Rail parivahan ka mahatva likhiye

  1. शारीरिक शिक्षा का महत्व पर निबंध
  2. सड़क परिवहन रेल परिवहन से अधिक महत्वपूर्ण क्यों है? » Sadak Parivahan Rail Parivahan Se Adhik Mahatvapurna Kyon Hai
  3. Testing Google Friendly Title with 'Lalala or OK OK OK'
  4. पर्यावरण का महत्व निबंध Paryavaran ka mahatva essay in hindi
  5. भारत में रेल परिवहन के महत्व का वर्णन कीजिए? » Bharat Mein Rail Parivahan Ke Mahatva Ka Varnan Kijiye
  6. विज्ञापन का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं या लक्षण
  7. Hindi Essay on “Satsangati ka Mahatva”, "सत्संगति का महत्त्व" Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.
  8. Rashtrabhasha Hindi Nibandh
  9. महारानी विक्टोरिया के घोषणा पत्र का महत्व लिखिए


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शारीरिक शिक्षा का महत्व पर निबंध

शारीरिक शिक्षा का महत्व पर निबंध (Essay on importance of physical education): शारीरिक शिक्षा शिक्षा का अभिन्न अंग है. यह शिक्षा मनुष्य के क्रमबद्ध विकास के साथ-साथ सभ्यता के विकास में मदद करती है. इसलिए, दुनिया के कई हिस्सों में, शारीरिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाता है. शारीरिक शिक्षा भी हमारे देश में पाठ्यक्रम में शामिल है. शारीरिक शिक्षा केवल शारीरिक शिक्षा के बारे में नहीं है, यह स्वस्थ शरीर बनाने, मानसिक स्वास्थ्य और अच्छी नागरिकता विकसित करने में भी मदद करता है. अनादिकाल से ही मानव समाज में शारीरिक शिक्षा का प्रचलन रहा है. राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक असमानता से प्रभावित होकर, इसने विभिन्न देशों में विभिन्न आयामों को अपनाया है. यह सूचना मिलता है कि शारीरिक शिक्षा प्रागैतिहासिक युग में भी मनुष्यों के साथ बहुत लोकप्रिय है. तो बिना देरी किये चलते हमारे मुख्य लेख की ओर जो है शारीरिक शिक्षा पर निबंध (Essay on importance of physical education). शारीरिक शिक्षा का महत्व पर निबंध – Essay on importance of physical education प्रस्तावना शारीरिक शिक्षा सामान्य शिक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण और आवश्यक हिस्सा है. शिक्षा का मतलब केवल विभिन्न शास्त्रों का अध्ययन नहीं है या इसका दायरा विभिन्न मानसिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है. सही शिक्षा मनुष्य के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास में मदद करती है. इसलिए अंग्रेजी में कहा जाता है, ‘Education is the development of the body, mind, and spirit.’ शरीर और मन एक दूसरे के पूरक हैं. इन दोनों में से एक का विकास बाधित होता है, तो दूसरे पर भी प्रभाब पड़ता है. इसलिए शिक्षा में मानसिक शिक्षा जितनी ही महत्वपूर्ण है, शारीरिक शिक्षा भी उतनी ही महत्वप...

सड़क परिवहन रेल परिवहन से अधिक महत्वपूर्ण क्यों है? » Sadak Parivahan Rail Parivahan Se Adhik Mahatvapurna Kyon Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। परिवार परिवार से अधिक महत्वपूर्ण निभाने की लागत कम पड़ती है अधिक दाल वाले क्षेत्रों और पहाड़ियों पर भी आसानी से सड़कों का निर्माण किया जा सकता है कम लोगों तथा कम सामान को चोट पहुंचाने के लिए सड़क मार्ग से जाने में कम खर्च पड़ता है parivar parivar se adhik mahatvapurna nibhane ki laagat kam padti hai adhik daal waale kshetro aur pahadiyon par bhi aasani se sadkon ka nirmaan kiya ja sakta hai kam logo tatha kam saamaan ko chot pahunchane ke liye sadak marg se jaane me kam kharch padta hai परिवार परिवार से अधिक महत्वपूर्ण निभाने की लागत कम पड़ती है अधिक दाल वाले क्षेत्रों और पहा

Testing Google Friendly Title with 'Lalala or OK OK OK'

People Also Read: Okokok or lalala – Personality Quiz Personality Quiz Okokok or lalala Quiz introduction It’s a long quiz with many options. The last few questions are free text, feel free to skip <3. How to Am I 'OKOKOK' or 'LALALA'? How to take the viral TikTok test The latest viral quiz making the rounds on the platform is the 'OKOKOK / LALALA test', inspired by the popular Tyler the Creator's song, 'See You Again'. How to play the okokok or lalala TikTok quiz You can try the quiz out over at uQuiz (opens in a new tab), where a bunch of viral TikTok tests originate. Quiz introduction Following the Tiktok trend 🙂 (there’s no questions about extroversion or introversion that determine your results. The latest viral quiz making the rounds on the platform is the 'OKOKOK / LALALA test', inspired by the popular Tyler the Creator's song, 'See You Again' featuring Kali Uchis. am i an okok or lala type of person. both lala people and okok people are great; there's no better one 🙂 Strt Quiz » By Catsdogs.

