रावण के अच्छे गुण

  1. रावण के अच्छे 3 गुण जो आज के मनुष्यों में भी नहीं देखने मिलते
  2. रावण में थे ये गुण, फिर क्यों कहलाए असुर?
  3. रावण से जुड़े 25 रोचक तथ्य
  4. रावण की दस अच्छाईयां ! प्रकाण्ड ज्ञानी रावण की पूरी कहानी.... Religion World
  5. रावण की 10 अच्छाइयां जानकर रह जाएंगे हैरान
  6. Dussehra 2020: दशहरा आज, जानिए रावण के बारे में कुछ चौंकाने वाली बातें


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रावण के अच्छे 3 गुण जो आज के मनुष्यों में भी नहीं देखने मिलते

रावण को लोग बुरी नज़र अथवा नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानते है लेकिन कोई भी व्यक्ति चाहे कितना भी बुरा क्यों ना हो, परन्तु उसके अंदर भी काफी अच्छाई छिपी होती है जिन्हें हम जानकार भी अनजान रहते है। शास्त्रों का ज्ञाता रावण ज्ञानी होने के साथ साथ बाह्रमण मुनि विश्रवा का पुत्र था, वह चारों वेदों एवं सरकारी नौकरियां यहाँ देख सकते हैं :- 1000 से भी ज्यादा रेलवे की सभी नौकरियों की सही जानकारी पाने के लिए यहाँ क्लिक करें 1 स्वतंत्र शासक लंका में सिर्फ रावण का राज चलता था, उसने अपनी प्रजा का खास ध्यान रखा यदि उसके राज्य में कोई उसकी आज्ञा बिना कार्य करता तो उसे योग्य दंड देने में जरा भी चूक नहीं रखता था। यहाँ तक कि रावण ने स्वर्ग तक अपना शासन फैला रखा था। 2 कभी हार ना मानना रावण दिखने में जितना बलवान था उससे भी ज्यादा उसके पास शक्तिशाली सेना थी, वह इतना ताकतवर था कि भगवान से भी नहीं डरता था। सीता हरण के बाद भी उसने कभी हार नहीं मानी वह अंत समय तक युद्ध में लड़ता रहा। रावण यह अच्छी तरह से जानता था कि श्री राम साक्षात् ईश्वर का अवतार है इसके बावजूद उसने श्री राम से युद्ध किया। 3 शास्त्रों और ज्योतिष का ज्ञाता रावण खगोल शास्त्र, ज्योतिष शास्त्र एवं चारों वेदों को भली भांति समझता था सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त वही बना, भगवान शिव उसे बहुत प्रिय थे वह चाहता था कि शिव जी कैलाश से अपने महल लंका में स्थापित करू, हालांकि श्री गणेश ने यह होने नहीं दिया। ये जानकारी आपको कैसे लगी हमें अपने कमेंट द्वारा जरूर बताएं ।

रावण में थे ये गुण, फिर क्यों कहलाए असुर?

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ “रावण”एक ऐसा नाम जो लगभग हर व्यक्ति ने अपने जीवन में कभी न कभी सुना है। बात करें हिंदू धर्म से जुड़े लोगों की तो इन्हें तो न केवल इनके नाम के बारे मे ही बल्कि इनके चरित्र से जुड़ी भी कई बातें भी पता होंगी। आप सही सोच रहे हैं, आज हम आपको इस आर्टिकल में रामायण के इस प्रुमख पात्र के बारे में ही बात करने जा रहे हैं। आप में से काफी लोग जहां इनसे रूबरू हैं, वहीं आज भी ऐसे कुछ लोग हैं जो इनसे पूरी तक अंजान है। तो चलिए बिना देर किए हुआ जानते हैं रामायण में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले लंकापति राजा रावण के बारे में- धर्म ग्रंथों आदि में रावण से जुड़े उल्लेख के अनुसार रावण लंकापति के राजा माने जाते थे। हालांकि जिस लंका के वो राजा कहलाते थे वो असल में भगवान शिव की थी, जिसे रावण ने वरदान में मांगा था। ये न केवल रामाणय के मुख पात्र के तौर पर जाने जाते हैं बल्कि इनमें ऐसी कई विशेषताएं थी जिस कारण इन्हें आदर-सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। परंतु अपनी मां के राक्षस कुल के चलते ही रावण में राक्ष्सी गुण पैदा हुए अतः वह ब्राह्मण होने के बाद हमेशा एक असुर के नजरिए से देखे गए। बता दें ये अपने दस सिरों के चलते दशानन नाम से भी अति प्रसिद्ध थे। ये दस सिर उन्होंने असुरी शक्ति की मदद से ही प्राप्त किए थे। रामकथा के दौरान एक प्रसंग ऐसा आता है जिसमें इन्हें श्री राम के उज्ज्वल चरित्र को उभारने वाला पात्र माना गया है। शाकद्वीपीय ब्राह्मण पुलस्त्य ऋषि का पौत्र तथा ऋषि विश्रवा के पुत्र लंकेश शिव के परम भक्त, उद्भट राजनीतिज्ञ, महापराक्रमी योद्धा, अत्यन्त बलशाली, शास्त्रों का प्रखर ज्ञाता, प्रकान्ड विद्वान पंडित एवं महाज्ञानी थे। Rahu Ketu Transit 2023-24:18 महीने के ल...

