प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए

  1. Top 5 लघु नैतिक और 100 प्रेरणादायक प्रेरक प्रसंग
  2. बच्‍चों को एक सुरक्षित, प्रेरक माहौल प्रदान करने के लिए कडि़यां जोड़ना
  3. छात्रों के लिए 100 प्रेरक भाषण विषय
  4. महापुरुषों के प्रेरक प्रसंग एवं कहानियाँ
  5. 15+ शिक्षाप्रद और ज्ञानवर्धक प्रेरक प्रसंग
  6. छोटे बच्चों के लिए प्रेरक प्रसंग: कछुए और खरगोश की कहानी
  7. एकदा प्रेरक प्रसंग "चित्रकार और राजा, अभिव्यक्ति का महत्त्व"
  8. [PDF] विद्यार्थियों के लिए 10 बेहतरीन प्रेरक प्रसंग PDF
  9. 30 बेस्ट प्रेरक प्रसंग और प्रेरणादायक कहानियाँ


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Top 5 लघु नैतिक और 100 प्रेरणादायक प्रेरक प्रसंग

लाल बहादुर शास्त्री के प्रेरक प्रसंग | छोटा प्रेरक प्रसंग | विद्यार्थियों के लिए प्रेरक प्रसंग pdf | प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए | शिक्षाप्रद प्रेरक प्रसंग | सफलता पर प्रेरक प्रसंग | प्रेरक प्रसंग विद्यार्थियों के लिए kahani | गुरु शिष्य के प्रेरक प्रसंग | ईमानदारी पर प्रेरक प्रसंग | प्रेरक प्रसंग कहानी | प्रेरक प्रसंग कहानियां | विश्वास पर प्रेरक प्रसंग | शिक्षाप्रद प्रेरक प्रसंग 2022 विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक प्रेरक प्रसंग एक बच्चे का विद्यालयी जीवन उसके जीवन की एक नीव की तरह होता है ,इस शिक्षण काल में वह जो कुछ भी गुण सीखता है वह उसके साथ जीवन भर चलते हैं इस नीव को कमजोर नही रखने के लिए विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का विकास करना बेहद जरूरी है और उसके लिए उन्हें प्रतिदिन अच्छे-अच्छे प्रेरक प्रसंग को सुनाना चाहिए ताकि में नैतिकता, देश प्रेम व परोपकारकी भावना की भावना पनप सकें। एक समय बात है एक तालाब में बहुत सारे मेंढक रहते थे। सरोवर के बीचों बीच एक बहुत पुराना का खम्भा भी लगा हुआ था। खम्भा बहुत ऊँचा था और उसकी सतह भी चिकनी थी। एक दिन मेंढकों के दिमाग में आया की क्यों ना एक प्रतियोगिता करवाई जाये। इसमें भाग लेने वाले को खम्भे पर चढ़ना होगा और जो सबसे पहले ऊपर पहुंच जायेगा, उसे विजेता घोषित कर दिया जायेगा। तो उन्होंने प्रतियोगता का दिन फिक्स कर दिया। प्रतियोगिता का दिन आ गया, खम्भे के चारो और बहुत भीड इक्कठी हो गयी। आसपास के इलाकों से भी कई मेंढक इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचे। माहौल में सरगर्मी थी। हर तरफ शोर ही शोर था। प्रतियोगिता शुरू हुई… लेकिन खम्भे को देखकर भीड में से किसी भी मेंढक को यकीन नहीं हुआ, की कोई भी मेंढक इस खम्भे के ऊपर पहुंच पायेगा। चारो ओ...

