रानी पद्मावती की पूरी कहानी

  1. रानी पद्मावती (पद्मिनी) का इतिहास Chittor Rani Padmavati History Hindi
  2. रानी पद्मावती का रोचक इतिहास व कहानी
  3. पद्मिनी
  4. “रानी पद्मावती का इतिहास और कहानी” (“History and story of Rani Padmavati”) » Desi Babu
  5. Rani Padmavati Story: रानी पद्मिनी (पद्मावती) का इतिहास
  6. रानी पद्मावती की कहानी Rani padmavati story history in hindi


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रानी पद्मावती (पद्मिनी) का इतिहास Chittor Rani Padmavati History Hindi

रानी पद्मावती (पद्मिनी) का इतिहास Chittor Ki Rani Padmavati History in Hindi रानी पद्मिनी या पद्मावती इतिहास की एक महान रानी के रूप में जनि जाती हैं। चित्तौड़ की रानी पद्मिनी का उल्लेख सन 1540 में ‘मलिक मोहम्मद ज्यासी द्वारा लिखे गए महाकाव्य में पाया गया है। यह कविता रानी पद्मिनी या मद्मावती के घटनाओं के लगभग 240 साल बाद लिखा गया था। Table of Content • • • • • • • • • • • चित्तौड़ की रानी पद्मावती (पद्मिनी) का इतिहास Chittor Rani Padmavati History Hindi साहस एवं सुंदरता की प्रतिमूर्ति रानी पद्मावती भारतीय इतिहास की सबसे प्रसिद्ध महारानियों में से एक थीं। उनका जीवन भारत के अतीत को गौरविंत करता है। लगभग 13वीं से 14वीं सदी के बीच महारानी पद्मावती का उल्लेख मिलता है। सर्वप्रथम एक सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी ने रानी पद्मावती के ऊपर “पद्मावत” नामक एक महाकाव्य की रचना की थी। हालांकि अवधी भाषा में रचित 1540 ईस्वी के दौरान यह महाकाव्य रानी पद्मावती के विषय में बताता है, लेकिन कई इतिहासकार इसके अस्तित्व को जड़ से खारिज करते हैं और उसे एक कल्पना मानते हैं। रानी पद्मावती की सुंदरता के कारण लोभित हुआ अलाउद्दीन खिलजी के समय काल की घटना बड़ी ही दिलचस्प है। रानी पद्मावती की शौर्य गाथा के विषय में हर कोई जानता है, जिन्होंने अपने पति रानी पद्मावती कौन थी? Who was Rani Padmavati? सिंघल प्रांत जो आज का श्रीलंका है, वहां के महाराजा गंधर्वसेन व उनकी रानी चंपावती की पुत्री राजकुमारी पद्मावती थी। कहा जाता है कि राजकुमारी पद्मावती के सुंदरता और बुद्धिमता के कारण हर तरफ उनकी चर्चा होती थी। शास्त्रों के अलावा वे शस्त्रों का भी ज्ञान रखती थी, जो उनकी सुंदरता को चार चांद लगा देता था। रानी पद्मावती का ...

