राइट टू हेल्थ बिल क्या होता है

  1. Right To Health Bill Kya Hai Hindi
  2. राइट टू हेल्थ बिल क्या है फायदे और नुकसान
  3. Rajasthan Politics: देश में 'राइट टू हेल्थ' बिल पास करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान, प्राइवेट अस्पतालों में भी होगा मुफ्त इलाज, डॉक्टरों ने किया विरोध
  4. Right To Health Bill:राजस्थान का राइट टू हेल्थ बिल क्या है जिसके विरोध में डॉक्टर, जनता को इससे कितना फायदा?
  5. Explainer : क्या है राइट टू हेल्थ बिल, जिसे लेकर गहलोत और डॉक्टर्स के बीच ठनी
  6. Right To Health Bill Kya Hai Hindi
  7. राइट टू हेल्थ बिल क्या है फायदे और नुकसान
  8. Rajasthan Politics: देश में 'राइट टू हेल्थ' बिल पास करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान, प्राइवेट अस्पतालों में भी होगा मुफ्त इलाज, डॉक्टरों ने किया विरोध
  9. राजस्थान का राइट टू हेल्थ बिल क्या है ?
  10. Explainer : क्या है राइट टू हेल्थ बिल, जिसे लेकर गहलोत और डॉक्टर्स के बीच ठनी


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Right To Health Bill Kya Hai Hindi

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राइट टू हेल्थ बिल क्या है फायदे और नुकसान

“Right to Health” एक ड्राफ्ट है जो एक देश / राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने और लोगों को संबंधित विषयों के बारे में जागरूक करने के लिए बनाया जाता है। इस विधेयक के माध्यम से, सरकार अपने नागरिकों के लिए उचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करती है और संबंधित बिलों, नियमों और विधियों को संशोधित या नए बनाए जाते हैं। यह एक मूल्यांकन है जो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संवैधानिक अधिकार या “राइट टू हेल्थ” को प्रतिबद्ध करता है। यदि आप राइट टू हेल्थ बिल राजस्थान — क्या है ? Right To Health Bill के फायदे क्या हैं, राइट टू हेल्थ बिल के नुकसान क्या है से संबंधित तमाम जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं. तो आप यह आर्टिकल विस्तार से एवं अंत तक जरूर पढ़ें। 6 डॉक्टरों द्वारा राइट टू हेल्प बिल का विरोध क्यों राइट टू हेल्थ बिल राजस्थान क्या है ? राजस्थान सरकार ने 21 मार्च 2023 को राज्य विधानसभा में नागरिकों को स्वास्थ्य से संबंधित बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण राइट टू हेल्थ बिल / Right to Health Bill पास किया है। इस बिल के तहत राजस्थान के प्रत्येक निवासी को राज्य के किसी भी हेल्थ इंस्टिट्यूट या अस्पताल में बिना पूर्व भुगतान के आपातकालीन इलाज के साथ ही निशुल्क इलाज का लाभ उठाने का अधिकार है। यह विधेयक किसी भी अस्पताल में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाओं और रोगी विभाग (आईपीडी) सेवाओं, कन्सल्टेशन, दवा और डायग्नोस्टिक का निशुल्क इलाज की सुविधा लेने का अधिकार देता है। आमजन को ऐसी चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन चुका है। राइट टू हेल्थ बिल के फायदे “राइट टू हेल्थ बिल” Right to Health Bill का मकसद लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए उपलब्ध सुविधाओं...

Rajasthan Politics: देश में 'राइट टू हेल्थ' बिल पास करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान, प्राइवेट अस्पतालों में भी होगा मुफ्त इलाज, डॉक्टरों ने किया विरोध

Rajasthan Politics: देश में ‘राइट टू हेल्थ’ बिल पास करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान, प्राइवेट अस्पतालों में भी होगा मुफ्त इलाज, डॉक्टरों ने किया विरोध Ashok Gehlot Government: राजस्थान में ‘राइट टू हेल्थ’ सरकार का महत्वाकांक्षी बिल है जिसके तहत राज्य के किसी भी मरीज के पास पैसे नहीं होने पर उसके इलाज के लिए इनकार नहीं किया जा सकता है. Right to Health Bill: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है. जिसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं. इसी बीच प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने एक बड़ा दांव चला है और जनता को एक बड़ा तोहफा दिया है. जो आने वाले चुनाव में उसकी जीत के लिए बड़ा दांव हो सकता है. कांग्रेस चुनाव से पहले ही जनता को काफी तोहफे दे चुकी है. कुछ समय पहले सरकार ने गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये कर दी थी, जिसके लिए कांग्रेस के नेता खूब पीठ थपथपा रहे थे. वहीं कांग्रेस ने अब राइट टू हेल्थ बिल (Right to Health Bill) को विधानसभा में पास करा दिया है. इस बिल का विपक्षी पार्टी बीजेपी ने जमकर विरोध किया था. इसके बावजूद भी गहलोत सरकार ने ‘राइट टू हेल्थ’ बिल को सदन में पास करा दिया. इसके बाद अब मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सकेगी. ‘राइट टू हेल्थ’ बिल पास करने वाला देश का पहला राज्य बना राजस्थान राजस्थान में ‘राइट टू हेल्थ’ सरकार का महत्वाकांक्षी बिल है, जिसके तहत राज्य के किसी भी मरीज के पास पैसे नहीं होने पर उसका इलाज किसी भी अस्पताल में मुफ्त में किया जाएगा और इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. इस ऐलान के साथ ही राजस्थान ‘राइट टू हेल्थ’ बिल पारित करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. इस राज्य के किसी भी निवासी को सरकारी या प्र...

