Pregnancy me khasi aaye to kya kare

  1. शिशुओं में खांसी
  2. गर्भावस्था में बुखार के कारण और घरेलू उपचार
  3. Khasi kyu hoti hai : हमें खांसी क्यों आती है ? कारण और उपाए
  4. खांसी में क्या खाएं, क्या नहीं और परहेज
  5. प्रेग्नेंट कैसे होते है ? सही समय की पूरी जानकारी हिंदी में
  6. पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है ? सही जानकारी
  7. पीरियड मिस होने का कारण, इलाज, लक्षण, उपचार


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शिशुओं में खांसी

स्लाइडशो जानें कौन से भोजन शिशु इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार हैं! शिशु को खांसते हुए देखना आपको काफी परेशान व चिंतित कर सकता है। मगर यदि शिशु अच्छे से खा-पी रहा है और शिशुओं में खांसी किस कारण से होती है?खांसना एक स्वाभाविक क्रिया है जो कि बच्चे के वायुमार्ग को अवरुद्ध होने से बचाती है। खांसी इसलिए होती है क्योंकि: • गले और छाती में से श्लेम (म्यूकस), धूल या धुआं जैसे तकलीफ पैदा करने वाले तत्वों को बाहर निकाल सके • वायुमार्ग या फेफड़ों किसी इनफेक्शन की वजह से असहजता होने पर। खांसी के अलग-अलग प्रकार कौन से हैं?खांसी सूखी (जिसमें बलगम न आए) या गीली (जिसमें बलगम आए) हो सकती है। ये आमतौर पर किसी इनफेक्शन की वजह से होती है, मगर कई बार इसके गैर-संक्रामक कारण भी हो सकते हैं जैसे कि अस्थमा (दमा) आदि। यदि खांसी किसी शिशुओं और छोटे बच्चों को इनफेक्शन की वजह से होने वाली कुछ आम तरह की खांसियों के बारे में नीचे बताया गया है: सर्दी-जुकाम या फ्लू का वायरस अधिकांश खांसी किसी विषाणु (वायरस) की वजह से होती है, जैसे कि यदि सर्दी या फ्लू के वायरस की वजह से आपके शिशु को खांसी है, तो शायद उसकी नाक भी बंद होगी या बह रही होगी। उसे गले में दर्द, आंखों में पानी और बुखार भी हो सकता है। फ्लू की वजह से कई बार रेस्पिरेटरी सिंसीशियल वायरस (आरएसवी) एक आम वायरस है जिसकी वजह से शिशुओं और छोटे बच्चों में छाती के संक्रमण होते हैं। अधिकांश मामलों में यह सर्दी-जुकाम के वायरस की तरह ही होता है, मगर यह ब्रोंकाइटिस या यदि कोविड महामारी के दौरान आपके निमोनिया या ब्रोंकाइटिस यदि आपके बच्चे को निमोनिया या ब्रोंकाइटिस के लक्षण हों तो डॉक्टर से बात करें। इनफेक्शन और खांसी दूर करने के लिए हो सकता है बच्चे को एंटिबायोटि...

