पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित

  1. अलंकार , काव्य की परिभाषा एवं भेद , काव्य
  2. वीप्सा अलंकार की परिभाषा, भेद, और उदाहरण
  3. अलंकार की परिभाषा, भेद, प्रकार और उदाहरण
  4. अलंकार की परिभाषा, अलंकार के प्रकार
  5. पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण – Best Hindi Blog in India
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  7. Alankar In Hindi / अलंकार
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  9. पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण
  10. अलंकार की परिभाषा, भेद, प्रकार और उदाहरण


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अलंकार , काव्य की परिभाषा एवं भेद , काव्य

अलंकार के प्रकार- 1. शब्दालंकार- जहाँ शब्दों के कारण काव्य की शोभा बढ़ती है, वहाँ शब्दालंकार होता है। इसके अंतर्गत अनुप्रास,यमक,श्लेष और पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार आते हैं। 2. अर्थालंकार- जहाँ अर्थ के कारण काव्य की शोभा में वृध्दि होती है, वहाँ अर्थालंकार होता है। इसके अंतर्गत उपमा,उत्प्रेक्षा,रूपक,अतिशयोक्ति, अन्योक्ति, अपन्हुति, विरोधाभास आदि अलंकार शामिल हैं। यहाँ पर 'र' वर्ण की आवृत्ति चार बार एवं 'प ' वर्ण की आवृत्ति एकसे अधिक बार हुआ है। अनुप्रास के प्रमुख दोभेद किए जा सकते हैं- 1. वर्णानुप्रास 2. शब्दानुप्रास वर्णानुप्रास को चार भागों में बाँटा गया है - 1. छेकानुप्रास काव्य में जहाँ किसी वर्ण की आवृत्ति मात्र दो बार होती है , वहाँ छेकानुप्रास होता है। उदाहरण - (क) अपलक अनंत, नीरव भूतल ( पंत , नौका विहार ) यहाँ पर अ वर्ण की आवृत्ति दो बार हुई है। (ख) बरस सुधामय कनक दृष्टि बन ताप तप्त जन वक्षस्थल में। (ग) प्रिया प्रान सुत सर्वस मोरे (घ) बचन बिनीत मधुर रघुबर के। (ङ) गा के लीला सव प्रियतम की वेणु, वीणा बजा के। प्यारी बातें कथन करके वे उन्हें बोध देतीं। ( हरिऔध, राधा की समाज सेवा ) (च) बिबिध सरोज सरोवर फूले। 2. श्रुत्यानुप्रास काव्य में जहाँ एक ही उच्चारण स्थान के बहुत से वर्णों के प्रयोग मिलते हैं वहाँ श्रुत्यानुप्रास होता है। वास्तव में यहाँ सुनने में वे वर्ण एक से लगते हैं। उदाहरण- (क) ता दिन दान दीन्ह धन धरनी (ख) कंकन किंकिननूपुर धुनि सुनि 3. वृत्यानुप्रास काव्य में जहाँ किसी एक या अनेक वर्णों की आवृत्ति कई बार होती है , वहाँ वृत्यानुप्रास होता है। उदाहरण (क) पतन पाप पाखंड जले, जग में ऐसी ज्वाला सुलगा दे ( दिनकर, कविता का आह्वान ) (ख) ध्वनिमयी करके गिरि- कंदरा, कलित-कानन...