पर्यावरण का महत्व निबंध Paryavaran ka mahatva essay in hindi

Paryavaran ka mahatva essay in hindi Paryavaran ka mahatva nibandh- दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं पर्यावरण का महत्व पर निबंध । इस निबंध में हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि पर्यावरण का हमारे जीवन में क्या महत्व है । हम सभी को पर्यावरण को स्वच्छ क्यों रखना चाहिए । चलिए अब हम जानेंगे कि पर्यावरण का क्या महत्व है । पर्यावरण का हमारे जीवन में बड़ा ही महत्व है क्योंकि हमारे जीवन में स्वच्छ वायु वातावरण इतना आवश्यक है की यदि वायु दूषित होती है तो उसका दुष्प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ेगा और हम बीमार हो जाएंगे । आज इंसान विकास की ओर बढ़ रहा है लेकिन पर्यावरण की तरफ ध्यान नहीं दे पा रहा है । हमारा जीवन पर्यावरण से जुड़ा हुआ है । आज हम सभी पेड़ो को काटकर बिल्डिंग , मकान बनाने में लगे हुए हैं। paryavaran ka mahatva essay in hindi जिस पेड़ से हमें ऑक्सीजन मिलती है वही पेड़ हम काट देते हैं । वह पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड लेकर सभी को ऑक्सीजन देकर एक नई जिंदगी प्रदान करता है उसी पेड़ को हम काट देते हैं यह हमारे लिए शर्म की बात है । लकड़ियों को जला कर के जो धुंआ निकलता है उस धुंआ के कारण हमारे आसपास का वातावरण दूषित हो जाता है और हमें सांस लेने में भी समस्या होती है । हमारे विज्ञान के द्वारा हमें पता चला है कि पेड़ों के कटने के कारण ओजोन परत को भी नुकसान पहुंच रहा है जिसके कारण सूर्य की जो पराबैगनी किरणें हैं वे हम को हानि पहुंचा रही हैं । आज हम देख रहे हैं कि आसपास का जो वातावरण है वह अशुद्ध है । तापमान में वृद्धि होती जा रही है आज ना तो पानी गिरने का कोई समय है और ना ही गर्मी आने का कोई समय है । कभी पानी गिरता है तो कभी नहीं गिरता है । इन सबका सबसे बड़ा कारण है कि हम लोगों ने अपनी सुविधा के लिए प...

भारत में रेल परिवहन के महत्व का वर्णन कीजिए? » Bharat Mein Rail Parivahan Ke Mahatva Ka Varnan Kijiye

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। भारत में परिवहन में रेलवे का योगदान सबसे बड़ा है लाखों लाख यात्रियों को देश के एक कोने में दूसरे कोने में पहुंचाने में तथा लोकल ट्रांसपोर्टेशन का भी यह सबसे अधिक सुविधाजनक एवं संस्था माध्यम है इसके अलावा सामान की ढुलाई के लिए भी व्यापार के लिए इन सब चीजों में रेलवे का योगदान अहम है इसके अथक होते ही भारत की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है bharat me parivahan me railway ka yogdan sabse bada hai laakhon lakh yatriyon ko desh ke ek kone me dusre kone me pahunchane me tatha local transportation ka bhi yah sabse adhik suvidhajanak evam sanstha madhyam hai iske alava saamaan ki dhulai ke liye bhi vyapar ke liye in sab chijon me railway ka yogdan aham hai iske athak hote hi bharat ki arthavyavastha charmara jaati hai भारत में परिवहन में रेलवे का योगदान सबसे बड़ा है लाखों लाख यात्रियों को देश के एक कोने में

