रानी केतकी की कहानी के रचनाकार

  1. रानी नागफनी की कहानी के रचयिता या रचनाकार
  2. भारतेन्दु युग और द्विवेदी युग टेस्ट सीरीज़ 11
  3. Rani Ketki Ki Kahani
  4. UP Board Class 11 Hindi Model Paper 2023 download PDF / यूपी बोर्ड कक्षा 11 हिंदी मॉडल पेपर
  5. हिन्दी की प्रमुख गद्य रचनाएँ एवं उनके रचयिता
  6. प्राची अक्टूबर 2018 : धरोहर रानी केतकी की कहानी // सैयद इंशा अल्ला खां ‘इंशा’


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रानी नागफनी की कहानी के रचयिता या रचनाकार

रानी नागफनी की कहानी के लेखक/रचयिता रानी नागफनी की कहानी (Raanee Naagaphanee Kee Kahani) के लेखक/रचयिता (Lekhak/Rachayitha) " हरिशंकर परसाई" ( Harishankar Parsai) हैं। Raanee Naagaphanee Kee Kahani (Lekhak/Rachayitha) नीचे दी गई तालिका में रानी नागफनी की कहानी के लेखक/रचयिता को लेखक तथा रचना के रूप में अलग-अलग लिखा गया है। रानी नागफनी की कहानी के लेखक/रचयिता की सूची निम्न है:- रचना/रचना लेखक/रचयिता रानी नागफनी की कहानी हरिशंकर परसाई Raanee Naagaphanee Kee Kahani Harishankar Parsai रानी नागफनी की कहानी किस विधा की रचना है? रानी नागफनी की कहानी (Raanee Naagaphanee Kee Kahani) की विधा का प्रकार " रचना" ( Rachna) है। आशा है कि आप " रानी नागफनी की कहानी नामक रचना के लेखक/रचयिता कौन?" के उत्तर से संतुष्ट हैं। यदि आपको रानी नागफनी की कहानी के लेखक/रचयिता के बारे में में कोई गलती मिली हो त उसे कमेन्ट के माध्यम से हमें अवगत अवश्य कराएं।

भारतेन्दु युग और द्विवेदी युग टेस्ट सीरीज़ 11

3 ‘इतिहास तिमिरनाशक‘ पुस्तक के लेखक का नाम क्या है? (अ) भारतेन्दु (ब) बालकृष्ण भट्ट (स) प्रतापनारायण मिश्र (द) शिवप्रसाद सितारेहिन्द✔️ 4 ‘हमारे मत में हिन्दी और उर्दू दो बोली न्यारी-न्यारी है।‘ यह कथन किस लेखक का है- (अ) सर सैयद अहमद खाँ (ब) राजा लक्ष्मण सिंह✔️ (स) सितारेहिन्द (द) इंशा अल्ला खाँ 5 फ्रेडरिक पिन्काट भारत में किस भाषा के समर्थक थे? (अ) हिन्दी✔️ (ब) उर्दू (स) अंग्रेजी (द) संस्कृत 6 ‘चूरन साहब लोग जो खाता, सारा हिंद हजम कर जाता।‘ यह पंक्ति किस कवि की है? (अ) प्रतापनारायण मिश्र (ब) जयशंकर प्रसाद✔️ (स) भारतेन्दु (द) राधाचरण गोस्वामी 7 इनमें से कौनसा नाटक भारतेन्दु जी का नहीं है? (अ) नील देवी (ब) विशाख✔️ (स) अन्धेर नगरी (द) प्रेमजोगिनी 8 ‘निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति कौ मूल‘ यह पंक्ति किस कवि की है- (अ) मैथिलीशरण गुप्त (ब) भारतेन्दु✔️ (स) माखनलाल चतुर्वेदी (द) प्रतापनारायण मिश्र 9 भारत-भारती के रचयिता कवि कौन है? (अ) महावीर प्रसाद द्विवेदी (ब) अयोध्या सिंह उपाध्याय (स) मैथिलीशरण गुप्त✔️ (द) भारतेन्दु 10 ‘‘जो विषया संतन तजी ताहि मूढ़ लपटात, जो नर डारत वमन करि स्वान स्वाद सौ खात।‘‘ यह दोहा किस कवि का है? (अ) कबीर (ब) भारतेन्दु (स) तुलसी (द) राधाकृष्ण दास✔️ 11 ‘समस्या पूर्ति सर्वस्व‘ नामक ग्रन्थ के लेखक कौन है? (अ) भारतेन्दु (ब) प्रतापनारायण मिश्र (स) अम्बिकादत व्यास✔️ (द) नाथूराम शर्मा शंकर 12 ‘नीति विनोद‘ के रचयिता का नाम क्या है? (अ) गोविन्द गिल्लाभाई✔️ (ब) राधाचरण गोस्वामी (स) भारतेन्दु (द) अम्बिकादत व्यास 13 ‘लोकोक्ति शतक‘ के रचयिता कवि कौन है? (अ) प्रतापनारायण मिश्र✔️ (ब) भारतेन्दु (स) जगन्नाथदास रत्नाकर (द) मतिराम 14 कौनसा हिन्दी कवि ‘अब्र‘ उपनाम से उर्दू में ...