रावण से जुड़े 25 रोचक तथ्य

रावण से जुड़े 25 रोचक तथ्य , जिसमे रावण के सारे रहस्य छुपे है | Interesting Facts of Ravana in Hindi “रावण” तो सिर्फ एक है दुनिया में इस नाम का कोई दूसरा व्यक्ति नही है | राम तो बहुत मिल जायेंगे लेकिन रावण (Ravana) नही | राजाधिराज लंकाधिपति महाराज रावण को दशानन भी कहते है | कहते है कि रावण लंका का तमिल राजा था | सभी ग्रंथो को छोडकर वाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण महाकाव्य में रावण (Ravana) का सबसे प्रमाणिक इतिहास मिलता है | हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी लोग राम सीता और रावण के बारे में अच्छी तरह जानते होंगे फिर भी रावण (Ravana) से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य भी है जो शायद आपने एक साथ कही नही पढ़े होंगे | रामायण के अलग अलग भागो से संग्रहित करके आज हम आपको रावण से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों को आपके सामने पेश करेंगे जिससे पता चलेगा कि रावण (Ravana) केवल दुराचारी ही नही था बल्कि धर्म में बहुत विश्वास करता था और उसे महाज्ञानी माना जाता है | 01. रावण (Ravana) था ब्रह्माजी का पड़पौत्र रावण के दादाजी का अनाम प्रजापति पुलत्स्य था जो ब्रह्मा जी के दस पुत्रो में से एक थे | इस तरह देखा जाए तो रावण ब्रह्मा जी का पडपौत्र हुआ जबकि उसने अपने पिताजी और दादाजी से हटकर धर्म का साथ न देकर अधर्म का साथ दिया था | 02. रावण ने ही रची थी रावण संहिता हिन्दू ज्योतिषशास्त्र में रावण संहिता को एक बहुत महत्वपूर्ण पुस्तक माना जाता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि रावण संहिता की रचना खुद रावण ने की थी |रावण अपने समय का सबसे बड़ा विद्वान माना जाता है और रामायण में बताया गया है कि जब रावण मृत्यु शय्या पर लेटा हुआ था तब राम जी ने लक्ष्मण को उसके पास बैठने को कहा था ताकि वो मरने से पहले उनको राजपाट चलाने और नियन्त्रण करने के गुर...

