Program kise kahate hain

  1. कारक किसे कहते हैं, परिभाषा, भेद, उदहारण
  2. वर्ण किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
  3. हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसे माना जाता है?


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कारक किसे कहते हैं, परिभाषा, भेद, उदहारण

• 1 Karak Kise Kahate Hain in Hindi – कारक की परिभाषा • 2 Karak Ke Bhed in Hindi-कारक के भेद एवं प्रकार • 3 कारक के भेदो की परिभाषा • 3.1 कर्ता कारक किसे कहते हैं? – Karta Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.2 कर्म कारक किसे कहते हैं? – Karm Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.3 करण कारक किसे कहते हैं? – Karan Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.4 सम्प्रधान कारक किसे कहते हैं? – Sampradan Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.5 आपादान कारक किसे कहते हैं? – Aapadaan Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.6 संबंध कारक किसे कहते हैं? – Sambhand Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.7 अधिकरण कारक किसे कहते हैं? – Adhikaran Karak Kise Kahate Hain in Hindi • 3.8 संबोधन कारक किसे कहते हैं? – Sambodhan Karak Kise Kahate Hain in Hindi Karak Kise Kahate Hain in Hindi – कारक की परिभाषा आसान भाषा में कारक की निम्न परिभाषाएं होती हैं: • जो भी जीव किसी कार्य को करता है अर्थात क्रिया करने की भूमिका निभाता है, वह कारक कहलाता है| • किसी काम को करने वाले को कारक कहते हैं| जैसे- • वह सब खेलते हैं| • रेखा ने आजा गाना गाया| • अलीना खाना खाती है| Karak Ke Bhed in Hindi-कारक के भेद एवं प्रकार कारक के 8 मुख्य भेद होते हैं: • कर्ता कारक • कर्म कारक • कारण कारक • सम्प्रधान कारक • आपादान कारक • संबंध कारक • अधिकरण कारक • संबोधन कारक कारक के भेदो की परिभाषा कर्ता कारक किसे कहते हैं? – Karta Karak Kise Kahate Hain in Hindi वाक्य के जिस रूप से हमे क्रिया किसके द्वारा की जा रही है इसका बोध हो अर्थात क्रिया करने वाले का पता चले वह कर्ता कारक कहलाता है| विभक्ति चिन्ह –“ने” जैसे – • राहुल ने श्याम को खाना खाने के...

वर्ण किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण)

विषय सूची • • • • • • वर्ण किसे कहते हैं? वर्ण की परिभाषा (Varn ki Paribhasha): वर्ण उस मूल ध्वनि को कहा जाता है, जिसके खंड व टुकड़े नहीं किये जा सकते हैं। वर्णों की इकाइयां हमेशा समान रहती हैं, परंतु इन्हें अलग-अलग भागों में विभाजित नहीं किया जा सकता। यह सभी वर्ण खुद में ही अपनी एक विशेष भूमिका अदा करते हैं। दूसरे शब्दों में बात करें तो वर्ण ध्वनि के वे सूक्ष्म रूप होते हैं, जिन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता और इन्हें कभी भी खंडों में विभक्त नहीं किया जा सकता, इसे ही वर्ण कहते हैं। वर्णों के मौलिक रूप को मिलाकर एक साथ कहने को अक्षर कहते हैं और इस से बने हुए शब्दों के उच्चारण को ध्वनि कहते हैं। अर्थात मानव के द्वारा प्रस्तुत की गई सार्थक व अर्थ से परिपूर्ण ध्वनि को भाषा की संज्ञा दी जाए और भाषा को चिन्हों के द्वारा लिखी गयी भाषा मे परिवर्तित किया जाए, इसी चिन्ह को वर्ण कहा जाता है। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है व इसके टुकड़े या खण्ड नहीं किये जा सकते हैं। जैसे:- क, ख, व, च, प आदि। आइए अब हम उदाहरण के द्वारा मूल ध्वनियों और उसके वर्णों को स्पष्ट कर सकते हैं। जैसे:- काम (क + आ + म + अ) में चार मूल ध्वनियां हैं। वर्णमाला की परिभाषा अब तक हम सभी लोगों ने वर्णमाला के वर्णों के विषय में जाना अब हम आइए जानते हैं कि वर्णमाला क्या होती है? भाषा के ध्वनि चिन्हों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहा जाता है, हिंदी भाषा की वर्णमाला में 47 वर्ण माने गए हैं, इन 47 वर्णों में 35 व्यंजन और 10 स्वर होते हैं। वर्ण और वर्णमाला में अंतर वर्णमाला पर ही पूरी दुनिया के अलग-अलग भाषाओं का सार निर्भर होता है, परंतु स्वयं वर्णमाला वर्णों पर निर्भर होती है क्योंकि वर्णों के मेल से ही वर्णमाला बनता...

हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसे माना जाता है?

मित्रों हिंदी साहित्य में प्रबंध काव्य की महत्वता एक अलग शिखर पर ही रहती है। इसीलिए जो भी कवि या रचयिता किसी प्रबंध काव्य की रचना करता है, उसे महान रचनाकार के तौर पर माना जाता है। इसीलिए काफी लोग यह जानना चाहते हैं कि हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसने लिखा था, और हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसे माना जाता है? | Hindi ka pratham prabandh kavya kise mana jata hai. यदि आप भी यह जानना चाहते हैं कि हिंदी के प्रथम प्रबंध काव्य के बारे में तो आज हम आपको विस्तार से जानकारी देते हुए बताएंगे कि Hindi ka pratham prabandh kavya kise mana jata hai । इसी के साथ हम आपको आज इस लेख में प्रबंध काव्य के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। चलिए शुरू करते हैं:- प्रबंध काव्य क्या होता है ? | prabandh kavya kise kahate hain इसके अंतर्गत जो स्वरूप के आधार पर काव्य का निर्धारण किया जाता है उसे भी दो भागों में विभाजित किया जा सकता है – • श्रव्य काव्य • दृष्य काव्य श्रव्य काव्य वे काव्य होते है जिनका रसास्वादन किसी भी दूसरे व्यक्ति के द्वारा सुनकर या स्वयं से पढ़कर किया जाता है, जैसे कि रामायण, महाभारत इत्यादि। श्रव्य काव्य भी दो प्रकार होते हैं:- • प्रबंध काव्य • मुक्तक काव्य अब हम आपको बताते हैं कि प्रबंध काव्य किसे कहते हैं। मित्रों, प्रबंध काव्य एक प्रकार से एक ऐसा काव्य होता है जिसमें कोई कथा या कहानी क्रमबद्ध रूप से शुरू से लेकर अंत तक चलती रहती है, और बीच में कहीं भी नहीं टूटती है। हालांकि इसमें कोई दूसरी गौण कथाएं या कहानियां बीच-बीच में सहायक बन कर उभरा सकती है जैसे की रामचरितमानस। जब किसी काव्य में मूल रूप से कथा का सूत्र अलग-अलग प्रकार के छंदों के माध्यम से जुड़ा हुआ होता है, तो उसे प्रबंध का...