Right To Health Bill:राजस्थान का राइट टू हेल्थ बिल क्या है जिसके विरोध में डॉक्टर, जनता को इससे कितना फायदा?

Right to Health Bill: राजस्थान का राइट टू हेल्थ बिल क्या है जिसके विरोध में डॉक्टर, जनता को इससे कितना फायदा? राजस्थान का राइट टू हेल्थ बिल क्या है? राइट टू हेल्थ बिल 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में सत्ताधारी दल कांग्रेस के चुनावी वादों में से एक था। पहली बार वित्त वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिल को लाने की घोषणा की। इसके मुताबिक, सितंबर 2022 में विधेयक को विधानसभा में पेश किया गया लेकिन अनिवार्य मुफ्त आपातकालीन उपचार के प्रावधान सहित कई अन्य कारणों से यह आगे नहीं बढ़ सका। भारी विरोध के चलते बिल विधेयक को प्रवर समिति को भेजा दिया गया। अब चालू बजट सत्र में मंगलवार को इसे पारित किया गया। इस बिल से लोगों को क्या मिलेगा? अस्पतालों में उपचार के लिए मरीजों को मना नहीं किया जाए इसीलिए राइट टू हेल्थ विधेयक लाया गया है। इसके अंतर्गत इमरजेंसी में इलाज का खर्चा सम्बन्धित मरीज द्वारा वहन नहीं करने की स्थिति में भरपाई राज्य सरकार करेगी। राइट टू हेल्थ विधेयक के तहत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण लॉजिस्टिकल शिकायत का भी गठन किया गया है। साथ ही, जिला स्तरीय प्राधिकरण का प्रावधान भी किया गया है। बड़े अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा रियायती दर पर जमीनें उपलब्ध करवाई गई हैं। इन अस्पतालों को राइट टू हेल्थ विधेयक के अंतर्गत जोड़ने का प्रावधान है। इस बिल में राज्य के निवासियों के लिए कुछ अधिकार देने के प्रावधान हैं, जैसे:- क) निवासियों को स्वयं को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जानकारी लेने का अधिकार। ख) निर्धारित सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त परामर्श, दवाओं, उपचार, आपातकालीन परिवहन और आपातकालीन देखभाल का अधिकार। ग) निवासियों को अधिसूचित सभी सार्वजनिक अस्पतालों में सर्जरी...

Explainer : क्या है राइट टू हेल्थ बिल, जिसे लेकर गहलोत और डॉक्टर्स के बीच ठनी

मैनपुरी में 8 साल का बच्चा नानी को बता रहा पत्नी, पूर्वजन्म का किया जा रहा दावा © नवभारत टाइम्स द्वारा प्रदत्त Right to health bill जयपुर: राजस्थान सरकार प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देने के लिए राइट टू हेल्थ बिल के तहत कानून बनाने जा रही है। बिल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है । पिछले विधानसभा सत्र में इसे पेश भी किया था लेकिन प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर इस बिल का विरोध कर रहे हैं। राइट टू हेल्थ के बिल को निजी अस्पतालों के डॉक्टर राइट टू किल बता रहे हैं। सोमवार 20 मार्च को निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स इसका विरोध जताने के लिए सड़क पर उतरे थे। जयपुर मेडिकल एसोसिएशन के कार्यालय में बैठक के बाद डॉक्टर त्रिमूर्ति सर्किल होते हुए स्टेच्यू सर्किल पहुंचे। पुलिस ने यहीं पर डॉक्टर्स को रोक दिया तो वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद ही डॉक्टर और पुलिस आमने सामने हो गए। इस दौरान डॉक्टर्स पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज में कई डॉक्टर्स को चोटें आई। कई डॉक्टरों के कपड़े फट गए और कई के चश्मे टूट गए। लाठीचार्ज से चोटिल हुए कुछ डॉक्टर्स लहूलुहान भी हो गए। इनमें कई महिला डॉक्टर भी शामिल हैं। प्रदेश में हुए इस घटनाक्रम के बाद बहुत से लोगों के मन में यह उत्सुकता है कि आखिरकार ये कौन सा बिल है, जिसकी वजह से डॉक्टरों को आज पुलिस की लाठियों का सामना करना पड़ा। पढ़िये नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की यह खबर, इसमें बिल से लेकर उसके विरोध होने की वजह तक को हम आपके साथ साझा कर रहे हैं। जानिए क्यों हो रहा है विरोध स्वास्थ्य का अधिकार कानून (Right to health bill) के तहत प्राइवेट अस्पताल इलाज के लिए बाध्य हो जाएंगे। नया कानून आने के बाद निजी अस्पताल बिना किसी पेमेंट ...

