पुनर्नवादि मंडूर

  1. पुनर्नवादि मण्डूर के फायदे नुक़सान
  2. प्लेटलेट्स बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि, 5 best platelets badhane ki ayurvedic dawa patanjali
  3. Punarnavadi mandur vati
  4. Punarnva: ईष्वर का वरदान है पुनर्नवा
  5. पतंजलि दिव्य पुनर्नवादि मंडूर की सभी जानकारी ( Patanjali Divya Punarnavadi Mandoor Review in Hindi ) ~ Bolenge.com


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पुनर्नवादि मण्डूर के फायदे नुक़सान

Table of Contents • • • • • • • • • • पुनर्नवादि मण्डूर के फायदे, गुण और उपयोग | Punarnavadi Mandoor ke fayde in Hindi मण्डूर और पुनर्नवा का यह रासायनिक योग शरीर में खून को बढ़ाता है तथा सूजन को नष्ट करता है और आंतों को बलवान बनाता है। यह भी पढ़ें- यह हाथ-पाओं की सूजन हो या पूरे शरीर में सूजन हो उसको नष्ट करता है। पुनर्नवादि मण्डूर के प्रयोग से दस्त और पेशाब की क्रिया ठीक होती है तथा रक्त की गति नियमित होकर शरीर में नया खून बनने लगता है। सूजन दूर करने के साथ-साथ पेट के रोग, प्लीहा वृद्धि तथा कृमि जैसे रोगों में भी पुनर्नवादि मण्डूर का उपयोग बहुत फायदेमंद माना जाता है। वातरक्त, आन्त्रिक क्षय और बवासीर में भी इसके सेवन से बहुत अधिक लाभ होता है। यह भी पढ़ें- कफ, खांसी तथा कफ युक्त खांसी में भी इसके उपयोग से आश्चर्यजनक रूप से फायदा होता है। पुनर्नवादि मण्डूर शोथ रोग में विशेष रूप से फायदा पहुंचाता है। Punarnavadi Mandoor ke fayde in Hindi शोथ युक्त पाण्डु रोग में बैद्यनाथ पुनर्नवादि मंडूर के फायदे |Baidyanath Punarnavadi Mandoor benefits in Hindi पाण्डु रोग के पुराना हो जाने पर शरीर में जल भाग की वृद्धि से कफ दोष बढ़ जाता है, साथ ही वायु भी प्रकुपित हो जाती है जिससे शरीर में सूजन, मंदाग्नि, बद्धकोष्ठता अर्थात कब्ज, अन्न में अरुचि, मल-संचय से पेट आगे को निकला हुआ, हाथ, पांव और मुंह पर सूजन की विशेषता, पेट में दर्द, प्लीहा वृद्धि, ज्वर बने रहना, कमजोरी, रक्त की कमी से शरीर पाण्डू वर्ण का हो जाना आदि उपद्रव हो जाते हैं। यह भी पढ़ें- ऐसी परिस्थिति में पुनर्नवादि मण्डूर के सेवन से बहुत अधिक लाभ होता है। इससे सर्वप्रथम बद्धकोष्ठता अर्थात कब्जियत दूर हो दस्त पिघल कर आने लगते हैं और आ...

प्लेटलेट्स बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि, 5 best platelets badhane ki ayurvedic dawa patanjali

By प्लेटलेट्स बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि (platelets badhane ki ayurvedic dawa patanjali) : अगर किसी भी महिला या पुरुष के शरीर में मौजूद ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है तो यह एक गंभीर समस्या होती है और ऐसे में इंसान प्लेटलेट्स को बढ़ाने की दवा सर्च करता है| अगर आप भी कम प्लेटलेट्स की समस्या से ग्रसित है तो यह लेख आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है अपने इस लेख में हम आपको प्लेटलेट्स बढ़ाने की दवा पतंजलि के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है| प्लेटलेट्स कम होने की परेशानी अधिकतर डेंगू या टाइफाइड की बिमारी में देखने को मिलती है, आज हम आपको जिन प्लेटलेट्स बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि के बारे में बता रहे है वो सभी प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मददगार साबित होती है| आज भी अगर किसी इंसान के शरीर में जब प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है तो इंसान प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय या आयुर्वेदिक दवा का सहारा लेता है| किसी भी इंसान के शरीर में अगर प्लेटलेट्स की संख्या 150000 से कम हो जाती है तो इस स्थिति को कम प्लेटलेट्स की समस्या से पीड़ित माना जाता है| शरीर में प्लेटलेट्स कम होने पर इंसान को इसा समस्या का इलाज तुरंत करना चाहिए, प्लेटलेट्स बढ़ाने की दवा के बारे में हम आपको जानकारी उपलब्ध करा रहे है – Table of Contents • • • • • • • • प्लेटलेट्स बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि, platelets badhane ki ayurvedic dawa patanjali अगर आप कम प्लेटलेट्स की समस्या से परेशान है और आप शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने की दवा पतंजलि कौन कौन सी है? या प्लेटलेट्स बढ़ाने की दवा के नाम कया है? इत्यादि ढूंढ रहे है तो चलिए हम आपको प्लेटलेट्स बढ़ाने की दवा पतंजलि की जानकारी उपलब्ध करा रहे है – प्लेटलेट्स बढ़...

