पुनरुक्ति प्रकाश

  1. आत्मपरिचय, एक गीत पाठ सारांश
  2. NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 Tulsidas (2023)
  3. अलंकार
  4. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2
  5. पद (सूरदास) – टेस्ट/क्विज – ई
  6. पुनरुक्ति अलंकार की परिभषा, भेद और उदाहरण
  7. पद (सूरदास) – टेस्ट/क्विज – ई
  8. NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 Tulsidas (2023)
  9. अलंकार
  10. आत्मपरिचय, एक गीत पाठ सारांश


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आत्मपरिचय, एक गीत पाठ सारांश

NCERT Solution:- Aatmparichay, Ak Geet Poem Class 12th Chapter 1 of Aaroh Part-II Book has been developed for Hindi Course. We are going to show Summary& Saransh with Pdf. Our aim to help all students for getting more marks in exams. पुस्तक: आरोह भाग दो कक्षा: 12 पाठ: 2 शीर्षक: पतंग लेखक: आलोक धन्वा Aatmparichay, Ak Geet Class 12th Explanation & Vyakhya दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! हो जाय न पथ में रात कहीं, मंजिल भी तो है दूर नहीं यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी जल्दी चलता है। दिन जल्दी-जल्दी डलता है। प्रसंग:- प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘निशा- निमंत्रण’ शीर्षक कविता से उ‌द्धत है। इस कविता के रचयिता ‘श्री हरिवंशराय ‘बच्चन’ जी है। इस पद्याश में कवि कहता है कि दिन का समय शीघ्रता से चलता है और रात का बुलावा आ जाता है। कवि निशा के निमंत्रण द्वारा मानव को अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने का संदेश देता है। व्याख्या:- कवि कहता है कि दिन का समय बहुत शीघ्रता से चलता है और रात होने लगती है। अपने घर से गया हुआ व्यक्ति जो दिन में ही शीघ्रता से अपनी मंजिल पर पहुँचना चाहता है। वह यात्री यह सोचकर कि कहीं रास्ते में ही रात न हो जाए जबकि वह अपनी मंजिल से कुछ ही दूरी पर है इसलिए वह सारा दिन का थका हुआ होने के बावजूद भी जल्दी जल्दी अपने कदम रखता हुआ आगे बढ़ता है। अर्थात हर व्यक्ति यह चाहता है कि वह कठिनाइयां माया के चक्कर में पढ़ने से पहले अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सके और अपनी प्रसिद्धि पा संके। काव्य सौन्दर्य (क) भाव पक्ष • कवि जीवन को प्राप्त करने के लिए लिन करने का संदेश देता है। (ख) कला पक्ष • साधारण आम बोलचाल की साहित्यिक भाषा का सुन्दर प्रयोग है। • अनुप्रास एवं ...

NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 Tulsidas (2023)

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 Tulsidas: Have you gone through the Class 10 Hindi Questions? Have you solved all the 10th Hindi Kshitij Chapter 2 Questions? Don’t worry! We got you covered. In this article, we are providing the 10th NCERT Hindi Kshitij Solutions for Chapter 2 Tulsidas. Hassle-Free Download: Download NCERT Solutions for Hindi Tulsidas Class 10 Chapter 2 PDF We will provide you the step by step guide to download and understand the available solutions. It will help you to understand the concept behind every question. Access Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 Question Answer Solution 1 परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने पर निम्नलिखित तर्क दिए – • बचपन में तो हमने कितने ही धनुष तोड़ दिए परन्तु आपने कभी क्रोध नहीं किया इस धनुष से आपको विशेष लगाव क्यों हैं? • हमें तो यहअसाधारण शिव धुनष साधारण धनुष की भाँति लगा। • श्री राम ने इसे तोड़ा नहीं बस उनके छूते ही धनुष स्वत:टूट गया। • इस धनुष को तोड़ते हुए उन्होंने किसी लाभ व हानि के विषय में नहीं सोचा था। इस पुराने धनुष को तोड़ने से हमें क्या मिलना था? Solution 2 राम स्वभाव से कोमल और विनयी हैं। परशुराम जी क्रोधी स्वभाव के थे। परशुराम के क्रोध करने पर श्री राम ने धीरज से काम लिया। उन्होंने स्वयं को उनका दास कहकर परशुराम के क्रोध को शांत करने का प्रयास किया एवं उनसे अपने लिए आज्ञा करने का निवेदन किया। लक्ष्मण राम से एकदम विपरीत हैं। लक्ष्मण क्रोधी स्वभाव के हैं। उनकी जबानछुरी से भी अधिक तेज़ हैं। लक्ष्मण परशुराम जी के साथ व्यंग्यपूर्ण वचनों का सहारा लेकर अपनी बात को उनके समक्ष प्रस्तुत क...

