पुनर्नवा के फायदे और नुकसान

  1. Punarnava Ke Fayde In Hindi
  2. पुनर्नवासव के फायदे, नुकसान, खुराक, सावधानी
  3. Health Tips Including Sage In Your Diet Can Be Useful For Your Health
  4. पुनर्नवा के 26 गुणकारी स्वास्थ्य लाभ
  5. Gingko Biloba Is Good For Health Know Its Benefits
  6. पुनर्नवा के 65 दिव्य फायदे, औषधीय गुण और उपयोग
  7. सेमल के फायदे, उपयोग और नुकसान


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Punarnava Ke Fayde In Hindi

• • • Punarnava Ke Fayde In Hindi (पुनर्नवा वटी के फायदे) पुनर्नवा लंबे समय से आयुर्वेद के पारंपरिक भारतीय औषधीय अभ्यास में इसके व्यापक लाभों के कारण उपयोग किया जाता रहा है। पुनर्नवा वटी के फायदे अनेक हैं जो इस प्रकार हैं- • यह लोगो के बीच एक प्रभावी मूत्रवर्धक के रूप में जाना जाता है, जो जल प्रतिधारण (रोक के रखना) के कारण होने वाली सूजन को कम करता है। • यह किडनी और मूत्र मार्ग को मजबूत करने का काम करता है। • ये रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ावा देता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण होते हैं। • पुनर्नवा आपके मधुमेह को नियंत्रित करने में आपकी मदद करता है। यह शरीर में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है। • पुनर्नवा में सूजन-रोधी गुण भी होते हैं जो गठिया, और अन्य सूजन संबंधी स्थितियों से संबंधित दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। • पुनर्नवा कोशिकाओं की दीवारों से सोडियम को हटाकर रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, यह उच्च रक्तचाप से ग्रस्त मरीजों के लिए सुखदायक प्रभाव प्रदान करता है। पुनर्नवा के नुकसान (Punarnarva ke nuksan) पुनर्नवा, एक प्राचीन और पारंपरिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जिसमें कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं जो कुछ मामलों में फायदेमंद हो सकते हैं। हालांकि, पुनर्नवा के उपयोग से जुड़ी कुछ कमियां भी हैं जो नुकसानदायक सिद्ध हो सकती है। हालांकि यह आम तौर पर उपयोग करने के लिए सुरक्षित है, लेकिन यह कुछ दवाओं जैसे एंटीबायोटिक्स या एंटीकोआगुलंट्स के साथ नकारात्मक रूप से असर करता है। इसके नुकसान निम्नलिखित है- • यदि आप इस जड़ी बूटी की बड़ी खुराक लेते है तो आपको मतली, उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है। • महिलाओ को गर्भावस्था...

पुनर्नवासव के फायदे, नुकसान, खुराक, सावधानी

उत्पाद प्रकार Ayurvedic संयोजन सौंठ + कालीमिर्च + नीम की अंतरछाल + धाय के फूल + आंवला + एरंड की जड़ + अड़ूसा के पत्ते + पीपल + हरड़ + बहेड़ा + दारूहल्दी + गोखरू + छोटी कटेली + बड़ी कटेली + कुटकी + गजपीपल + पुनर्नवा + गिलोय + सूखी मूली + धमासा + पटोलपत्र + मुनक्का + मिश्री + शहद डॉक्टर की पर्ची जरुरी नहीं पुनर्नवासव, सिरप रूप में उपलब्ध होती है। यह दवा शरीर को विकार मुक्त बनाकर सामान्य कामकाज को निरंतर बनाये रखती है। सूजन के ज्यादा देर तक बनें रहने से किड़नी खराब होने के आसार बढ़ जाते है, इस स्थिति में यह दवा एक सुरक्षित विकल्प बनकर उभरती है। साथ ही, इस दवा में 5-10% प्राकृतिक एल्कोहोल पहले से उपस्थित होता है, जो स्वास्थ्य सुधारक के रूप में कार्य करता है। यह एक पढ़िये: संयोजन पुनर्नवासव की संरचना – Punarnavasava Composition in Hindi निम्न घटक पुनर्नवासव में होते है। सौंठ + कालीमिर्च + नीम की अंतरछाल + धाय के फूल + पुनर्नवासव कैसे काम करता है? यह सिरप जल भराव के लिए जिम्मेदार गतिविधियों को नियंत्रित कर मूत्रवर्धक का कार्य करती है, और उत्पन्न विकारों का इलाज करती है। किड़नी में ज्यादा सूजन को कम करने के लिए, यह दवा अनावश्यक जमा हुए द्रव्य को मूत्र की सहायता से शरीर के बाहर निष्कासित करती हैं और किडनी को खराब होने से बचाती है। दवा में उपस्थित कुछ घटकों में शहद में शीतलता प्रदान करने का गुण होता हैं जो शारीरिक जलन से राहत प्रदान हेतु मददगार है। यह दवा पेट की अम्लता और अन्य प्रकार की समस्याओं के समाधान हेतु पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर भी कार्य करती है। पढ़िये: फायदे पुनर्नवासव के उपयोग व फायदे – Punarnavasava Uses & Benefits in Hindi पुनर्नवासव को निम्न अवस्था व विकार में डॉक्टर द्वारा रोग...