Punarnavadi mandur vati

🍁पुनर्नवादि मंडूर : 🌻पुनर्नवादि मंडूर एक आयुर्वेदिक दवा है । इस औषधि का उपयोग एनीमिया, फ़ेथिसिस, हेपेटाइटिस, पीलिया, पेट में गड़बड़ी, बवासीर, क्रोनिक कोलाइटिस, गाउट, हाइपरिकेसिमिया, त्वचा रोगों और कृमि संक्रमण जैसे रोगों के उपचार मे किया जाता है । 🌺पुनर्नवादि मंडूर में मौजूद प्राकृतिक जड़ी बूटियों को विशेष रूप से गुर्दे की बीमारी के लिए उत्कृष्ट परिणाम देने के लिए जाना जाता है। यह गुर्दे की समस्याओं के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक उपचार में से एक है। 🌼पुनर्नवादि मंडूर के घटक द्रव्य व निर्माण विधि : 🌹पुनर्नवा (साँठी की जड़), निसोत, सौंठ, कालीमिर्च, पीपल, बायविडंग, देवदारू, कूठ, हल्दी, चित्रकमूल, हरड़, बहेड़ा, आंवला, दंतीमूल, चव्य, इन्द्रजव, कुटकी, पीपलामूल, मोथा, काकड़ासींगी, कालाजीरा, अजवायन और कायफल ये सब औषधियां समभाग लेकर चूर्ण करें। फिर चूर्ण से दूनी मण्डूर भस्म को अठगुने गोमूत्र में पकावें । गोमूत्र चतुर्थांश शेष रहने पर औषधियों का चूर्ण मिलाकर पकावें। जब गोली बांधने लायक हो जाय, तब उतार घोटकर मटर के समान गोलियां बना लें। मूलग्रन्थ में गुड़ मिलाने को लिखा है; हमने सुविधा के लिये अनुपान रूप में मिला लिया है।(भा.प्र.) 🥀उपलब्धता: यह योग प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि निर्माताओं द्वारा बनाया हुआ आयुर्वेदिक दवा की दुकान पर मिलता है। आवश्यकता पड़ने पर इसे बाजार से खरीद कर सेवन करना चाहिए। 🌼मात्रा और सेवन विधि : २ से ४ गोली, दिन में २ बार थोड़े गुड़ के साथ दें। ऊपर मट्ठा अथवा जल पिलावें। आमप्रधान कब्जवाले रोगी को हरड़ का चूर्ण मिलाकर देना चाहिये। यदि उसमें योगराज गूगल मिला दें तो सत्वर लाभ पहुँचता है। 🌺पुनर्नवादि मंडूर के उपयोग व फायदे : 1🌼-यह औषधि शोथ, पाण्डु, कामला, उदररोग, अफारा, श...

