेखक का पता लिखना होता है, जो पत्र के सबसे...

पाठ योजना प्रारूप (Lesson Plan Format in Hindi) (2023)

पाठ योजना प्रारूप (Lesson Plan Format in Hindi) हेल्लो दोस्तों जब हम B.ed, D.el.ed., BSTC, BTC आदि अन्य नामों से जाना जाने वाला शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स (Teacher Training Course) कर रहे होते है तो इस दौरान हमे कई प्रकार की पाठ योजनाये (Lesson Plans) बनानी होती है | तो ऐसे में हमारे मन में तरह-तरह के सवाल आते है जैसे कि:- • पाठ योजना क्या होती है? • इसका प्रारूप कैसा होता है? • पाठ योजना के गुण-दोष क्या क्या है? • एक उत्तम और आदर्श पाठ योजना कैसे बनाते है? • एक प्रभावी पाठ योजना की क्या क्या विशेषताए है? • पाठ क्या-क्या उद्देश्य है? आदि पाठ योजना (Lesson Plan) से जुड़े कई प्रकार के प्रश्न हमारे मन में आते है, लेकिन कम जानकारी के अभाव में हम एक अच्छी और आदर्श पाठ योजना नहीं बना पाते है | जो कि हमारे शिक्षण को प्रभावित भी करती है | आपकी इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए हमने आज सभी सवालों के जवाब आपके साथं शेयर किये है | उम्मीद है पाठ योजना से सम्बन्धित यह जानकारी पसंद आएगी | पाठ योजना क्या होती है?(What is Lesson Plan in Hindi?) जब एक शिक्षक को कक्षा-कक्ष में शिक्षण करवाना होता है तो उसे शिक्षण से पूर्व अपने शिक्षण की एक रूपरेखा बनानी पड़ती है, जिसे हम पाठ योजना के रूप में जानते है | शिक्षक को सबसे पहले पुरे वर्ष एवं पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए वार्षिक पाठ योजना का निर्माण करना होता है, उसके बाद शिक्षक को इकाई योजना का निर्माण करना होता है, और जब शिक्षक इकाई योजना (Ikai Yojna/Unit Plan) का निर्माण कर लेता है तो उसे अंत में दैनिक पाठ योजना (Daily Lesson Plan) का निर्माण करना होता है जिसमे वो प्रतिदिन पढाई जाने वाली क्रियाविधि को एक क्रम में निर्धारित करता है एवं उसके अनुरूप ही...

{डाउनलोड PDF फॉर्म} Swa Pramanit Ghoshna Patra Pdf Download

Swa Pramanit Ghoshna Patra Pdf Download | स्व प्रमाणित घोषणा पत्र pdf Download | swapramanit ghoshna patra 2022 pdf | स्व-घोषणा प्रमाण पत्र pdf 2022 | स्वप्रमाणित घोषणा पत्र का प्रारूप 2022 | Self Attested Declaration PDF Form जिस प्रकार हमें समय – समय पर जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र आदि की आवश्यकता पड़ती है उसी प्रकार स्व प्रमाणित घोषणा पत्र (Swa Pramanit Ghoshna Patra Pdf Download) की भी आवश्यकता हमें बहुत से सरकारी कामों में होती हैं। और सामान्य तौर पर लोगों के बीच स्वप्रमाणित घोषणा पत्र से जुडी ज्यादा जानकारी लोगों के बीच उपल्ब्ध नहीं है जिस कारण लोगों को इसे बनवाने के लिए बहुत सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते है। हांलकि अब सरकार द्वारा इसको बनवाने की बहुत आसान प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है लेकिन क्या आप जानते है कि स्वप्रमाणित घोषणा पत्र को आसानी से ऑनलाइन पीडीएफ डाउनलोड कैसे बनवाया जाता है और इसको बनाने का मुख्य उद्देश्य क्या होता है अगर नहीं! तो हमारे साथ लेख में अंत तक बने रहें। क्योंकि हम आपको नीचे इन सभी के बारे में विस्तार से बताने वाले है तो चलिए शुरु करते है- Swa Pramanit Ghoshna Patra Pdf Download (Key Highlights)- फॉर्म का नाम Swa Pramanit Ghoshna Patra Pdf Download2022 किसके द्वारा शुरू हुआ केंद्र सरकार द्वारा लाभ क्या हैं जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र आदि की आवश्यकता पड़ती है उसी प्रकार स्व प्रमाणित घोषणा पत्र की भी आवश्यकता होती है लाभार्थी देश के सभी नागरिक (परिवार) ओफ्फिसिअल पोर्टल डाउनलोड पीडीऍफ़ फॉर्म स्वप्रमाणित घोषणा पत्र क्या है 2022- Swa Pramanit Ghoshna Patra Pdf Download एक और इस पत्र को कानून रुप देने के लिए 10 रुपये के स्टैंपेपर...

