Tetanus kaise hota hai

  1. टिटनेस इंजेक्शन कब, क्यों लगाया जाता है, फायदे, नुकसान
  2. धातु (धात) रोग के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार, नुकसान, परहेज
  3. टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज
  4. टिटनेस का असर कितने दिन तक चलता है » Tetanus Ka Asar Kitne Din Tak Chalta Hai
  5. Server Kya Hai? जानिए सर्वर कैसे काम करता है हिंदी में।
  6. जानिए टेटनस के लक्षण उपचार और बचाव Tetanus in hindi
  7. Thyroid in Hindi


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टिटनेस इंजेक्शन कब, क्यों लगाया जाता है, फायदे, नुकसान

अक्सर (और पढ़े - टिटनेस को लॉकजॉ इसलिए कहा गया है क्योंकि यह बीमारी चेहरे और गर्दन की (और पढ़े - टिटनेस एक गंभीर बीमारी है जो 30% मामलों में घातक होती है। टिटनेस के ज्यादातर मामलों में ऐसे वयस्क होते हैं, जिन्होंने टीकाकरण नहीं करवाया होता है, खासकर 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में। क्लॉस्ट्रिडियम टेटानी वह बैक्टीरिया है जो टिटनेस का कारण बनता है और यह मिट्टी, खाद या धूल में पाया जा सकता है। क्लॉस्ट्रिडियम टेटानी कट लगने या घावों के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश करके इसे संक्रमित करते हैं, खासकर जब घाव गंदा होता है। (और पढ़े - किसी जानवर के काटने, (और पढ़े - टिटनेस एक ऐसी बीमारी है जिसे पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है, क्योंकि इसे इस लेख में विस्तार से बताया गया है कि टिटनेस का इंजेक्शन कहा और कब लगता है, चोट के बाद टिटनेस इंजेक्शन क्यों लगता है, टिटनेस का इंजेक्शन • • • • • • • • • • टिटनेस का टीका सन 1800 के उत्तरार्ध में जर्मनी में विकसित किया गया था। सन 1890 में एमिल वॉन बेहरिंग के नेतृत्व में जर्मन वैज्ञानिकों के एक समूह ने निष्क्रिय प्रतिरक्षा विज्ञान के लिए पहला टीका खोजा था। 1924 में पहले निष्क्रिय टिटनेस टोक्सॉयड की खोज और उत्पादन किया गया और 1940 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका में बिक्री के लिए उपलब्ध हो गया था। टिटनेस का टीका बाजार में मोनोवलेंट टिटनेस टॉक्सॉयड (TT) के रूप में मिलता है, जो कुछ देशों में, जब टिटनेस के खिलाप प्रतिरक्षा विकसित करनी हो तो टिटनेस टॉक्सॉयड को अकेले उपयोग करने के बजाए डिप्थीरिया टोक्सॉयड (D or d) और टिटनेस टॉक्सॉयड के संयोजन का उपयोग किया जाना चाहिए। (और पढ़े - शिशुओं को आमतौर पर 2, 4, 6, और 15 से 18 महीने की उम्र में चार खुराक मे...

धातु (धात) रोग के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार, नुकसान, परहेज

