प्रसव पीड़ा के लक्षण

  1. प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल का उपयोग
  2. डिलीवरी के दौरान प्रसव पीड़ा (Labor pain) कम करने के लिए क्या करें?
  3. गर्भावस्था या प्रसव में पानी की थैली फटना
  4. प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के प्राकृतिक उपाय: फोटो
  5. प्रसव पीड़ा
  6. प्रसव एवं उसका प्रबन्ध
  7. डिलीवरी के कुछ लक्षण जिन पर आपको नज़र रखनी चाहिए
  8. प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय: जान लें इसके बारे में
  9. गर्भावस्था या प्रसव में पानी की थैली फटना
  10. प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के प्राकृतिक उपाय: फोटो


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प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल का उपयोग

Image: Shutterstock प्रसव पीड़ा को गर्भावस्था का अंतिम चरण माना जाता है, जो गर्भावस्था पूर्ण होने का संकेत देती है। कुछ महिलाएं में यह प्रसव पीड़ा देर से शुरू होती है। ऐसे में घर के बुजुर्ग प्रसव पीड़ा को बढ़ाने के कई घरेलू तरीके बताने लगते हैं। इन्हीं तरीकों में से एक है, अरंडी के तेल का इस्तेमाल। हालांकि, डॉक्टर लेबर के लिए अरंडी के तेल के उपयोग की सलाह बिल्कुल भी नहीं देते हैं। इसके बावजूद भी लोग लेबर पेन के लिए अरंडी के तेल के इस्तेमाल के विषय में जानना चाहते हैं। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम बता रहे हैं कि लेबर पेन बढ़ाने के लिए अरंडी के तेल का उपयोग करना कितना सुरक्षित है और इसे उपयोग करते समय किन सावधानियों को बरतना चाहिए। कैस्टर ऑयल या अरंडी का तेल क्या है? अरंडी का तेल एक प्रकार का वनस्पति तेल है। इसे अरंडी के फल के बीजों से प्राप्त किया जाता है। अरंडी का वैज्ञानिक नाम रिसिनस कम्युनिस (Ricinus Communis) है। अरंडी के तेल को अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नाम से जाना जाता है, जैसे – तेलगु में आमुदामु, मराठी में इरांदेला तेला, बंगाली में रिरिरा टेला, तमिल में अमानक्कु एनी और मलयालम में अवानक्केना। अरंडी के तेल का उपयोग कई समस्याओं में पारंपरिक औषधि के रूप में किया जाता है। इनमें से एक प्रसव पीड़ा को प्रेरित करना भी है, जिसके बारे में इस लेख में आगे हम विस्तार से बताएंगे। यहां अब हम प्रसव पीड़ा को बढ़ाने के लिए अरंडी के तेल के उपयोग के बारे में जानेंगे। प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल का उपयोग | Castor Oil For Labour Pain In Hindi प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए अरंडी के तेल को मौखिक रूप से लिया जाता है। यह बात एनसीबीआई (National Center for Biotechno...

डिलीवरी के दौरान प्रसव पीड़ा (Labor pain) कम करने के लिए क्या करें?

प्रसव पीड़ा के नाम से ही ज्यादातर महिलाओं के मन में डर बैठ जाता है। जो पहली बार मां बनने वाली है उन्हें इस दर्द का अनुभव नहीं होता और न ही उन्हें प्रसव पीड़ा (Labor pain) के लक्षण पता होते हैं। डिलीवरी के दौरान वहीं यह भी जरूरी होता है की, प्रसव पीड़ा अपने निश्चित समय पर प्राकृतिक तरीको से हो। बदली हुई लाइफस्टाइल के वजह से अभी औरतों में प्रसव पीड़ा सहने की ताकद कम हो चुकी है। इसीलिए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएँगे जो आपको डिलीवरी के दौरान पीड़ा से थोड़ी राहत दे सके। पुराने जमाने में दादी-नानी प्रसव पीड़ा बढ़ाने के उपायो के तौर पर कई घेरलू उपचारों का इस्तेमाल करती थी, क्योंकि डिलीवरी आसानी से हो सके। लेकिन आजकल की बदली हुई लाइफस्टाइल की वजह से महिलाओं को प्रसव पीड़ा के समय अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है। चलिए देखते है वह क्या तरीके है जो प्रसव पीड़ा से रहत दे। प्रसव पीड़ा कम करने के लिए उपाय प्रसव पीड़ा में आराम पहुचाने के लिए कई प्रकार के उपाय किए जा सकते हैं। इस दर्द से थोड़ी राहत पाने के लिए किए जाने वाले उपाय, आपकी प्रसव पीड़ा मतलब लेबर पेन के स्टेज, आपके और आपके बच्चे की हेल्थ पर निर्भर करते है। प्रसूति के लिए आप मानसिक रूप से तैयार रहे क्योंकि यदि आप डिलीवरी से डरती है तो आप उस समय होने वाली दिक्कतों का या दर्द का समना नहीं कर पाएंगी। ध्यान रखें की, किसी भी दवा का ऐसे ही सेवन न करें। साथ ही आप प्रसव के दर्द से निपटने के लिए नीचे दिए हुए इन तरीकों को अपना सकते हैं। 1. जितना हो सके रिलैक्स रहने की कोशिश करें। 2. आपको जब ऐंठन हो तो थोड़ा बहुत हिलने या टहलने की कोशिश करें। 3. आप अपनी श्रोणि के हिस्से को चलायमान रखने के लिए हिलने-डुलने वाले थोड़े बहुत काम करें। 4. यूरिन को अध...