रावण की दस अच्छाईयां ! प्रकाण्ड ज्ञानी रावण की पूरी कहानी.... Religion World

लंकेश “रावण” रामायण का एक केंद्रीय प्रतिचरित्र है। रावण लंका का राजा था। वह अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिसके कारण उसका नाम दशानन (दश = दस + आनन = मुख) भी था। किसी भी कृति के लिये नायक के साथ ही सशक्त खलनायक का होना अति आवश्यक है। रामकथा में रावण ऐसा पात्र है, जो राम के उज्ज्वल चरित्र को उभारने काम करता है। किंचित मान्यतानुसार रावण में अनेक गुण भी थे। सारस्वत ब्राह्मण पुलस्त्य ऋषि का पौत्र और विश्रवा का पुत्र रावण एक परम शिव भक्त, उद्भट राजनीतिज्ञ , महापराक्रमी योद्धा , अत्यन्त बलशाली , शास्त्रों का प्रखर ज्ञाता ,प्रकान्ड विद्वान पंडित एवं महाज्ञानी था। रावण के शासन काल में लंका का वैभव अपने चरम पर था इसलिये उसकी लंकानगरी को सोने की लंका अथवा सोने की नगरी भी कहा जाता है। लंकेश “रावण” एक कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति और वास्तुकला का मर्मज्ञ होने के साथ-साथ तत्व ज्ञानी तथा बहु-विद्याओं का जानकार था। उसे मायावी इसलिए कहा जाता था कि वह इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू जानता था। उसके पास एक ऐसा विमान था, जो अन्य किसी के पास नहीं था। इस सभी के कारण सभी उससे भयभीत रहते थे। रावण के बारे में वाल्मीकि रामायण के अलावा पद्मपुराण, श्रीमद्भागवत पुराण, कूर्मपुराण, महाभारत, आनंद रामायण, दशावतारचरित आदि हिन्दू ग्रंथों के अलावा जैन ग्रंथों में भी उल्लेख मिलता है। भगवान रामचंद्र का विरोधी और शत्रु होने के बावजूद रावण ‘सिर्फ बुरा’ ही नहीं था। वह बुरा बना तो सचमुच में ही प्रभु श्रीराम की इच्छा से। होइए वही जो राम रचि राखा। एक बुराई आपकी सारी अच्छाइयों पर पानी फेर देती है और आप देवताओं की नजरों में भी नीचे गिर जाते हैं। रावण मे कितना ही राक्षसत्व क्यों न हो, उसके गुणों विस्मृत ...

रावण की 10 अच्छाइयां जानकर रह जाएंगे हैरान

आज से वर्ष 7129 वर्ष पूर्व हुए थे भगवान राम अर्थात उनका जन्म 5,114 ईस्वी पूर्व हुआ था। उन्हीं के काल में हुआ था दशानन रावण। राम तो बहुत मिल जाएंगे, लेकिन रावण नाम का दूसरा कोई नहीं मिलेगा। रावण एक कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति और वास्तुकला का मर्मज्ञ होने के साथ-साथ बहु-विद्याओं का जानकार था। उसे मायावी इसलिए कहा जाता था कि वह इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू जानता था। उसके पास एक ऐसा विमान था, जो अन्य किसी के पास नहीं था। इन सभी के कारण सभी उससे भयभीत रहते थे। रावण के बारे में वाल्मीकि रामायण के अलावा पद्मपुराण, श्रीमद्भागवत पुराण, कूर्मपुराण, महाभारत, आनंद रामायण, दशावतारचरित आदि हिन्दू ग्रंथों के अलावा जैन ग्रंथों में भी उल्लेख मिलता है। भगवान रामचंद्र का विरोधी और शत्रु होने के बावजूद रावण 'सिर्फ बुरा' ही नहीं था। वह बुरा बना तो सचमुच में ही प्रभु श्रीराम की इच्‍छा से। होइए वही जो राम रचि राखा... एक बुराई आपकी सारी अच्छाइयों पर पानी फेर देती है और आप देवताओं की नजरों में भी नीचे ‍गिर जाते हैं। विद्वान और प्रकांड पंडित होने से आप अच्छे साबित नहीं हो जाते। अच्छा होने के लिए नैतिक बल का होना जरूरी है। कर्मों का शुद्ध होना जरूरी है। शिव का परम भक्त, यम और सूर्य तक को अपना प्रताप झेलने के लिए विवश कर देने वाला, प्रकांड विद्वान, सभी जातियों को समान मानते हुए भेदभावरहित रक्ष समाज की स्थापना करने वाला रावण आज बुराई का प्रतीक माना जाता है इसलिए कि उसने दूसरे की स्त्री का हरण किया था। आओ जानते हैं कि रावण में कौन-कौन-सी अच्छाइयां थी। अब सोच-विचार होने लगा कि किस पंडित को बुलाया जाए ताकि विजय यज्ञ पूर्ण हो सके। तब प्रभु राम ने सुग्रीव से कहा- 'तुम लंकापति रावण के पास जाओ।' ...

Dussehra 2020: दशहरा आज, जानिए रावण के बारे में कुछ चौंकाने वाली बातें

नई दिल्ली। बुराई पर अच्छाई का प्रतीक दशहरे को पूरा भारत काफी भव्यता के साथ मनाता है, इस दिन जगह-जगह रावण का पुतला फूंका जाता है क्योंकि रावण बुरा राक्षस था, उसने धोखे से पराई नारी का अपहरण किया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि दानव होते हुए ही भी रावण में बहुत सारी अच्छाईयां थी जिसके कारण आज देश के कई कोने में रावण की पूजा होती है।