Rani Ketki Ki Kahani

लोगों की राय • चौकड़िया सागर Yes Arvind Yadav • सम्पूर्ण आल्ह खण्ड Rakesh Gurjar • हनुमन्नाटक Dhnyavad is gyan vardhak pustak ke liye, Pata hi nai tha ki Ramayan Ji ke ek aur rachiyeta Shri Hanuman Ji bhi hain, is pustak ka prachar krne ke liye dhanyavad Pratiyush T • क़ाफी मग " कॉफ़ी मग " हल्का फुल्का मन को गुदगुदाने वाला काव्य संग्रह है ! " कॉफ़ी मग " लेखक का प्रथम काव्य संग्रह है ! इसका शीर्षक पुस्तक के प्रति जिज्ञासा जगाता है और इसका कवर पेज भी काफी आकर्षक है ! इसकी शुरुआत लेखक ने अपने पिताजी को श्रद्धांजलि के साथ आरम्भ की है और अपने पिता का जो जीवंत ख़ाका खींचा है वो मनोहर है ! कवि के हाइकु का अच्छा संग्रह पुस्तक में है ! और कई हाइकू जैसे चांदनी रात , अंतस मन , ढलता दिन ,गृहस्थी मित्र , नरम धूप, टीवी खबरे , व्यवसाई नेता व्यापारी, दिए जलाये , आदि काफी प्रासंगिक व भावपूर्ण है ! कविताओं में शीर्षक कविता " कॉफ़ी मग " व चाय एक बहाना उत्कृष्ट है ! ग़ज़लों में हंसी अरमां व अक्सर बड़ी मनभावन रचनाये है ! खूबसूरत मंजर हर युवा जोड़े की शादी पूर्व अनुभूति का सटीक चित्रण है व लेखक से उम्मीद करूँगा की वह शादी पश्चात की व्यथा अपनी किसी आगामी कविता में बया करेंगे ! लेखक ने बड़ी ईमानदारी व खूबसूरती से जिंदगी के अनुभवों, अनुभूतियों को इस पुस्तक में साकार किया है व यह एक मन को छूने वाली हल्की फुल्की कविताओं का मनोरम संग्रह है ! इस पुस्तक को कॉफी मग के अलावा मसाला चाय की चुस्की के साथ भी आनंद ले Vineet Saxena • आधुनिक हिन्दी साहित्य का इतिहास Bhuta Kumar • पांव तले भविष्य 1 VIJAY KUMAR • कारगिल Priyanshu Singh Chauhan • सोलह संस्कार kapil thapak • सोलह संस्कार kapil thapak • कामसूत्रकालीन समाज एव...