प्रारूप समिति

Praroop Samiti प्रारूप समिति प्रारूप समिति (Drafting committee) का गठन किया गया था। प्रारूप समिति ने संविधान के प्रारूप पर विचार विमर्श करने के बाद 21 फरवरी 1948 को संविधान सभा को अपनी रिपोर्ट पेश की। 11वें सत्र के आखिरी दिन 26 नवंबर 1949 को हमारा संविधान स्वीकार किया गया। जिसके बाद 24 जनवरी 1950 को 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किया। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान देशभर में लागू किया गया। देशभर में संविधान के लागू होते ही संविधान सभा को भंग कर दिया गया। प्रारुप समिति (Drafting Committee) के सदस्य ट्रिक = भीम गोपाल कृष्ण कन्हैया को लेकर मोहम्मद साहब के खेत पर गए। # ट्रिक सदस्य 1. भीम भीमराव अंबेडकर 2. गोपाल N. G. आयंगर 3. कृष्ण अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर 4. कन्हैया कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी 5. माधव एन माधव राव 6. मोहम्मद सय्यद मोहम्मद सादुल्लाह 7. खेत D. P. खेतान प्रारूप समिति के अध्यक्ष ( भीमराव अम्बेडकर) • डॉ. भीमराव अम्बेडकर– अध्यक्ष • एन. गोपाल स्वामी आयंगर– ये आजादी के पहले कश्मीर के प्रधानमंत्री थे। • अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर– ये मद्रास के एडवोकेट जनरल थे। • कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी– ये एक साहित्यकार थे। इन्हें संविधान सभा में ऑर्डर ऑफ बिजनेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। • एन माधव राव– नए संविधान का मसौदा तैयार करने का काम सौंपा गया था • सय्यद मोहम्मद सादुल्लाह • डी. पी. खेतान– ये एक प्रसिद्ध वकील थे। नोट:- BL मित्र के त्यागपत्र देने के बाद एन माधव राव को सदस्य बनाया गया। डी. पी. खेतान की देहांत के बाद टी. टी. क्रष्णामाचारी को सदस्य बनाया गया। संविधान के सभी प्रारूपों पर 114 दिन की बहस चली। और 24 जनवरी 1950 को 284 सदस्यों ने प्रारूप पर हस्ताक्षर कर अ...