विज्ञापन का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं या लक्षण

विज्ञापन का अर्थ (vigyapan kya hai) vigyapan arth paribhasha visheshtaye mahatva;अंग्रेजी भाषा के Advertising के शब्‍द की उत्‍‍पत्ति लेटिन के Advertere शब्‍द से हुई है जिसका आशय मोडने से होता है व्‍यावसायिक तौर पर Advertising शब्‍द का अर्थ ग्राहकों को विशिष्‍ट वस्‍तुओं एवं सेवाओं की ओर जानकारी देकर मोडनें से लिया गया है वस्‍तुत: विज्ञापन से आशय उन समस्‍त साधनों से है जिनके द्वारा उपभोक्‍ताओं को वस्‍तुओं व उनके गुणों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है। यह एक प्रकार की अपील है जिसके द्वारा ग्राहकों के दिमाग में वस्‍तुओं को खरीद कर अपनी आवश्‍यकताओं की संतुष्टि करने की प्रेरणा जागृत की जाती है विज्ञापन का मुख्‍य उद्देश्य ग्राहको को वस्‍तुओं के गुणों एवं मूल्‍यों की सुचना उपभोक्‍ताओं को देना तथा वस्‍तुओं की बिक्री में वृद्धि करना है। सरल एवं स्पष्ट शब्दों मे हम कह सकते है," अपने ग्राहकों को अपनी वस्तुओं व सेवाओं के बारें मे विशिष्ट जानकारी या विशिष्ट गुणों के बारे मे जानकारी देकर अपनी वस्तुओं या सेवाओं को लेने के लिए प्ररित करना ही विज्ञापन है। यहां पर यह बात ध्यान देने योग्य है कि सरकार द्वारा या किसी अन्य संस्था द्वारा लोगोंको जागरूक करने के उद्देश्य से भी विज्ञापन किये जाते है विज्ञापन की परिभाषा (vigyapan ki paribhasha) बुड के अनुसार,'' विज्ञापन जानने, स्‍मरण रखने तथा कार्य करने की विधी है।'' सी. एल. बॉलिंग के अनुसार,'' विज्ञापन को वस्‍तु या सेवा की मांग उत्‍पन्‍न करने की कला कहा जाता है।'' स्‍टार्च के शब्‍दों में,'' विज्ञापन प्राय: मुद्रण के रूप में किसी प्रस्‍ताव को लोगों के समक्ष प्रस्‍तुत करने का एक ढंग है ताकी वे उसके अनुसार कार्य करने को प्रेरित हों।'' लस्‍कर के शब...

Hindi Essay on “Satsangati ka Mahatva”, "सत्संगति का महत्त्व" Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

सत्संगति का महत्त्व Satsangati ka Mahatva संकेत – बिंदु – संगति का अर्थ। सत्संग व कसंगत का प्रभाव। विदयार्थी जीवन में महत्त्व। संगति का अर्थ है ऐसे लोगों के साथ उठना-बैठना जो हमारे जीवन को निरंतर और स्थायी तौर पर प्रभावित करते हैं। संगति अर्थात् ‘सम् + गति’ तो वह है जो दिन-रात समान रूप से हमारे साथ चल रही है क्रिया में, विचार और व्यवहार में। इसलिए जीवन के उत्थान व पतन का कारण संगति ही होती है। कबिरा संगत साधु की , हरे और की व्याधि। संगत बुरी असाधु की , आठों पहर उपाधि। इस संगति के दो रूप स्पष्ट हैं ‘सत्संग’ और ‘कुसंग’ । हमें नित्य उच्च आदर्शों की ओर प्रेरित करने वाले, स्वयं पर आस्था व विश्वास जगाने वाले, दया, प्रेम, करुणा आदि का भाव जगाने वाले लोगों का साथ सत्संग है और इसके विपरीत मन को निम्न कत्यों के लिए प्रेरित करने वाले, हमें परावलंबी व नास्तिक बनाने वाले, कठोरता, क्रूरता. कदाचार और अमानवीय व्यवहार का औचित्य सिद्ध करने वाले लोगों का साथ ‘कुसंग’ है। सत्संग उस पारस पत्थर के समान है जो लोहे को भी पारस बना देता है। सज्जन सदैव सद्गुणों की ओर प्रेरित करता है। शुभ संकल्पनों को दृढ़ता प्रदान करता है। हृदय में प्रेम, करुणा और सहिष्णुता जैसे दैवीय गुणों का विकास करने का अवसर मिलता है। विद्यार्थी जीवन में तो सत्संगति का और भी अधिक महत्त्व है क्योंकि यह जीवन ही संपूर्ण भावी जीवन की आधारशिला है। इस समय सांसारिकता से दूर कोमल व निर्मल पर जो संस्कार पड़ते हैं वे अस्थायी होते हैं। अतः इस समय मित्र बनाते समय विशेष सावधान रहना चाहिए। जीवन में अनुशासन, संयम और उदारता ‘सत्संगति’ से ही प्राप्त होते हैं।