रानी पद्मावती का रोचक इतिहास व कहानी

Rani Padmini / Rani Padmavati History in Hindi रानी पद्मिनी / रानी पद्मावती का इतिहास व कहानी भारतीय इतिहास के पन्नों में अत्यंत सुंदर और साहसी रानी; रानी पद्मावती का उल्लेख है। रानी पद्मावती को रानी पद्मिनी के नाम से भी जाना जाता है। रानी पद्मावती के पिता सिंघल प्रांत (श्रीलंका) के राजा थे। उनका नाम गंधर्वसेन था। और उनकी माता का नाम चंपावती था। पद्मावती बाल्य काल से ही दिखने में अत्यंत सुंदर और आकर्षक थीं। उनके माता-पिता नें उन्हे बड़े लाड़-प्यार से बड़ा किया था। कहा जाता है बचपन में पद्मावती के पास एक बोलता तोता था जिसका नाम हीरामणि रखा गया था। रानी पद्मावती का स्वयंवर महाराज गंधर्वसेन नें अपनी पुत्री पद्मावती के विवाह के लिए उनका स्वयंवर रचाया था जिस में भाग लेने के लिए भारत के अगल अलग हिन्दू राज्यों के राजा-महाराजा आए थे। गंधर्वसेन के राज दरबार में लगी राजा-महाराजाओं की भीड़ में एक छोटे से राज्य का पराक्रमी राजा मल्खान सिंह भी आया था। उसी स्वयंवर में विवाहित राजा रावल रत्न सिंह भी मौजूद थे। उन्होनें मल्खान सिंह को स्वयंवर में परास्त कर के रानी पद्मिनी पर अपना अधिकार सिद्ध किया और उनसे धाम-धूम से विवाह रचा लिया। इस तरह राजा रावल रत्न सिंह अपनी दूसरी पत्नी रानी पद्मावती को स्वयंवर में जीत कर अपनी राजधानी चित्तौड़ वापस लौट गये। चित्तौड़ राज्य प्रजा प्रेमी और न्याय पालक राजा रावल रत्न सिंह चित्तौड़ राज्य को बड़े कुशल तरीके से चला रहे थे। उनके शासन में वहाँ की प्रजा हर तरह से सुखी समपन्न थीं। राजा रावल रत्न सिंह रण कौशल और राजनीति में निपुण थे। उनका भव्य दरबार एक से बढ़कर एक महावीर योद्धाओं से भरा हुआ था। चित्तौड़ की सैन्य शक्ति और युद्ध कला दूर-दूर तक मशहूर थी। • ये भी पढ़ें: चित्तौड़...

पद्मिनी

अनुक्रम • 1 नाम 'पद्मिनी' या 'पद्मावती'? • 2 काव्य/किंवदंतियों के अनुसार कथा • 3 इतिहास में भ्रांतियों का मिश्रण • 4 ऐतिहासिक प्रमाण • 5 चित्र दीर्घा • 6 इन्हें भी देखें • 7 सन्दर्भ • 8 बाहरी कड़ियाँ नाम 'पद्मिनी' या 'पद्मावती'? [ ] इतिहास ग्रंथों में अधिकतर 'पद्मिनी' नाम स्वीकार किया गया है, जबकि जायसी ने स्पष्ट रूप से 'पद्मावती' नाम स्वीकार किया है। जायसी के वर्णन से स्पष्ट होता है कि 'पद्मिनी' से उनका भी तात्पर्य स्त्रियों की उच्चतम कोटि से ही है। जायसी ने स्पष्ट लिखा है कि राजा गंधर्वसेन की सोलह हजार पद्मिनी रानियाँ थीं काव्य/किंवदंतियों के अनुसार कथा [ ] जायसी के अनुसार पद्मावती सिंहल द्वीप इतिहास में भ्रांतियों का मिश्रण [ ] 14 वीं और 16 वीं शताब्दी के बीच जैन ग्रंथ- नबीनंदन जेनुधर, चितई चरित्रा और रायन सेहरा ने रानी पद्मिनी का उल्लेख किया है। तेजपाल सिंह धामा ने अपने चर्चित शोधपरक उपन्यास अग्नि की लपटें में इन्हें जाफना से प्रकाशित ग्रंथों के आधार पर श्रीलंका की राजकुमारी सिद्ध किया है। ऐतिहासिक प्रमाण [ ] ओझा जी के बहु उद्धृत उपर्युक्त मत को प्रायः सभी इतिहासकारों ने स्वीकार किया है। डॉ० लाल ने भी अपनी पुस्तक 'History of the Khaljis, में लिखा है कि कहानी के परंपरागत वर्णन को ताक पर रखने के पश्चात् नग्न सत्य यह है कि सुल्तान अलाउद्दीन ने 1303 ईस्वी में चित्तौड़ पर आक्रमण किया और आठ माह के विकट संघर्ष के पश्चात् उसे अधिकृत कर लिया। वीर राजपूत योद्धा आक्रांताओं से युद्ध करते हुए खेत रहे और वीर राजपूत स्त्रियाँ जौहर की ज्वालाओं में समाधिस्थ हो गयीं। जो स्त्रियाँ समाधिस्थ हुईं, उनमें संभवतः रत्नसिंह की एक रानी भी थी, जिसका नाम पद्मिनी था। इन तथ्यों के अतिरिक्त और सब कुछ...