वीप्सा अलंकार की परिभाषा, भेद, और उदाहरण

प्रस्तुत लेख में वीप्सा अलंकार की परिभाषा, भेद, उदाहरण, इसकी पहचान कैसे करें आदि जानकारी उपस्थित है। यह लेख अलंकार की जानकारी के साथ-साथ वीप्सा अलंकार की समस्त जानकारी देने में कारगर है। इस लेख का अध्ययन आप सभी प्रकार की परीक्षाओं जिनमें अलंकार के प्रश्न पूछे जाते हैं के लिए कर सकते हैं। शब्दों की बार-बार आवृत्ति के कारण इस अलंकार की उत्पत्ति हुई है। जैसा कि हम जानते हैं अलंकार का कार्य काव्य की शोभा को बढ़ाना होता है। यह काव्य में प्रयुक्त होकर काव्य की शोभा के साथ चमत्कार उत्पन्न करने की क्षमता भी रखते हैं। अलंकार को काव्य का आभूषण भी माना जाता है। वीप्सा अलंकार परिभाषा:- जहां आदर,घृणा,हर्ष,शोक,विस्मय आदि भावों को प्रभावशाली रूप में व्यक्त करने के लिए किसी शब्द की आवृत्ति होती है,वहां वीप्सा अलंकार होता है। जैसे – हा! हा! इन्हें रोकन कौं टोक न लगावौ तुम विसद-विवेक ज्ञान गौरव-दुलार हौ। । इस उदाहरण में ‘ हा!‘ शब्द की आवृत्ति द्वारा गोपियों के विरह की तीव्रता को प्रकट किया गया है ,अतः यहां विपदा अलंकार है। वीप्सा का अर्थ जहां शब्द की बार-बार आवृत्ति हो किंतु उसकी अर्थ भिन्नता ना हो वहां वीप्सा माना जाता है। वीप्सा का अर्थ की आवृत्ति। वीप्सा अलंकार के उदहारण 1 कातर दिति करि चौदसि हेरि-हेरि। 2 मेरी करुणा हा-हा खाती। 3 जांति पाँति हमतैं बड़ नाहीं ,नाहिंन बसत तुम्हारी छैयाँ। । 4 सुलगि सुलगि दगधै भै छारा। 5 हहलि हहलि अधिका हिय काँपे। यह भी पढ़ें व्याकरण विशेषण की परिभाषा, भेद, तथा उदाहरण निष्कर्ष – उपरोक्त अध्ययन में हमने पाया कि वीप्सा अलंकार के अंतर्गत शब्दों की बार-बार आवृत्ति होती है, जिसका मुख्य कारण वाक्य में प्रयोग होकर उसकी तीव्रता आदि को व्यक्त करना होता है। विप्सा का अर्...

अलंकार की परिभाषा, भेद, प्रकार और उदाहरण

इस लेख में अलंकार की परिभाषा, अर्थ, भेद, परिभाषा और उदाहरण ( Figure of speech in Hindi ) आदि को छात्रों के अनुरूप लिखा जा रहा है। अलंकार व्याकरण का एक अंग है, जिसका साहित्य में प्रयोग किया जाता है। शब्दों के चमत्कार और प्रयोग के माध्यम से पूरे वाक्य में सुंदरता आती है यह अलंकार का प्रमुख गुण है। यह लेख छात्रों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। यह लेख किसी भी स्तर के विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होगा। विद्यालय तथा कॉलेज और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए भी , यह लेख ध्यान में रखकर लिखा जा रहा है। आशा करते हैं आपको इसका लाभ अवश्य मिल सके। अलंकार की परिभाषा, भेद, प्रकार और उदाहरण ( Figure of speech ) अलंकार का शाब्दिक अर्थ आभूषण माना गया है। जिस प्रकार रूपवती स्त्रियां अपने सुंदरता को और बढ़ाने के लिए आभूषण अथवा सौंदर्य प्रसाधन का प्रयोग करती हैं ठीक उसी प्रकार वाक्यों में सुंदरता लाने के लिए अलंकार का प्रयोग किया जाता है। इस के प्रयोग से शब्दों के चमत्कार से बढ़ जाती है और पाठक के मन पर अमिट छाप अथवा प्रभाव डालती है। अलंकार के भेद अलंकार के मुख्य रूप से दो भेद माने जाते हैं जिनके प्रयोग से काव्य की सौंदर्यता और अधिक बढ़ती है यह दो भेद है – १ शब्दालंकार, २ अर्थालंकार 1 – शब्दालंकार जिस वाक्य कविता अथवा साहित्य में शब्दों के माध्यम से उस वाक्य की कविता की अथवा साहित्य की सुंदरता बढ़ती हो वहां शब्दालंकार होता है। सामान्य अर्थ में समझें तो शब्दों का प्रयोग सांस्कृतिक शैली में किया जाता है जैसे – ” मिलि कालिंदी कूल कदंब की डारनि ” उपर्युक्त पंक्ति में आप देखेंगे शब्दों के चमत्कार से वाक्य की सुंदरता बढ़ रही है। 2 – अर्थालंकार जिस वाक्य अथवा कविता में उसके अर्थ ...