Health Tips Including Sage In Your Diet Can Be Useful For Your Health

वर्षों से दुनियाभर में कई प्रकार के स्वास्थ को सही करने के लिए तमाम औषधियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे ही एक दिव्य औषधी है सेज. सेज का वैज्ञानिक नाम साल्विया ऑफिसिनैलिस (Salvia officinalis) है. सेज एक फ्लेवरिंग एजेंट भी होता है जिसका इस्तेमाल खाने का फ्लेवर बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है. इसकी खुशबू काफी तेज होती है और इसे सलाद, सॉसेज जैसे डिशेज में स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल, सेज का पौधा मिंट के प्रजाती से तालुक रखता है. सेज को तेज पत्ता के नाम से भी जाना जाता है. सेज की पत्तियों से तेल निकाला जाता है जिसको सेज का तेल कहते है. सेज के एसेंशियल ऑइल का इस्तेमाल वसा और मांस की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है. सेज का तेल कई बीमारियों के लिए फायदेमंद माना जाता है. देश-विदेश में सेज की करीब 800 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती है. इसमें मौजूद कई पोषक तत्व सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. सेज के विभिन्न प्रकार 1. गार्डन सेज 2. ऑटम सेज 3. साल्विया ब्रांडेगी 4. ब्लैक सेज 5. हाइब्रिड सेज 6. सेंट्रल अमेरिकन सेज 7. कैनरी आइलैंड सेज 8. मैक्सिकन बुश सेज सेज के औषधीय गुण सेज में फैटी एसिड, विटामिन ई, विटामिन के, विटामिन बी -6, विटामिन सी, नियासिन, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन जैसे आदि पोषक तत्व, मिनरल्स और विटामिन्स भरपूर मात्र में पाए जाते हैं. इसके अलावा सेज में एंटिबैक्टीरियल गुण की मौजूदगी पर्याप्त मात्रा में होती है. इन सबके अतरिक्त अन्य औषधीय गुण और पौष्टिक तत्व होने की वजह से सेज के फायदे शारीरिक दृष्टि से बहुत लाभकारी माने जाते है तो आइए जानते हैं इस जड़ी बूटी...