गर्भावस्था या प्रसव में पानी की थैली फटना

वीडियो शिशु का जन्म 3D एनीमेशन में! आपकी पानी की थैली तब फटती है जब एमनियोटिक द्रव की थैली फट जाती है। कुछ महिलाओं में यह तेज बहाव के साथ निकलता है, वहीं कुछ अन्य में यह थोड़ा-थोड़ा रिसता है। यह इस बात का संकेत है कि यदि आपका प्रसव अभी तक शुरु नहीं हुआ है तो यह अब जल्द ही शुरु होने वाला है। आपको तुरंत डाॅक्टर से संपर्क करना चाहिए। योनि से निकल रहे द्रव का रंग और मात्रा पता करने के लिए आप पैड पहन लें। यदि आपकी पानी की थैली प्रसव से पहले "पानी की थैली फटने" का क्या मतलब है?गर्भावस्था के दौरान आपका शिशु गर्भ में तरल से भरी थैली यानि एमनियोटिक द्रव की वजह से सुरक्षित रहता है। एमनियोटिक थैली की दीवार झिल्लियों (मेम्ब्रेन) से बनी होती हैं ताकि आपका शिशु एमनियोटिक द्रव की थैली में सुरक्षित ढंग से बचा रहे। जब शिशु जन्म लेने के लिए तैयार होता है तो झिल्लियां आमतौर पर प्रसव से पहले या इसके दौरान टूट जाती हैं। इसकी वजह से तरल आपकी पानी की यह थैली झिल्लियों की दो परतों से बनी होती है, इसलिए डाॅक्टर पानी की थैली फटने को झिल्लियों का फटना भी कहते हैं। पानी की थैली आमतौर पर कब फटती है?इसके लिए कोई तय समय-सीमा या चरण नहीं है। ऐसा कभी भी हो सकता है, कई बार धीरे-धीरे यह कई दिनों तक चलता रहता है। आमतौर पर आपकी आपकी पानी की थैली कब फटेगी इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता, मगर यदि यह पहले चरण के अंत में फटे तो शायद ज्यादा फायदा होता है, क्योंकिः • यह आपके और आपके शिशु को इनफेक्शन से बचा सकता है। • यह गर्भ में चारों तरफ दबाव को फैलाकर • ये शायद शिशु को जन्म लेने की उचित अवस्था में आने के लिए अपना सिर आसानी से घुमाने में मदद कर सकते हैं। कई बार पानी की थैली संकुचन समेत यदि आपकी पानी की थैली कुछ महिल...