अलंकार की परिभाषा, अलंकार के प्रकार

अलंकार की परिभाषा , अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, वीप्सा अलंकार की परिभाषा. उपमा अलंकार की परिभाषा. यमक अलंकार की परिभाषा. अलंकार कितने प्रकार के होते हैं. अलंकार की परिभाषा अलंकार की परिभाषा -“अलंकार का अर्थ है गहना या आभूषण। काव्य रूपी काया की शोभा बढ़ाने वाले अवयव को अलंकार कहते हैं। काव्यशास्त्र के आचार्यों की दृष्टि से अलंकार की परिभाषा-“काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते हैं। सारांशत: उक्ति के चमत्कार को अलंकार कहते हैं। अलंकार केवल शब्द या अर्थ का उत्कर्ष करते हैं। वे साधन हैं, साध्य नहीं। साहित्य में अलंकार उन चमत्कारिक शब्दों तथा उन साहित्यिक युक्तियों को कहते हैं जो काव्य या साहित्य को सुसज्जित तथा मनमोहक बनाने के काम आते हैं। जिस प्रकार आभूषण शरीर की शोभा बढ़ाते हैं, उसी प्रकार अलंकार साहित्य या काव्य को सुन्दर तथा रोचक बनाते हैं। प्रसिद्ध विद्वानगण ‘दण्डी’, ‘रूद्रट’, ‘भामह’ ने भी साहित्य में रस से ज्यादा अलंकारों को महत्व दिया है। अलंकार के प्रकार शब्द और अर्थ को अस्थिर धर्म मानने पर अलंकार दो प्रकार के होते हैं- • शब्दालंकार • अर्थालंकार शब्दालंकार किसे कहते हैं शब्दालंकार अलंकार की परिभाषा -“शब्द सम्बन्धी चमत्कारों से युक्त कथन शब्दालंकार तथा अर्थ सम्बन्धी चमत्कारयुक्त कथन अर्थालंकार होते हैं।” शब्दालंकार के मुख्य भेद इस अलंकार में शब्द विशेष के कारण काव्य में सौन्दर्य वृद्धि या चमत्कार अनुभव होता है। कहीं वाक्यों के कारण भी ऐसा होता है। शब्दालंकारों के मुख्य सात भेद हैं- • अनुप्रास अलंकार • यमक अलंकार • पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार • पुनरुक्तावदाभास अलंकार • वीप्सा अलंकार • श्लेष अलंकार • वक्रोक्ति अलंकार अर्थालंकार • जीवन क्या है जीवन की परिभाषा Defin...

पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण – Best Hindi Blog in India

पुनरुक्ति अलंकार पुनः तथा उक्ति दो शब्दों के मिलने से बना है जिस वाक्य में कोई शब्द दो बार दोहराया जाता है तो वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता है। इस लेख में हम पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा तथा उदाहरण के बारे में पढ़ने जा रहे हैं। पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा जब किसी वाक्य में कोई शब्द दो अथवा दो से अधिक बार प्रयोग में आता है अथवा किसी शब्द की पुनरावृत्ति होती है तो वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता हैं। पुनरुक्ति अलंकार शब्दालंकार का महत्वपूर्ण भी हैं। उपर्युक्त डालिये गए वाक्य में कहि शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार किया गया है जिस कारण से काव्य को अर्थपूर्ण तथा भावपूर्ण किया गया है अतः यहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होगा। इस आर्टिकल में आपको पुनरुक्ति अलंकार के बारे में उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी दी गई है यदि आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसन्द आयी हो तो इसे आगे जरूर शेयर करें। Related Posts: • शब्दालंकार की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण • यमक अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • विप्सा अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • दृष्टान्त अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • श्लेष अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण • भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण • व्यतिरेक अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • अपहूँति अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण • अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण • काव्यलिंग अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • विशेषोक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • सन्देह अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण • अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • अर्थान्तरन्यास अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • प्रतीप अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • स्वभावोती अलंकार की परिभाषा ...

पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण – Best Hindi Blog in India

पुनरुक्ति अलंकार पुनः तथा उक्ति दो शब्दों के मिलने से बना है जिस वाक्य में कोई शब्द दो बार दोहराया जाता है तो वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता है। इस लेख में हम पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा तथा उदाहरण के बारे में पढ़ने जा रहे हैं। पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा जब किसी वाक्य में कोई शब्द दो अथवा दो से अधिक बार प्रयोग में आता है अथवा किसी शब्द की पुनरावृत्ति होती है तो वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता हैं। पुनरुक्ति अलंकार शब्दालंकार का महत्वपूर्ण भी हैं। उपर्युक्त डालिये गए वाक्य में कहि शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार किया गया है जिस कारण से काव्य को अर्थपूर्ण तथा भावपूर्ण किया गया है अतः यहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होगा। इस आर्टिकल में आपको पुनरुक्ति अलंकार के बारे में उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी दी गई है यदि आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसन्द आयी हो तो इसे आगे जरूर शेयर करें। Related Posts: • शब्दालंकार की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण • यमक अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • विप्सा अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • दृष्टान्त अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • श्लेष अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण • भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण • व्यतिरेक अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • अपहूँति अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण • अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण • काव्यलिंग अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • विशेषोक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • सन्देह अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण • अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • अर्थान्तरन्यास अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण • प्रतीप अलंकार की परिभाषा और उदाहरण • स्वभावोती अलंकार की परिभाषा ...

