प्रेगनेंसी में पेट के नीचे दर्द होना

  1. क्या प्रेगनेंसी के दौरान सीने/छाती में दर्द होना सामान्य है?
  2. प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने के कारण व इलाज
  3. प्रेगनेंसी में पीरियड जैसा कमर दर्द क्यों होता है?
  4. प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर क्यों होता है
  5. प्रेगनेंसी के दौरान योनि में दर्द की समस्या: प्रकार, कारण और उपचार
  6. एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव
  7. सेक्‍स के बाद ब्‍लीडिंग होना है इस बीमारी का संकेत, जानें कब डॉक्‍टर के पास जाएं
  8. एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव
  9. प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने के कारण व इलाज
  10. सेक्‍स के बाद ब्‍लीडिंग होना है इस बीमारी का संकेत, जानें कब डॉक्‍टर के पास जाएं


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क्या प्रेगनेंसी के दौरान सीने/छाती में दर्द होना सामान्य है?

Image: Shutterstock गर्भावस्था में शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द से लेकर जी मिचलाने जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं मॉमजंक्शन के इस लेख में हम प्रेगनेंसी के दौरान छाती में दर्द के विषय पर विस्तारपूर्वक जानकारी दे रहे हैं। यहां आप गर्भावस्था के दौरान सीने में दर्द के कारण से लेकर जरूरी उपचार जान पाएंगे। इसके अलावा, प्रेगनेंसी में सीने में दर्द से बचाव के विभिन्न तरीकों को भी यहां शामिल किया गया है। क्या प्रेगनेंसी में सीने/छाती में दर्द होना सामान्य है? | Pregnancy Me Sine/Chhati Me Dard Hona प्रेगनेंसी के दौरान छाती में दर्द होना सामान्य नहीं है। कई महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान सीने में दर्द को सामान्य लक्षण समझकर नजरअंदाज कर देती हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि प्रेगनेंसी में सीने में दर्द होना सामान्य गर्भावस्था का लक्षण नहीं है। यह तनाव और हृदय रोग जैसे कई कारणों की वजह से हो सकता है गंभीर कारण : कई बार प्रेगनेंसी के दौरान सीने में दर्द गंभीर वजहों से भी हो सकता है, जिन्हें नीचे बताया गया है : 1. प्री-एक्लेम्पसिया (Preeclampsia) कई बार प्रेगनेंसी में सीने में दर्द की वजह सामान्य नहीं, बल्कि प्री-एक्लेम्पसिया जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है। प्री-एक्लेम्पसिया एक उच्च रक्तचाप विकार है, जो गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद हो सकता है। इसमें गर्भवती महिला का अचानक रक्तचाप बढ़ने लगता है और यूरिन में प्रोटीन की मात्रा अधिक हो जाती है। प्रेगनेंसी में छाती में दर्द के लक्षण नीचे बताए गए हैं। प्रेगनेंसी में सीने में दर्द के लक्षण सीने में दर्द का होना कोई बीमारी...

प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने के कारण व इलाज

प्रेगनेंसी के दौरान जैसे-जैसे गर्भाशय बढ़ता है पेट में कसाव शुरू होने लगता है. यह समस्या सामान्य हो सकती है, लेकिन गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में पेट का टाइट होना (और पढ़ें - myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। दूसरी तिमाही में जैसे-जैसे शरीर गर्भावस्था को स्वीकार करता है, पेट में जकड़न या टाइटनेस महसूस होने लगती है. इस दौरान तेज दर्द भी महसूस हो सकता है. इसे राउंड लिगामेंट दर्द भी कहा जाता है. दूसरी तिमाही में यह दर्द सबसे आम है. इस दौरान गर्भवती महिला के पेट, कूल्हे और कमर तक दर्द हो सकता है. (और पढ़ें - myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। कुछ मामलों में इरिटेबल यूट्रस की समस्या सामने आती है. इस स्थिति में पेट का टाइट होना, पेट में संकुचन और दर्द जैसा महसूस होता है. दूसरी तिमाही में पेट के टाइट होने का एक यह भी कारण हो सकता है. इस दौरान बार-बार पेट में कसाव पैदा हो सकता है. यह गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह पूर्व प्रसव का संकेत होता है. (और पढ़ें - दूसरी तिमाही में डिहाइड्रेट होने के कारण भी पेट टाइट हो...