धात गिरने के लक्षण व संकेत क्या हो सकते हैं ? धात गिरना अपने आप में एक रोग नहीं है, इसलिए इसका अपने आप में कोई लक्षण नहीं होता है। हालांकि, धात गिरने के साथ कुछ लक्षण आमतौर पर देखे जाते हैं जैसेएकाग्रता में कमी, myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। धात गिरने का कारण क्या है? आयुर्वेद के अनुसार शुक्राणुशोथ तब होता है जब शरीर में "वात दोष" (वायु तत्व) और "पित्त दोष" (अग्नि तत्व) की गतिविधि में तीव्रता आ जाती है। मेडिकल विज्ञान के अनुसार धात गिरना या वीर्य निकलना प्राकृतिक ही नहीं बलि अनिवार्य है। जैसे शरीर में बनने वाले अन्य तरल बाहर निकलते हैं, वैसे ही वीर्य का भी शरीर से बाहर निकलना जरुरी है। अगर आप हस्तमैथुन या इसके कारणों से भी कई भ्रम जुड़े हुए हैं जैसे बार-बार (और पढ़ें - myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। धातु रोग कैसे ठीक करें ? क्योंकि धात रोग कोई रोग नहीं है, इसलिए इसके उपचार की बात करना अपने आप में बेमानी है। लेकिन फिर भी धात गिरने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका है यौन क्रियाएं करना (सेक्स या हस्तमैथुन)।साथ ही अगर आप मन में सेक्स, हस्तमैथुन ...

टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज

टॉन्सिलाइटिस क्या है? What is Tonsillitis? हमारे मुंह के अंदर गले के पीछे ऊतक के दो अंडाकार आकार के पैड होते हैं जिन्हें टॉन्सिल्स कहा जाता है। टॉन्सिल्स में आई सूजन को ही टॉन्सिलिटिस कहा जाता है। टॉन्सिलिटिस होने की वजह से पीड़ित को गले में खराश, निगलने में कठिनाई, गर्दन के किनारों पर कोमल लिम्फ नोड्स और काफी बार बोलने में भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। टॉन्सिलिटिस के अधिकांश मामले एक सामान्य वायरस के संक्रमण के कारण होते हैं, लेकिन बैक्टीरिया के संक्रमण से भी टॉन्सिलिटिस हो सकता है। आमतौर पर टॉन्सिलाइटिस स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया (streptococcal bacteria) के कारण होता है, जो कि स्ट्रेप थ्रोट (एक जीवाणु संक्रमण जिसके कारण गले में सूजन और दर्द होता है) का कारण बनता है। स्ट्रेप थ्रोट के कारण होने वाले टॉन्सिलाइटिस का यदि उपचार न करवाया जाये तो गंभीर जटिलतायें पैदा हो सकती हैं।चूंकि टॉन्सिलिटिस के लिए उपयुक्त उपचार कारण पर निर्भर करता है, इसलिए शीघ्र और सटीक निदान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। टॉन्सिल को हटाने के लिए सर्जरी की जा सकती है जो कि तब की जाती है जब यह समस्या बार-बार होने लग जाए और व्यक्ति को इसकी वजह से कई जटिलताओं का सामना करना पड़े। टॉन्सिल्स (टॉन्सिलिटिस) के कितने प्रकार है? How many types of tonsils are there? जो लोग टॉन्सिलाइटिस से जूझते हैं उन्हें इसकी गंभीरता के बारे में काफी अच्छे से मालूम है। बाकी आप इसकी गंभीरता के बारे में इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि इसके छः प्रकार होते हैं। टॉन्सिलाइटिस के सभी छः प्रकारों को निचे वर्णित किया गया है :- एक्यूट टॉन्सिलाइटिस Acute Tonsillitis :- टॉन्सिलाइटिस के इस पराक्र में एक जीवाणु या वायरस टॉन्सिल्स को संक्रमित क...

टिटनेस का असर कितने दिन तक चलता है » Tetanus Ka Asar Kitne Din Tak Chalta Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका प्रश्न के टिटनेस का असर कितने दिनों तक चलता है लेकिन दोस्तों जब भी किसी लोहे या फिर किसी ऐसे चाकू या फिर बुलेट या फिर यह किसी धारदार चीज से जब भी आपकी उंगली कर जाए कहीं पर भी हो जाए तो ठीक इसके सिली जाती है क्योंकि टिटनेस की सुई 6 घंटे के अंदर ली जाती है और इसका असर 6 महीने तक रहता है या दोस्त ने इसका असर 6 मिनट तक रहता है aapka prashna ke tetanus ka asar kitne dino tak chalta hai lekin doston jab bhi kisi lohe ya phir kisi aise chaku ya phir bullet ya phir yah kisi dhardar cheez se jab bhi aapki ungli kar jaaye kahin par bhi ho jaaye toh theek iske silly jaati hai kyonki tetanus ki sui 6 ghante ke andar li jaati hai aur iska asar 6 mahine tak rehta hai ya dost ne iska asar 6 minute tak rehta hai आपका प्रश्न के टिटनेस का असर कितने दिनों तक चलता है लेकिन दोस्तों जब भी किसी लोहे या फिर क जवाब दें Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you t...

