Pradushan par nibandh

  1. Pradushan Par Nibandh
  2. ध्वनि प्रदूषण पर निबंध
  3. प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 250 शब्दों
  4. जल प्रदूषण पर निबंध
  5. वायु प्रदूषण पर निबंध
  6. प्रदूषण की समस्या पर निबंध


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Pradushan Par Nibandh

आज के लेख में हम Pradushan Par Nibandh यनि प्रदूषण पर निबंध देखने वाले है जिससे आपको हमारे पर्यावरण को कैसे प्रदूषण से नुकसान होता है, इसके अलावा प्रदूषण के कितने प्रकार होते है, उसे रोकने के लिए क्या क्या किया जा सकता है यह सब जानकारी आपको आज के इस लेख से मिलेगी तो कृपया पुरे लेख को पढ़े! देखिए प्रदूषण हमारे पर्यावरण को, सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि मानवजीवन को तथा समग्र जीवसृस्टि को बहुत तरीको से नुकशान पहुँचता है लेकिन हमें कभी भी इस बात की प्रतीति नहीं होती जब तक हम उसके दुष्परिणामो के घेरे में ना आ जाये, प्रदूषण की वजह से कई तरह के रोग भी हो सकते है जैसे की डेंगू, मलेरिआ, तो चलिए इन सभी तकलीफो को कैसे प्रदूषण को कण्ट्रोल करके दूर किया जा सकता है तथा प्रदूषण के और कई पासो के बारे में बात करेंगे आज के इस Pradushan Par Nibandh में, तो चलिए अब पढ़ते है प्रदूषण पर निबंध! Table of Contents • • • • • • • • • Pradushan Par Nibandh | प्रदूषण पर निबंध परिचय प्रदूषण तब होता है जब पर्यावरण में अत्यधिक मात्रा में अवांछित, अशुद्ध या हानिकारक पदार्थ होते हैं। प्रदूषण पर्यावरण पर बुरा प्रभाव डाल सकता है और बड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है। ज्वालामुखी, भूकंप, औद्योगिक अपशिष्ट, कीटनाशक आदि प्रदूषण के कुछ प्राकृतिक और मानव निर्मित स्रोत हैं। प्रदूषण के प्रकार प्रदूषण के तीन प्राथमिक प्रकार हैं: 1. वायु प्रदूषण: वायु प्रदूषण मानव और प्राकृतिक दोनों कारणों से आ सकता है। वायु प्रदूषण का मुख्य कारण हमारे वातावरण में गैसों का मिश्रण है, जो कारखानों, कारों, आतिशबाजी, कृषि अपशिष्टों को जलाने आदि से निकलने वाले धुएं के कारण होता है। खराब वायु गुणवत्ता के कारण अस्थमा और कैंसर सहित कई बीमारियां हो सकती...

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध

ध्वनि प्रदूषण को पर्यावरण प्रदूषण के रुप में पर्यावरण को बड़े स्तर पर विभिन्न स्त्रोतों के माध्यम से हानि पहुंचाने वाले तत्वों के रुप में माना जाता है। ध्वनि प्रदूषण को ध्वनि अव्यवस्था के रुप में भी जाना जाता है। अत्यधिक शोर स्वास्थ्य के लिये हानिकारक होता है और मानव या पशु जीवन के लिए असंतुलन का कारण है। यह भारत में व्यापक पर्यावरणीय मुद्दा है जिसे सुलझाने के लिये उचित सतर्कता की आवश्यकता है, हालांकि, यह जल, वायु, मृदा प्रदूषण आदि से कम हानिकारक है। ध्वनि प्रदूषण पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Noise Pollution in Hindi, Dhwani Pradushan par Nibandh Hindi mein) ध्वनि प्रदूषण पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द) परिचय ध्वनि के दुरुपयोग द्वारा होने वाले प्रदूषण को ध्वनि प्रदूषण कहते है। हमारे कान नियमित तेज आवाज को सहन नहीं कर पाते और जिससे कान के पर्दें बेकार हो जाते हैं जिसका परिणाम अस्थायी या स्थायी रुप से सुनने की क्षमता की हानि होता है। कारण और प्रभाव ध्वनि प्रदूषण के कुछ मुख्य स्त्रोत सड़क पर यातायात के द्वारा उत्पन्न शोर, निर्माणकार्य (भवन, सड़क, शहर की गलियों, फ्लाई ओवर आदि) के कारण उत्पन्न शोर, औद्योगिक शोर, दैनिक जीवन में घरेलू उत्पादकों (जैसे घरेलू सामान, रसोइ घर का सामान, वैक्यूम क्लीनर, कपड़े धोने की मशीन, मिक्सी, जूसर, प्रेसर कूकर, टीवी, मोबाइल, ड्रायर, कूलर आदि) से उत्पन्न शोर, आदि हैं। अधिक तेज आवाज सामान्य व्यक्ति की सुनने की क्षमता को हानि पहुँचाती है। अधिक तेज आवाज धीरे-धीरे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है और एक धीरे जहर के रुप में कार्य करती है। इसके कारण और भी कई परेशानी होती हैं जैसे: सोने की समस्या, कमजोरी, अनिद्रा, तनाव, उच्च रक्त दाब, वार्ताला...