प्रेगनेंसी में पीरियड जैसा कमर दर्द क्यों होता है?

प्रेग्नेंसी में पीरियड जैसा कमर दर्द लगभग 80 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। इस दौरान महिलाओं का शरीर प्रसव के लिए प्राकृतिक रूप से तैयार हो रहा होता है। गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में भी कमर दर्द पीरियड के दर्द जैसा महसूस होता है। ऐसी स्थिति में प्राकृतिक उपाय अपनाकर दर्द को कम किया जा सकता है। आइए देखते हैं प्रेगनेंसी में कमर दर्द क्यों होता है और इसको कम करने के लिए क्या क्या उपाय हो सकते हैं। प्रेगनेंसी में पीरियड जैसा दर्द होना बहुत आम बात है, खासकर शुरुआती दौर में। कभी-कभी दर्द इतना गंभीर हो जाता है कि यह सामान्य गतिविधियों को करने की क्षमता में बाधा उत्पन्न कर सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि कमर के निचले हिस्से में दर्द आमतौर पर गर्भवती होने के पांचवें और सातवें महीने के बीच होता है। हालांकि कुछ मामलों में यह आठ से बारह सप्ताह की शुरुआत में ही हो जाता है। दर्द की मात्रा हल्के से लेकर तीव्र तक हो सकता है। गर्भावस्था में आपके शरीर के स्नायुबंधन (लिगामेंट्स) स्वाभाविक रूप से नरम हो जाते हैं और आपको प्रसव के लिए तैयार करते हैं। यह आपकी पीठ के निचले हिस्से और श्रोणि (पेडू) के जोड़ों पर दबाव डाल सकता है, जिससेकमर दर्द हो सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कमर में पीरियड जैसा दर्द कई वजहों से हो सकता है। यह कमर दर्द या तो शरीरिक कारणों से होता है अन्यथा रोग संबंधी होता है। • शारीरिक कारण शरीर में कुछ बदलाव से प्रेगनेंसी में कमर दर्द होता है।जैसे: • हार्मोनल परिवर्तन गर्भावस्था के दौरान, रिलैक्सिन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। इस वजह से स्नायुबंधन और जोड़ शिथिल और ढीले हो जाते हैं। यह परिवर्तन पीठ के निचले हिस्से और श्रोणि पर अतिर...

प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर क्यों होता है

Pregnancy Mein High Blood Pressure Kyu Hota Hai | प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर क्यों होता है,How to control BP During Pregnancy : प्रेगनेंसी में महिलाओं को हर माह में कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। इस समय महिलाओं को बीपी की समस्या होना आम बात है। दरअसल प्रेगनेंसी में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं। ऐसे में उनको चक्कर आना, घबराहट होना, उल्टी, व पैरों में दर्द होने की समस्या होती है। इस समय महिलाएं कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर अपनी समस्या को काफी हद तक कम कर सकती हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान योनि में दर्द की समस्या: प्रकार, कारण और उपचार

जैसे ही एक महिला गर्भवती होती है, उसके शरीर में बदलावों का सिलसिला शुरू हो जाता है। आंतरिक अंग बढ़ते भ्रूण के लिए जगह बनाने के लिए इधर-उधर खिसकते हैं, और इसके साथ हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जिससे असुविधा उत्पन्न होती है और सर्केडियन रिदम में परिवर्तन होता हैं। वास्तव में, गर्भावस्था के साथ किसी न किसी तरह का दर्द या असहजता आती ही है। गर्भवती महिला आमतौर पर अपने शरीर के अलग-अलग अंगों में दर्द का अनुभव करती है, जिसमें उसकी पीठ का निचला हिस्सा, स्तन और पेट शामिल हैं। कुछ गर्भवती महिलाओं को योनि में दर्द का अनुभव हो सकता है। यह दर्द या तो दूसरी तिमाही में शुरू होता है या कभी-कभी पूरी गर्भावस्था के दौरान भी रहता है। आइए गर्भावस्था के दौरान योनि में दर्द के कारणों और लक्षणों पर एक नजर डालें। • चुभने वाला दर्द: यह गर्भवती महिलाओं को होने वाली एक सामान्य समस्या है, जिसमें चुभने वाला दर्द भी शामिल है। यह आमतौर पर गर्भाशय की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण गर्भावस्था के 5वें से 8वें सप्ताह तक होता है। इस दर्द का एक अन्य कारण पेट फूलना भी है जो होने वाली माँ की आंतों में होता है। यदि दर्द 37वें सप्ताह के आसपास शुरू होता है, तो यह आमतौर पर प्रसव का समय निकट आने का सूचक होता है। • निरंतर होने वाला दर्द: निरंतर होने वाला दर्द, गर्भवती महिलाओं की ही नहीं, बल्कि सभी महिलाओं की एक व्यापक समस्या है। यह आमतौर पर फैलोपियन ट्यूब या गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) में होने वाली सूजन के कारण होता है। यदि उपचार के बाद दर्द शीघ्र कम हो जाता है, तो चिंता की कोई बात नहीं है और अगर यह फिर भी बढ़ता है, तो आपको डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए। • काटने जैसा दर्द: गर्भावस्था के दौरान मामूली काटने जैसा दर्द एक साम...

एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव

Ectopic pregnancy in Hindi एक्टोपिक प्रेगनेंसी जिसे अस्थानिक गर्भावस्था भी कहा जाता है तब होती है जब निषेचित अंडा (fertilized egg) प्रत्यारोपित होकर गर्भाशय के मुख्य गुहा के बाहर ही विकसित होने लगता है। प्रेगनेंसी निषेचित अंडे के कारण होती है। आमतौर पर निषेचित अंडे गर्भाशय की सतह से जुड़ते हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी अक्सर फैलोपियन ट्यूब में होती है जो अंडों को अंडाशय से गर्भाशय में पहुंचाता है। इस तरह की प्रेगनेंसी को ट्यूबल प्रेगनेंसी करहते हैं। इस लेख में आप जानेंगे एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव Ectopic pregnancy ke karan, lakshan,ilaj aur bachav in Hindi के बारे में। कभी-कभी अस्थानिक गर्भावस्था शरीर के अन्य क्षेत्रों जैसे अंडाशय, पेट के गुहा (abdominal cavity) और गर्भाशय के निचले हिस्से (cervix) में भी हो सकती है जो योनि से जुड़ा होता है। अस्थानिक गर्भावस्थाआमतौर पर अधिक दिनों तक नहीं रह पाती है और निषेचित अंडे जिंदा नहीं रहते हैं । यदि इसका इलाज न किया जाए तो विकसित ऊतक के कारण ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। प्रेगनेंसी के 50 मामलों में सिर्फ एक मामले में ही एक्टोपिक प्रेगनेंसी पायी जाती है। आमतौर पर अस्थानिक गर्भावस्था निम्न कारणों से होती है • फैलोपियन ट्यूब में संक्रमण या सूजन हो जाने के कारण यह आंशिक या पूरी तरह से अवरूद्ध हो सकती है। • ट्यूब में पहले से हुई किसी सर्जरी या इंफेक्शन के कारण उत्तकों में घाव के निशान या धब्बे पड़ जाना जिसके कारण अंडे की गति में रुकावट आना। • श्रोणि क्षेत्र (pelvic area) या ट्यूब में पहले से हुई सर्जरी के कारण आसंजन (adhesions)। • असामान्य वृद्धि और जन्म दोष के कारण ट्यूब के आकार में असामान्यता (abnorma...