“रानी पद्मावती का इतिहास और कहानी” (“History and story of Rani Padmavati”) » Desi Babu

राजस्थान के किलो का इतिहास बड़ा ही रोचक रहा है यह राजपूतो की बहादुरी के लिए जाना जाता है| राजस्थान में रानी पद्मावती का किस्सा भी बहुत प्रचलित है| रानी पद्मावती के जीवन की कहानी साहस, वीरता व त्याग से भरी हुई है| वह अपनी सुन्दरता की लिए बहुत प्रचलित थी| हर जगह उनकी सुन्दरता की मिसाल दी जाती थी | रानी पद्मावती चितौड़ के राजा रतन सिंह की पत्नी थी| रानी पद्मावती की कहानी:- रानी पद्मावती गंधर्वसेन की पुत्री थी वह सिंघल प्रांत (श्रीलंका) के राजा थे| उनकी माता का नाम चंपावती था। रानी पद्मावती बचपन से ही दिखने में अत्यंत सुंदर और आकर्षक थीं और साथ ही वह गुणवान भी थी| बचपन में पद्मावती के पास एक बोलता तोता था जिसका नाम हीरामणि था। कहा जाता है की रानी इतनी सुन्दर थी की वह पानी भी पीती थी तो पानी गले के अन्दर देखा जा सकता था| उनके पिता गंधर्वसेन पद्मावती के विवाह के लिए स्वयंवर का आयोजन किया, जिसमे भाग लेने के लिए अलग-अलग राज्यों के राजा उपस्थित हुए थे जिनमे चितौड़ के राजा रतन सिंह और एक छोटे से राज्य का पराक्रमी राजा मल्खान सिंह भी आया था। राजा रतन सिंह ने मल्खान सिंह को हार का मुँह दिखाकर रानी पद्मावती को अपना बना लिया| उसके बाद, राजा रतन सिंह अपनी पत्नी पद्मावती के साथ चितौड़ लौट आये| राजा रतन सिंह राजनीती में निपुण और रण कौशल थे| उनके शासन में प्रजा सुख- समृद्धि से संपन थी| उनका दरबार कई कुशल योद्धाओ से भरा हुआ था उसी दरबार में राघव चेतन नाम का प्रसिद्ध संगीतकार था| राघव चेतन को दरबार में विशेष स्थान प्राप्त था| संगीत कला के अलावा वह जादू-टोना भी जानता था लेकिन इस बात का महाराज को पता नही था| राघव चेतन जादू-टोने का उपयोग अपने कार्य सिद्ध करने के लिए करता था| एक दिन जब राघव जादू-टोना...