प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 250 शब्दों

1. जल प्रदूषण – जल प्रदूषण भारत में व्याप्त सबसे बड़े संकट में से एक है। जल प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। जिस पर अगर समय रहते रोकथाम नहीं की गई तो आने वाले समय में विकराल रूप ले लेगा। आज कल-कारखानों से निकलने वाले औद्योगिक कचरा नदियों और सागरों के हवाले कर दिया जाता है। जो कि जल प्रदूषण का मुख्य वजह है। हम घर में जो भी लोग पूजा-पाठ में चीजें इस्तमाल करते है। पूजा करने के बाद उसे भी नदियों तथा समुद्र में डाल कर बिना कुछ सोचे समझें जल प्रदूषण करने में भागीदारी निभाते हैं। जिसका नतिजा होता है कि नदियों का पानी पीने के काबिल नहीं रह जाता। इस पानी से अगर फसलों की सिंचाई होती है तो वह खाद्य-प्रदार्थों को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बना देते है। जल प्रदूषण से जल में रहने वाले जीवों का जीवन भी संकट में पड़ जाता है। मछलियां भी इस जल में रह कर मनुष्य के खाने योग्य नही रहती। इन मछलियों के खाने से मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। 2. वायु प्रदूषण -कल-कारखानों की चिमनियों तथा मोटर गाड़ियों गाड़ीयों से नीकलने वाले धुआँ वायु-प्रदूषण का कारण बनता है। इसकी अपनी हानियाँ हैं। एक तो धुएँ में कार्बन-डाइ-ऑक्साइड, कार्बन-मोनो-ऑक्साइड, सल्फर तथा लीड जैसे हानिकारक तत्व हवा में धुलकर हवा को दूषित कर देते है। जिससे हमारे श्वसन के द्वारा प्रदूषण हमें अपनी चपेट में ले लेता है और श्वसन-तंत्र के रोग हमें परेशान करने लगते है।

जल प्रदूषण पर निबंध

विषय सूची • • • • • • • • • ● जल प्रदूषण पर निबंध ● प्रस्तावना :- जल प्रदूषण बहुत बड़ा संकट है जिस पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है, जिस तरह आज के समय में जल प्रदूषण बढ़ता जा रहा है ऐसे आगे चलकर पीने का पानी लगभग खत्म ही हो जाएगा और पानी खत्म होने के बाद जीव जंतुओं का बचना मुश्किल है इसीलिए कहा जाता है कि “ जल प्रदूषण आज के समय में बहुत से ऐसे साधन बन गए हैं जिससे हमारे जीवन को बहुत ही आसानी होती है लेकिन उससे हम जल को दूषित भी करते हैं जैसे की फैक्ट्रियों में बनने वाला सामान जो हमारे बहुत उपयोगी होता है लेकिन उस सामान को बनाते समय उस फैक्ट्री से बहुत सारा खराब पानी निकलता है जिसे साफ पानी में मिला दिया जाता है। भारत में जल प्रदूषण की समस्या बहुत ही तेजी से बढ़ रही है यहां पर लोग जानते हुए भी जल प्रदूषण कर रहे हैं, यहां पर खुद को सुधारने के बजाय एक दूसरे को जल प्रदूषण का दोष देते रहते हैं। अगर इस समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ तो आगे चलकर बहुत सारे जाने जा सकती हैं, भारत सरकार भी कहती है कि जल प्रदूषण के नुकसान अगर जल प्रदूषण का स्तर इसी तरह तेजी से बढ़ता रहेगा, तो इससे बहुत ही ज्यादा नुकसान होगा जैसे कि:- • पानी पीने लायक नहीं रहेगा • जब पानी पीने लायक नहीं रहेगा तो लोग खराब पानी पिएंगे इससे बहुत सारी बीमारियां उत्पन्न होंगी • लोगो की मृत्यु जल्दी हो जाएगी। • पेड़ पौधे सब सब सुख जाएंगे जिससे वायु प्रदूषण की भी समस्या बढ़ जाएगी। जल प्रदूषण के कारण जल प्रदूषण के बहुत सारे कारण हैं और ये सभी मुख्य कारण है जल प्रदूषण के:- • फैक्ट्रियों से निकलने वाला गंदा पानी • जल में जानवरों नहलाने से • कचरा फेकने से • शवो को जल में बहाने से • गंदे नाले के पानी को साफ पानी मे गिराने से • साफ पा...