औपचारिक पत्र Formal Letter in Hindi Format, Types, Examples

Formal Letter in Hindi औपचारिक पत्र Formal Letter in Hindi format, Types, Examples Letter writing in Hindi Formal Letter in Hindi - औपचारिक पत्र - Letter writing in Hindi or on any language is an art and we know that all these letters have a pre-specified format. Formal letters are specially written to authorities such as leave application to the school authorities, letter to the editor of a newspaper, or application to any government departments so that they stay on record. Here we have tried to let you know the correct format and language of formal letters in Hindi with examples. Letter Writing in Hindi - पत्र-लेखन Formal Letter in Hindi - पत्र-लेखन एक कला है इसलिए पत्र लिखते समय पत्र में सहज, सरल तथा सामान्य बोलचाल की भाषा का प्रयोग करना चाहिए, जिससे पत्र को प्राप्त करने वाला पत्र में व्यक्त भावों को अच्छी प्रकार से समझ सकें। पत्र-लेखन के माध्यम से हम अपने भावों और विचारों को व्यक्त कर सकते हैं। पत्रों के माध्यम से एक व्यक्ति अपनी बातों को लिखकर दूसरों तक पहुँचा सकता है। जिन बातों को लोग कहने में हिचकिचाते हैं, उन बातों को पत्रों के माध्यम से आसानी से समझाया या कहा जा सकता है। Top Related - Learn Hindi Grammar पत्र की आवश्यकता क्यों है? दूर रहने वाले अपने सबंधियों अथवा मित्रों की कुशलता जानने के लिए और अपनी कुशलता का समाचार देने के लिए पत्र लिखे जाते हैं। आजकल हमारे पास बातचीत करने के लिए, हालचाल जानने के लिए अनेक आधुनिक साधन उपलब्ध हैं, जैसे- टेलीफ़ोन, मोबाइल फ़ोन, ईमेल आदि। प्रश्न यह उठता है कि फिर भी पत्र-लेखन सीखना क्यों आवश्यक है? पत्र लिखना महत्वपूर्ण ही नहीं अत्य...

पटकथा लेखन : प्रारूप, विशेषताएं और उदाहरण

इस लेख में पटकथा लेखन क्या होता है, किसे कहते हैं, प्रारूप, विशेषताएं और इसकी उत्पत्ति आदि का विस्तार पूर्वक अध्ययन आप कर सकेंगे। इस लेख में पटकथा से संबंधित समस्त जानकारी उपलब्ध है। इस विषय को सरल बनाने के लिए हमने विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का भी संकलन किया है। अध्ययन उपरांत आप पटकथा के विषय में विस्तार से जान सकेंगे और अपनी समझ विकसित कर सकेंगे। इस लेख के अध्ययन से आप अपनी परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर सकेंगे। पटकथा लेखन की पूरी जानकारी पटकथा शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है पट और कथा। पट का अर्थ है पर्दा , कथा का अर्थ है कहानी। जो छोटे यानी दूरदर्शन या पर्दे यानी फिल्म किसी पर भी दिखाई जाए , पटकथा कहलाती है। फिल्म व टीवी की पटकथा की संरचना नाटक की संरचना से बहुत मिलती है। अंग्रेजी में इसे भी स्क्रीनप्ले कहते हैं। पटकथा लेखक पत्रकार एवं साहित्यकार मनोहर श्याम जोशी ने अपनी पुस्तक पटकथा लेखन-एक परिचय में लिखा है – “पटकथा कुछ और नहीं कैमरे से फिल्म के पर्दे पर दिखाए जाने के लिए लिखी गई कथा है।” पटकथा के स्रोत :- सबसे पहले कथा का चयन किया जाता है। यह कथा हमारी जिंदगी , कोई घटना , इतिहास अथवा किसी सच्चे किस्से या साहित्य की किसी अन्य विधा पर आधारित होती है। पटकथा के संरचना – अंग्रेजी के शब्द स्क्रीनप्ले पटकथा के निम्न अंग होते हैं। • पात्र – नायक प्रतिनायक होते हैं। • इसमें द्वंद्व – टकरा हट और फिर समाधान होता है। • अलग-अलग घटनास्थल होते हैं। • दृश्य भी होते हैं। नाटक और फिल्म की पटकथा में अंतर • नाटक के दृश्य लंबे होते हैं , फिल्म के छोटे। • एक सजीव कला माध्यम है। • नाटक के घटनास्थल सीमित होते हैं, फिल्म के असीमित • नाटक में कथा का विकास रेखिए होता है , फिल्म में विकास ...

कारण बताओ नोटिस क्या है? यह नोटिस कैसे लिखा जाता है?

