Ramchandra ji ki aarti

  1. Hindu Aartis
  2. आरती: रघुवर श्री रामचन्द्र जी।
  3. Shri Ramchandra Ji Ki Aarti
  4. रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती
  5. [Free PDF] Ram Ji Ki Aarti
  6. Shree Ram Chander Ji Aarti : रामचंद्र जी की आरती
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Hindu Aartis

Josie Elias/Photodisc/Getty Images Om Jaye Jagdish Hare / Swami Jaye Jagdish Hare Bhagt Jano Ke Sankat / Khshan Mein Dur Kare ... Om Jaye Jagdish Hare || Jo Dhaywe Phal Pave / Dukh Vinshe Man Ka Sukh Sampati Ghar Aave / Kasht Mite Tan Ka ... Om Jaye Jagdish Hare || Maat-Pita Tum Mere / Sharan Gahun Kiskee Tum Bin Aur Na Duja / Aas Karun Jiskee ... Om Jaye Jagdish Hare || Tum Puran Parmatma / Tum Antaryami Par-Brahm Parmeshwar / Tum Sabke Swami ... Om Jaye Jagdish Hare || Tum Karuna Ke Saagar / Tum Palankarta Mein Moorakh Khal Kami, Mein Sewak Tum Swami Kripa Karo Bharta ... Om Jaye Jagdish Hare || Tum Ho Ek Agochar / Sabke Pran Pati Kis Vidhi Milun Dayamay / Tumko Mein Kumti ... Om Jaye Jagdish Hare || Deenbandhu Dukh Harta / Thakur Tum Mere Apne Hath Badao, Apni Sharan Lagao Dwar Para Tere ... Om Jaye Jagdish Hare || Vishay Vikaar Mitao / Paap Haro Deva Shradha Bhakti Barao / Santan Ki Sewa ... Om Jaye Jagdish Hare || Tan Man Dhan / Sab Hai Tera Tera Tujhko Arpan / Kya Lage Mera ... Om Jaye Jagdish Hare || Lord Shiva & Pravati. www.exoticindia.com Shri Shankar Ji Ki Aarti Om Jai Shiv Onkara, Hari Shiv Onkara, Brahma Vishnu Sadashiv Ardhangi Dhara. Ekanan Chaturanan Panchanan Raje, Hansanan Garudaasan Vrashivahan Saje. Do Bhuj Char Chaturbhuj Dus Bhuj Te Sohe, Teenon Roop Nirakhata Tribhuvan Jan Mohe. Akshmala Banmala Mundmala Dhari, Chandan Mragmad Sohe Bhale Shashi Dhari. Shvetambar Pitambar Baghambar Ange, Sankadik Brahmadik Bhootadik Sange. Kar Main Shreshth Kamandalu ...

आरती: रघुवर श्री रामचन्द्र जी।

Read in English श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से की जाने वाली आरती। आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥ दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन॥ अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन, मर्यादा पुरुषोत्तम वर की॥ निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि॥ हरण शोक-भय दायक नव निधि, माया रहित दिव्य नर वर की॥ जानकी पति सुर अधिपति जगपति, अखिल लोक पालक त्रिलोक गति॥ विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति, एक मात्र गति सचराचर की॥ शरणागत वत्सल व्रतधारी, भक्त कल्प तरुवर असुरारी॥ नाम लेत जग पावनकारी, वानर सखा दीन दुख हर की॥

Shri Ramchandra Ji Ki Aarti

Important information • Jagmag Jagmag Jyot Jali is a Hindu religious song for the deity Shree Ram. Although the song is a Hindi language composition, it is widely sung by many Hindus within the Indian Diaspora, regardless of their native language. The prayer is sung by the entire congregation at the time of Aarti, a form of Hindu worship. Jagmag Jagmag Jyot Jali Hai! Ram Aarti Hon Lagi Hai!! Bhakti Ka Dipak Prem Ki Baati! Aarti Sant Kare Din Raati!! Anand Ki Sarita Ubhari Hai! Jagmag Jagmag Jyot Jali Hai! Kanak Singhaasan Siya Sameta! Baithahi Ram Hoi Chit Cheta!! Vaam Bhag Mein Janak Lali Hai! Jagmag Jagamag Jyot Jali Hai!! Aarti Hanumat Ke Man Bhave! Rama Katha Nit Shankar Gaave!! Santo Ki Ye Bheed Lagi Hai! Jagmag Jagamag Jyot Jali Hai!!

रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती

Contents • • • • • • रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥ दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन॥ अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन, मर्यादा पुरुषोत्तम वर की॥ निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि॥ हरण शोक-भय दायक नव निधि, माया रहित दिव्य नर वर की॥ जानकी पति सुर अधिपति जगपति, अखिल लोक पालक त्रिलोक गति॥ विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति, एक मात्र गति सचराचर की॥ शरणागत वत्सल व्रतधारी, भक्त कल्प तरुवर असुरारी॥ नाम लेत जग पावनकारी, वानर सखा दीन दुख हर की॥ रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती अंग्रेजी में Aarti Ki Jai Shri Raghubarji Ki। Sat Chit Anand Shiv Sundar Ki॥ Dashrath-tanay Kaushila-nandan। Sur-muni-rakshak Daitya-nikandhan॥ Read here: आरती कीजे श्री रघुवर जी की mp3 डाउनलोड Download link: इस आरती से संबंधित खोजें: Ram Chandra Ji ki Aarti ,Shree Ram Aarti , Shree Ram Aarti Lyrics , Ram Ji Ki Aarti , Rahuvar Arti रघुवर श्री रामचन्द्रके बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: प्रश्न : श्री राम चंद्र जी के जीवन से हमें क्या सीख मिलती है? जवाब: गुरु-शिष्य, राजा-प्रजा, स्वामी-सेवक, पिता-पुत्र, पति-पत्नी, भाई-भाई, मित्र-मित्र के आदर्शों के साथ धर्मनीति, राजनीति, कूटनीति, अर्थनीति, सत्य, त्याग, सेवा, प्रेम, क्षमा, परोपकार, शौर्य, दान आदि मूल्यों का सुन्दर आदर्श हमें उनके जीवन से सीखने को मिलता है । विनम्र अनुरोध: पोस्ट अच्छी लगे तो कमेंट बॉक्स में लिखें जय श्री राम ! आपका दिन अच्छा हो जाएगा ! यकीन नही होता तो एक बार कोशिश जररूर करना !! संबंधित आरती:

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Page Contents • • • • • • • • • • Ram Navami श्री राम नवमी पढ़िए श्री राम नवमी (Ram Navami) के बारे में, जानिये राम नवमी की क्या परंपरा है, क्यों मनाते है, राम जी के मुख्य पूजा स्थल, श्री राम जी की आरती “ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन” साथ ही आप Ram Ji Ki Aarti PDF डाउनलोड भी कर सकते है| राम नवमी ( Ram Navami 2021) हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, यह त्योहार अयोध्या के राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र भगवान राम की जयंती (जन्मदिन) मनाने के लिए धूमधाम से मनाया जाता है। “राम नवमी” को हर साल चैत्र महीने के नौवें दिन मनाया जाता है। चैत्र महीने की शुरुआत नवरात्रि से होती है और इस दिन से हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत भी होती है | और राम नवमी के दिन चैत्र नवरात्रि का समापन होता है | इस नवरात्रि के पावन दिनों मे अनुयायी देवी दुर्गा के प्रति अपना समर्पण भाव व भक्ति दर्शाने के लिए उपवास रखते हैं| और यदि किसी भी कारणवश उपवास नहीं रख सकते तब भी इन दिनों मे मानसिक व शारीरिक पवित्रता का विशेष ध्यान रखते हुए शुद्ध शाकाहारी भोजन ही करते है| साथ ही साथ घरों की भी विशेष साफ़ सफाई रखते है| Ram Navami 2021 राम नवमी की परंपरा श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे। हिंदू धर्म ग्रंथ रामायण में श्री राम के जीवन और उनके चरित्र का बहुत ही सुंदर वर्णन किया गया है। साथ ही साथ श्री राम ने मानवता को एक बहुत ही बड़ा संदेश दिया “सत्यमेव जयते” अर्थात सत्य की जीत होती है व असत्य की हार होती है| इस संदेश को देने के लिए भगवान श्री राम ने इस पृथ्वी पर अवतार लिया था| और रावण का वध करके सिद्ध किया कि असत्य की हमेशा ही हार होती है चाहे कैसी भी परिस्थिति हो सदा सत्य के मार्ग पर चलना ही वास्तविक मे धर्म का सही अनुशरण क...

