पूर्णिमा कब है 2023

  1. Guru Purnima 2023 Date, Guru Purnima Puja Shubh Muhrut, Kab Hai Guru Purnima
  2. guru purnima 2023 kab hai date time puja vidhi importance shubh muhrat
  3. Guru Purnima 2023:इस साल कब है गुरु पूर्णिमा? जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि
  4. Buddha Purnima 2023 Date and Timing: बुद्ध पूर्णिमा कब है? जानें शुभ मुहूर्त व पूजन विधि
  5. Guru Purnima 2023 Date: गुरु पूर्णिमा कब है, जानें पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व


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Guru Purnima 2023 Date, Guru Purnima Puja Shubh Muhrut, Kab Hai Guru Purnima

Guru Purnima 2023: पूर्णिमा तिथि की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है. आषाढ़ के मास में पड़ रही पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा कहते हैं और इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन ही वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. आमतौर पर पूर्णिमा (Purnima) पर खासतौर से पूजा-पाठ और स्नान-दान किया जाता है, लेकिन गुरु पूर्णिमा होने के चलते इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन विद्यार्थी अपने गुरु की सेवा करते हैं और गुरु को आदरभाव के साथ धन्यवाद देते हैं. गुरु पूर्णिमा कब है पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि 2 जुलाई की रात 8 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 3 जुलाई शाम 5 बजकर 8 मिनट पर होगा. उदया तिथि को देखते हुए 3 जुलाई के दिन के गुरु पूर्णिमा मनाई जाने वाली है. गुरु पूर्णिमा पर पूजा मान्यतानुसार गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आदर-सत्कार के साथ ही पूर्णिमा की पूजा भी की जाती है. पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान किया जाता है. बहुत से भक्त इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने जाते हैं. जो नदी तक स्नान करने नहीं जा सकते वे पानी में गंगाजल मिलाकर भी नहा सकते हैं. स्नान पश्चात भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और वेदों के रचयिता वेद व्यास का ध्यान किया जाता है. इसके पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. सूर्य देव को अर्घ्य देना भी इस दिन बेहद शुभ होता है. गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और वेद व्यास जी (Ved Vyas) की पूजा की जाती है. फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, दूर्वा और हल्दी आदि पूजा सामग्री म...

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Guru Purnima 2023: आषाढ़ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। मानव जाति के प्रति उनके योगदान को देखते हुए उनके जन्मोत्सव को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। महर्षि वेद व्यास ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था। इसलिए इन्हें प्रथम गुरु की उपाधि दी जाती है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा डेट,पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त औरमहत्व... गुरु पूर्णिमा डेट- 3 जुलाई, सोमवार। मुहूर्त- • पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ -जुलाई 02, 2023को08:21पी एमबजे • पूर्णिमा तिथि समाप्त -जुलाई 03, 2023को05:08पी एमबजे साल 2023 में कब मनाया जाएगा हनुमान जी का जन्मोत्सव? नोट कर लें डेट गुरु पूर्णिमा पूजा- विधि • इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। जो लोग पवित्र नदियों में स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं वेनहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें। • नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। • सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। • पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है। • इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें। • भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान...

Guru Purnima 2023:इस साल कब है गुरु पूर्णिमा? जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि

Guru Purnima 2023 Date, Puja Muhurat, Importance : आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसी दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। गुरु पूर्णिमा को वेदव्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। महर्षि वेद व्यास जी ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था, इसलिए महर्षि वेदव्यास जी को प्रथम गुरु माना जाता है। हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि गुरु ही भगवान के बारे में बताते हैं और भगवान की भक्ति का मार्ग दिखाते हैं। ऐसे में प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के तौर पर बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। चलिए जानते हैं इस साल गुरु पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि... गुरु पूर्णिमा पूजा विधि • गुरु पूर्णिमा वाले दिन गुरु की पूजा की जानी चाहिए। • इस दिन सुबह सबसे पहले स्नानादि के बाद साफ कपड़े पहनें। • फिर अपने घर के पूजा स्थल में लगे देवी-देवताओं की प्रतिमा को प्रणाम करते हुए उनकी विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करें। • इसके बाद पूजा स्थल पर रखें अपने गुरु की तस्वीर को माला फूल अर्पित कर उनका तिलक करें। • पूजन के बाद अपने गुरु के घर जाकर उनका पैर छूकर आशीर्वाद जरूर लें।

