रामेश्वर मंदिर कहां है

  1. रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु
  2. रामेश्वरम के दर्शन से मिलेगा यज्ञ और तप का फल, जानें इस तीर्थस्थल के बारें में ये 10 खास बातें।
  3. रामेश्वरम मंदिर के इतिहास, दर्शन पूजन और यात्रा के बारे में संपूर्ण जानकारी
  4. रामेश्वरम मंदिर के इतिहास, दर्शन पूजन और यात्रा के बारे में संपूर्ण जानकारी
  5. रामेश्वरम के दर्शन से मिलेगा यज्ञ और तप का फल, जानें इस तीर्थस्थल के बारें में ये 10 खास बातें।
  6. रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु


Download: रामेश्वर मंदिर कहां है
Size: 19.72 MB

रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु

• रामेश्वरम मंदिर के पास ही कई अन्य हिन्दू तीर्थ स्थल हैं, जैसे कि हनुमानकुंड, अमृतवाटिका और बरामतीर्थ आदि। भक्तों का यहाँ जाना भी ज़रुरी बताया गया है। भारत के तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम द्वीप पर और इसके आस-पास कुल मिलाकर 64 तीर्थ है। स्कंद पुराण के अनुसार, इनमे से 24 ही महत्वपूर्ण तीर्थ है। रामेश्वरम के इन तीर्थो में नहाना काफी शुभ माना जाता है और इन तीर्थो को भी प्राचीन समय से काफी प्रसिद्ध माना गया है। • रामेश्वरम मंदिर के बारे में क्या खास है? रामनाथस्वामी मंदिर शहर का सबसे उल्लेखनीय ऐतिहासिक स्थल है। शहर के केंद्र में स्थित, रामनाथस्वामी मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है, जहां शिव की पूजा एक ज्योतिर्लिंग के रूप में की जाती है जिसका अर्थ है “प्रकाश का स्तंभ”। • रामेश्वरम मंदिर खुलने और बंद होने का समय क्या है ?? सुबह के मंदिर का समय सुबह 06:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक है। मंदिर बंद दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 03:00 बजे तक है। शाम के मंदिर का समय दोपहर 03:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक है। • रामेश्वरम मंदिर निकटतम हवाई अड्डा कौन सा है ? लगभग 177 किलोमीटर दूर, मदुरै हवाई अड्डा रामेश्वरम से निकटतम हवाई अड्डा है। हवाई अड्डा नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। • रामेश्वरम मंदिर निकटतम रेलवे स्टेशन कौन सा है ? (RMM)RAMESWARAM RAILWAY STATION

रामेश्वरम के दर्शन से मिलेगा यज्ञ और तप का फल, जानें इस तीर्थस्थल के बारें में ये 10 खास बातें।

रामेश्वरम के दर्शन – हिंदू धर्म के अनुसार जो व्यक्ति चार धामों की यात्रा कर लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। भारतीय धर्मग्रंथों में बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम यात्रा का अपना ही महत्व है। आज हम आपको रामेश्वरम यात्रा के बारे में कुछ ऐसी ही 10 खास बातें बताने वाले हैं, जो उसे अन्य तीन धामों जुदा बनाती है। रामेश्वरम के दर्शन – 2. रामेश्वरम की यात्रा करने से मनुष्य के समस्त पाप दूर हो जाते हैं। रामेश्वरम मंदिर पर्यटन स्थल के नाम से भी मशहूर है। इसके चलते आज के समय में रामेश्वरम को धार्मिक स्थल के साथ-साथ पर्यटन के रूप में भी काफी विकसित किया गया है। यहां हर साल देश—विदेश से लाखों पर्यटक आते हैं। 3. रामेश्वरम में श्री रामनाथस्वामी का भव्य मंदिर भी है। यह मंदिर लगभग 4 फुट लंबा, 650 फुट चौड़ा और 125 फुट ऊंचा है। सागर तट पर बने इस शानदार मंदिर के चारों तरफ ऊंची चार दीवारी है। 4. हिंदू धर्म के अनुसार उत्तराखंड के गंगोत्री से लेकर गंगाजल लेकर रामेश्वर ज्योतिर्लिंग पर अर्पित करने का अपना विशिष्ट महत्व है। शास्त्रों के अनुसार रामेश्वर पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों के पास यदि गंगा जल उपलब्ध नहीं है, तो वह यहां के पंड़ितों से गंगाजल दे देते हैं। 5. पुराणों में रामेश्वरम का नाम गंधमादन है। यहां से थोड़ी ही दूर पर सटा एक अन्य मंदिर है। कहां जाता है कि श्री रामचंद्र ने लंका युद्ध के पश्चात अपने बाल यही पर धोए था। 6. रामचंद्र ने यहां नवग्रह स्थापना की थी। सेतुबांध यहीं से प्रारंभ हुआ था और यही पर मां दुर्गा ने महिषासुर का वध भी किया था। 7. हम में से अधिकतर लोग रामेश्वर मंदिर के इतिहास से अभी परिचित नहीं हैं। यह रामेश्वर मंदिर रामनाथस्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता ह...