सेक्‍स के बाद ब्‍लीडिंग होना है इस बीमारी का संकेत, जानें कब डॉक्‍टर के पास जाएं

Bleeding After Intercourse Might Be Sign of Cervical Cancer : कुछ महिलाओं को सेक्‍स के बाद योन‍ि में ब्‍लीडिंग की शिकायत होती है। आमतौर पर पीरियड्स के दौरान सेक्‍स करने पर योन‍ि से ब्‍लीडिंग होती है। लेक‍िन कई बार यौन संबंध बनाने के बाद भी ब्‍लीडिंग होती है उसके पीछे बहुत सारे कारण होते हैं? जैसे इंफेक्‍शन या सर्विकल कैंसर भी एक बड़ी वजह हो सकती है। सेक्‍स के बाद क्‍यों होती है ब्‍लीडिंग? सेक्स के बाद ब्लीडिंग को पोस्ट कोइटल ब्लीडिंग भी कहा जाता है। ये समस्‍या क‍िसी भी उम्र की महिलाओं को हो सकती है, लेक‍िन जो महिलाएं मेनोपॉज से ग्रसित नहीं होती हैं। उनमें ये समस्‍या सर्विक्‍स के कारण होती है और दूसरे कारण भी हो सकते है। सवाईकल और वजाइना कैंसर के वजह से सेक्‍स के बाद योनी में खून आता है। - मल्‍टीपल सेक्‍स पार्टनर बनाने से बचें। -हर तीन वर्ष में एक पेप टेस्ट करवाएं, क्योंकि समय पर पता लगने से इलाज में आसानी होती है। -धूम्रपान छोड़ दें, क्योंकि सिगरेट में निकोटीन और अन्य घटकों को रक्त की धारा से गुजरना पड़ता है और यह सब गर्भाशय-ग्रीवा में जमा होता है, जहां वे ग्रीवा कोशिकाओं के विकास में बाधक बनते हैं। स्मोकिंग इम्यूनिटी को भी कमजोर करता है। -फल, सब्जियों और पूर्ण अनाज से समृद्ध हेल्दी डाइट का सेवन करें लेकिन मोटापे से दूर रहें। डॉक्‍टर से कब मिलें अगर सेक्‍स के बाद आपको ब्‍लीडिंग की समस्‍या होती है तो तुरंत गायनाकोलॉजिस्‍ट से मिलकर अपनी समस्‍याओं के बारे में बताएं। - उल्‍टी होना -सिर में दर्द - कमर में दर्द - योनि में जलन और सफेद पानी आना - पेशाब के दौरान जलन - ब्‍लीडिंग होना - योनि में खुजली और जलन - सेक्‍स के दौरान तेज दर्द और जलन - पीठ के नीचे दर्द होना। क्‍या करें? अगर य...

एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव

Ectopic pregnancy in Hindi एक्टोपिक प्रेगनेंसी जिसे अस्थानिक गर्भावस्था भी कहा जाता है तब होती है जब निषेचित अंडा (fertilized egg) प्रत्यारोपित होकर गर्भाशय के मुख्य गुहा के बाहर ही विकसित होने लगता है। प्रेगनेंसी निषेचित अंडे के कारण होती है। आमतौर पर निषेचित अंडे गर्भाशय की सतह से जुड़ते हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी अक्सर फैलोपियन ट्यूब में होती है जो अंडों को अंडाशय से गर्भाशय में पहुंचाता है। इस तरह की प्रेगनेंसी को ट्यूबल प्रेगनेंसी करहते हैं। इस लेख में आप जानेंगे एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव Ectopic pregnancy ke karan, lakshan,ilaj aur bachav in Hindi के बारे में। कभी-कभी अस्थानिक गर्भावस्था शरीर के अन्य क्षेत्रों जैसे अंडाशय, पेट के गुहा (abdominal cavity) और गर्भाशय के निचले हिस्से (cervix) में भी हो सकती है जो योनि से जुड़ा होता है। अस्थानिक गर्भावस्थाआमतौर पर अधिक दिनों तक नहीं रह पाती है और निषेचित अंडे जिंदा नहीं रहते हैं । यदि इसका इलाज न किया जाए तो विकसित ऊतक के कारण ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। प्रेगनेंसी के 50 मामलों में सिर्फ एक मामले में ही एक्टोपिक प्रेगनेंसी पायी जाती है। आमतौर पर अस्थानिक गर्भावस्था निम्न कारणों से होती है • फैलोपियन ट्यूब में संक्रमण या सूजन हो जाने के कारण यह आंशिक या पूरी तरह से अवरूद्ध हो सकती है। • ट्यूब में पहले से हुई किसी सर्जरी या इंफेक्शन के कारण उत्तकों में घाव के निशान या धब्बे पड़ जाना जिसके कारण अंडे की गति में रुकावट आना। • श्रोणि क्षेत्र (pelvic area) या ट्यूब में पहले से हुई सर्जरी के कारण आसंजन (adhesions)। • असामान्य वृद्धि और जन्म दोष के कारण ट्यूब के आकार में असामान्यता (abnorma...