प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के प्राकृतिक उपाय: फोटो

क्या आपकी प्रसव की नियत तिथि पास आ रही है और आप शिशु को जल्दी जन्म देने के लिए आतुर हो रही हैं? हमारे इन सुझावों को पढ़कर जानें कि यह ध्यान में रखें कि नीचे दिया गया कोई भी तरीका कामयाब साबित होगा, इस बात की कोई गारंटी नहीं है। इनमें से कुछ के अप्रिय साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, वहीं कुछ शायद सुरक्षित न हों। प्रसव प्रेरित करने के कोई भी प्राकृतिक उपाय आजमाने से पहले आप डाॅक्टर से अवश्य पूछ लें। यदि चिकित्सकीय कारणों से शिशु का जन्म करवाने की जरुरत हो, तो डॉक्टर आपकी अनानास में एक एंजाइम होता है, जो कि आपकी ग्रीवा को मुलायम करने और प्रसव पीड़ा शुरु करने के लिए जाना जाता है। मगर, जैसा कि पपीता के बारे मे बताया गया है, उसी तरह पर्याप्त असर के लिए अनानास भी अधिक मात्रा में खाया जाना जरुरी है। ज्यादा मात्रा में खाने से यह आपके पेट में गड़बड़ी कर सकता है। यदि आप फिर भी अनानास का सुझाव आजमाना चाहती हैं, तो ताजा • माना जाता है कि रैस्पबेरी के पत्तों की चाय संकुचनों को प्रेरित कर सकती है। मगर यदि आपने पहले कभी इसका सेवन न किया हो, तो अब इसे शुरु न करें। आप गर्भावस्था के अंतिम चरण में प्रसव शुरु करने के लिए ज्यादा मात्रा में रैस्पबेरी के पत्तों की चाय के सेवन से प्रबल संकुचन शुरु हो सकते हैं। रैस्पबेरी के पत्तों को या तो चाय के तौर पर या फिर टैब्लेट के रूप में लिया जा सकता है। आप इन्हें ऑनलाइन या फिर विशेष वेलनेस स्टोर से खरीद सकती हैं। इसे आजमाने से पहले अपनी डॉक्टर से अवश्य पूछ लें क्योंकि जरुरी नहीं है कि यह सभी के लिए उचित हो। यदि आपकी •

प्रसव पीड़ा

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प्रसव एवं उसका प्रबन्ध

शिशु जनने के काम में तत्काल कोई चिकित्सक या धात्री (Mid-wife) घर पर उपस्थित न हो सके, अथवा यदि किसी कारणवश माँ को अस्पताल ले जाने की व्यवस्था नहीं बन पायी, तो धात्री के आने तक माँ को प्रथम सहायता देनी चाहिए। यह कर्त्तव्य परिचारक का होता है। माँ को प्रसव में सहायता देने के लिए परिचारक को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए। 1. माँ को किसी प्रकार का संक्रमण न हो— प्रसवकाल में माँ की देखभाल में निरत परिचारक को अपनी पूर्ण स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए, अन्यथा उससे प्रसूतिका को गम्भीर खतरा हो सकता है। गर्भाशय में बच्चा बच्चेदानी की भीतरी दीवार से नाल के माध्यम से जिस स्थान से जुड़ा होता है, गर्भपात अथवा प्रसव के पश्चात् वहां एक घाव-सा बन जाता है। यहां बड़ी संख्या में रक्त वाहिनियां खुलती हैं। यदि किसी भांति यहां संक्रमण हो जाय, तो जीवाणु रक्त संचरण तन्त्र में फैल जायेंगे और दूसरे अंग-अवयवों को भी संक्रमित कर प्रसूता के लिए घातक स्थिति उत्पन्न कर देंगे। अस्तु किसी भी ऐसे व्यक्ति को, जो किसी छूत रोग यथा- जुकाम, टी.बी. आदि से ग्रसित हो, उस महिला के निकट नहीं आने देना चाहिए, जो या तो शिशु को जन्म दे रही हो या जन्म दिये 10 दिन से अधिक न हुए हों। इस काम में माँ की परिचर्या कर रहे व्यक्ति को उसके कमरे में स्वच्छ दस्ताने पहन कर ही जाना चाहिए। 2. प्रसूता का मनोबल बनाये रखना— प्रसव-पीड़ा के पूर्वाग्रह से महिलाएं ऐसे ग्रसित होती हैं कि उस काल में हल्की पीड़ा भी उन्हें बढ़ी-चढ़ी महसूस होती है। मान्यता की अतिरंजना के कारण ऐसा होता है। पीड़ा का भय उनकी जेहन में इस कदर समाया होता है कि यथार्थ न होते हुए भी वस्तुस्थिति वैसी बन जाती है और उन्हें कठिनाई का आभास होता है, किन्तु जो महिलाएं इसे सहज रूप ...