Right To Health Bill Kya Hai Hindi

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राइट टू हेल्थ बिल क्या है फायदे और नुकसान

“Right to Health” एक ड्राफ्ट है जो एक देश / राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने और लोगों को संबंधित विषयों के बारे में जागरूक करने के लिए बनाया जाता है। इस विधेयक के माध्यम से, सरकार अपने नागरिकों के लिए उचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करती है और संबंधित बिलों, नियमों और विधियों को संशोधित या नए बनाए जाते हैं। यह एक मूल्यांकन है जो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संवैधानिक अधिकार या “राइट टू हेल्थ” को प्रतिबद्ध करता है। यदि आप राइट टू हेल्थ बिल राजस्थान — क्या है ? Right To Health Bill के फायदे क्या हैं, राइट टू हेल्थ बिल के नुकसान क्या है से संबंधित तमाम जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं. तो आप यह आर्टिकल विस्तार से एवं अंत तक जरूर पढ़ें। 6 डॉक्टरों द्वारा राइट टू हेल्प बिल का विरोध क्यों राइट टू हेल्थ बिल राजस्थान क्या है ? राजस्थान सरकार ने 21 मार्च 2023 को राज्य विधानसभा में नागरिकों को स्वास्थ्य से संबंधित बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण राइट टू हेल्थ बिल / Right to Health Bill पास किया है। इस बिल के तहत राजस्थान के प्रत्येक निवासी को राज्य के किसी भी हेल्थ इंस्टिट्यूट या अस्पताल में बिना पूर्व भुगतान के आपातकालीन इलाज के साथ ही निशुल्क इलाज का लाभ उठाने का अधिकार है। यह विधेयक किसी भी अस्पताल में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाओं और रोगी विभाग (आईपीडी) सेवाओं, कन्सल्टेशन, दवा और डायग्नोस्टिक का निशुल्क इलाज की सुविधा लेने का अधिकार देता है। आमजन को ऐसी चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन चुका है। राइट टू हेल्थ बिल के फायदे “राइट टू हेल्थ बिल” Right to Health Bill का मकसद लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए उपलब्ध सुविधाओं...

Rajasthan Politics: देश में 'राइट टू हेल्थ' बिल पास करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान, प्राइवेट अस्पतालों में भी होगा मुफ्त इलाज, डॉक्टरों ने किया विरोध

Rajasthan Politics: देश में ‘राइट टू हेल्थ’ बिल पास करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान, प्राइवेट अस्पतालों में भी होगा मुफ्त इलाज, डॉक्टरों ने किया विरोध Ashok Gehlot Government: राजस्थान में ‘राइट टू हेल्थ’ सरकार का महत्वाकांक्षी बिल है जिसके तहत राज्य के किसी भी मरीज के पास पैसे नहीं होने पर उसके इलाज के लिए इनकार नहीं किया जा सकता है. Right to Health Bill: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है. जिसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं. इसी बीच प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने एक बड़ा दांव चला है और जनता को एक बड़ा तोहफा दिया है. जो आने वाले चुनाव में उसकी जीत के लिए बड़ा दांव हो सकता है. कांग्रेस चुनाव से पहले ही जनता को काफी तोहफे दे चुकी है. कुछ समय पहले सरकार ने गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये कर दी थी, जिसके लिए कांग्रेस के नेता खूब पीठ थपथपा रहे थे. वहीं कांग्रेस ने अब राइट टू हेल्थ बिल (Right to Health Bill) को विधानसभा में पास करा दिया है. इस बिल का विपक्षी पार्टी बीजेपी ने जमकर विरोध किया था. इसके बावजूद भी गहलोत सरकार ने ‘राइट टू हेल्थ’ बिल को सदन में पास करा दिया. इसके बाद अब मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सकेगी. ‘राइट टू हेल्थ’ बिल पास करने वाला देश का पहला राज्य बना राजस्थान राजस्थान में ‘राइट टू हेल्थ’ सरकार का महत्वाकांक्षी बिल है, जिसके तहत राज्य के किसी भी मरीज के पास पैसे नहीं होने पर उसका इलाज किसी भी अस्पताल में मुफ्त में किया जाएगा और इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. इस ऐलान के साथ ही राजस्थान ‘राइट टू हेल्थ’ बिल पारित करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. इस राज्य के किसी भी निवासी को सरकारी या प्र...