बच्‍चों को एक सुरक्षित, प्रेरक माहौल प्रदान करने के लिए कडि़यां जोड़ना

डर, पूर्वाग्रह, लाचारी के दुष्चक्रों को तोड़ने के लिए - उम्मीद की एक किरण चाहिए। जम्मू और कश्मीर में, जहां हिंसा और अशांति की लगातार घटनाएं रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित करती हैं और बच्चों पर गहरा प्रभाव डालती हैं, वहां ऐसे दो तत्व हैं जो उम्मीद की किरण जगाते हैं - यूनिसेफ और IKEA फाउंडेशन द्वारा समर्थित चाइल्ड फ्रेंडली स्पेस और चाइल्ड फ्रेंडली स्कूल। कल्पना कीजिएजब कोई बच्‍चा अपनीजानखत्‍म करने की सोचता है तब वह कितना हताश होगा। नबील* 18 वर्षीय होनहार लड़का है, एक वर्ष पहले ऐसी स्थिति में पहुंचा कि उसने आत्‍महत्या का प्रयास किया। सौभाग्य से, वह बच गया और अस्पताल से घर लौटने पर उसे श्रीनगर के बेमिना में उसके गांव राख-ए-अरथ में चाइल्ड फ्रेंडली स्पेस (सीएफएस) में आने के लिए राजी किया। एक वर्ष बाद, न केवल इस स्थान ने – जो यूनिसेफ और आईकेईएफाउंडेशन द्वारा समर्थित एक पहल ने उसे न केवल स्‍वस्‍थ होने में मदद की, बल्कि इसने केंद्र के क्रिया-कलापों को सुविधाजनक बनाने की जिम्मेदारी लेने के लिए उसका आत्मविश्वास भी बढ़ाया। जैसे-जैसे जीवन धीरे-धीरे सामान्य होता गया और अपेक्षाकृत अधिक परिपूर्ण भविष्य की उम्‍मीद बढ़ने लगी, उसने एक बार फिर स्कूल से अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया। समुदाय-आधारित बाल सुरक्षा चाइल्ड फ्रेंडली स्पेस जम्मू और कश्मीर में बाल संरक्षण कार्यक्रम का महत्वपूर्ण घटक है। यह कश्मीर घाटी के सात जिलों में स्थित 200 स्थानों पर हिंसा और दुर्व्यवहार की समस्‍या का निराकरण करता है। आईकेईए फाउंडेशन के समर्थन से यूनिसेफ और इसके सहयोगियों द्वारा प्रशिक्षित स्टाफ - शिक्षक, काउंसलर, समुदाय के लोग और वालंटियर – बच्‍चों द्वारा सामना की जा सकने वाली चुनौतियां जैसे नशीली दवाओं का दु...

छात्रों के लिए 100 प्रेरक भाषण विषय

घर • विज्ञान, तकनीक, गणित • विज्ञान • गणित • सामाजिक विज्ञान • कंप्यूटर विज्ञान • पशु और प्रकृति • मानविकी • इतिहास और संस्कृति • दृश्य कला • साहित्य • अंग्रेज़ी • भूगोल • दर्शन • मुद्दे • बोली • दूसरी भाषा के स्थान पर अंग्रेजी • स्पैनिश • फ्रेंच • जर्मन • इतालवी • जापानी • अकर्मण्य • रूसी • साधन • छात्रों और अभिभावकों के लिए • शिक्षकों के लिए प्रेरक भाषण की योजना बनाने और प्रेरक निबंध लिखने के बीच एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण अंतर है । सबसे पहले, यदि आप एक प्रेरक भाषण की योजना बना रहे हैं, तो आपको एक ऐसे विषय के बारे में सोचना चाहिए जो आपके दर्शकों को आकर्षित कर सके। इस कारण से, आप किसी ऐसे विषय पर निर्णय लेने से पहले कुछ विषयों पर विचार कर सकते हैं जो आपको अधिक वर्णनात्मक और मनोरंजक बनाने की अनुमति देता है। एक प्रेरक भाषण विषय चुनते समय एक अन्य महत्वपूर्ण कारक एक ऐसा चुनना है जो आपके दर्शकों को उत्तेजित कर सके। यदि आप अपने दर्शकों के सदस्यों में थोड़ा सा भाव जगाते हैं, तो आप उनका ध्यान रखेंगे। नीचे दी गई सूची आपको विचार-मंथन में मदद करने के लिए प्रदान की गई है। इस सूची में से कोई विषय चुनें या अपना खुद का विचार उत्पन्न करने के लिए सूची का उपयोग करें। • मार्शल आर्ट का अध्ययन मन और स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। • प्रतिस्पर्धी खेल हमें जीवन के बारे में सिखा सकते हैं। • रियलिटी शो लोगों का शोषण कर रहे हैं। • सभी हाई स्कूल के छात्रों के लिए सामुदायिक सेवा एक स्नातक आवश्यकता होनी चाहिए। • वे गुण जो किसी व्यक्ति को नायक बनाते हैं। • बगीचे में चीजों को उगाना महत्वपूर्ण है। • हिंसक वीडियो गेम खतरनाक हैं। • किसी गीत के बोल हमारे जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। • विदेश यात्रा और अध्ययन सकार...

