Prati chumbakiy padarth ke do gunon ko likhen

  1. पर्यावरण (परिभाषा, विशेषताएँ, प्रकार, संरचना और संघटक)
  2. यदि चुम्बकीय छड़ के उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव के पास प्रतिचुम्बकीय पदार्थ लाया जाता है
  3. रसायन विज्ञान
  4. पदार्थ के कणों के अभिलक्षण गुण को बताइए? » Padarth Ke Kanon Ke Abhilakshan Gun Ko Bataiye
  5. पदार्थ के सभी गुणों को भौतिक गुण (Physical Properties) एवं रासायनिक गुण (Chemical Properties) में विभाजित किया गया है।
  6. यौगिक के गुणों को लिखें। Yogik Ke Guno Ko Likhen


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पर्यावरण (परिभाषा, विशेषताएँ, प्रकार, संरचना और संघटक)

विषय सूची • • • • • • • • • • • • • पर्यावरण क्या है? (Paryavaran Kya Hai) पर्यावरण के कार्य और कार्य करने की जो भी विधियां है, वो प्रकृति प्रदत्त साधनों से होती है। पर्यावरण के सभी तत्व एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। पर्यावरण धरती का जीवन आधार है। यह पृथ्वी पर विद्यमान मनुष्यों और जीवों तथा जन्तुओं और वस्पतियो के उद्गम, उद्भव उसके विकास और अस्तित्व का मुख्य आधार है। यह सब पर्यावरण पर ही निर्भर करते है। जबसे सभ्यता का विकास हुआ है, मानव जाति की जितनी भी उन्नति हुई है, वह सब पर्यावरण के कारण ही संभव हो पाया है। पर्यावरण ने इन विकासों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। पर्यावरण का तात्पर्य वनस्पतियों एव जीवधारियो के चारों ओर एक आवरण है, इस आवरण को ही पर्यावरण का नाम दिया गया है। पर्यावरण में जो शब्द है, वह फ्रेंच शब्द environ से उत्पन्न हुआ है और environ का शाब्दिक अर्थ है घिरा हुआ अथवा आवृत्त। यह जैविक और अजैविक अवयव का ऐसा समिश्रण है, जो किसी भी जीव को अनेक रूपों से प्रभावित कर सकता है। इन्ही पर्यावरण में कुछ ऐसे कारक भी है, जो संसाधन बनकर उनके रूप में कार्यो को संपन्न करते है और इन्ही में से कुछ नियंत्रक के कार्य करने लग जाते है। कुछ वैज्ञानिक पर्यावरण को milieu कहते है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है, चारों ओर विद्यमान वातावरण का समूह। पर्यावरण अलग-अलग विषयों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे इकोसफियर (ecosphere) अथवा प्राकृतिक वास (habitat), जीवमंडल (geosphere) इत्यादि। सामान्य शब्दो में पर्यावरण का यह कार्य है कि वह ऐसी परिस्थितियों और भौतिक दशाओं का प्रदर्शन करता है, जो जीवों अथवा जीवों के समूह के चारों तरफ को ढकती है और उनका प्रभाव भी जीव समूहों पर पड़ता है। पर्यावरण...

यदि चुम्बकीय छड़ के उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव के पास प्रतिचुम्बकीय पदार्थ लाया जाता है

यदि चुम्बकीय छड़ के उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव के पास प्रतिचुम्बकीय पदार्थ लाया जाता है – Yadi Chumbkiya Chhad Ke Uttari Ya Dakshini Dhruv Ke Pass Pratichumbkiya Padarth Laya Jata Hai (A) ध्रुवों द्वारा आकर्षित होगा (B) ध्रुवों द्वारा प्रतिकर्षित होगा (C) उत्तरी ध्रुव द्वारा प्रतिकर्षित होगा तथा दक्षिणी ध्रुव द्वारा आकर्षित होगा (D) उत्तरी ध्रुव द्वारा आकर्षित होगा तथा दक्षिणी ध्रुव द्वारा प्रतिकर्षित होगा