वायु प्रदूषण पर निबंध

वायु प्रदूषण वर्तमान समय पूरे विश्व में विशेषरुप से औद्योगिकीकरण के कारण बड़े शहरों में सबसे बड़ी समस्या है। पर्यावरण में धूंध, धुआं, विविक्त, ठोस पदार्थों आदि का रिसाव शहर के वातावरण को संकेन्द्रित करता है जिसके कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी खतरनाक बीमारी हो जाती हैं। लोग दैनिक आधार पर बहुत सा गंदा कचरा फैलाते हैं, विशेषरुप से बड़े शहरों में जो बहुत बड़े स्तर पर शहर के वातावरण को प्रदूषित करने में अपना योगदान देता है।मोटर साइकिल (बाइक), औद्योगिक प्रक्रिया, कचरे को जलाना आदि के द्वारा निकलने वाला धुआं और प्रदूषित गैसें वायु प्रदूषण में में अपना योगदान देती हैं। कुछ प्राकृतिक प्रदूषण भी जैसे पराग-कण, धूल, मिट्टी के कण, प्राकृतिक गैसें आदि वायु प्रदूषण के स्त्रोत है। वायु प्रदूषण पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Air Pollution in Hindi, Vayu Pradushan par Nibandh Hindi mein) निबंध 1 (250 – 300 शब्द) वायु प्रदूषण की परिभाषा हमारे जीवन के लिए अनिवार्य वायु का, दूषित हो जानावायु प्रदुषण कहलाता है।वायु प्रदूषण के मानव निर्मित साधन उद्योग, कृषि, ऊर्जा सयंत्र, स्वचलित वाहन, घरेलू स्त्रोत आदि है। मानव निर्मित साधनों से कुछ वायु प्रदूषण जैसे धूम्रपान, धूल, धुएं, पार्टिकुलेट पदार्थ, रसोई से गैस, घरेलू ऊष्मा, विभिन्न वाहनों से निकलने वाला धुआं, कीटनाशकों का उपयोग, खर-पतवार को मारने के लिये प्रयोग की जाने वाली विषाक्त गैसें, ऊर्जा संयत्रों से निकलने वाली ऊष्मा, फ्लाई ऐश आदि से होता है। वायु प्रदूषण के कारण और प्रभाव फैक्टरियों , वाहनों आदि से निकलने वाला धुआँ वायु प्रदुषण का एक प्रमुख कारण है। ओज़ोन परत का क्षय होना और पेड़ पौधों की अंधाधुंध कटाई भी वायु प्रदुषण का कारन ...

प्रदूषण की समस्या पर निबंध

विषय सूची • • • • • • प्रस्तावना हमारे पूरे पृथ्वी की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण है। प्रदूषण के कारण पूरे पृथ्वी का भविष्य खतरे में है, प्रदूषण के वजह से जीव जंतुओं को और मनुष्य को पृथ्वी पर अपना जीवन व्यतीत करने में परेशानियां होती हैं। प्रदूषण के प्रकार पृथ्वी पर बहुत सारे प्रदूषण होते हैं और इन्हीं की वजह से पृथ्वी का भविष्य खतरे में है प्रदूषण मुख्य चार प्रकार के प्रदूषण होते हैं:- • जल प्रदूषण • वायु प्रदूषण • मृदा प्रदूषण • ध्वनि प्रदूषण जल प्रदूषण के कारण, नुकसान और उपाय कारण:- आज के आधुनिक समय में जल प्रदूषण बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है, जैसे जैसे हम विकास कर रहे हैं उसी तरह से प्रदूषण भी बढ़ रहा है, जल प्रदूषण सबसे ज्यादा फैक्ट्री के रसायनिक और गंदे पानी को साफ नदी में उतारने से होता है, जब साफ पानी में गन्दा पानी मिल जाता है तो पूरा पानी प्रदूषित हो जाता है। जल प्रदूषण साफ पानी कचरा फेंकने और जानवरों को नहलाने से भी होता है और भी बहुत से कारण हैं जिनकी वजह से जल प्रदूषण बढ़ता चला जा रहा है। नुकसान:- अगर इसी प्रकार जल प्रदूषण बढ़ता रहा तो भविष्य में साफ पानी की समस्या हो जाएगी आज के समय में बहुत से ऐसे स्थान है जहां पर पीने के लिए पानी नहीं मिल पाता है लोग पानी पीने के लिए कई किलोमीटर दूर चल कर जाते हैं और पानी लेकर आते हैं। अगर इसी प्रकार जल प्रदूषण बढ़ता रहा तो भविष्य में पृथ्वी पर मनुष्य और जीव-जंतुओं का जीवित रहने पाना मुश्किल हो जाएगा। उपाय:- जल प्रदूषण से बचने के लिए हमें फैक्ट्री के पानी को साफ पानी में नहीं मिलाना है और ना ही नदियों और तालाबों में कचरा फेंकना है और न ही जानवरों को नहलाना है और हमें जितना हो सके पेड़ पौधे लगाने हैं। वायु प्रदूषण के कारण और उसके ...