Alankar In Hindi / अलंकार

अलंकार शब्द का अर्थ ‘आभूषण’ होता है। अलंकार शब्द ‘अलम्+कार’ यह दो शब्द को जोड़कर बना है। जिसमे ‘अलम्’ शब्द का अर्थ ‘भूषण’ होता है। जिस प्रकार अलंकार स्री के सौंदर्य को बढ़ाता है। उसी प्रकार काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्द को अलंकार कहते है। अलंकार से काव्य में रोचकता और सुंदरता उभरकर आती है। अलंकार को काव्य की आत्मा भी कहा जाता है। अलंकार काव्य के साथ जुड़कर उसकी सुन्दरता को दुगनी कर देता है। अलंकार को संक्षेप में कहा जाए तो यह भाषा को सुंदर शब्दार्थ से सुज्जित करता है। यह भाषा और काव्य के रूप को सुंदर और मधुर बना देता है। संस्कृत भाषा में ‘अलंकरोति इति अलंकारः’ कहा है। जिसका अर्थ जो अलंकृत करता है उसे अलंकार कहते है। भारतीय साहित्य के अनुसार किसी भी भाषा में अनुप्रास, उपमा, रूपक, अनन्वय, यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतिशयोक्ति, वक्रोक्ति आदि प्रमुख और इनके अलावा अन्य अलंकार भी है। काव्य में कथनीय वस्तू को अच्छे रूप में अभिव्यक्ति देने के लिए अलंकार का उपयोग होता है। काव्य में अलंकार का विचार गुण, रस, ध्वनि, प्रसंग को ध्यान में रखकर किया जाता है। अलंकार के भेद / Types Of Alankar In Hindi जिस अलंकार में शब्दों का उपयोग करके काव्य में चमत्कार उत्पन्न होता है उसे ‘शब्दालंकार’ कहते है। और उन शब्दो पर समानर्थी शब्द रखा जाए तो यह चमत्कार समाप्त हो जाता है। शब्दालंकार मुख्यतः दो शब्दों से बनता है-‘शब्द+अलंकार’ उसके दो रूप होते है ‘ध्वनी और अर्थ’ उसका अर्थ किसी काव्य को शब्दों के माध्यम से अलंकृत करना होता है। इस अलंकार में कविता और काव्य में शब्दों के आधार पर वर्णन किया जाता है। शब्दालंकार के भेद / Shabdalankar Ke Bhed In Hindi • छेकानुप्रास अलंकार • वृत्यानुप्रास अलंकार • लाटानुप्...

अलंकार की परिभाषा, अलंकार के प्रकार

अलंकार की परिभाषा , अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, वीप्सा अलंकार की परिभाषा. उपमा अलंकार की परिभाषा. यमक अलंकार की परिभाषा. अलंकार कितने प्रकार के होते हैं. अलंकार की परिभाषा अलंकार की परिभाषा -“अलंकार का अर्थ है गहना या आभूषण। काव्य रूपी काया की शोभा बढ़ाने वाले अवयव को अलंकार कहते हैं। काव्यशास्त्र के आचार्यों की दृष्टि से अलंकार की परिभाषा-“काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते हैं। सारांशत: उक्ति के चमत्कार को अलंकार कहते हैं। अलंकार केवल शब्द या अर्थ का उत्कर्ष करते हैं। वे साधन हैं, साध्य नहीं। साहित्य में अलंकार उन चमत्कारिक शब्दों तथा उन साहित्यिक युक्तियों को कहते हैं जो काव्य या साहित्य को सुसज्जित तथा मनमोहक बनाने के काम आते हैं। जिस प्रकार आभूषण शरीर की शोभा बढ़ाते हैं, उसी प्रकार अलंकार साहित्य या काव्य को सुन्दर तथा रोचक बनाते हैं। प्रसिद्ध विद्वानगण ‘दण्डी’, ‘रूद्रट’, ‘भामह’ ने भी साहित्य में रस से ज्यादा अलंकारों को महत्व दिया है। अलंकार के प्रकार शब्द और अर्थ को अस्थिर धर्म मानने पर अलंकार दो प्रकार के होते हैं- • शब्दालंकार • अर्थालंकार शब्दालंकार किसे कहते हैं शब्दालंकार अलंकार की परिभाषा -“शब्द सम्बन्धी चमत्कारों से युक्त कथन शब्दालंकार तथा अर्थ सम्बन्धी चमत्कारयुक्त कथन अर्थालंकार होते हैं।” शब्दालंकार के मुख्य भेद इस अलंकार में शब्द विशेष के कारण काव्य में सौन्दर्य वृद्धि या चमत्कार अनुभव होता है। कहीं वाक्यों के कारण भी ऐसा होता है। शब्दालंकारों के मुख्य सात भेद हैं- • अनुप्रास अलंकार • यमक अलंकार • पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार • पुनरुक्तावदाभास अलंकार • वीप्सा अलंकार • श्लेष अलंकार • वक्रोक्ति अलंकार अर्थालंकार • जीवन क्या है जीवन की परिभाषा Defin...

पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

इस पेज पर आप पुनरुक्ति अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए। पिछले पेज पर हमने चलिए आज हम पुनरुक्ति अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं। पुनरुक्ति अलंकार किसे कहते हैं पुनरुक्ति अलंकार दो शब्दों के योग से बना है पुन: +उक्ति। जब किसी वाक्य में कोई शब्द का प्रयोग दो बार किया जाता है अर्थात एक ही शब्द को दो बार दोहराया जाता हैं, वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता है। उदाहरण :- 1. मधुर वचन कहि-कहि परितोषीं। उपर दिए गए वाक्य में कहि शब्द का एक से अधिक बार प्रयोग किया गया है। जिसके कारण काव्य में सुंदरी की वृद्धि हुई है जिससे यहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाएगा। 2. सुबह-सुबह बच्चे काम पर जा रहे हैं। उपर दिए गए वाक्य में सुबह शब्द का मतलब एक ही है जबकि यहां इस शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है। अतः यह पुनरुक्ति अलंकार माना जाएगा। उम्मीद हैं आपको पुनरुक्ति अलंकार की जानकारी पसंद आयी होगी।

अलंकार की परिभाषा, भेद, प्रकार और उदाहरण

इस लेख में अलंकार की परिभाषा, अर्थ, भेद, परिभाषा और उदाहरण ( Figure of speech in Hindi ) आदि को छात्रों के अनुरूप लिखा जा रहा है। अलंकार व्याकरण का एक अंग है, जिसका साहित्य में प्रयोग किया जाता है। शब्दों के चमत्कार और प्रयोग के माध्यम से पूरे वाक्य में सुंदरता आती है यह अलंकार का प्रमुख गुण है। यह लेख छात्रों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। यह लेख किसी भी स्तर के विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होगा। विद्यालय तथा कॉलेज और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए भी , यह लेख ध्यान में रखकर लिखा जा रहा है। आशा करते हैं आपको इसका लाभ अवश्य मिल सके। अलंकार की परिभाषा, भेद, प्रकार और उदाहरण ( Figure of speech ) अलंकार का शाब्दिक अर्थ आभूषण माना गया है। जिस प्रकार रूपवती स्त्रियां अपने सुंदरता को और बढ़ाने के लिए आभूषण अथवा सौंदर्य प्रसाधन का प्रयोग करती हैं ठीक उसी प्रकार वाक्यों में सुंदरता लाने के लिए अलंकार का प्रयोग किया जाता है। इस के प्रयोग से शब्दों के चमत्कार से बढ़ जाती है और पाठक के मन पर अमिट छाप अथवा प्रभाव डालती है। अलंकार के भेद अलंकार के मुख्य रूप से दो भेद माने जाते हैं जिनके प्रयोग से काव्य की सौंदर्यता और अधिक बढ़ती है यह दो भेद है – १ शब्दालंकार, २ अर्थालंकार 1 – शब्दालंकार जिस वाक्य कविता अथवा साहित्य में शब्दों के माध्यम से उस वाक्य की कविता की अथवा साहित्य की सुंदरता बढ़ती हो वहां शब्दालंकार होता है। सामान्य अर्थ में समझें तो शब्दों का प्रयोग सांस्कृतिक शैली में किया जाता है जैसे – ” मिलि कालिंदी कूल कदंब की डारनि ” उपर्युक्त पंक्ति में आप देखेंगे शब्दों के चमत्कार से वाक्य की सुंदरता बढ़ रही है। 2 – अर्थालंकार जिस वाक्य अथवा कविता में उसके अर्थ ...