पुनर्नवा के 26 गुणकारी स्वास्थ्य लाभ

पुनर्नवा केवल रोग निवारक औषधि ही नहीं, शक्तिदायक रसायन अथवा टॉनिक भी है। इस लेख में पुनर्नवा के 26 गुणकारी उपयोग दिए गये हैं जो आप के लिए उपयोगी हो सकते हैं. शरीरं पुनर्नवं करोति, पुनः पुनर्नवा भवति।। ‘इसके सेवन से वृद्ध व्यक्ति पुनः जवान हो जाता है’ ऐसा आयुर्वेद का मत है. जो रसायन एवं रक्तवर्धक होने से शरीर को पुनः नया बना दे, व जो प्रतिवर्ष नवीन हो जाए; उसे पुनर्नवा कहते हैं। अतएव आप पुनर्नवा के उपयोग से अपने स्वास्थ्य के लिए और दीर्घजीवन लाभ ले सकते है। वर्षा ऋतु आने पर पुनर्नवा के सूखे मृत पौधे पुन: जीवित हो जाते हैं इनसे शाखाएँ पुनः फूट पड़ती हैं और पौधा अपनी मृत जीर्ण-शीर्णावस्था से दुबारा नया जीवन प्राप्त कर लेता है. इस विलक्षणता के कारण ही ऋषिगणों ने इसे पुनर्नवा नाम दिया है. पुनर्नवा के 26 गुणकारी उपयोग इस लेख में पुनर्नवा के 26 विशेष लाभ गुण, फायदे जानेंगे, जिन्हें पारम्परिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता है. बेहतरीन टॉनिक 1 अनेक पारम्परिक वैद्यगण पुनर्नवा मंडूर, पुनर्नवा गुग्गल, पुनर्नवारिष्ट, पुनर्नवा रसायन बनाते हैं. और इन्हें देकर लोगों को दीर्घजीवन, उत्तम स्वास्थ्य, शरीर दर्द से निवृत्ति आदि के लिए प्रयोग करते है। शोथहर, मूत्रल 1 इसके पत्तों का शाक शोथ (सूजन) नाशक, मूत्रल तथा स्वास्थ्यवर्धक है। जैसे पालक की भाजी बनाते हैं, वैसे ही पुनर्नवा की शाक बनाकर खायी जा सकती है। गाँवों देहातों में अभी भी इसका शाक खाया जाता है. 2 मूत्रावरोधः पुनर्नवा का 40 मि.ली. रस अथवा उतना ही काढ़ा पियें। पुनर्नवा के पान बाफकर पेड़ू पर बाँधें। पुनर्नवाक्षार 1 ग्राम (आयुर्वेदिक औषधियों की दुकान से मिलेगा) गरम पानी के साथ पीने से तुरंत फायदा होता है। 3 वृषण शोथः पुनर्नवा का मूल दूध में ...

Gingko Biloba Is Good For Health Know Its Benefits

दुनिया में कई प्रकार के हर्ब और जड़ी-बूटियां हैं, जो हमारी सेहत के लिए काफी लाभदायक हैं. आज भी कुछ पेड़ पौधे ऐसे भी हैं जो फॉसिल प्लांट के रूप में देखने को मिलते हैं. उनमें करीब 29 करोड़ साल पुराना पेड़ गिंको बाइलोबा (Ginkgo Biloba) का नाम शुमार है, जो अब कुछ ही जगहों पर देखने को मिलते हैं. उत्तराखंड के नैनीताल में इन्हें कल्टीवेटेड फॉर्म में रखा गया है. यह हर्ब कई गंभीर बीमारियों से बचाए रखता है, जिसमें अल्जाइमर अहम है. गिंको बाइलोबा एक लिविंग फॉसिल है और चीन का राष्ट्रीय वृक्ष भी. गिंको बाइलोबा को "मैडहेयर ट्री" के नाम से भी जाना जाता है. यह अपने बाकी प्लांट ग्रुप में इकलौती प्रजाती बची हुई है. एक शोध के अनुसार, गिंको बाइलोबा करीब 29 करोड़ साल पुराना पेड़ है जो 20 से 35 मीटर तक लंबा होता है. गिंको बाइलोबा क्या काम करता है? एक्सपर्ट्स के अनुसार, चीन में इसे कई बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह एक ब्रेन टॉनिक है, जिससे याददाश्त तेज होती है. सांसों से जुड़ी बीमारी, कफ, फीवर, डायरिया और दांत दर्द में भी इसे प्रयोग किया जाता है. इसमें एंटीऐजिंग तत्व भी हैं. हालांकि, इसका ज्यादा इस्तेमाल सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है. प्रोफेसर तिवारी ने बताया कि इस पेड़ का नाम गिंको बाइलोबा इसकी पत्तियों की वजह से पड़ा है. इसकी पत्तियां हरी होती हैं लेकिन कुछ समय बाद पीले रंग की दिखाई देती हैं, जो प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाती हैं. जाने गिंको बाइलोबा के क्या-क्या लाभ हो सकते हैं. चेहरे के लिए होता है फायदेमंद गिंको बाइलोबा में मौजूद एंटी-रिंकल गुण झुर्रियों, एक्ने, मुंहासे, खुजली, फुंसी, स्ट्रेच मार्क्स, त्वचा के दाग-धब्बों से छुटकारा दिलाते हैं. चेहरे पर कई बार तनाव या चिंता के कारण भी ...