डिलीवरी के कुछ लक्षण जिन पर आपको नज़र रखनी चाहिए

इससे पहले कि आप अस्पताल जाने के लिए तैयार हों, सुनिश्चित करें कि आप प्रसव के वास्तविक लक्षणों का अनुभव कर रहीं है या नहीं, क्योंकि कई बार यह ऐसे ही प्रसव से पहले आपको ग़लत संकेत देता है। आपका शरीर होने वाले प्रसव के लिए आपको तैयार करता है, और इसलिए आपको प्रसव होने का भ्रम हो सकता है। निम्नलिखित लेख में, हम आपको प्रसव के संकेतों के बारे बताएंगे और उस दौरान आपको क्या करना चाहिए, इससे परिचित कराएंगे। आपको क्या करना चाहिए आप किसी शांत वाली जगह पर जा सकती हैं और आराम से लेट सकती हैं। आराम से साँस लें और आगामी प्रक्रिया के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार करें। यह सुझाव दिया जाता है कि आप अपने शरीर को पानी की कमी से बचाए रखने के लिए पानी या फलों का रस पीते रहें। पानी की कमी या शुष्कता भी संकुचन का कारण हो सकती है जो आपको असहज कर सकती है। आप अपने इन लक्षणों पर ध्यान रखिए और ज़रूरत पड़ने पर अपने साथी या मित्र से मदद लें सकती हैं हैं। यदि आपके यह लक्षण महसूस होना कम हो जाते हैं या खत्म हो जाते हैं, तो उस दिन आपका आराम करना अच्छा रहेगा । लेकिन, यदि आपके लक्षण और तीव्र हो जाते हैं और दर्द बढ़ जाता है, तो तुरंत चिकित्सीय सहायता लें। प्रबल और अधिक नियमित संकुचन : आप सक्रिय प्रसव के दौरान और प्रमुख और नियमित संकुचन का अनुभव करेंगी । ये संकुचन न तो कम पड़ेंगे और न ही खत्म होंगे, जैसे कि ब्रेक्सटन हिक्स के संकुचन; बल्कि, वे आपके बच्चे के जन्म तक रहेंगे। ये संकुचन सामान्य ऐंठन की तरह शुरू हो सकते हैं लेकिन फिर यह और प्रमुख होता जाएगा और फिर यह बार– बार 3 से 8 मिनट के दौरान हो सकता हैं। आपको ये संकुचन आपकी कमर से उठते हुए और धीरे– धीरे आपके पेट की ओर आते हुए महसूस हो सकता हैं। आपका पानी छूटता है...

प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय: जान लें इसके बारे में

प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में सबसे जरूरी है कॉन्ट्रैक्शन के बीच मूवमेंट इस बात को डॉक्टर्स भी मानते हैं कि प्रसव के दौरान संकुचन के बीच बॉडी मूवमेंट करते रहना चाहिए। यह प्रसव के समय को घटाता है। इससे प्रसव के दर्द में कमी आती है। आप अपने पति या मां, सास या किसी अन्य भरोसेमंद महिला रिश्तेदार को अपने साथ चलने के लिए कह सकती हैं, ताकि आप संकुचन के दौरान उनका सहारा ले सकें। कॉन्ट्रैक्शन के दौरान चहलकदमी करने से मदद मिलेगी। इस उपाय को आसानी से अपनाया जा सकता है। प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में प्रसव के दौरान तेजी से सांस लेने के बजाए धीरे-धीरे और लयबद्ध सांस लेने की कोशिश करें। इससे आपके ऊर्जा की बचत होगी। इससे आपको प्रसव के दर्द से निपटने में आसानी होगी। लेबर के दौरान ब्रीदिंग एक्सरसाइज से एक फायदा यह भी है कि शिशु को पर्याप्त ऑक्सिजन की आपूर्ति होती रहती है। प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में यह उपाय बेहद आसान है। इसे कोई भी गर्भवती महिला आसानी से अपना सकती है। और पढ़ें: प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में मालिश/मसाज है सबसे लाभदायक प्रसव के दौरान मालिश करवाना गर्भवती महिला को आराम दे सकता है। क्योंकि इससे शरीर में ‘गुड फील’ वाले हॉर्मोन पैदा होते हैं। ये हॉर्मोन प्रसव के दौरान महिला रिलैक्स फील कराने में मदद करते हैं। हल्की मसाज से आराम के साथ-साथ प्रसव के दर्द से राहत मिलती है। प्रसव पीड़ा कम करने के उपाय में इस उपाय को भी डॉक्टर की देखरेख में आसानी से अपनाया जा सकता है। प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में सबसे आसान उपाय आराम करें इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रसव के दौरान गर्भवती महिला के लिए आराम दूर का सूरज जैसा है, लेकिन थोड़ा सा रिलैक्स रहने से आप अपनी एनर्जी को बचा स...