गर्भावस्था में बुखार के कारण और घरेलू उपचार

Image: Shutterstock गर्भावस्था के दौरान बुखार होने पर उसे गंभीरता से लेना जरूरी है। ध्यान रहे कि प्रेग्नेंसी में बैक्टीरिया या वायरस के कारण बुखार होने पर मां और नवजात दोनों के लिए स्थिति गंभीर हो सकती है। बोस्टन विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि जिन महिलाओं ने गर्भावस्था से ठीक पहले या शुरुआत में बुखार होने की रिपोर्ट की थी, उनके नवजात शिशुओं में ‘न्यूरल ट्यूब दोष’ की आशंका अधिक पाई गई थी गर्भावस्था में बुखार भी वायरल संक्रमण का संकेत दे सकता है। सीएमवी, रूबेला, दाद, आदि जैसे वायरल संक्रमण बच्चे को प्रभावित कर सकते हैं और टेराटोजेनेसिटी या विकास प्रतिबंध का कारण बन सकते हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में हमारे साथ जानिए गर्भावस्था और बुखार के बीच संबंध और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में। क्या है बुखार? जब शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो, तो उसे बुखार कहा जाता है। प्रत्येक व्यक्ति का सामान्य तापमान एक-दूसरे से अलग हो सकता है, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर इसे करीब 98.6 फारेनहाइट माना गया है। एक बात तो स्पष्ट है कि बुखार कोई बीमारी नहीं है। यह संकेत है कि आपका शरीर किसी बीमारी या संक्रमण से लड़ने की कोशिश कर रहा है क्या बुखार आना गर्भावस्था का संकेत है? बुखार गर्भावस्था का संकेत हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ओव्यूलेशन (अंडाशय से अंडे निकलने की प्रक्रिया) के दौरान शरीर के तापमान में वृद्धि होती है, जिसे बेसल बॉडी टेम्परेचर (BBT) कहा जाता है। अगर तय तारीख से दो हफ्ते बाद तक पीरियड्स न आएं और ओव्यूलेशन के दौरान बेसल बॉडी टेम्परेचर ज्यादा रहे, (लगभग .5 फारेनहाइट सामान्य शरीर के तापमान से अधिक), तो यह गर्भावस्था का संकेत हो सकता है इस प्रकार बीबीटी के आधार पर यह प...

Khasi kyu hoti hai : हमें खांसी क्यों आती है ? कारण और उपाए

Khasi kyu hoti hai : क्या आपने कभी सोचा है की हमें खासी क्यों होती है खासी होना काफी आम बात है ये तो आप भी जानते हैं लेकिन इसका ज्यादा होना किसी गंभीर बिमारी का लक्षण हो सकता है खांशी शरीर का एक रियेक्टशन यानी शरीर में होने वाली प्रतिक्रिया है जो शरीर से हानिकारक कणों और रोगाणुओ को बाहर निकाल कर स्वास मार्ग यानी की गले को साफ़ करने में मदद्त करता है | खांसी दो प्रकार के होते है पहली काफ वाली खासी और दूसरी सुखी खांसी – 1-कफ वाली खासी kaf wali khansi : कफ वाली खासी आमतोर पर वो वाली खासी होती है जो बलगम के साथ आता है ये आमतोर पर जुकाम या सर्दी के कारण होती है और गम्भीर बोलू तो फेफड़ो के इन्फेक्सन के कारण भी बन सकते है जो टी.वी. का कारण बनते हैं कई बार आप देखना जब खासी आती है तो श्वास लेने में घंघराहट की आवाज आती है ये कफ वाली खाशी के कारण होती है | 2-सुखी खासी sukhi khansi :सुखी खांसी ये एसी खांसी होती है जिसमे बलगम नहीं निकलता इस खासी में एसा महसुस होता है की आपके गले में गुदगुदी हो रही है या हल्का चिटी काटने जैसा महसूस होने लगता है जिससे खासी आने लगता है इस खासी में इंसान को एक बार में 3-4 बार ही खासी आ जाता है लगातार एसा भी होता है सुखी खासी आमतौर पर धुल , गले में खरास, वायु प्रदुषण , धुवें के सम्पर्क में आने से होता है | खांसी ठीक करने के उपाय- khansi kaise thik karen : आपने आज तक कई बाते सुनी होगी जेसे अदरक वाली हल्दी वाला दूध काली मिर्च और भी कई सारी चीज़े लेकिन आपको बता दूं दोस्तों की ये हर खासी में काम नहीं आता तो जो नार्मल चीज़े हैं इनका भी इस्टतमाँल कर सकते हो लेकिन जो हर चीज़ में काम आएगा 1. आपको बता दूं सबसे पहले तो आपको ठन्डे पानी की जगह नार्मल गर्म पानी का इस्तेमाल क...