कारण बताओ नोटिस क्या है? यह कैसे लिखा जाता है? (What is show cause notice? How it is written?) कारण बताओ नोटिस क्या है (what is show cause notice) दोस्तों, आपको बता दें कि कारण बताओ नोटिस को अंग्रेजी में शो काॅज नोटिस (show cause notice) भी पुकारा जाता है। यह किसी भी सक्षम प्राधिकारी, संगठन अथवा कोर्ट द्वारा जारी एक आदेश होता है। यह आदेश किसी व्यक्ति अथवा समूह को लिखित रूप में किसी गलती, कदाचार, गलत कार्य, प्रदर्शन, अनुपस्थिति, लापरवाही, समय पर कार्यालय न आने, संतोषजनक कार्य न करने आदि से संबंधित किसी घटना का कारण बताने अथवा समझाने के लिए भेजा जाता है कि क्यों न अमुक व्यक्ति अथवा समूह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। इसे आप एक उदाहरण से भी समझ सकते हैं। जैसे-मोहन एक सरकारी कार्यालय में क्लर्क है, लेकिन वह बगैर किसी सूचना के कार्यालय से गायब रहता है। ऐसे में उसके उच्च अधिकारी उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर ऐसा करने का स्पष्टीकरण मांग सकते हैं। मोहन को एक निर्धारित अवधि में अपने सूचना दिए बगैर गायब रहने का कारण बताना होगा। 2.12 Spread the love कारण बताओ नोटिस किन किन बातों के लिए जारी किया जा सकता है? (for what show cause notice is given) दोस्तों, अब आपको जानकारी देते हैं कि मोटा-मोटी किन किन बातों के लिए कोई प्राधिकरण, कोर्ट, सरकारी अथवा निजी कार्यालय कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है। ये वजहें इस प्रकार से हैं- • किसी जिम्मेदारी के निर्वहन में लापरवाही बरतने पर। • किसी आवश्यक कार्य से अनुपस्थित पाए जाने पर। • किसी सरकारी अथवा निजी कार्यालय में नियम-कायदों का उल्लंघन करने पर। • किसी कार्यालय अथवा प्राधिकरण की अनुशासन प्रक्रिया का उल्लंघन करने पर। • सरकार द्वारा जारी किसी व...

पाठ योजना प्रारूप (Lesson Plan Format in Hindi) (2023)

पाठ योजना प्रारूप (Lesson Plan Format in Hindi) हेल्लो दोस्तों जब हम B.ed, D.el.ed., BSTC, BTC आदि अन्य नामों से जाना जाने वाला शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स (Teacher Training Course) कर रहे होते है तो इस दौरान हमे कई प्रकार की पाठ योजनाये (Lesson Plans) बनानी होती है | तो ऐसे में हमारे मन में तरह-तरह के सवाल आते है जैसे कि:- • पाठ योजना क्या होती है? • इसका प्रारूप कैसा होता है? • पाठ योजना के गुण-दोष क्या क्या है? • एक उत्तम और आदर्श पाठ योजना कैसे बनाते है? • एक प्रभावी पाठ योजना की क्या क्या विशेषताए है? • पाठ क्या-क्या उद्देश्य है? आदि पाठ योजना (Lesson Plan) से जुड़े कई प्रकार के प्रश्न हमारे मन में आते है, लेकिन कम जानकारी के अभाव में हम एक अच्छी और आदर्श पाठ योजना नहीं बना पाते है | जो कि हमारे शिक्षण को प्रभावित भी करती है | आपकी इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए हमने आज सभी सवालों के जवाब आपके साथं शेयर किये है | उम्मीद है पाठ योजना से सम्बन्धित यह जानकारी पसंद आएगी | पाठ योजना क्या होती है?(What is Lesson Plan in Hindi?) जब एक शिक्षक को कक्षा-कक्ष में शिक्षण करवाना होता है तो उसे शिक्षण से पूर्व अपने शिक्षण की एक रूपरेखा बनानी पड़ती है, जिसे हम पाठ योजना के रूप में जानते है | शिक्षक को सबसे पहले पुरे वर्ष एवं पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए वार्षिक पाठ योजना का निर्माण करना होता है, उसके बाद शिक्षक को इकाई योजना का निर्माण करना होता है, और जब शिक्षक इकाई योजना (Ikai Yojna/Unit Plan) का निर्माण कर लेता है तो उसे अंत में दैनिक पाठ योजना (Daily Lesson Plan) का निर्माण करना होता है जिसमे वो प्रतिदिन पढाई जाने वाली क्रियाविधि को एक क्रम में निर्धारित करता है एवं उसके अनुरूप ही...