UP Board Class 11 Hindi Model Paper 2023 download PDF / यूपी बोर्ड कक्षा 11 हिंदी मॉडल पेपर

यूपी बोर्ड वार्षिक परीक्षा 2023 कक्षा - 11वी विषय - सामान्य हिन्दी SP समय - 3:15 Hr. [पूर्णांक - 100] निर्देश: (i) प्रारंभ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित है। (ii) सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है। (iii) सभी प्रश्नों हेतु निर्धारित अंक उनके सम्मुख अंकित हैं। खण्ड 'क' (क) हिन्दी का प्रथम उपन्यास है -1 (i) गोदान (ii) गवन (iii) नहुष उत्तर –(iii) नहुष (ख) भाषा योग वाशिष्ट के रचनाकार हैं।1 (i) सदल मिश्र (ii) रामप्रसाद निरंजनी (iii) राजा लक्ष्मण सिंह उत्तर –(ii) रामप्रसाद निरंजनी (ग) रानी केतकी की कहानी के रचनाकार हैं -1 (i) सदासुख लाल (ii) इंशा अल्ला खां (iii) प्रेमचन्द्र उत्तर –(ii) इंशा अल्ला खां (घ) द्वितीय तार सप्तक का प्रकाशन वर्ष है (i) 1943 (ii) 1950 (iii) 1951 उत्तर –(iii) 1951 (ङ) मेरी असफलताएं के रचनाकार हैं। (i) गुलाब राय (ii) यशपाल (iii) महादेवी वर्मा उत्तर –(i) गुलाब राय 2.(क) हिन्दी के प्रथम कवि का नाम लिखिए।1 उत्तर – सरहपा (ख) आदिकाल की भाषा का नाम लिखिए।1 उत्तर –डिंगल (ग) छायावाद का समय लिखिए।1 उत्तर –लगभग ई. स. 1918 से 1936 तक (घ) राष्ट्र कवि किसे कहते हैं?1 (ङ) साकेत महाकाव्य किस युग की रचना है? 1 उत्तर –द्विवेदी युग 3.गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।5x2-10 आत्म साक्षात्कार का मुख्य साधन योगाभ्यास है। योगाभ्यास सिखाने का प्रबन्ध राज्य नहीं कर सकता, न पाठशाला का अध्यापक ही उस का दायित्व ने सकता है। जो इस विद्या का खोजी होगा, वह अपने लिए गुरू ढूंढ लेगा। परन्तु इतना किरण जा सकता है और यही समाज और अध्यापक का कर्तव्य है कि व्यक्ति के अधिकारी बनने में सहायता दी जाय अनुकूल वातावरण उत्पन्न किया जाए। (क) पाठ के लेखक और पा...

हिन्दी की प्रमुख गद्य रचनाएँ एवं उनके रचयिता

गद्य क्या होता है? मनुष्य की बोलने या लिखने पढ़ने की छंदरहित साधारण व्यवहार की प्रमुख गद्य रचनाएँ एवं रचयिता (रचनाकार) क्रमांक रचना रचयिता 1. श्रृंगार रस मण्डन गोसांई विट्ठलनाथ 2. चौरासी वैष्णवन की वार्ता गोसांई गोकुलनाथ 3. दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता गोसांई गोकुलनाथ 4. अष्टयाम नाभादास 5. चन्द छन्द बरनन की महिमा गंग कवि 6. गोरा बादल की कथा जटमल 7. भाषा योग वाशिष्ठ रामप्रसाद निरंजनी 8. प्रेम सागर लल्लूलाल 9. सुख सागर मुंशी सदासुखलाल 10. नासिकेतोपाख्यान सदल मिश्र 11. रानी केतकी की कहानी मुंशी इंशा अल्ला खां 12. राजा भोज का सपना शिवप्रसाद सितारेहिन्द 13. शकुन्तला राजा लक्ष्मण सिंह 14. सत्यार्थ प्रकाश स्वामी दयानन्द 15. अर्द्धनारीश्वर रामधारी सिंह ‘दिनकर’ 16. अशोक के फूल हजारी प्रसाद द्विवेदी 17. अन्धेर नगरी भारतेन्दु हरिश्चन्द्र 18. अन्धेरे बन्द कमरे मोहन राकेश 19. अतीत के चलचित्र महादेवी वर्मा 20. आधे-अधूरे मोहन राकेश 21. अजातशत्रु जयशंकर प्रसाद 22. अपनी खबर पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ 23. आलोक पर्व आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी 24. आषाढ़ का एक दिन : मोहन राकेश 25. आवारा मसीहा विष्णु प्रभाकर 26. आस्था के चरण डॉ नगेन्द्र 27. आचरण की सभ्यता सरदार पूर्णसिंह 28. आँखों की थाह रायकृष्ण दास 29. अतीत स्मृति महावीरप्रसाद द्विवेदी 30. अधूरी क्रान्ति सम्पूर्णानन्द 31. आर्यों का आदि देश सम्पूर्णानन्द 32. एक बूंद सहसा उछली : अज्ञेय 33. अनामदास का पोथा हजारी प्रसाद द्विवेदी 34. कलम का सिपाही : अमृतराय 35. क्या भूलें क्या याद करू : हरिवंशराय बच्चन 36. कल्पलता हजारी प्रसाद द्विवेदी 37. कुटज हजारी प्रसाद द्विवेदी 38. कालिदास की निरंकुशता महावीर प्रसाद द्विवेदी 39. कालिदास की लालित्य योजना हजार...