पुनर्नवा के 65 दिव्य फायदे, औषधीय गुण और उपयोग

5 पुनर्नवा के दुष्प्रभाव : Side Effects of Punarnawa in Hindi पुनर्नवा क्या है ? : What is Punarnawa in Hindi पुनर्नवा का अभिप्राय है यह है कि जो रसायन व रक्तवर्धक होने से शरीर को फिर से नया जैसा बना दे, उसे पुनर्ववा कहते हैं। पुनर्नवा का सूखा पौधा बारिश के मौसम में नया जीवन पाकर फूलने-फलने लगता है। पुनर्नवा पूरे भारत में खासकर गर्म प्रदेशों में बहुतायत से प्राप्त होता है। हर साल बारिश के मौसम में नए पौधे निकलना और गर्मी के मौसम में सूख जाना इसकी खासियत होती है। पुनर्नवा कितने प्रकार के होते हैं ? पुनर्नवा की 2 प्रकार की जातियां लाल और सफेद पाई जाती हैं। इनमें रक्त (खून) जाति वनस्पति का प्रयोग अधिकता से औषधि के रूप में किया जाता है। पुनर्नवा का पौधा कैसा होता है ? • पुनर्नवा का कांड (तना), पत्ते, फूल सभी रक्त (खून या लाल) रंग के होते हैं। फलों के पक जाने पर वायवीय भाग सूख जाता है। परंतु भूमि में पड़ी रहती है, जो बारिश के मौसम में फिर से उग आती है। • पुनर्नवा की जड़ – इसकी जड़ 1 फुट लंबी, उंगली जितनी मोटी, गूदेदार, 2 से 3 शाखाओं से युक्त, तेजगंध वाली तथा स्वाद में तीखी होती है।इसे तोड़ने पर इसमें से दूध बहने लगता है। औषधि प्रयोग के लिए इसकी जड़ और पत्ते काम में आते हैं। • पुनर्नवा के पत्ते कैसे होते हैं – पुनर्नवा की शाखाएं अनेक और पत्ते छोटे, बड़े 2 तरह के होते हैं। पुनर्नवा के पत्ते कोमल, मांसल, गोल या अंडाकार और निचला तला सफेद होता है। • पुनर्नवा के फूल -इसमें पुष्प (फूल) सफेद या गुलाबी छोटे-छोटे, छतरीनुमा लगते हैं। फल आधा इंच के छोटे, चिपचिपे बीजों से युक्त तथा पांच धारियों वाले होते हैं। पुनर्नवा के फूलों और फलों की बहार सर्दी के मौसम में आती है। पुनर्नवा का स्वाद कैसा...

सेमल के फायदे, उपयोग और नुकसान

विश्वभर में कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जिनके फल, फूल, पत्ती, जड़ और अन्य भाग सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। ऐसी ही खूबी से भरा एक पेड़ सेमल भी है। सेमल को आयुर्वेदिक पेड़ के तौर पर जाना जाता है। इसके औषधीय गुण के कारण यह पौधा कई शारीरिक समस्याओं के लक्षण को कम करने की क्षमता रखता है, जिसकी जानकारी स्टाइलक्रेज का यह लेख लेकर आया है। यहां सेमल के पेड़ के फायदे, उपयोग के साथ ही सेमल के नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया है। विषय सूची • • • • • सेमल क्या है – What is Semal in Hindi सेमल एक तरह का पेड़ है, जो मालवेसी परिवार से संबंध रखता है। इसका वैज्ञानिक नाम बॉम्बैक्स सेइबा (Bombax Ceiba) है। सेमल के पेड़ को ​मालाबार कॉटन ट्री, रेड सिल्क कॉटन और रेड कॉटन के नाम से भी जाना जाता हैं। इस पेड़ की ऊंचाई लगभग 30 मीटर तक होती है पढ़ना जारी रखें चलिए, अब जान लेते हैं कि सेमल के पेड़ के फायदे किस तरह से हो सकते हैं। सेमल के फायदे – Benefits of Semal in Hindi सेमल में कई प्रकार के गुण होते हैं, जो इसे सेहत के लिए उपयोगी बनाते हैं। इसके इस्तेमाल से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में हम आगे बता रहे हैं। चलिए, पढ़ते हैं सेमल के फायदे। 2. खून साफ करने के लिए खून को साफ करने में भी सेमल का पेड़ फायदेमंद साबित हो सकता है। एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो सेमल के पत्तियों को पुराने समय से ही ब्लड प्यूरीफिकेशन यानी खून साफ करने के लिए उपयोग में लाया जाता रहा है। साथ ही सेमल के फल में भी रक्त को साफ करने की क्षमता होती है। इससे रक्त संबंधी समस्याएं भी ठीक हो सकती हैं इतना ही नहीं, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश एक रिसर्च पेपर के अनुसार, सेमल के उपयोग से यूरोलिथिय...