Prabandh kavya ke kitne bhed hote hain

  1. padbandh


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padbandh

पदबंध वाक्य स्तरीय सबसे छोटा खंड होता है, जो एक या एक से अधिक पदों से निर्मित होता है। पदबंधों से उपवाक्य की रचना होती है। एक या एक से अधिक पदों का यह संयोजन, जो एक ही अवधारणा या संकल्पना को व्यक्त करता है, पदबंध कहा जाता है। जैसे- (क) आम के पेड़ पर बैठी हुई दो कोयल (ख) प्रश्न का सटीक उत्तर | इन दोनों पदबंधो में क्रमश: कोयलें’ तथा ‘उत्तर’ मुख्य या शीर्ष पद है। प्रत्येक पबंध में एक मुख्य या शीर्ष पर होता है, जिस पर अन्य आश्रित होते हैं, जैसे- ‘सुंदर बच्चा’ पदबंध में ‘बच्चा’ मुख्य या शीर्ष पद है तथा ‘सुंदर पद बच्चा शीर्ष पद पर आश्रित है। ‘ अच्छे लोग ” ——‘ अच्छे ‘ पद ‘ लोग ‘ पद की विशेषता बता रहा है। यह विशेषण- विशेष्य संबंध है। पदबंध में मुख्य पद पर एक या एक से अधिक पद आश्रित हो सकते हैं, जैसे-‘ वे चार खिलाड़ी लड़के’ पदबंध में मुख्य ‘लड़के’ पद है ! ‘लड़के ‘ मुख्य या शीर्षपद पर तीन पद व चार खिलाड़ी आश्रित पद है। ये तीनों पद विशेषणात्मक है। पदबंध में कभी-कभी आश्रित पद स्वयं एक पदबंध होता है – जैसे- ‘बहुत सुंदर बच्चा’ पदबंध में ‘बच्चा’ पर शीर्ष पद हैं । इस शीर्ष पद पर पदबंध ‘बहुत सुंदर’ आश्रित है • बहुत सुंदर बच्चा लेकिन ‘बहुत सुंदर ‘पदबंध में सुंदर शीर्ष या मुख्य पद है तथा “बहुत” उसका विशेषण अर्थात प्रविशेषण है। संरचना की दृष्टि से पदबंध, पद से बड़ी इकाई है। इसलिए संरचना के स्तर पर पदबंध में निम्नलिखित बातों का होना आवश्यक है – (क) पदबंध में एक या एक से अधिक पद होते हैं। (ख) सभी पद परस्पर संबंद्ध होकर एक इकाई बनाते हैं। ७० पदबंध वाक्य का अंग है। पदबंध अपने शीर्ष या मुख्य पद के शब्द भेद के नाम पर होता है; जैसे-सुंदर बच्चा’ संज्ञा पदबंध है, ‘बहुत सुंदर बच्चा’ में बहुत सुंदर’ विशेषण ...