राजस्थान की जलवायु

  1. राजस्थान की जलवायु pdf
  2. सहायक कृषि अधिकारी बोले
  3. राजस्थान की जलवायु वार्षिक वर्षा Climate Rajasthan In Hindi
  4. राजस्थान की जलवायु: लू, मावठ क्या है – Studywhiz


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राजस्थान की जलवायु pdf

राजस्थान की जलवायु जलवायु:- किसी क्षेत्र विषेष में एक लम्बी अवधि के दौरान मौसम की औसत अवस्था जलवायु कहलाती है। मौसम:- किसी क्षेत्र विषेष में छोटी अवधि के दौरान वातावरण की औरत दषा को मौसम कहा जाता है। जलवायु को प्रभावित करने वाले तत्व:- 1. वायु की गति 2. वायु में नमी/आर्द्रता 3. तापमान 4. वर्षा राजस्थान की जलवायु की विषेषताएॅं:- 1. राजस्थान की जलवायु गर्म (उष्ण) षुल्क प्रकार की है। 2. राजस्थान के द.पूर्व में अधिक वर्षा व उतर पष्चिम में कम वर्षा होती है। 3. राजस्थान के द.पूर्व में अधिक वर्षा उतर पूर्व की ओर क्रमषः घटती जाती है। 4. राजस्थान में वर्षा की अनियमितता व अनिष्चितता के कारण अधिकाषतः सुखे की स्थिति बनी रहती है। राजस्थान में जलवायु का अध्ययन करने पर तीन प्रकार की ऋतुएं पाई जाती हैः- 1. ग्रीष्म ऋतु: (मार्च से मध्य जून तक) 2. वर्षा ऋतु : (मध्य जून से सितम्बर तक) 3. शीत ऋतु : (नवम्बर से फरवरी तक) ग्रीष्म ऋतु:- राजस्थान में मार्च से मध्य जून तक ग्रीष्म ऋतु होती है। इसमें मई व जून के महीने में सर्वाधिक गर्मी पड़ती है। इस समय राजस्थान का औरत तापमान 44 0C होता है किन्तु गंगानगर, चुरू व बीकानेर का तापमान 50 0C तक हो जाता है। अधिक गर्मी के वायु मे नमी समाप्त हो जाती है। परिणाम स्वरूप वायु हल्की होकर उपर चली जाती है। अतः राजस्थान में निम्न वायुदाब का क्षेत्र बनता है परिणामस्वरूप उच्च वायुदाब से वायु निम्न वायुदाब की और तेजगति से आती है इससे गर्मियों में आंधियों का प्रवाह बना रहता है। राजस्थान में 35 दिनों तक आंधियां आती है। सर्वाधिक आंधियां गंगानगर जिले में आती है (28 दिनों तक) इस समय पश्चिमी राजस्थान में गर्म व षुष्क हवाये चलती है। जिन्हे "लू" कहा जाता है। पश्चिमी राजस्थान में...

सहायक कृषि अधिकारी बोले

गंगापुर कृषि विभाग में सहायक कृषि अधिकारी पिंटू लाल मीणा का कहना है कि राजस्थान की जलवायु केसर के अनुकूल नहीं है। केसर के लिए अधिकतम 15 डिग्री तापमान चाहिए। वहीं कुसुम के पौधे 30 से 40 डिग्री तापमान भी सहन कर लेते हैं। केसर की पैदावार 8 बीघा में ज्यादा से ज्यादा 1 किलो होती है। जबकि कुसुम एक बीघा में 15 से 20 किलो तक पैदा होती है। केसर सुगंधित होती है और इसका उपयोग खाने और सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादों में किया जाता है। इसके उल्ट कुसुम में कोई सुगंध नहीं होती है। इसका उपयोग प्राकृतिक रंग निकालने तेल और साबुन बनाने के अलावा अन्य कई उत्पादों में किया जाता है| असली केसर का भाव डेढ़ से दो लाख रुपए प्रति किलो कृषि अधिकारी मीणा ने बताया कि आईआईटी कानपुर के एक सर्वे के अनुसार केसर भारत में मुख्य रूप से जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले और पुलवामा जिले में पंपों में होती है। इन दोनों जगहों पर हर साल करीब 18 किलो केसर पैदा होती है। असली केसर का भाव डेढ़ से दो लाख रुपए प्रति किलो तक है। वहीं कुसुम के बीजों का भाव 3 से 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल है। डिक्शनरी में अमेरिकन केसर नाम का कोई शब्द नहीं मीणा का दावा है कि कृषि की डिक्शनरी में अमेरिकन केसर नाम का कोई शब्द ही नहीं है। सर्च इंजन गूगल पर भी अमेरिकन केसर के ऊपर कुसुम के पौधे और फूलों का ही विवरण मिलता है। मीणा बताते हैं कि असली केसर के नाम पर अमेरिकन केसर बताकर लोगों से धोखाधड़ी की जा रही है। यह धोखाधड़ी केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में हो रही है इसलिए केसर की फसल के लिए कोई भी कदम उठाने से पहले कृषि विभाग के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें और बीज का लैबोरेट्री से परीक्षण करव...