अलंकार

By: RF competition Copy Share (106) अलंकार – ब्याज-स्तुति, ब्याज-निन्दा, विशेषोक्ति, पुनरुक्ति प्रकाश, मानवीकरण, यमक, श्लेष || Alankar- Byajstuti, Byajninda Oct 10, 2021 01:10AM 12177 1. ब्याज-स्तुति अलंकार– जब कथन में देखने और सुनने पर निन्दा सी जान पड़े किन्तु वास्तव में प्रशंसा हो, वहाँ ब्याज-स्तुति अलंकार होता है। उदाहरण- गंगा क्यों टेड़ी चलती हो, दुष्टों को शिव कर देती हो। 2. ब्याज निन्दा अलंकार– इसके विपरीत जहाँ कथन में स्तुति का आभास हो किन्तु वास्तव में निन्दा हो, वहाँ ब्याज निन्दा अलंकार होता है। उदाहरण- राम साधु, तुम साधु सुजाना। राम मातु भलि मैं पहिचाना। इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। 1. भाव-विस्तार (भाव-पल्लवन) क्या है और कैसे किया जाता है? 2. राज भाषा क्या होती है, राष्ट्रभाषा और राजभाषा में क्या अंतर है? 3. छंद किसे कहते हैं? मात्रिक - छप्पय एवं वार्णिक छंद - कवित्त, सवैया 4. काव्य गुण - ओज-गुण, प्रसाद-गुण, माधुर्य-गुण 3. विशेषोक्ति अलंकार– जब कारण के होते हुए भी कार्य नहीं होता, वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है। उदाहरण- मूरख हृदय न चेत, जो गुरु मिलहिं बिरंचि सम। 4. विभावना अलंकार – इसके विपरीत जब कारण न होने पर भी कार्य का होना बताया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है। उदाहरण- बिनु पद चलै सुनै बिनु काना। कर बिनु करम करे बिधि नाना।। 5. पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार– काव्य में सौंदर्य के लिए एक ही शब्द की आवृत्ति को पुनरुक्ति प्रकाश कहते हैं। उदाहरण- 1. छन-छन उठी हिलोर, मगन मन पागल दरसा री 2. अरी सुहागिन, भरी माँग में भूली-भूली री। उपर्युक्त पंक्तियों में 'छन-छन', 'भूली-भूली' शब्दों की पुनरावृत्ति कथन को सौंदर्य प्रदान करने के लिए की गई है। इन प्रकरणों 👇 के बारे...

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2 तुलसीदास are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for तुलसीदास are extremely popular among Class 10 students for Hindi तुलसीदास Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of Class 10 Hindi Chapter 2 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class Class 10 Hindi are prepared by experts and are 100% accurate. Answer: परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनु ष के टूट जाने पर निम्नलिखित तर्क दिए - (1) हमें तो यह अ साधारण शिव धुनष साधारण धनुष की भाँति लगा। (2) श्री राम को तो ये धनुष, नए धनुष के समान लगा। (3) श्री राम ने इसे तोड़ा नहीं बस उनके छूते ही धनुष स्वत: टूट गया। (4) इस धनुष को तोड़ते हुए उन्होंने किसी लाभ व हानि के विषय में नहीं सोचा था। (5) उन्होंने ऐसे अनेक धनुषों को बालपन में यूँ ही तोड़ दिया था। इसलिए यही सोचकर उनसे यह कार्य हो गया। Page No 14: Answer: परशुराम के क्रोध करने पर श्री राम ने धीरज से काम लिया। उन्होंने नम्रता पूर्ण वचनों का सहारा लेकर परशुराम के क्रोध को शांत करने का प्रयास किया। परशुराम जी क्रोधी स्वभाव के थे। श्री राम उनके क्रोध पर शीतल जल के समान शब्दों व आचरण का आश्रय ले रहे थे। यही कारण था कि उन्होंने स्वयं को उनका सेवक बताया व उनसे अपने लिए आज्ञा करने का निवेदन किया। उनकी भाषा अत्यंत कोमल व मीठी थी और परशुराम के क्रोधित होने पर भी वह अपनी कोमलता को नहीं छोड़ते थे। इसके विपरीत लक्ष्मण परशुराम की भ...