गर्भावस्था या प्रसव में पानी की थैली फटना

वीडियो शिशु का जन्म 3D एनीमेशन में! आपकी पानी की थैली तब फटती है जब एमनियोटिक द्रव की थैली फट जाती है। कुछ महिलाओं में यह तेज बहाव के साथ निकलता है, वहीं कुछ अन्य में यह थोड़ा-थोड़ा रिसता है। यह इस बात का संकेत है कि यदि आपका प्रसव अभी तक शुरु नहीं हुआ है तो यह अब जल्द ही शुरु होने वाला है। आपको तुरंत डाॅक्टर से संपर्क करना चाहिए। योनि से निकल रहे द्रव का रंग और मात्रा पता करने के लिए आप पैड पहन लें। यदि आपकी पानी की थैली प्रसव से पहले "पानी की थैली फटने" का क्या मतलब है?गर्भावस्था के दौरान आपका शिशु गर्भ में तरल से भरी थैली यानि एमनियोटिक द्रव की वजह से सुरक्षित रहता है। एमनियोटिक थैली की दीवार झिल्लियों (मेम्ब्रेन) से बनी होती हैं ताकि आपका शिशु एमनियोटिक द्रव की थैली में सुरक्षित ढंग से बचा रहे। जब शिशु जन्म लेने के लिए तैयार होता है तो झिल्लियां आमतौर पर प्रसव से पहले या इसके दौरान टूट जाती हैं। इसकी वजह से तरल आपकी पानी की यह थैली झिल्लियों की दो परतों से बनी होती है, इसलिए डाॅक्टर पानी की थैली फटने को झिल्लियों का फटना भी कहते हैं। पानी की थैली आमतौर पर कब फटती है?इसके लिए कोई तय समय-सीमा या चरण नहीं है। ऐसा कभी भी हो सकता है, कई बार धीरे-धीरे यह कई दिनों तक चलता रहता है। आमतौर पर आपकी आपकी पानी की थैली कब फटेगी इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता, मगर यदि यह पहले चरण के अंत में फटे तो शायद ज्यादा फायदा होता है, क्योंकिः • यह आपके और आपके शिशु को इनफेक्शन से बचा सकता है। • यह गर्भ में चारों तरफ दबाव को फैलाकर • ये शायद शिशु को जन्म लेने की उचित अवस्था में आने के लिए अपना सिर आसानी से घुमाने में मदद कर सकते हैं। कई बार पानी की थैली संकुचन समेत यदि आपकी पानी की थैली कुछ महिल...

प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के प्राकृतिक उपाय: फोटो

क्या आपकी प्रसव की नियत तिथि पास आ रही है और आप शिशु को जल्दी जन्म देने के लिए आतुर हो रही हैं? हमारे इन सुझावों को पढ़कर जानें कि यह ध्यान में रखें कि नीचे दिया गया कोई भी तरीका कामयाब साबित होगा, इस बात की कोई गारंटी नहीं है। इनमें से कुछ के अप्रिय साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, वहीं कुछ शायद सुरक्षित न हों। प्रसव प्रेरित करने के कोई भी प्राकृतिक उपाय आजमाने से पहले आप डाॅक्टर से अवश्य पूछ लें। यदि चिकित्सकीय कारणों से शिशु का जन्म करवाने की जरुरत हो, तो डॉक्टर आपकी अनानास में एक एंजाइम होता है, जो कि आपकी ग्रीवा को मुलायम करने और प्रसव पीड़ा शुरु करने के लिए जाना जाता है। मगर, जैसा कि पपीता के बारे मे बताया गया है, उसी तरह पर्याप्त असर के लिए अनानास भी अधिक मात्रा में खाया जाना जरुरी है। ज्यादा मात्रा में खाने से यह आपके पेट में गड़बड़ी कर सकता है। यदि आप फिर भी अनानास का सुझाव आजमाना चाहती हैं, तो ताजा • माना जाता है कि रैस्पबेरी के पत्तों की चाय संकुचनों को प्रेरित कर सकती है। मगर यदि आपने पहले कभी इसका सेवन न किया हो, तो अब इसे शुरु न करें। आप गर्भावस्था के अंतिम चरण में प्रसव शुरु करने के लिए ज्यादा मात्रा में रैस्पबेरी के पत्तों की चाय के सेवन से प्रबल संकुचन शुरु हो सकते हैं। रैस्पबेरी के पत्तों को या तो चाय के तौर पर या फिर टैब्लेट के रूप में लिया जा सकता है। आप इन्हें ऑनलाइन या फिर विशेष वेलनेस स्टोर से खरीद सकती हैं। इसे आजमाने से पहले अपनी डॉक्टर से अवश्य पूछ लें क्योंकि जरुरी नहीं है कि यह सभी के लिए उचित हो। यदि आपकी • © 2007–2023 BabyCenter, LLC, a Ziff Davis company. All rights reserved. This Internet site provides information of a general nature and is desig...