राजस्थान की जलवायु वार्षिक वर्षा Climate Rajasthan In Hindi

राजस्थान की जलवायु एवं वार्षिक वर्षा Climate Of Rajasthan In Hindi पश्चिम भारत में स्थित राजस्थान की जलवायु शुष्क और अर्द्ध शुष्क श्रेणी में आती हैं. अत्यधिक गर्मी तुलनात्मक रूप से कम वार्षिक वर्षा राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में होती हैं. आज हम राजस्थान की जलवायु क्लाइमेट और वर्षा वितरण को विस्तार से जानेगे. राजस्थान की जलवायु एवं वार्षिक वर्षा Climate Of Rajasthan In Hindi गर्मियों में राजस्थान तेज रेत के बवंडर यहाँ की जलवायु का परिचय कराते हैं इन बवंडरों को भभुल्या क़हा जाता हैं. गर्मियों में राजस्थान के पश्चिमी भाग में कम वायुदाब होने के कारण यह उच्च वायुदाबीय पवनों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं. राजस्थान में जलवायु का प्रकार व ऋतुएँ राजस्थान की जलवायुविस्तृत रूप से मानसूनी जलवायु का ही भाग है. लेकिन यहाँ अनेक स्थानीय विषमताएं पाई जाती है. अधिकाँश राजस्थान शीतोष्ण जलवायु कटिबंध में आता है. राज्य की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों में अक्षांशीय स्थति, समुद्र से दूरी, उंचाई, पर्वतीय दिशा, पवनों की दिशा, मिटटी का प्रकार व वनस्पति की मात्रा आदि महत्वपूर्ण है. राजस्थान को जलवायु की दृष्टि से पांच भागों में बाटा है। • शुष्क जलवायु प्रदेश(0-20 सेमी.) • अर्द्धशुष्क जलवायु प्रदेश(20-40 सेमी.) • उपआर्द्र जलवायु प्रदेश(40-60 सेमी.) • आर्द्र जलवायु प्रदेश(60-80 सेमी.) • अति आर्द्र जलवायु प्रदेश(80-100 सेमी.) परम्परागत रूप से राजस्थान की जलवायु के आधार पर मुख्य रूप से तीन ऋतुओं में बांटा जाता है. Telegram Group • ग्रीष्म ऋतु (summer season) • वर्षा ऋतु (Rainy Season) • शीत ऋतु(winter season) भारत सरकार के मौसम विभाग द्वारा मानसून काल को आधार बनाकर वर्ष को निम्न ऋतुओं में बांटा गया ह...

राजस्थान की जलवायु: लू, मावठ क्या है – Studywhiz

राजस्थान की जलवायु राजस्थान की जलवायु शुष्क से उप-आर्द्र मानसूनी जलवायु है। अरावली के पश्चिम में न्यून वर्षा, उच्च दैनिक एवं वार्षिक तापान्तर, निम्न आर्द्रता तथा तीव्र हवाओं युक्त शुष्क जलवायु है। दूसरी ओर अरावली के पूर्व में अर्द्धशुष्क एवं उप-आर्द्र जलवायु है। अक्षांशीय स्थिति, समुद्र से दूरी, समुद्रतल से ऊँचाई, अरावली पर्वत श्रेणियों की स्थिति एवं दिशा, वनस्पति आवरण आदि यहाँ की जलवायु को प्रभावित करते हैं। राजस्थान की जलवायु की प्रमुख विशेषताएँ हैंः (1) शुष्क एवं अर्द्ध-शुष्क जलवायु की प्रधानता। (2) अपर्याप्त एवं अनिश्चित वर्षा। (3) वर्षा का असमान वितरण। (4) अधिकांश वर्षा जून से सितम्बर तक। (5) वर्षा की परिवर्तनशीलता एवं न्यूनता के कारण सूखा एवं अकाल की स्थिति अधिक होना, आदि। ऋतुएं भारतीय जलवायु के समान, राजस्थान की जलवायु का अध्ययन भी ऋतुओं के अनुसार किया जाता है। राज्य की जलवायु का स्वरूप निम्नलिखित तीन ऋतुओं से स्पष्ट होता है- • ग्रीष्म ऋतु (मार्च से मध्य जून) • वर्षा ऋतु (मध्य जून से सितम्बर) • शीत ऋतु (अक्टूबर से फरवरी) 1. ग्रीष्म ऋतु (मार्च से मध्य जून) ग्रीष्म ऋतु का प्रारम्भ मार्च से हो जाता है और इस समय सूर्य के उत्तरायण में होने के कारण क्रमिक रूप से तापमान में वृद्धि होने लगती है। मई-जून में सम्पूर्ण राजस्थान में उच्च तापमान हो जाता है। सम्पूर्ण राजस्थान विशेषकर पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाडमेर, बीकानेर, जोधपुर, चूरू आदि में 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है। पूर्वी राजस्थान के जयपुर, दौसा, अलवर, सीकर तथा अजमेर, टोंक, चित्तौड़गढ़, डूँगरपुर, बाँसवाड़ा, में तापमान 36 डिग्री से. से 40 डिग्री से. होता है। दक्षिणी अरावली के उच्च भागों में ऊँचाई के कारण तापमान कम ...