पद (सूरदास) – टेस्ट/क्विज – ई

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पुनरुक्ति अलंकार की परिभषा, भेद और उदाहरण

इस लेख में पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा, उदाहरण, प्रश्न उत्तर, पहचान, अन्य अलंकार से सम्बन्ध तथा भिन्नता आदि का विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया गया है। हमने इस लेख को सरल बनाने के लिए अनेक उदाहरणों का प्रयोग किया है जिससे विद्यार्थी सरलता पूर्वक इसे समझ सके। अलंकार का कार्य काव्य की शोभा को बढ़ाना होता है। काव्य में प्रयुक्त होकर अलंकार काव्य की शोभा बढ़ाने के साथ चमत्कार उत्पन्न करने की शक्ति भी रखते हैं। इन्हीं के कारण काव्य में रोचकता उत्पन्न होती है। मुख्य रूप से अलंकार दो प्रकार के माने गए हैं ( 1 शब्दालंकार, 2 अर्थालंकार ) पुनरुक्ति अलंकार का संबंध अर्थालंकार से है। पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा जब किसी काव्य यह पंक्ति में एक ही शब्दों की निरंतर आवृत्ति होती हो पर वहां अर्थ की भिन्नता नहीं होने के कारण वह पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है। साधारण अर्थों में समझे तो जब कवि भाव को रोचक बनाने के लिए, कथन को प्रभावशाली बनाने के लिए ,एक शब्द का अधिक बार समान अर्थ में प्रयोग करता है वहां पुनरुक्ति अलंकार होता है। उदाहरण के लिए सुबह-सुबह बच्चे काम पर जा रहे हैं। उपरोक्त प्रसंग में सुबह शब्द का अर्थ एक ही है जबकि यहां दो बार प्रयुक्त हुआ है। यह काव्य की सुंदरता आदि को बढ़ाने के लिए प्रयोग हुआ है जिससे अर्थ में भिन्नता नहीं हो रही है। अतः यह पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार माना जाएगा। शान्त सरोवर का डर किस इच्छा से लहरा कर हो उठा चंचल – चंचल चंचल – चंचल शब्दों की आवृत्ति के कारण यहां पुनरुक्ति अलंकार होगा। (पुनरुक्ति दो शब्दों के योग से बना है पुन्र+युक्ति अर्थात बार-बार एक ही शब्द की आवृत्ति हो ) अन्य अलंकार की जानकारी भी प्राप्त करें पुनरुक्ति अलंकार के उदाहरण उदहारण व्याख्या हवा दूर-दूर तक ...

पद (सूरदास) – टेस्ट/क्विज – ई

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NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 Tulsidas (2023)

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 Tulsidas: Have you gone through the Class 10 Hindi Questions? Have you solved all the 10th Hindi Kshitij Chapter 2 Questions? Don’t worry! We got you covered. In this article, we are providing the 10th NCERT Hindi Kshitij Solutions for Chapter 2 Tulsidas. Hassle-Free Download: Download NCERT Solutions for Hindi Tulsidas Class 10 Chapter 2 PDF We will provide you the step by step guide to download and understand the available solutions. It will help you to understand the concept behind every question. Access Class 10 Hindi Kshitij Chapter 2 Question Answer Solution 1 परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने पर निम्नलिखित तर्क दिए – • बचपन में तो हमने कितने ही धनुष तोड़ दिए परन्तु आपने कभी क्रोध नहीं किया इस धनुष से आपको विशेष लगाव क्यों हैं? • हमें तो यहअसाधारण शिव धुनष साधारण धनुष की भाँति लगा। • श्री राम ने इसे तोड़ा नहीं बस उनके छूते ही धनुष स्वत:टूट गया। • इस धनुष को तोड़ते हुए उन्होंने किसी लाभ व हानि के विषय में नहीं सोचा था। इस पुराने धनुष को तोड़ने से हमें क्या मिलना था? Solution 2 राम स्वभाव से कोमल और विनयी हैं। परशुराम जी क्रोधी स्वभाव के थे। परशुराम के क्रोध करने पर श्री राम ने धीरज से काम लिया। उन्होंने स्वयं को उनका दास कहकर परशुराम के क्रोध को शांत करने का प्रयास किया एवं उनसे अपने लिए आज्ञा करने का निवेदन किया। लक्ष्मण राम से एकदम विपरीत हैं। लक्ष्मण क्रोधी स्वभाव के हैं। उनकी जबानछुरी से भी अधिक तेज़ हैं। लक्ष्मण परशुराम जी के साथ व्यंग्यपूर्ण वचनों का सहारा लेकर अपनी बात को उनके समक्ष प्रस्तुत क...