प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने के कारण व इलाज

प्रेगनेंसी के दौरान जैसे-जैसे गर्भाशय बढ़ता है पेट में कसाव शुरू होने लगता है. यह समस्या सामान्य हो सकती है, लेकिन गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में पेट का टाइट होना (और पढ़ें - myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। दूसरी तिमाही में जैसे-जैसे शरीर गर्भावस्था को स्वीकार करता है, पेट में जकड़न या टाइटनेस महसूस होने लगती है. इस दौरान तेज दर्द भी महसूस हो सकता है. इसे राउंड लिगामेंट दर्द भी कहा जाता है. दूसरी तिमाही में यह दर्द सबसे आम है. इस दौरान गर्भवती महिला के पेट, कूल्हे और कमर तक दर्द हो सकता है. (और पढ़ें - myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। कुछ मामलों में इरिटेबल यूट्रस की समस्या सामने आती है. इस स्थिति में पेट का टाइट होना, पेट में संकुचन और दर्द जैसा महसूस होता है. दूसरी तिमाही में पेट के टाइट होने का एक यह भी कारण हो सकता है. इस दौरान बार-बार पेट में कसाव पैदा हो सकता है. यह गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह पूर्व प्रसव का संकेत होता है. (और पढ़ें - दूसरी तिमाही में डिहाइड्रेट होने के कारण भी पेट टाइट हो...

सेक्‍स के बाद ब्‍लीडिंग होना है इस बीमारी का संकेत, जानें कब डॉक्‍टर के पास जाएं

Bleeding After Intercourse Might Be Sign of Cervical Cancer : कुछ महिलाओं को सेक्‍स के बाद योन‍ि में ब्‍लीडिंग की शिकायत होती है। आमतौर पर पीरियड्स के दौरान सेक्‍स करने पर योन‍ि से ब्‍लीडिंग होती है। लेक‍िन कई बार यौन संबंध बनाने के बाद भी ब्‍लीडिंग होती है उसके पीछे बहुत सारे कारण होते हैं? जैसे इंफेक्‍शन या सर्विकल कैंसर भी एक बड़ी वजह हो सकती है। सेक्‍स के बाद क्‍यों होती है ब्‍लीडिंग? सेक्स के बाद ब्लीडिंग को पोस्ट कोइटल ब्लीडिंग भी कहा जाता है। ये समस्‍या क‍िसी भी उम्र की महिलाओं को हो सकती है, लेक‍िन जो महिलाएं मेनोपॉज से ग्रसित नहीं होती हैं। उनमें ये समस्‍या सर्विक्‍स के कारण होती है और दूसरे कारण भी हो सकते है। सवाईकल और वजाइना कैंसर के वजह से सेक्‍स के बाद योनी में खून आता है। - मल्‍टीपल सेक्‍स पार्टनर बनाने से बचें। -हर तीन वर्ष में एक पेप टेस्ट करवाएं, क्योंकि समय पर पता लगने से इलाज में आसानी होती है। -धूम्रपान छोड़ दें, क्योंकि सिगरेट में निकोटीन और अन्य घटकों को रक्त की धारा से गुजरना पड़ता है और यह सब गर्भाशय-ग्रीवा में जमा होता है, जहां वे ग्रीवा कोशिकाओं के विकास में बाधक बनते हैं। स्मोकिंग इम्यूनिटी को भी कमजोर करता है। -फल, सब्जियों और पूर्ण अनाज से समृद्ध हेल्दी डाइट का सेवन करें लेकिन मोटापे से दूर रहें। डॉक्‍टर से कब मिलें अगर सेक्‍स के बाद आपको ब्‍लीडिंग की समस्‍या होती है तो तुरंत गायनाकोलॉजिस्‍ट से मिलकर अपनी समस्‍याओं के बारे में बताएं। - उल्‍टी होना -सिर में दर्द - कमर में दर्द - योनि में जलन और सफेद पानी आना - पेशाब के दौरान जलन - ब्‍लीडिंग होना - योनि में खुजली और जलन - सेक्‍स के दौरान तेज दर्द और जलन - पीठ के नीचे दर्द होना। क्‍या करें? अगर य...