Server Kya Hai? जानिए सर्वर कैसे काम करता है हिंदी में।

आज इस पोस्ट में हम आपको Server Kya Hai इसकी जानकारी विस्तार में देंगे। Server नेटवर्क में प्रयोग की जाने वाली ऐसी तकनीक है, जो उससे जुड़े हुए कई सारे डिवाइस और प्रोग्राम जिन्हे Clients कहते हैं, उन्हें विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है। आसान शब्दों में समझाएं अगर तो सर्वर एक Computer ही होता है जो अन्य Computer’s से Connect होकर उन्हें डाटा प्रदान करता है। सर्वर का कार्य Clients की आवश्यकता अनुसार डाटा और इंफॉर्मेशन उपलब्ध कराना, अर्थात Serve करना होता है, यही सर्वर की परिभाषा है। आपने यह नाम तो जरूर सुना होगा, मगर आपके मन में अभी कई सारे सवाल होंगे, की आखिर सर्वर क्या होता है? तो आपके सवालों के जवाब और सही मायने में Server in Hindi (सर्वर) की जानकारी पूर्ण रूप से हम आपको देंगे। इस लेख में जाने What is Server in Hindi, File Server Kya Hai और सर्वर Kaise Kam Karta Hai के बारे में विस्तार से तो जानने के लिए हमारी इस पोस्ट को शुरू से अंत तक जरुर पढ़ें। Server Kya Hai सर्वर एक कंप्यूटर होता है, जो सभी नेटवर्क के रिसोर्सेज को Networking द्वारा एक दूसरे से कनेक्ट करने का कार्य करता हैं। यह एक तरह से Service Provider होता है, जिसका कार्य Clients की आवश्यकता अनुसार डाटा और इंफॉर्मेशन उपलब्ध कराना, अर्थात Serve करना होता है। सर्वर एक ऐसा Device और प्रोग्राम है, जो अब आप यह तो जान ही गए होंगे कि Sarvar Kise Kahate Hain और Sarvar Kya Hai, चलिए अब जान लेते हैं, कि Server Kitne Prakar Ke Hote Hain , और सर्वर से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ। Server Ke Prakar वर्तमान में सर्वर कई प्रकार (Type Of Server) के होते हैं, जिनमें से कुछ उदाहरण है – Web Server वेब सर्वर का कार्य File Server फ...