रसायन विज्ञान

vishay soochi • 1 itihas • 2 rasayan vijnan ka vikas • 3 rasayan vijnan ke aang • 4 dravy nirman ke mool tatv • 5 rasayanik samikaranoan ki paddhati • 6 paramanu vibhajan • 7 akarbanik, ya samany rasayan • 8 karbanik rasayan • 9 bhautik rasayan • 10 tika tippani aur sandarbh • 11 sanbandhit lekh rasayan vijnan ( rasayan vijnan ki mukhyatah do shakhaean hai- • akarbanik rasayan vijnan: isake aantargat sabhi akarbanik tattvoan evan unake yaugikoan ka adhyayan kiya jata hai. • karbanik rasayan vijnan: isake aantargat rasayan vijnan ke adhyayan ko saral banane ke lie use kee shakhaoan mean baanta gaya hai, jinamean nimnalikhit pramukh haian- • bhautik rasayan: isake aantargat rasayanik abhikriya ke niyamoan tatha siddhaantoan ka adhyayan kiya jata hai. • audyogik rasayan: isamean padarthoan ka vrihath pariman mean nirman karane se sanbandhit niyamoan, abhikriyaoan, vidhiyoan adi ka adhyayan kiya jata hai. • jaiv rasayan: isake aantargat jivadhariyoan mean hone vale rasayanik abhikriya tatha jantuoan evan vanaspatiyoan se prapt padarthoan ka adhyayan kiya jata hai. • krishi rasayan: isake aantargat krishi se sanbandhit rasayan jaise jivanunashak, mrida ke sanghatan adi ka adhyayan kiya jata hai. • aushadhi rasayan: isake aantargat manushy ke prayog mean ane vali aushadhiyaan, unake sanghatan tatha banane ki vidhiyoan ka adhyayan kiya jata hai. • vishleshik rasayan: isamean vibhinn padarthoan ki pahachan, ayatan v matra ka anuman kiya jata hai. itihas pandrahavian-solahavian sha...

पदार्थ के कणों के अभिलक्षण गुण को बताइए? » Padarth Ke Kanon Ke Abhilakshan Gun Ko Bataiye

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। पदार्थ के कणों के गुण जैसे पहला पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है मतलब छोटे-छोटे चीजों से मिलकर बना होता है सेकंड पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान पाया जाता है थर्ड पदार्थ के कारण निरंतर गतिशील होते हैं और पदार्थ के कण एक दूसरे को आकर्षित करते हैं पांचवा पदार्थ का कुछ ना कुछ बार होता है जैसे मतलब कुछ भी पदार्थ हो गया लकड़ी बगैरा मेल टेबल फैन मतलब कुछ ना कुछ खास होता है पाकिस्तान के लिए की और किताब हो गई वह भी स्थान के लेकिन कुछ ना कुछ अच्छी रहती है padarth ke kanon ke gun jaise pehla padarth kanon se milkar bana hota hai matlab chote chote chijon se milkar bana hota hai second padarth ke kanon ke beech rikt sthan paya jata hai third padarth ke karan nirantar gatisheel hote hain aur padarth ke kan ek dusre ko aakarshit karte hain panchava padarth ka kuch na kuch baar hota hai jaise matlab kuch bhi padarth ho gaya lakdi bagaira male table fan matlab kuch na kuch khas hota hai pakistan ke liye ki aur kitab ho gayi vaah bhi sthan ke lekin kuch na kuch achi rehti hai पदार्थ के कणों के गुण जैसे पहला पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है मतलब छोटे-छोटे चीजों से म

पदार्थ के सभी गुणों को भौतिक गुण (Physical Properties) एवं रासायनिक गुण (Chemical Properties) में विभाजित किया गया है।

पदार्थ के सभी गुणों को भौतिक गुण (Physical Properties) एवं रासायनिक गुण (Chemical Properties) में विभाजित किया गया है। -Chemistry in Hindi -General Knowledge in Hindi पदार्थ के सभी गुणों को भौतिक गुण (Physical Properties) एवं रासायनिक गुण (Chemical Properties) में विभाजित किया गया है। – Edukate Me Online Courses like CBSE, NCERT, ICSE, UPBOARD, NEET & JEE, UPSC, BANK PO, RAILWAYS

यौगिक के गुणों को लिखें। Yogik Ke Guno Ko Likhen

यौगिकके कुछ गुण निम्नलिखित हैं (Some Characteristic of Compound is Given Below) : • यौगिक नए गुण वाले जटिल द्रव्य होते हैं। • यौगिकों में वर्तमान अवयवीतत्वों को भौतिक विधियों द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता है। • यौगिकों के गलनांक तथा क्वथनांक ( Melting point) के मान निश्चित होते हैं। • यौगिकों में अवयवीतत्वों का गुण उपस्थित नहीं रहता है। • यौगिकों का गठन दो या दो से अधिक तत्वों के रासायनिक संयोग से होता है। • यौगिकों में निर्माण ऊष्मादायीतथा ऊष्माशोषी होसकता है। by Swati