Rashtrabhasha Hindi Nibandh

राष्ट्रभाषा हिन्दी पर निबंध ये Rashtrabhasha Hindi Nibandh विभिन्न बोर्ड जैसे UPBoard, Bihar Board और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को दृश्टिगत रखते हुए लिखा गया है, अगर आपके मन सवाल हो तो comment लिख कर पूछ सकते हैं | अन्य सम्बंधित शीर्षक – • राष्ट्रभाषा का महत्त्व • भारत में राष्ट्रभाषा की समस्या , • राष्ट्रभाषा हिन्दी का भविष्य ( 2004 ) • देश के विकास में राष्ट्रभाषा की भमिका • हिन्दी ही राष्ट्रभाषा क्यों ? • राष्ट्रभाषा और उसकी समस्याएँ • राष्ट्रीय एकता में हिन्दी का योगदान ” है भव्य भारत ही हमारी मातभमि हरी – भरी । हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा और लिपि है नागरी ॥ ”– मैथिलीशरण गुप्त Rashtrabhasha Hindi Nibandh रूपरेखा • • • • • • • • • • • 1- प्रस्तावना जब मैं पक्षियों को कूजते हुए , सिंहों को दहाड़ते हुए , हाथियों को चिंघाड़ते हुए , कुत्तों को भौंकते हुए और घोड़ों को हिनहिनाते हुए सुनता हूँ तो अचानक मुझे ख्याल आता है कि ये सब अपनी भाषा में कुछ कहना चाहते हैं , बातचीत करना चाहते हैं । वे अपने प्रेम , क्रोध , घृणा व ईर्ष्या के भावों को अभिव्यक्त करना चाहते हैं ; किन्तु मैं इनकी भावनाओं को पूरी तरह नहीं समझ पाता । तभी मुझे ये विचार आता है कि मानव कितना महान् है कि उसे अपनी बात कहने के लिए भाषा का वरदान मिला है । प्रत्येक मनुष्य अपने भावों की अभिव्यक्ति किसी – न – किसी भाषा के माध्यम से ही करता है । भाषा के अभाव में न तो किसी सामाजिक परिवेश की कल्पना की जा सकती है और न ही सामाजिक व राष्ट्रीय प्रगति की । साहित्य , विज्ञान , कला , दर्शन आदि सभी का आधार भाषा ही है । किसी भी देश के निवासियों में राष्ट्रीय एकता की भावना के विकास और पारस्परिक सम्पर्क के लिए एक ऐसी भाषा अवश्य होनी चाहिए ,...

महारानी विक्टोरिया के घोषणा पत्र का महत्व लिखिए

महारानी के घोषणा-पत्र का महत्त्व व मूल्यांकन महारानी विक्टोरिया की यह घोषणा एक महत्त्वपूर्ण घटना मानी जाती है। मांटेग्यू घोषणा 1917 ई. में मांटेग्यू ने भारत के सम्बन्ध में की। महारानी की घोषणा ने भारतवर्ष के विभिन्न वर्गों के लोगों की शिकायतों, नाराजगियों व आशंकाओं के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया। जिन-जिन कारणों से जनता के मन में असंतोष इकट्ठा हो रहा था जिसकी अभिव्यक्ति सन् 1857 ई. के गदर के रूप में हुई, उन सबके सम्बन्ध में रानी ने घोषणा-पत्र में आश्वासन प्रदान किये। सर्वाधिक असंतोष था डलहौजी द्वारा विभिन्न अनुचित तरीकों से भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार व देशी राजाओं की गोद लेने के अधिकार से वंचित करना यह अधिकार उन्हें पुनः वापिस दे दिया गया तथा दूसरों के राज्यों में अनाधिकर हस्तक्षेप द्वारा भारत में ब्रिटिश राज्य के विस्तार की नीति के परित्याग की घोषणा कर दी गई। साम्राज्य के भारतीयों को अन्य प्रजाजनों के समान समझना, भारतीयों के धार्मिक विश्वासों का आदर करना व जाति और धर्म के आधार पर नौकरियों आदि में भेदभाव न करना कुछ अन्य ऐसे आश्वासन थे जिन्होंने भारतीय जनता को मानसिक राहत पहुँचाई। घोषणा के अन्त में सार्वजनिक उपयोगिता के कार्य तथा प्रजाजन के हित सम्बन्धी कार्य करने की बात कही गई थी। इस प्रकार महारानी की इस घोषणा में कही गई बातें अब तक कम्पनी के द्वारा भारत में अपनाई जाने वाली नीति व सिद्धान्तों से बहुत भिन्न थीं। इस घोषणा के महत्त्व के सम्बन्ध में विद्वानों के मतभेद हैं। सैद्धान्तिक आधार पर तो सभी ने इसको एक महत्त्वपूर्ण घोषणा माना है परन्तु फिर भी बहुत सारे विद्वानों का यह विचार है कि घोषणा किसी भी प्रकार से इस बात की पुष्टि नहीं करती कि भारत के सम्बन्ध म...