Punarnva: ईष्वर का वरदान है पुनर्नवा

वानस्पतिक नाम : Boerhavia diffusa Linn. (बोरहाविया डिफ्यूजा) Syn- Boerhavia repens Linn. var- diffusa (L.) Hook.f.; Baerhavia adscendens Willd. कुल : Nyctaginaceae (निक्टैजिनेसी) अंग्रेज़ी नाम : Hogweed (हौगवीड) संस्कृत- पुनर्नवा, शोथघ्नी, विशाख, श्वेतमूला, दीर्घपत्रिका, कठिल्लक, शशिवाटिका, क्षुद्रवर्षाभू, दीर्घपत्र, चिराटिका, वर्षाङ्गी, वर्षाही, धनपत्र; हिन्दी- लाल पुनर्नवा, सांठ, गदहपुर्ना; उर्दू- बाषखीरा (Bashkhira); कन्नड़- सनाडिका (Sanadika); गुजराती- राती साटोडी (Rati satodi), वसेडो (Vasedo); तमिल- मुकत्तै (Mukurattei), मुकारातै (Mukaratte); तेलुगु- अतिकामामिदि (Atikamamidi); बंगाली- पुनर्नोबा (Punarnoba), श्वेत पुनर्नबा (Sveta punarnaba); नेपाली- औंले साग (Onle sag); पंजाबी- खट्टन (Khattan); मराठी- पुनर्नवा (Punarnava), घेंटुली (Ghentuli); मलयालम- थाजूथमा (Thazuthama), ताविलमा (Tavilama)। अंग्रेजी- इरेक्ट बोएर्हविया (Erect boerhavia), स्पाइडरलिंग (Spiderling), स्प्रैडिंग हौग वीड (Spreading hog weed), हॉर्स पर्सलिन (Horse purslane), पिगवीड (Pigweed); अरबी- हांडा कुकी (Handakuki), सबाका (Sabaka); फारसी- देवासापत (Devasapat)। परिचय पुनर्नवा का बहुवर्षायु शाक भारतवर्ष में वर्षा ऋतु में सब जगह उत्पन्न होता है। इसकी दो जातियां लाल और सफेद पाई जाती हैं। इनमें रक्त जाति वनस्पति का प्रयोग अधिकता से औषधि के रूप में किया जाता है। इसका कांड पत्र एवं पुष्प सभी रक्त वर्ण के होते हैं। फलों के पक जाने पर वायवीय भाग सूख जाता है, परंतु मूल भूमि में पड़ी रहती है, जो वर्षा ऋतु में फिर से उग आती है। इसलिए इसका नाम पुनर्नवा है। यह समस्त भारत में 2400 मी की ऊँचाई तक पाया जाता है। पुनर्नवा...

पतंजलि दिव्य पुनर्नवादि मंडूर की सभी जानकारी ( Patanjali Divya Punarnavadi Mandoor Review in Hindi ) ~ Bolenge.com

पतंजलि दिव्य पुनर्नवादि मंडूर की सभी जानकारी | Patanjali Divya Punarnavadi Mandoor Review, Price, Ingredients, Uses, Benefits in Hindi Divya Punarnavadi Mandoor Review ( Image credit goes to https://www.patanjaliayurved.net/assets/product_images/400x300/1505300061400%20x%20300%20Punaravadi%20Mandur%2040gm.png ) दिव्य पुनर्नवादि मंडूर गुर्दे की बीमारी के लिए हर्बल उपचार का एक संयोजन है। यह गुर्दे के रोगों के लिए एक हर्बल इलाज है। यह गुर्दे की बीमारी के लिए प्राकृतिक उपचार के होते हैं। यह किडनी के लिए जड़ी-बूटियों का एक आदर्श संयोजन है। दिव्य पुनर्नवादि मंडूर में मौजूद प्राकृतिक जड़ी बूटियों को विशेष रूप से गुर्दे की बीमारी के लिए उत्कृष्ट परिणाम देने के लिए जाना जाता है। तीव्र या पुरानी किडनी रोग से पीड़ित लोग उत्कृष्ट परिणाम के लिए इस उत्पाद को ले सकते हैं। यह गुर्दे को उनके कामकाज को नियमित करने के लिए जड़ी-बूटियां प्रदान करता है। यह गुर्दे की समस्याओं के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक उपचार में से एक है। दिव्य पुनर्नवादि मंडूर की सभी जानकारी जैसे की "इसकी कीमत, सामग्री, उपयोग, इसके फायदे, नुकसान क्या है " ये सब जानकारी दी गयी है | कीमत (Price) :- Rs.42/- 20 GM सामग्री (Ingredients) :- पुनर्नवा, त्रिवृत, शांती, मरिचा, काली मिर्च, पिप्पली लोंग काली मिर्च फल - मुरलीवाला लोंग, विदंगा, झूठा काली मिर्च, दारु, सीडरस देवड़ा, चित्रक, कुष्टा, हरिद्रा, करकुमा लोंगा, दारु हरिद्रा, वृक्ष हल्दी, हरितकी, मिरोबलान फल। , विभिताकी, बेलिरिक मिरोबलन फल का छिलका, अमलकी, दंती, चव्य, कलिंगका, पिप्पली, पिप्पलीमूल, मुस्ता, मंडूर भस्म और गोमुत्र एक संयोजन सामग्री के रूप में | (Punarnava, Trivrit, Shunt...