अलंकार

By: RF competition Copy Share (106) अलंकार – ब्याज-स्तुति, ब्याज-निन्दा, विशेषोक्ति, पुनरुक्ति प्रकाश, मानवीकरण, यमक, श्लेष || Alankar- Byajstuti, Byajninda Oct 10, 2021 01:10AM 12182 1. ब्याज-स्तुति अलंकार– जब कथन में देखने और सुनने पर निन्दा सी जान पड़े किन्तु वास्तव में प्रशंसा हो, वहाँ ब्याज-स्तुति अलंकार होता है। उदाहरण- गंगा क्यों टेड़ी चलती हो, दुष्टों को शिव कर देती हो। 2. ब्याज निन्दा अलंकार– इसके विपरीत जहाँ कथन में स्तुति का आभास हो किन्तु वास्तव में निन्दा हो, वहाँ ब्याज निन्दा अलंकार होता है। उदाहरण- राम साधु, तुम साधु सुजाना। राम मातु भलि मैं पहिचाना। इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। 1. भाव-विस्तार (भाव-पल्लवन) क्या है और कैसे किया जाता है? 2. राज भाषा क्या होती है, राष्ट्रभाषा और राजभाषा में क्या अंतर है? 3. छंद किसे कहते हैं? मात्रिक - छप्पय एवं वार्णिक छंद - कवित्त, सवैया 4. काव्य गुण - ओज-गुण, प्रसाद-गुण, माधुर्य-गुण 3. विशेषोक्ति अलंकार– जब कारण के होते हुए भी कार्य नहीं होता, वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है। उदाहरण- मूरख हृदय न चेत, जो गुरु मिलहिं बिरंचि सम। 4. विभावना अलंकार – इसके विपरीत जब कारण न होने पर भी कार्य का होना बताया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है। उदाहरण- बिनु पद चलै सुनै बिनु काना। कर बिनु करम करे बिधि नाना।। 5. पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार– काव्य में सौंदर्य के लिए एक ही शब्द की आवृत्ति को पुनरुक्ति प्रकाश कहते हैं। उदाहरण- 1. छन-छन उठी हिलोर, मगन मन पागल दरसा री 2. अरी सुहागिन, भरी माँग में भूली-भूली री। उपर्युक्त पंक्तियों में 'छन-छन', 'भूली-भूली' शब्दों की पुनरावृत्ति कथन को सौंदर्य प्रदान करने के लिए की गई है। इन प्रकरणों 👇 के बारे...

आत्मपरिचय, एक गीत पाठ सारांश

NCERT Solution:- Aatmparichay, Ak Geet Poem Class 12th Chapter 1 of Aaroh Part-II Book has been developed for Hindi Course. We are going to show Summary& Saransh with Pdf. Our aim to help all students for getting more marks in exams. पुस्तक: आरोह भाग दो कक्षा: 12 पाठ: 2 शीर्षक: पतंग लेखक: आलोक धन्वा Aatmparichay, Ak Geet Class 12th Explanation & Vyakhya दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! हो जाय न पथ में रात कहीं, मंजिल भी तो है दूर नहीं यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी जल्दी चलता है। दिन जल्दी-जल्दी डलता है। प्रसंग:- प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘निशा- निमंत्रण’ शीर्षक कविता से उ‌द्धत है। इस कविता के रचयिता ‘श्री हरिवंशराय ‘बच्चन’ जी है। इस पद्याश में कवि कहता है कि दिन का समय शीघ्रता से चलता है और रात का बुलावा आ जाता है। कवि निशा के निमंत्रण द्वारा मानव को अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने का संदेश देता है। व्याख्या:- कवि कहता है कि दिन का समय बहुत शीघ्रता से चलता है और रात होने लगती है। अपने घर से गया हुआ व्यक्ति जो दिन में ही शीघ्रता से अपनी मंजिल पर पहुँचना चाहता है। वह यात्री यह सोचकर कि कहीं रास्ते में ही रात न हो जाए जबकि वह अपनी मंजिल से कुछ ही दूरी पर है इसलिए वह सारा दिन का थका हुआ होने के बावजूद भी जल्दी जल्दी अपने कदम रखता हुआ आगे बढ़ता है। अर्थात हर व्यक्ति यह चाहता है कि वह कठिनाइयां माया के चक्कर में पढ़ने से पहले अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सके और अपनी प्रसिद्धि पा संके। काव्य सौन्दर्य (क) भाव पक्ष • कवि जीवन को प्राप्त करने के लिए लिन करने का संदेश देता है। (ख) कला पक्ष • साधारण आम बोलचाल की साहित्यिक भाषा का सुन्दर प्रयोग है। • अनुप्रास एवं ...