रामेश्वरम मंदिर के इतिहास, दर्शन पूजन और यात्रा के बारे में संपूर्ण जानकारी

3.7/5 - (14 votes) Rameshwaram Temple In Hindi: रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह मंदिर हिंदूओं का एक पवित्र मंदिर है और इसे चार धामों में से एक माना जाता है। रामेश्वरम मंदिर को रामनाथ स्वामी मंदिर (Ramanathaswamy Temple) के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। जिस तरह से उत्तर भारत में काशी का महत्व है, ठीक उसी तरह दक्षिण भारत में रामेश्वरम का भी महत्व है। रामेश्वरम हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से चारों ओर से घिरा है एवं शंख के आकार का द्वीप है। सदियों पहले यह द्वीप भारत की मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ था लेकिन धीरे धीरे सागर की तेज लहरों से कटकर यह अलग हो गया, जिससे यह टापू चारों तरफ से पानी से घिर गया। बाद में एक जर्मन इंजीनियर ने रामेश्वरम को जोड़ने के लिए एक पुल का निर्माण किया था। • • • • • • • • 1. रामेश्वरम मंदिर का इतिहास – History Of Rameshwaram Temple In Hindi माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने श्रीलंका से लौटते समय देवों के देव महादेव (Lord Shiva) की इसी स्थान पर पूजा की थी। इन्हीं के नाम पर रामेश्वर मंदिर और रामेश्वर द्वीप का नाम पड़ा। ऐसी मान्यता है कि रावण का वध करने के बाद भगवान राम अपनी पत्नी देवी सीता के साथ रामेश्वरम के तट पर कदम रखकर ही भारत लौटे थी। एक ब्राह्मण को मारने के दोष को खत्म करने के लिए भगवान राम शिव की पूजा करना चाहते थे। चूंकि द्वीप में कोई मंदिर नहीं था, इसलिए भगवान शिव की मूर्ति लाने के लिए श्री हनुमान को कैलाश पर्वत भेजा गया था। जब हनुमान समय पर शिवलिंग लेकर नहीं पहुंचे तब देवी सीता ने समुद्र की रेत को मुट्ठी में बांधकर शिवलिंग बनाया और भगवान र...

रामेश्वरम मंदिर के इतिहास, दर्शन पूजन और यात्रा के बारे में संपूर्ण जानकारी

3.7/5 - (14 votes) Rameshwaram Temple In Hindi: रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह मंदिर हिंदूओं का एक पवित्र मंदिर है और इसे चार धामों में से एक माना जाता है। रामेश्वरम मंदिर को रामनाथ स्वामी मंदिर (Ramanathaswamy Temple) के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। जिस तरह से उत्तर भारत में काशी का महत्व है, ठीक उसी तरह दक्षिण भारत में रामेश्वरम का भी महत्व है। रामेश्वरम हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से चारों ओर से घिरा है एवं शंख के आकार का द्वीप है। सदियों पहले यह द्वीप भारत की मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ था लेकिन धीरे धीरे सागर की तेज लहरों से कटकर यह अलग हो गया, जिससे यह टापू चारों तरफ से पानी से घिर गया। बाद में एक जर्मन इंजीनियर ने रामेश्वरम को जोड़ने के लिए एक पुल का निर्माण किया था। • • • • • • • • 1. रामेश्वरम मंदिर का इतिहास – History Of Rameshwaram Temple In Hindi माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने श्रीलंका से लौटते समय देवों के देव महादेव (Lord Shiva) की इसी स्थान पर पूजा की थी। इन्हीं के नाम पर रामेश्वर मंदिर और रामेश्वर द्वीप का नाम पड़ा। ऐसी मान्यता है कि रावण का वध करने के बाद भगवान राम अपनी पत्नी देवी सीता के साथ रामेश्वरम के तट पर कदम रखकर ही भारत लौटे थी। एक ब्राह्मण को मारने के दोष को खत्म करने के लिए भगवान राम शिव की पूजा करना चाहते थे। चूंकि द्वीप में कोई मंदिर नहीं था, इसलिए भगवान शिव की मूर्ति लाने के लिए श्री हनुमान को कैलाश पर्वत भेजा गया था। जब हनुमान समय पर शिवलिंग लेकर नहीं पहुंचे तब देवी सीता ने समुद्र की रेत को मुट्ठी में बांधकर शिवलिंग बनाया और भगवान र...