प्राची अक्टूबर 2018 : धरोहर रानी केतकी की कहानी // सैयद इंशा अल्ला खां ‘इंशा’

धरोहर रानी केतकी की कहानी सैयद इंशा अल्ला खां‘इंशा’ आत्मकथ्य यह वह कहानी है कि जिसमें हिंदी छुट और न किसी बोली का मेल है न पुट. सिर झुकाकर नाक रगड़ता हूं उस अपने बनानेवाले के सामने जिसने हम सब को बनाया और बात में वह कर दिखाया कि जिसका भेद किसी ने न पाया। आतियां जातियां जो साँसें हैं, उसके बिन ध्यान यह सब फाँ से हैं। यह कल का पुतला जो अपने उस खिलाडी की सुध रक्खे तो खटाई में क्यों पड़े और कड़वा कसैला क्यों हो। उस फल की मिठाई चक्खे जो बड़े से बड़े अगलों ने चक्खी है। देखने को दो आँखें दीं और सुनने को दो कान। नाक भी सब में ऊँची कर दी मरतों को जी दान।।. मिट्टठ्ठी के बसान को इतनी सकत कहाँ जो अपने कुम्हार के करतब कुछ ताड़ सके। सच है, जो बनाया हुआ हो, सो अपने बनाने वाले को क्या सराहे और क्या कहें। यों जिसका जी चाहे, पड़ा बके। सिर से लगा पांव तक जितने रोंगटे हैं, जो सबके सब बोल उठें और सराहा करें और उतने बरसों उसी ध्यान में रहें जितनी सारी नदियों में रेत और फूल फलियां खेत में हैं, तो भी कुछ न हो सके, कराहा करें। इस सिर झुकाने के साथ ही दिन रात जपता हूं उस अपने दाता के भेजे हुए प्यारे को जिसके लिए यों कहा है- जो तू न होता तो मैं कुछ न बनाता_ और उसका चचेरा भाई जिसका ब्याह उसके घर हुआ, उसकी सूरत मुझे लगी रहती है। मैं फूला अपने आप में नहीं समाता, और जितने उनके लड़के वाले हैं, उन्हीं को मेरे जी में चाह है। और कोई कुछ हो, मुझे नहीं भाता। मुझको उम्र घराने छूट किसी चोर ठग से क्या पड़ी! जीते और मरते आसरा उन्हीं सभों का और उनके घराने का रखता हूं तीसों घड़ी। डौल डाल एक अनोखी बात का एक दिन बैठे-बैठे यह बात अपने ध्यान में चढ़ी कि कोई कहानी ऐसी कहिए कि जिसमें हिंदणी छुट और किसी बोली का पुट न मिले, तब जाके म...