जानिए टेटनस के लक्षण उपचार और बचाव Tetanus in hindi

दोस्तों जब भी हमे लोहे से कोई चोट या घाव लगती है तो तुरंत हमे Tetanus का injection लगाने की सलाह दी जाती है ताकि किसी प्रकार के इन्फेक्शन या सुजन से बचा जा सके. लेकिन क्या आप जानते है Tetanus क्या होता है?? क्यों चोट लगने के बाद टेटनस का टीका लगाया जाता है. इस लेख में हम इन सभी बातो के जवाब देनी की कोशिश करेंगे. Tetanus एक बहुत पुराना रोग है जिसका जिक्र शल्य चिकित्सा यानी Surgery के जनक सुश्रुत के लेखो में भी मिलता है. हिंदी में इस रोग को धनुस्तंभ कहा जाता है. टेटनस इन्सान के तंत्रिका तंत्र (Nervous system) में होने वाला संक्रमण है जो क्लोस्ट्रीडियम टेटानी नामक बैक्टीरिया से होता है. यह बैक्टीरिया मिटटी और गंदगी में पनपता है. जब भी इंसान को कोई घाव, चोट या खरोच लगती है विशेषकर जंग लगी कीलों, लोहे के टुकड़ों, जलने या त्वचा के फटने से तब यह बैक्टीरिया चोट या घाव के संपर्क में जल्दी आते है और घाव पर एक जहर पैदा करते है जो शरीर की मांसपेशियों को प्रभावित करता है. इससे टेटनस होता है. कई बार संक्रमित उपकरणों से छोटे बच्चो की नाल काटने से भी उन्हें टेटनस हो सकता है जिसके कारण वह दूध पीना बंद कर देते है. इसे Neonatal Tetanus (नीयोनेटल टेटनस) कहा जाता है जो टेटनस का सबसे घातक रूप है. अगर सही समय पर इलाज़ न करवाया जाये तो इससे रोगी की मृत्यु भी संभव है. Symptoms of Tetanus – टेटनस के लक्षण • मांसपेशियों में खिंचाव, जकड़न और सूजन महसूस होना. • निगलने में कठिनाई और मुहं से लार गिरना • जबड़ों में जकड़न • बुखार और चिडचिडापन • paralysis या सास रुक जाना • ओपीस्थोटोनस (पीठ की मांसपेशियों में दर्द) • मल मूत्र पर कंट्रोल न रहना Treatment of Tetanus – टेटनस का उपचार या इलाज़ • टेटनस से बचने का स...

Thyroid in Hindi

थायरॉइड से सम्बन्धित बीमारी अस्वस्थ खान-पान और तनावपूर्ण जीवन जीने के कारण होती है। आयुर्वेद के अनुसार, वात, पित्त व कफ के कारण थायरॉइड संबंधित रोग होता है। जब शरीर में वात एवं कफ दोष हो जाता है तब व्यक्ति को थायरॉइड होता है। आप थायराइड का इलाज करने के लिये आयुर्वेदिक तरीकों को आजमा सकते हैं। आयुर्वेदीय उपचार द्वारा वात और कफ दोषों को सन्तुलित किया जाता है। अच्छी बात तो यह है कि आप थायरॉइड का घरेलू उपचार भी कर सकते हैं। एलोपैथिक चिकित्सा में थॉयराइड विकार के लिये स्टीरॉइड्स का सेवन कराया जाता है, जो हानिकारक होता है। इसलिए थायराइड को जड़ से खत्म करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा सबसे अच्छा माना जाता है। Contents • 1 थायरॉइड क्या है? (What is Thyroid in Hindi?) • 2 थायरॉइड हार्मोन का काम (Thyroid Works in Hindi) • 3 थायरॉइड रोग के प्रकार (Thyroid Types in Hindi) • 3.1 थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism) • 3.2 अल्पसक्रियता (Hypothyrodism) • 4 थायरॉइड रोग होने के कारण (Thyroid Causes in Hindi) • 4.1 थायरॉइड होने के अन्य कारण (Other Causes of Thyroid) • 5 थायरॉइड रोग का घरेलू इलाज करने के उपाय (Home Remedies for Thyroid Disease in Hindi) • 5.1 मुलेठी से थायरॉइड का इलाज (Mulethi: Home Remedies for Thyroid Treatment in Hindi) • 5.2 अश्वगंधा चूर्ण के सेवन से थायरॉइड का इलाज (Ashwagandha Churna: Home Remedy for Thyroid in Hindi) • 5.3 थायरॉइड का घरेलू उपचार तुलसी से (Tulsi: Home Remedies to Treat Thyroid in Hindi) • 5.4 थायरॉइड का घरेलू इलाज हरी धनिया से (Dhaniya: Home Remedy for Thyroid Treatment in Hindi) • 5.5 त्रिफला चूर्ण से थायरॉइड से लाभ (Triphala: Home Remedies to...