Rani Padmavati Story: रानी पद्मिनी (पद्मावती) का इतिहास

Raani Padmavati History in Hindi Rani Padmini और Padmavati की खूबसूरती पुरे भारत में प्रसिद्ध थीं। बहुत सारे लोग आज यह भी तर्क उठाते है की रानी पद्मिनी अस्तित्व में थीं या नहीं। Chittorgarh की 6 जगह, 7 किताबे और एक शिलालेख आज भी है जो रानी पद्मावती के जोहर की गवाही देते है। आज हम जानेगे की मेवाड़ की रानी पद्मावती कौन थी। रानी पद्मावती की कहानी और इतिहास: आज हम आपको राजस्थान के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आपको पद्मावती के जीवन से परिचित कराया जाएगा। पद्मावती कौन थी? रानी पद्मिनी के बारे में जानेगे की पद्मावती कौन थी। रानी पद्मावती का जीवन परिचय और उसका इतिहास क्या था और रानी पद्मावती ने जौहर क्यों किया। रानी पद्मावती पद्मावती का नाम तो आपने सुना ही होगा और इसमें कई किताबों का भी जिक्र है, और पद्मावती सिर्फ हालिया पद्मावती फिल्म के लिए ही नहीं है बल्कि दुनिया भर में और इस मामले में चर्चा का विषय जोड़ा गया था। मैं आपको पूरी जानकारी देने जा रहा हूँ ताकि आप पद्मावती के बारे में भी जान सकें, कि इस रानी को इतना सम्मान दिया जाता है। रानी पद्मावती का पूरा इतिहास चित्तौड़गढ़ क्षेत्र से जुड़ा हुआ है जो राजस्थान में स्थित है, यह किला चित्तौड़गढ़ के राजा रतन सिंह अलाउद्दीन मुस्लिम शासक की लड़ाई के बाद भी अपनी वीरता और पद्मावती के इतिहास के लिए जाना जाता है। Table of Contents • • • • • • • • रानी पद्मावती का जीवन परिचय क्रमांक जीवन परिचय बिंदु पद्मावती जीवन परिचय 1. पूरा नाम रानी पद्मिनी 2. जन्म स्थान सिंहल द्वीप (श्रीलंका) 3. माता का नाम रानी चंपावती 4. पिता का नाम राजा गंधर्व सेन 5. पति का नाम राजा रत्न सिंह 6. मृत्यु 1303 (चित्तौड़) रानी पद्मावती का नाम पद्मिनी था जिसे...

रानी पद्मावती की कहानी Rani padmavati story history in hindi

Rani padmavati biography in hindi Rani padmavati story history in hindi-हेलो दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं Rani padmavati story history और इनके बारे में पूरी जानकारी.Rani padmavati भारत के इतिहास की बहुत ही सुंदर और साहसी रानी थी इनके पिता का नाम गंधर्व सेन एवं माता का नाम चंपावती था इनके माता-पिता इन्हें बड़े ही प्यार से रखते थे पद्मावती जब बडी हुई तो इनके पिता ने इनके विवाह के लिए एक स्वयंवर रखा इस स्वयंबर में छोटे बड़े सभी तरह के राज्यों के राजा आए हुए थे और इस स्वयंबर में जिसकी विजय होती उसी का विवाह रानी पद्मावती से होना था इस स्वयंबर में राजा रावल रत्न सिंह जी आए हुए थे जो कि शादीशुदा थे वह फिर भी इस स्वयंबर में शामिल हुए थे. स्वयंवर शुरू हुआ और अंत में राजा रावल रतन सिंह जी इस स्वयंवर में जीत चुके थे और इनकी शादी पद्मावती से कर दी गई थी. Rani padmavati story history in hindi Related- https://www.myindiamyglory.com/2017/01/28/true-story-rani-padmavati-know/ अब राजा रावल रतन सिंह जी पद्मावती को अपने साथ लेकर अपने राज्य चित्तौड़ लेकर वापस आ गए इनके राज्य में खुशहाली थी इनका राज्य सभी दृष्टि से सुरक्षित था इनके राज में प्रवेश करने के लिए 7 दरवाजे थे जिनके अंदर बिना अनुमति के प्रवेश करना लगभग नामुमकिन था.रानी पद्मावती बहुत ही सुंदर थी उनकी सुंदरता दूर-दूर तक फैली हुई थी हर कोई उनकी सुंदरता की तारीफ करता था राजा रावल रतन सिंह जी के दरबार में एक संगीतकार था वह राजा रतन सिंह जी का खास था राजा रावल रतन सिंह जी उस संगीतकार राघव चेतन को बहुत पसंद करते थे. राजा ने राघव चेतन को अच्छा पद दे रखा था लेकिन समय के साथ उस संगीतकार राघव चेतन के बारे में राजा को कुछ ऐसा पता चला कि राजा...