महापुरुषों के प्रेरक प्रसंग एवं कहानियाँ

Prerak प्रसंग: महापुरुषों के लघु प्रेरक प्रसंग – Mahapurusho Ke Short Motivational (Prerak Prasang) Story With Moral Value in Hindi Prerak Prasang In Hindi – Kahani Mahapurusho Ke Prerak Prasang In Hindi – दोस्तों ! मेरा मानना है कि बच्चों को कुछ सिखाने के लिए कहानियों से बढ़िया कोई उपाय नहीं हो सकता। क्योंकि कहानियाँ सुनकर जहां बच्चों का मन खुश होता है वहीं इनसे बच्चे स्वत: प्रेरित होते हैं। चुंकि बच्चे बहुत छोटे होते इसलिए उनको सिद्धांतों के उपदेश देकर कोई चीज नहीं सिखाई जा सकती। लेकिन कहानियों से मिलने वाली सिद्धांतों और आदर्शों की सीख को बच्चों का कोमल हृदय बड़ी सरलता से ग्रहण कर लेता है। ऐसा माना जाता है की बच्चों के चहुँमुखी विकास के लिए उन्हें उन सिद्धांतों को आचरण में उतारने वाले आदर्श महापुरुषों के जीवन चरित्र या प्रेरक प्रसंग सुनाना अत्यंत ही उपयोगी रहता है। और महान चरित्रों, व महापुरुषों के प्रेरक प्रसंगों को प्रत्येक काल खंड में अलग-अलग अंदाज, भाषाशैली व माहौल के मुताबिक लिखने, पढ़ने और सुनाने की हमारी परम्परा भी रही है। भारत इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इस पोस्ट के माध्यम से बेहद उम्दा 5 छोटे प्रेरक प्रसंग कहानियों को आप तक पहुंचा रही हूँ, जो की अत्यंत रोचक एवं बाल मनोभावों के अनुरूप है। ये प्रेरक प्रसंग बच्चों को अवश्य पढाएँ एवं सुनाएँ। एक motivational ब्लॉग होने के कारण मेरा पूर्ण प्रयास रहता है कि जो भी महापुरुषों के प्रेरक प्रसंग यहाँ पर लिखा जाये वो छात्रों के लिए ज्ञान और शिक्षा का अच्छा स्रोत हो । आशा करती हूँ ये कहानियाँ भी आपके द्वारा निश्चित रूप से सराही जाएगी। प्रेरक प्रसंग 1 (अभ्यास से सफलता) करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान। रसरी आवत जात ते सिल पर ...