रामेश्वरम के दर्शन से मिलेगा यज्ञ और तप का फल, जानें इस तीर्थस्थल के बारें में ये 10 खास बातें।

रामेश्वरम के दर्शन – हिंदू धर्म के अनुसार जो व्यक्ति चार धामों की यात्रा कर लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। भारतीय धर्मग्रंथों में बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम यात्रा का अपना ही महत्व है। आज हम आपको रामेश्वरम यात्रा के बारे में कुछ ऐसी ही 10 खास बातें बताने वाले हैं, जो उसे अन्य तीन धामों जुदा बनाती है। रामेश्वरम के दर्शन – 2. रामेश्वरम की यात्रा करने से मनुष्य के समस्त पाप दूर हो जाते हैं। रामेश्वरम मंदिर पर्यटन स्थल के नाम से भी मशहूर है। इसके चलते आज के समय में रामेश्वरम को धार्मिक स्थल के साथ-साथ पर्यटन के रूप में भी काफी विकसित किया गया है। यहां हर साल देश—विदेश से लाखों पर्यटक आते हैं। 3. रामेश्वरम में श्री रामनाथस्वामी का भव्य मंदिर भी है। यह मंदिर लगभग 4 फुट लंबा, 650 फुट चौड़ा और 125 फुट ऊंचा है। सागर तट पर बने इस शानदार मंदिर के चारों तरफ ऊंची चार दीवारी है। 4. हिंदू धर्म के अनुसार उत्तराखंड के गंगोत्री से लेकर गंगाजल लेकर रामेश्वर ज्योतिर्लिंग पर अर्पित करने का अपना विशिष्ट महत्व है। शास्त्रों के अनुसार रामेश्वर पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों के पास यदि गंगा जल उपलब्ध नहीं है, तो वह यहां के पंड़ितों से गंगाजल दे देते हैं। 5. पुराणों में रामेश्वरम का नाम गंधमादन है। यहां से थोड़ी ही दूर पर सटा एक अन्य मंदिर है। कहां जाता है कि श्री रामचंद्र ने लंका युद्ध के पश्चात अपने बाल यही पर धोए था। 6. रामचंद्र ने यहां नवग्रह स्थापना की थी। सेतुबांध यहीं से प्रारंभ हुआ था और यही पर मां दुर्गा ने महिषासुर का वध भी किया था। 7. हम में से अधिकतर लोग रामेश्वर मंदिर के इतिहास से अभी परिचित नहीं हैं। यह रामेश्वर मंदिर रामनाथस्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता ह...

रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु

• रामेश्वरम मंदिर के पास ही कई अन्य हिन्दू तीर्थ स्थल हैं, जैसे कि हनुमानकुंड, अमृतवाटिका और बरामतीर्थ आदि। भक्तों का यहाँ जाना भी ज़रुरी बताया गया है। भारत के तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम द्वीप पर और इसके आस-पास कुल मिलाकर 64 तीर्थ है। स्कंद पुराण के अनुसार, इनमे से 24 ही महत्वपूर्ण तीर्थ है। रामेश्वरम के इन तीर्थो में नहाना काफी शुभ माना जाता है और इन तीर्थो को भी प्राचीन समय से काफी प्रसिद्ध माना गया है। • रामेश्वरम मंदिर के बारे में क्या खास है? रामनाथस्वामी मंदिर शहर का सबसे उल्लेखनीय ऐतिहासिक स्थल है। शहर के केंद्र में स्थित, रामनाथस्वामी मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है, जहां शिव की पूजा एक ज्योतिर्लिंग के रूप में की जाती है जिसका अर्थ है “प्रकाश का स्तंभ”। • रामेश्वरम मंदिर खुलने और बंद होने का समय क्या है ?? सुबह के मंदिर का समय सुबह 06:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक है। मंदिर बंद दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 03:00 बजे तक है। शाम के मंदिर का समय दोपहर 03:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक है। • रामेश्वरम मंदिर निकटतम हवाई अड्डा कौन सा है ? लगभग 177 किलोमीटर दूर, मदुरै हवाई अड्डा रामेश्वरम से निकटतम हवाई अड्डा है। हवाई अड्डा नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। • रामेश्वरम मंदिर निकटतम रेलवे स्टेशन कौन सा है ? (RMM)RAMESWARAM RAILWAY STATION