खांसी में क्या खाएं, क्या नहीं और परहेज

खांसी एक तरह की सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जिसमें श्वसन प्रणाली शरीर के रोगाणु, सूक्ष्मजीवों और बलगम को शरीर से बाहर निकालता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो आपके फेफड़ों के लिए सफाई का काम करती है। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि खांसी काफी तकलीफदेह भी होता है। इसके अलावा खांसी की वजह से आपके (और पढ़ें - खांसी के दौरान बहुत से लोग इस बात से ज्यादा परेशान रहते हैं कि इस समस्या में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि खांसी में क्या खाएं और क्या न खाएं। इसके अलावा हम आपको इस लेख में खांसी में परहेज के बारे में भी बाताएंगे। (और पढ़ें - • • • • • • • • • • • • • • कई बार धूम्रपान करना खांसी का कारण बनता है। इसके अलावा धूम्रपान करने से गले में जलन होती है। इसके साथ ही साथ धूम्रपान खांसी ठीक होने में बाधक बनता है और (और पढ़ें - यदि आप धूम्रपान नहीं करते हैं और कोई व्यक्ति आपके आस-पास धूम्रपान करता है तो इसका आप पर प्रभाव धूम्रपान करने के बराबर ही पड़ता है। (और पढ़ें -

प्रेग्नेंट कैसे होते है ? सही समय की पूरी जानकारी हिंदी में

[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="सुनने के लिए"] दोस्तों आज हम आपको लड़की प्रेग्नेंट कैसे होती है यानी कि प्रेग्नेंट कैसे होते हैं ? (Pregnant kaise hote hai ?) इस विषय की जानकारी देने वाले हैं | आजकल के इस आधुनिक जीवन में सब जल्दबाजी में होने लगा है , और इसी वजह से आजकल लड़के और लड़कियों की शादी बहुत कम उम्र में होने लगी है | वैसे देखा जाए तो यह पहले से चलता आ रहा है | भारतवर्ष में सेक्स एजुकेशन ज्यादातर पुरुष और महिलाओं को नहीं है , और सेक्स एजुकेशन होना सबसे महत्वपूर्ण बात होती है | सेक्स एजुकेशन की वजह से हमें कई सारे रोगों से मुक्ति मिल सकती है जैसे कि एचआईवी एड्स , जब लड़का और लड़की की उम्र छोटी होती है उस दौरान उनके मन में प्रेगनेंसी के बारे में कई सारी गलतफहमियां मां-बाप डाल देते हैं | जैसे कि बचपन में मम्मी अपने बच्चे को ऐसा बोलती है कि तुम्हें भगवान ने लाया है , कई बार ऐसा बोलती है कि कोई परी आई और तुम्हें हमें दे गई | ऐसी ऐसी गलतफहमी की वजह से बच्चों के मन में अलग-अलग विचार आते रहते हैं | और उनको अगर कोई कुछ भी बोल दे तो वह उसे मान लेते हैं | ठीक प्रेगनेंसी के बारे में बच्चों के मन में कई सारे विचार बैठ जाते हैं जैसे कि लड़की को किस किया तो लड़की प्रेग्नेंट हो जाती है , अगर लड़की को गले लगाया तो लड़की प्रेग्नेंट हो जाती है | लेकिन ऐसा कुछ नहीं है दोस्तों | प्रेगनेंसी के बारे में आपको सही से जानकारी होना बहुत जरूरी होता है , क्योंकि महिला को प्रेग्नेंट करने के लिए क्या जरूरी होता है यदि आपको यह पता नहीं होगा तो आपकी शादी होने के बाद आपके वैवाहिक जीवन पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ने वाला है | इसलिए अब हम जानते हैं, औरत प्रेग्नेंट कैसे होते है ...

पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है ? सही जानकारी

[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="सुनने के लिए"] नमस्ते दोस्तों, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको लड़की की प्रेगनेंसी के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। जैसे कि पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है ? महिला प्रेग्नेंट कब होती है ? प्रेगनेंसी का सही समय कब होता है? इत्यादि महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताएँगे। संसार में माता का स्थान सबसे से ऊपर रहता है। भगवान ने स्त्री की रचना इस प्रकार की है कि स्त्री ही अपने दुख और तकलीफ़ को समझ सकती हैं। कहा जाता है कि सृष्टि की रचना जब हो रही थी तब भगवान ने स्त्री को बनाने में बहुत ज्यादा समय लिया था। उन्होंने बहुत ही विचार पूर्वक स्त्री की रचना की है। स्त्री में बहुत ही ज्यादा सहनशक्ति होती है। वह कोमल भी है और शक्ति-वान भी है। भगवान ने मानव जाति की रचना जब कि थी तब पुरुष और स्त्री ऐसे दो प्राणियों की निर्माता की स्त्री को भगवान ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य दिया है। कि वहां अपने पेट में एक इंसान को जन्म देती है। प्रेग्नेंट होने की क्षमता स्त्री में है उसकी तकलीफ सहने की क्षमता भी सिर्फ में ही है। और वही इस दर्द को सहन कर सकती है। ऐसा कहा जाता है कि जब शिशु का जन्म होता है तभी माता का भी पुनर्जन्म होता है। इतनी पीड़ा से माता को गुजरना पड़ता है। इसीलिए स्त्री को जननी भी कहा जाता है। जब भी किसी महिला की शादी होती है उसके बाद हर एक महिला का मां बनने का सपना होता है। प्रेगनेंसी एक अनोखी भावना है महिलाओं के लिए। लेकिन कई की बार महिलाओं के दिमाग में अलग-अलग तरह के विचार रहते हैं। जैसे कि शादी के बाद बच्चा कब और कैसे होता है तब कोई कोई बहुत परेशान हो जाता है। । क्योंकि उन्होंने बहुत प्रयास करने के...

पीरियड मिस होने का कारण, इलाज, लक्षण, उपचार

अनियमित मासिक धर्म या मासिक धर्म नआना एक ऐसा विकार है जो ज्यादातर उन महिलाओं को होता है जो बच्चा पैदा करने लायक उम्र में होती हैं। मासिक धर्म के अनियमित होने का मतलब होता है पीरियड अनियमित तरीके से होना, देर से होना या न होना। नियमित रूप से एक महिला को 21 से 35 दिन के अंदर पीरियड्सहोते हैं, जो थोड़ा बहुत आगे पीछे हो सकता है। हालांकि, अगर आपके पीरियड 35 दिनों से ज्यादा देर से हो रहे हैं, तो हो सकता है आपको कोई विकार या समस्या हो। पीरियड न होनाकिसी अंदरूनी मेडिकल समस्या का संकेत हो सकता है, जैसे (और पढ़ें - पीरियड न आने की सबसे बड़ी और मुख्य वजह प्रेगनेंसी ही होती है। हालांकि, इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे दिया गया है - • हॉर्मोन असंतुलित होना जिन लड़कियों को पहली बार पीरियड हुए हैं और जिन महिलाओं की (और पढ़ें - • पीसीओएस मासिक धर्म न होने का सबसे आम कारण होता है पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम या पीसीओएस (महिलाओं में पुरुषों के सेक्स हॉर्मोन का अधिक उत्पादन), अंडाशय का सही से काम न करना और (और पढ़ें - • ज्यादा एक्सरसाइज करना अगर आप ज्यादा (और पढ़ें - • डायबिटीज या थायरॉइड जिन महिलाओं को (और पढ़ें - • प्रोलैक्टिन का अधिक स्तर खून में प्रोलैक्टिन का स्तर अधिक होने के कारण मासिक धर्म न होने या अनियमित होने का स्तर बढ़ जाता है। खून में प्रोलैक्टिन का स्तर तब भी बढ़ता है जब महिला बच्चे को (और पढ़ें - • अन्य कारण अगर आपको (और पढ़ें - मासिक धर्म न होने के जोखिम कारक क्या हैं? ऊपर दिए गए कारणों के आधार पर, निम्नलिखित स्थितियों में पीरियड मिस होने का जोखिम होता है - • मासिक धर्म होना शुरू होने की उम्र या मेनोपॉज की उम्र। • अंडाशय में सिस्ट होना या परिवार में किसी को पीसीओए...