15+ शिक्षाप्रद और ज्ञानवर्धक प्रेरक प्रसंग

New Prerak Prasang in Hindi for all Students हमने यहाँ पर 15 से भी अधिक छोटे प्रेरक प्रसंग (Chote Prerak Prasang) शेयर किये है, जिनमें स्वतंत्रता सेनानियों के प्रेरक प्रसंग, ज्ञानवर्धक प्रेरक प्रसंग, शिक्षक दिवस पर प्रेरक प्रसंग, विद्यार्थियों के लिए प्रेरक प्रसंग (Prerak Prasang for Students) आदि शामिल है हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह ज्ञानवर्धक प्रेरक प्रसंग पसंद आयेंगे। शिक्षाप्रद और ज्ञानवर्धक प्रेरक प्रसंग | Prerak Prasang in Hindi विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • प्रेरक प्रसंग 1: आजादी की कीमत किशोर भगतसिंह कक्षा में बैठे विचारों में तल्लीन थे। इसी बीच कक्षा में इंस्पेक्टर ने प्रवेश किया। सभी विद्यार्थी उनके सम्मान में खड़े हो गए लेकिन भगतसिंह उसी विचार मुद्रा में अपने स्थान पर बैठे रहे। उन्हें देखकर इंस्पेक्टर ने पूछा- ‘बेटे! तुम किस विचार में खोए हुए थे?’ ‘आजादी के बारे में, भगतसिंह ने कहा। ‘लेकिन बेटे, आजादी उतनी आसानी से नहीं मिल सकती-जितनी आसान तुम समझते हो, ‘ इंस्पेक्टर बोले। आसान होता नहीं जनाब, बल्कि बनाया जाता है। मैं एक ना एक दिन देश को आजाद करवाकर ही दम लूंगा, ‘ भगतसिंह ने विश्वासपूर्वक उत्तर दिया। ‘शाबास बेटे! तुम धन्य हो। तुम्हें आजादी की कीमत मालूम है।’ यह कहकर इंस्पेक्टर आगे बढ़ गए। प्रेरक प्रसंग 2: ऐसे थे जाकिर हुसैन घटना उन दिनों की है, जब जाकिर साहब विशेष अध्ययन हेतु जर्मनी में थे। वहां ऐसा रिवाज है कि किसी अजनबी व्यक्ति से दोस्ती करने के लिए अपना नाम बताकर हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ा दिया जाता है। उस दिन महाविद्यालय में वार्षिकोत्सव था। कार्यक्रम का समय हो चुका था, इसलिए वह जल्दी-जल्दी कदम बढ़ा रहे थे। जैसे ही जाकिर साहब ने महाविद्यालय मे...

छोटे बच्चों के लिए प्रेरक प्रसंग: कछुए और खरगोश की कहानी

बहुत समय पहले की बात है किसी एक घने जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहा करते थे। खरगोश को अपने तेज दौड़ने पर बहुत घमंड था। खरगोश को जंगल में उसके अलावा जो भी जानवर दिखाई देता वो उसी को अपने साथ दौड़ लगाने की चुनौती देता रहता था, हमेशा दूसरे जानवरों के सामने अपनी खुद की तारीफ करता था और दूसरे जानवरों का मजाक उड़ाता था। खरगोश ये सोचता था कि उससे तेज कोई नहीं तोड़ सकता। एक बार खरगोश की मुलाकात उसी कछुए से हुई जो इस जंगल में रहा करता था। कछुए की धीमी चाल को देखकर खरगोश ने कछुए का मजाक उड़ाते हुए कछुए को खरगोश के साथ दौड़ लगाने की चुनौती दे डाली। कछुए ने खरगोश की चुनौती मान ली और दौड़ लगाने के लिए तैयार हो गया। दौड़ के लिए 1 दिन तय किया गया। जंगल के सभी जानवर कछुए और खरगोश की दौड़ देखने के लिए एक जगह जमा हो गए। इसके बाद दोनों की दौड़ शुरू हो गई खरगोश तेजी से दौड़ने लगा और कछुआ अपनी धीमी-धीमी चाल से आगे बढ़ने लगा। कुछ दूर दौड़ने के बाद खरगोश पीछे मुड़कर देखता है तो कछुए को बहुत पीछे पाता है कछुए की धीमी चाल को देखते हुए खरगोश के मन में आता है कि कछुए को आने में तो अभी समय लग जाएगा क्यों ना इस समय का फायदा उठाते हुए थोड़ी देर आराम कर लिया जाए। यही सोचकर खरगोश एक पेड़ के नीचे आराम करने लगता है और उसकी नींद लग जाती है। इधर धीरे-धीरे कछुआ चलते हुए बिना रुके अपने लक्ष्य तक पहुंच जाता है। और इस दौड़ को जीत लेता है। उसकी जीत देख कर बाकी जानवर बहुत खुश होते हैं और तालियां बजाते हैं। तालियों की आवाज सुनकर खरगोश की नींद खुल जाती है वह देखता है कि धीरे-धीरे कछुआ अपने लक्ष्य तक पहुंच कर रेस जीत चुका है अंत में खरगोश को पछतावा होता है और वह पछताते रह जाता है कि कैसे उसने आलस करके और कछुए को छोट...

