सरस्वती पूजा 2023 का कब है

  1. सरस्वती पूजा 2023 में कब है? बिहार में सरस्वती पूजा कब है।
  2. बसंत पंचमी 2023: सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त तिथि, पूजन विधि और कर्म
  3. Basant Panchami 2023 Date: कब है वसंत पंचमी? देखें पूजा का शुभ मुहूर्त, जानें मां सरस्वती से जुड़ा महत्व
  4. Basant Panchami 2023 When is Saraswati Puja Know auspicious time and date of Saraswati Puja
  5. Basant Panchami 2023: कब मनाएं वसंत पंचमी 25 जनवरी या 26 को? जान लें सरस्वती पूजा मुहूर्त, पंचक का रहेगा प्रभाव
  6. Basant Panchami 2023


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सरस्वती पूजा 2023 में कब है? बिहार में सरस्वती पूजा कब है।

सरस्वती पूजा 2023 में कब है? बिहार में सरस्वती पूजा कब है। दोस्तो नमस्कार स्वागत है आज के हमारे इस टॉपिक में आज बात करने वाले हैं मां सरस्वती की पूजा के बारे में यदि आप भी सरस्वती मां की पूजा की बारे में पूरी जानकारी जानना चाहते हैं तो आज हमारे इस टॉपिक को पूरा अंत तक जरूर पढ़ना सरस्वती मां विधा की देवी है जहां से हमें विद्या प्राप्त होती है और सरस्वती मां हमें विद्या देती है। सरस्वती पूजा 2023 में कब है? बिहार में सरस्वती पूजा कब है। सरस्वती पूजा 2023 में कब है? बिहार में सरस्वती पूजा कब है। सरस्वती मां के पूजा साल में एक बार मनाया जाता है और यह पूजा हमारे Bihar Jharkhand में काफी ही धूमधाम पूजा की जाती है। और सरस्वती मां की पूरी सजावट की जाती है। उसके आने से पहले ही त्यारिया चलने लगती सरस्वती मां की मूर्ति बनाई जाती हैं।उसके लिए 2 माह पहले से ही मूर्ति बनाने की ऑडर दिया जाता है।और सरस्वती पूजा से 1 दिन पहले सरस्वती मां की मूर्ति लाई जाती है। और जिस जगह सरस्वती मां की पंडाल बनाए रहते हैं वहां पर सरस्वती मां की मूर्ति को बिठाया जाता है? Read more :- सरस्वती मां की पूजा आजकल हर जगह किए जाने लगे हैं और हर जगह उसे अलग-अलग नामों से भी जाने जाते हैं कई जगह उसे विद्या की देवी वसंत पंचमी बुद्धि देवी और भी अन्य नाम से भी जाने जाते हैं ओर दीपावली के दिन भी सरस्वती मां की पूजा की जाती है सरस्वती मां की पूजा करने से हमें काफी फायदे होते हैं। यह भी पढ़े:- Read also:- किसी भी बैंक अकाउंट का बैलेंस कैसे पता करे USSD Code और Missed Call से जानें। सरस्वती मां की पूजा करने से हमें ज्ञान बुद्धि मिलते हैं और हिंदू Dharm ke anusar धर्म के अनुसार यह school college और मंदिर के सामने रखा जाता है...

बसंत पंचमी 2023: सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त तिथि, पूजन विधि और कर्म

सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त तिथि कब है?, सरस्वती पूजन पूजन की विधि, दिन क्या करें, क्या न करें (Saraswati Puja Muhurat 2023, Saraswati Puja Date in 2023) Saraswati Puja Muhurat Date 2023 : भारत में हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को देवी सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस त्यौहार को बसंत पंचमी, श्री पंचमी और सरस्वती पूजा के नामों से जाना जाता है। Advertisements सरस्वती पूजन के इस विशेष मुहूर्त को बेहद शुभ माना जाता है इसीलिए इसे अभूझ मुहूर्त भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त पर विधि विधान से संपूर्ण पूजन विधि का प्रयोग करके देवी सरस्वती की पूजा करने से बल बुद्धि विद्या और धन संपत्ति का शुभ लाभ होता है। इस साल 26 जनवरी 2023 को उदया तिथि में बसंत पंचमी 2023: सरस्वती पूजन का त्यौहार मनाया जाएगा। तो चलिए आज इस आर्टिकल के जरिए आपको बसंत पंचमी 2023 के मौके पर सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि के बारे में बताते हैं। इसके अलावा हम इस आर्टिकल में आपको यह भी बताने वाले हैं कि बसंत पंचमी 2023 सरस्वती पूजन के दिन क्या करें क्या न करें? सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त तिथि (Saraswati Puja Muhurat Date 2023 hindi) सरस्वती पूजा क्यों की जाती है? कला, ज्ञान, बुद्धि, वैभव एवं समृद्धि किस देवी की पूजा की जाती है? सरस्वती देवी हिंदू पंचांग के अनुसार तिथि माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी सरस्वती पूजा पूजन तिथि कब है? 26 जनवरी 2023 सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त तिथि सुबह 7 बजकर 12 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक भारत में कहां-कहां मनाई जाती है। पूरे भारत में विशेषकर कौन करता है सरस्वती पूजा हिंदू धर्म में विद्यार्थी वर्ग, कलाकार व संगीतकार इस बार बसंत पंचमी ...

Basant Panchami 2023 Date: कब है वसंत पंचमी? देखें पूजा का शुभ मुहूर्त, जानें मां सरस्वती से जुड़ा महत्व

वसंत पंचमी के दिन ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के नाम से भी जानते हैं. वसंत पंचमी के अवसर पर ही मां सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था. Basant Panchami 2023 Date: हर साल वसंत पंचमी का त्योहार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. वसंत पंचमी के दिन ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के नाम से भी जानते हैं. इस साल वसंत पंचमी के दिन चार शुभ योग बने रहे हैं, जिससे यह दिन और भी विशेष हो जाता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि इस साल वसंत पंचमी कब है? सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन कौन से शुभ योग बन रहे हैं. वसंत पंचमी 2023 तिथि पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 25 जनवरी दिन बुधवार दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से हो रहा है. इस तिथि का समापन अगले दिन 26 जनवरी ​गुरुवार को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर होगा. उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, इस साल वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा 26 जनवरी को है. ये भी पढ़ें: कब है महाशिवरात्रि? जानें पूजा मुहूर्त, इन दिन है पुत्र प्राप्ति का दुर्लभ संयोग सरस्वती पूजा मुहूर्त 2023 26 जनवरी को वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 07 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक है. इस दिन सरस्वती पूजा के लिए 05 घंटे से अधिक का समय प्राप्त हो रहा है. वसंत पंचमी पर बन रहे हैं 4 शुभ योग इस साल वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा के दिन चार शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन प्रात:काल से ही शिव योग है, जो दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. उसके बाद से सिद्ध योग प्रारंभ होगा, जो पूरे दि...

Basant Panchami 2023 When is Saraswati Puja Know auspicious time and date of Saraswati Puja

Basant Panchami 2023, Saraswati Puja 2023 Date: वसंत पंचमी (Basant Panchami) का दिन मां सरस्वती (Saraswati Puja) को समर्पित है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. बता दें कि वसंत पंचमी माघ चंद्र माह के शुक्ल पक्ष पंचमी के दौरान मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वसंत पंचमी को देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. देखिए क्या सरस्वती पूजा (Saraswati Puja Shubh Muhurat) का शुभ मुहूर्त. देखिए वीडियो-

Basant Panchami 2023: कब मनाएं वसंत पंचमी 25 जनवरी या 26 को? जान लें सरस्वती पूजा मुहूर्त, पंचक का रहेगा प्रभाव

वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा और सरस्वती जयंती भी कहते हैं. जिन लोगों के छोटे बच्चे हैं, वे उनको इस दिन से अक्षर ज्ञान देना शुरू कर सकते हैं. Basant Panchami 2023: वसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ शुक्ल पंचमी को होता है. इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती को पूजा होती है, इसलिए वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा और सरस्वती जयंती भी कहते हैं. वसंत पंचमी के दिन सभी शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजा आयोजित की जाती है. इस दिन बच्चों की शिक्षा प्रारंभ भी कराते हैं. जिन लोगों के छोटे बच्चे हैं, वे उनको इस दिन से अक्षर ज्ञान देना शुरू कर सकते हैं. गीत, संगीत या कोई अन्य कला सीखने का आगाज सरस्वती पूजा से कर सकते हैं. अब सवाल यह है कि साल सरस्वती पूजा 25 जनवरी को है या फिर 26 जनवरी को? वसंत पंचमी 2023 की सही तारीख केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि इस साल सरस्वती पूजा यानि वसंत पंचमी का पर्व गणतंत्र दिवस के साथ मनाया जाएगा. स्कूलों में एक तरफ राष्ट्रीय ध्वज फहरेगा तो दूसरी ओर सरस्वती पूजा भी होगी क्योंकि 26 जनवरी को वसंत पंचमी मनाई जाएगी. यह भी पढ़ें: कब है गणेश जयंती 24 या 25 जनवरी? राज पंचक देगा सफलता पंचांग के अनुसार, वसंत पंचमी की माघ शुक्ल पंचमी तिथि 25 जनवरी बुधवार को 12:34 पीएम से शुरू होगी और यह 26 जनवरी गुरुवार को 10:28 एएम तक रहेगी. वसंत पंचमी की उदयातिथि 26 को प्राप्त हो रही है. इस दिन सूर्योदय का समय 07:12 एएम है. सरस्वती पूजा मुहूर्त का शुभ मुहूर्त वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा सुबह 07 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ होगा. पूजा मुहूर्त की समाप्ति दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट पर होगी. इस शुभ मुहूर्त में सरस्वती पूजा संपन्न हो जाना चाहिए. यह भी पढ़ें: 21 ...

Basant Panchami 2023

वसंत ऋतु आते ही प्रकृति में बदलाव आने लगते हैं। इस दिन पीले फूलों की चमक अपने सबसे उच्च स्थान पर होती है। बसंत पंचमी के दिन को हम सरस्वती पूजा, श्री पंचमी या पतंगों के बसंत उत्सव के रूप में भी जानते हैं । हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह (आमतौर पर फरवरी की शुरुआत और जनवरी महीने के अंत में पड़ता है) के पांचवें दिन आयोजित एक हिंदू त्यौहार है। इस दिन से बसंत ऋतु का प्रारम्भ माना जाता है। बसंत ऋतु के शुरू होने के साथ सर्दी खत्म होने की ओर बढ़ जाती है। इसके साथ ही पेड़-पौधे पुरानी पत्तियों को त्याग कर नई पत्तियों को जन्म देती है। बसंत पंचमी 2023: सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त कब है? • बसंत पंचमी 2023 तिथि- 26 जनवरी 2023 • माघ माह की पंचमी तिथि प्रारंभ : 25 जनवरी 2023, 12:34 दोपहर • बसंत पंचमी पूजा मुहूर्त: 26 जनवरी 2023, 7:12 सुबह से 12:34 दोपहर तक • बसंत पंचमी मध्याह्न : 26 जनवरी 2023, गुरुवार 12:39 दोपहर। हिंदू धर्म हमें जीवन को जीने का तरीका सीखाता है। हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों की देवी-देवताओं में गहरी आस्था होती है, जिनकी पूजा और अर्चना करके, वह विभिन्न अवसरों पर पूजा व नए कार्य शुरू करते हैं। बसंत पंचमी का दिन होली से 40 दिन पहले होता है और होली की तैयारियों की शुरुआत का भी प्रतीक माना जाता है। इस दिन देवी सरस्वती की विभिन्न नामों से पूजा की जाती है। जैसे विद्या की देवी, गायत्री की देवी, ललित कला और विज्ञान का स्रोत, और सर्वोच्च वेदांतिक ज्ञान का प्रतीक। माँ सरस्वती की छवि में उन्हें एक वाहन पर बैठे हुए दर्शाया गया है जो उनकी सर्वोच्च शक्ति का प्रतीक है। सरस्वती का सफेद हंस सतवा गुण (पवित्रता और भेदभाव) का प्रतीक है, लक्ष्मी का कमल राजस गुण और दुर्गा का बाघ तामस गुण...