Buddha Purnima 2023 Date and Timing: बुद्ध पूर्णिमा कब है? जानें शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

• • Faith Hindi • Buddha Purnima 2023 Date and Timing: बुद्ध पूर्णिमा कब है? नोट कर लें डेट और जानें शुभ मुहूर्त व पूजन विधि Buddha Purnima 2023 Date and Timing: बुद्ध पूर्णिमा कब है? नोट कर लें डेट और जानें शुभ मुहूर्त व पूजन विधि Buddha Purnima 2023 Date and Timing: गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है और इसे बुद्ध जयंती भी कहते हैं. पुराणों में बुद्ध को भगवान विष्णु को नौवां अवतार कहा गया है. Buddha Purnima 2023 Date and Timing: वैसे तो हिंदू धर्म में प्रत्येक माह की आखिरी तिथि को पूर्णिम तिथि कहते हैं और इस दिन लोग व्रत व पूजा करते हैं. लेकिन वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि बेहद ही खास और महत्वपूर्ण होती हैं. इसे बुद्ध पूर्णिमा व बुद्ध जयंती कहा जाता है और हिंदू धर्म में इसका बड़ा महत्व माना गया है. क्योंकि भगवान बुद्ध को पुराणों में भगवान विष्णु का ही नौंवा अवतार कहा गया है. इसलिए बुद्ध जयंती को भारत में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस बार कब है बुद्ध जयंती और पूजा का शुभ मुहूर्त? Also Read: • • • बुद्ध पूर्णिमा 2023 कब है? वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. पंचांग के अनुसार इस बार वैशाख पूर्णिमा तिथि 4 मई को रात 11 बजकर 11 मिनट पर आरंभ होगी और इसका समापन 5 मई को सुबह 11 बजकर 3 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा 5 मई को मनाई जाएगी. इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 18 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 58 मिनट तक भी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त है. बता दें कि इस बार भगवान गौतम बुद्ध की 258वीं जयंती मनाई जाएग...

Guru Purnima 2023 Date: गुरु पूर्णिमा कब है, जानें पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

Guru Purnima 2023 Kab Hai: सनातन परंपरा में जिस गुरु का स्थान ईश्वर से भी ज्यादा माना गया है, उनकी पूजा के लिए हर साल आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा का दिन सबसे ज्यादा शुभ और फलदायी माना गया है. मान्यता है कि यदि इस दिन अपने गुरु की पूजा करने पर व्यक्ति को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. पंचांग के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा का महापर्व 03 जुलाई 2023, सोमवार को मनाया जाएगा. हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है. यही कारण है कि इस पावन पर्व को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. आइए गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि और उसका धार्मिक महत्व जानते हैं. गुरु पूर्णिमा 2023 का शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 02 जुलाई 2023 को सायंकाल 08:21 बजे से प्रारंभ होकर 03 जुलाई 2023 को सायंकाल 05:08 बजे तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के आधार पर गुरु पूजन का महापर्व इस साल 03 जुलाई 2023 को मनाया जाएगा. कैसे करें गुरू का पूजन हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन व्यक्ति को अपने गुरू की पूजा करने के लिए स्नान-ध्यान करने के बाद उनके स्थान पर जाकर उन्हें प्रणाम करके विधि-विधान से पूजन करना चाहिए. यदि आप गुरु दिवंगत हो चुके हैं या फिर आप किसी कारण से अपने गुरु के पास उनके स्थान पर नहीं जा सकते हैं तो आप अपने घर में ही पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ उनके चित्र का पुष्प, चंदन, धूप, दीप आदि से पूजन करें. गुरु पूजा करने के बाद उसमें हुई भूलचूक के लिए माफी मांगते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त करें. गुरु पूर्णिमा पर इन बातों का रखें ध्यान • हिंदू मान्यता के अनुसार जिस गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से ...