एकदा प्रेरक प्रसंग "चित्रकार और राजा, अभिव्यक्ति का महत्त्व"

डिस्क्लेमर और कॉपीराइट: यह कहानी नवभारत टाइम्स हिंदी या किसी अन्य समाचार पत्र में प्रेरक प्रसंग "एकदा" के तहत प्रकाशित हुई थी और आज मैं इसे अपनी स्मृति से पुनः लिख रहा हूँ, इसमें हुई गलतियों के लिए मुझे क्षमा करें! इस कहानी का शीर्षक बदला हुआ हो सकता है, लेकिन मैंने कहानी का सार 100% मौलिक रूप में लिखने की पूरी कोशिश की है। Toucher here for ENGLISH VERSION of story. चित्रकार और राजा: अभिव्यक्ति का महत्त्व Image Credit: www.freepik.com/ai (Keyword: old painter) किसी गांव में एक गरीब बुजुर्ग चित्रकार रहता था, जो चित्रकला में बहुत उम्दा था। एक दिन गांव के कुछ लोगों ने उसको पास के राज्य के एक दयालु राजा के बारे में बताया। वह राजा कलाकारों को उनकी कला के लिए धन और सम्मान देने के लिए मशहूर था। गांव वालों ने कहा की यदि वह राजा से मिले तो बुढ़ापे में उसकी गरीबी दूर हो सकती है और वह अपनीबची हुई जिन्दी चैन से गुजर पायेगा। अगली सुबह बुजुर्ग चित्रकार सूरज निकले से पहले ही अपने घर से महल की और निकल पड़ता है। देर दोपहर तक लम्बा सफर करके बुजुर्ग राजा के महल पहुँच जाता है। उधर जाकर वह देखता है कि महल बहुत बड़ा है, वहां बहुत चलकदमी है, और सभी लोग बहुत व्यस्त हैं। काफी समय तक खड़े रहने के बाद, वो बुर्जुग बुदबुदाने लगता है कि "राजा तो मुझे देखता भी नहीं?" उस बुजुर्ग की यह बात पास ही खड़ा एक सैनिक सुनता है, और उस पूछता है कि "बाबा, राजा उसको क्यों देखे?" आप कौन हैं, और आपमें क्या श्रेष्ठ है? जिसके बाद वह बुजुर्ग उस सैनिक से कहता है कि "मैंने सुना है की आपके राजा बड़े दयालु हैं, और वो कलाकारों को सम्मानित करते हैं।" जिसके बाद वह अपने कुछ श्रेष्ठ चित्र उस सैनिक की और बढ़ा देता है। बुजुर्ग के मन...