राजस्थान का राइट टू हेल्थ बिल क्या है ?

राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश के नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्रदान करने के लिए राइट टू हेल्थ बिल (Right to Health Bill) पास किया गया है। राइट टू हेल्थ बिल प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं में मील का पत्थर माना जा रहा है चूँकि इस बिल के पास होने होने के पश्चात प्रदेश के नागरिकों को स्वास्थ्य का अधिकार (Right to Health) मिल गया है। हालाँकि बिल के पास होते ही प्रदेश भर के डॉक्टर्स हड़ताल और विरोध-प्रदर्शन करके इस बिल को वापस लेने की माँग कर रहे है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको राजस्थान का राइट टू हेल्थ बिल क्या है ? (Rajasthan Right To Health Bill 2023) सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करने वाले है। इस आर्टिकल के माध्यम से आपको राइट टू हेल्थ बिल (Right To Health Bill Rajasthan2023) क्या है ? इस बिल के मुख्य प्रावधान क्या है एवं इससे आम जनता को क्या लाभ होगा सम्बंधित बिन्दुओ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने वाले है। यहाँ भी देखें -->> • Right To Health Bill Kya Hai राजस्थान विधानसभा द्वारा 21 मार्च 2023 को प्रदेश में राजस्थान राइट टू हेल्थ बिल ( Rajasthan Right To Health Bill 2023) पास किया गया है जिसके तहत प्रदेश के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य का अधिकार ( Right To Health) प्रदान किया गया है। इस बिल के तहत प्रदेश के सभी नागरिको को सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, सरकारी अस्पतालों एवं निजी अस्पतालों सहित सभी प्रकार के स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सकेगा। इस प्रावधान के तहत सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया गए है की प्रदेश के सभी निवासियों को सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएँ मुफ्त उपलब्ध हो सके। राइट टू हेल्थ बिल (RTH Bill Rajasthan...

Explainer : क्या है राइट टू हेल्थ बिल, जिसे लेकर गहलोत और डॉक्टर्स के बीच ठनी

बिपरजोय तूफ़ान की तबाही तस्वीरों में देखिए © नवभारत टाइम्स द्वारा प्रदत्त Right to health bill जयपुर: राजस्थान सरकार प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देने के लिए राइट टू हेल्थ बिल के तहत कानून बनाने जा रही है। बिल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है । पिछले विधानसभा सत्र में इसे पेश भी किया था लेकिन प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर इस बिल का विरोध कर रहे हैं। राइट टू हेल्थ के बिल को निजी अस्पतालों के डॉक्टर राइट टू किल बता रहे हैं। सोमवार 20 मार्च को निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स इसका विरोध जताने के लिए सड़क पर उतरे थे। जयपुर मेडिकल एसोसिएशन के कार्यालय में बैठक के बाद डॉक्टर त्रिमूर्ति सर्किल होते हुए स्टेच्यू सर्किल पहुंचे। पुलिस ने यहीं पर डॉक्टर्स को रोक दिया तो वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद ही डॉक्टर और पुलिस आमने सामने हो गए। इस दौरान डॉक्टर्स पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज में कई डॉक्टर्स को चोटें आई। कई डॉक्टरों के कपड़े फट गए और कई के चश्मे टूट गए। लाठीचार्ज से चोटिल हुए कुछ डॉक्टर्स लहूलुहान भी हो गए। इनमें कई महिला डॉक्टर भी शामिल हैं। प्रदेश में हुए इस घटनाक्रम के बाद बहुत से लोगों के मन में यह उत्सुकता है कि आखिरकार ये कौन सा बिल है, जिसकी वजह से डॉक्टरों को आज पुलिस की लाठियों का सामना करना पड़ा। पढ़िये नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की यह खबर, इसमें बिल से लेकर उसके विरोध होने की वजह तक को हम आपके साथ साझा कर रहे हैं। जानिए क्यों हो रहा है विरोध स्वास्थ्य का अधिकार कानून (Right to health bill) के तहत प्राइवेट अस्पताल इलाज के लिए बाध्य हो जाएंगे। नया कानून आने के बाद निजी अस्पताल बिना किसी पेमेंट के इलाज के लिए बाध्य हो जाएंगे। इसी क...