[PDF] विद्यार्थियों के लिए 10 बेहतरीन प्रेरक प्रसंग PDF

महापुरुषों के दैनंदिन जीवन-व्यवहार की विद्यार्थियों के लिए 10 प्रेरक घटनाओं का यह संकलन अद्भुत एवं प्रेरणादायी है। इसमें अंकित छोटे-छोटे जीवन-प्रसंग हमारे विद्यार्थियों के हृदय को मानो छू-कर जगाने का काम करते हैं। जिस प्रकार आपने बच्चों की मजेदार एवं प्रेरक बाल कहानियां PDF डाउनलोड कर पढ़ा था; उसी प्रकार आप इस पोस्ट के अंत में दिये गए डाउनलोड लिंक से विद्यार्थियों के लिए प्रेरक प्रसंग PDF डाउनलोड कर पढ़ सकते है। यों तो हर जीवन घटनाओं से आवृत होता है, मगर जीवन को ऊर्जावान और गतिशील बनाने वाली घटनाओं पर कोई पारखी आँख ही टिक सकती है। कहना न होगा, प्रेरक प्रसंगों का यह संकलन हमारी नजरों को इसी परख से आँजने का काम करता है। विद्यार्थियों के लिए प्रेरक प्रसंग PDF शिक्षाप्रद प्रेरक प्रसंग PDF तो उन विचार-दीपों का संग्रह है जिनकी लौ में सम्पूर्ण मानव स्वभाव का दर्शन होता है। विद्यार्थियों के जीवन के इन मूलभूत प्रसंगों में चेतना और करुणा के, तो कभी सौन्दर्य, दुख और संवेदना के सजीव चितराम उभरते हैं, मनुष्य की अहंमन्यता पर सीधी चोट करते हैं, मर्मस्थल को प्रभावित करते हैं और मनुष्य को अपने विचार और कार्यशैली के मूल्यांकन, सम्पादन-संशोधन की ऊष्मा देते हैं। ये प्रेरक प्रसंग विद्यार्थियों के लिए हैं- अतीत से वर्तमान तक की घटनाओं में व्यक्ति के सोच और कर्म की कथाएँ, जो विचार के फौरी रूप से परे उसके अन्तःकरण की भीतरी तहों को झनझनाती हैं । विद्यार्थियों को प्रेरक प्रसंग क्यों पढ़ना चाहिए? विद्यार्थियों को प्रेरक प्रसंग पढ़ने की जरूरत होती है क्योंकि इनसे उन्हें जीवन में उच्चतम सफलता हासिल करने के लिए जरूरी गुणों और योग्यताओं का पता चलता है। इन प्रेरक प्रसंगों में सफल लोगों के जीवन की कहानियां, ...

30 बेस्ट प्रेरक प्रसंग और प्रेरणादायक कहानियाँ

एक व्यक्ति को किसी बड़े पद पर नौकरी मिल गयी। वह इस नौकरी से खुद को और बड़ा समझने लगा, लेकिन वह कभी भी खुद को बड़े पद के मुताबिक़ नहीं ढाल सका। एक दिन वह अपने ऑफिस में बैठा था, तभी बाहर से उसके दरवाजे को खटखटाने की आवाज आई। खुद को बहुत व्यस्त दिखाने के लिए उसनें टेबल पर रखे टेलीफोन को उठा लिया और जो व्यक्ति दरवाजे के बाहर खड़ा था उसे अन्दर आने के लिए कहा। वह अन्दर आकर इंतजार करने लगा, इस बीच कुर्सी पर बैठा अधिकारी फ़ोन पर चिल्ला-चिल्ला कर बात कर रहा था। बीच-बीच में वह फोन पर कहता, कि मुझे वह काम जल्दी करके देना, टेलीफोन पर अपनी बातों को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बता रहा था। ऐसे ही कुछ मिनट तक बात करने के बाद उस आदमी ने फ़ोन रखा और सामने वाले व्यक्ति से उसके ऑफिस आने की वजह पूछी। उस आदमी ने अधिकारी को जवाब देते हुए कहा, “सर, मुझे बताया गया था कि 3 दिनों से आपके इस ऑफिस का टेलीफ़ोन ख़राब है और मैं इस टेलीफ़ोन को ठीक करने के लिए आया हूँ।” हमें कभी भी दिखावा नहीं करनी चाहिए। हम दिखावा करके क्या साबित करना चाहते हैं, इससे हम कभी भी कुछ हासिल नहीं कर सकते, हमें किसी के सामने झूठ बोलने की क्या जरूरत! दिखावा करके हम खुद की नजरों में कभी भी ऊपर नहीं उठ सकते। दिखावा करने से बचिए क्योंकि इससे लोग पीठ पीछे आपकी ही बुराई करेंगे। मुखौटा मत लगायें। एक प्रोफेसर कक्षा में दाखिल हुए। उनके हाथ में पानी से भरा एक गिलास था। उन्होंने उसे बच्चों को दिखाते हुए पूछा, “यह क्या है?” छात्रों ने उत्तर दिया, “गिलास।” प्रोफेसर ने दोबारा पूछा, “इसका वजन कितना होगा ?” उत्तर मिला, “लगभग 100-150 ग्राम।” उन्होंने फिर पूछा, “अगर मैं इसे थोड़ी देर ऐसे ही पकड़े रहूं तो क्या होगा ?” छात्रों ने जवाब दिया, “कुछ नहीं।” “अगर मैं इसे एक घण्...