Shree Ram Chander Ji Aarti : रामचंद्र जी की आरती

श्री रामचंद्रजी की आरती : Ramchandra Ji Arti आरती कीजै रामचन्द्र जी की। हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥ पहली आरती पुष्पन की माला। काली नाग नाथ लाये गोपाला॥ दूसरी आरती देवकी नन्दन। भक्त उबारन कंस निकन्दन॥ तीसरी आरती त्रिभुवन मोहे। रत्‍‌न सिंहासन सीता रामजी सोहे॥ चौथी आरती चहुं युग पूजा। देव निरंजन स्वामी और न दूजा॥ पांचवीं आरती राम को भावे। रामजी का यश नामदेव जी गावें॥ श्री राम स्तुति कंन्दर्प अगणित अमित छबि नवनील – नीरद सुन्दरं | पटपीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमि जनक सुतवरं || भजु दीनबंधु दिनेश दानव – दैत्यवंश – निकन्दंन | रधुनन्द आनंदकंद कौशलचन्द दशरथ – नन्दनं || सिरा मुकुट कुंडल तिलक चारू उदारु अंग विभूषां | आजानुभुज शर – चाप – धर सग्राम – जित – खरदूषणमं || इति वदति तुलसीदास शंकर – शेष – मुनि – मन रंजनं | मम ह्रदय – कंच निवास कुरु कामादि खलदल – गंजनं || मनु जाहिं राचेउ मिलहि सो बरु सहज सुन्दर साँवरो | करुना निधान सुजान सिलु सनेहु जानत रावरो || एही भाँति गौरि असीस सुनि सिया सहित हियँ हरषीं अली | तुलसी भवानिहि पूजी पुनिपुनि मुदित मन मन्दिरचली || दोहा आरती श्री रामचन्द्र जी की जगमग जगमग जोत जली है । राम आरती होन लगी है ।। भक्ति का दीपक प्रेम की बाती । आरति संत करें दिन राती ।। आनन्द की सरिता उभरी है । जगमग जगमग जोत जली है ।। कनक सिंघासन सिया समेता । बैठहिं राम होइ चित चेता ।। वाम भाग में जनक लली है । जगमग जगमग जोत जली है ।। आरति हनुमत के मन भावै । राम कथा नित शंकर गावै ।। सन्तों की ये भीड़ लगी है । जगमग जगमग जोत जली है ।। Shri Ram Aarti Aarti Kije Shri Ramchandra Ki l Dushtdalan Sitapati Ji Ki ll Pahali Aarti Pushpan Ki Maala l Kaali Naag Naath Laaye Gopala ll Dusari Aarti De...

Ramchandra Ji Ki Aarti

1.1.1.1.1 भगवान श्री राम वैश्विक आदर्श पुरुष मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम का जन्म अयोध्या के सम्राट राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के हेतु यज्ञ कराया था। जिसके फल स्वरुप राजा दशरथ के यहाँ चार पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। जिसमे सबसे बड़े राम माता कौशल्या के गर्भ से जन्म लेते है। जब श्री राम का जन्म हुआ था तब चैत्र मास की शुकल पक्ष की नवमी की तिथि वर्णित है। आज सनातन हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी इसे राम नवमी के तोर पे मनाते है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की अद्भुत रचना की है। ये रचना विश्व प्रसिद्ध है। इस में भगवान श्री राम का सम्पूर्ण जीवन की गाथा का वर्णन है। भगवान श्री राम भारत में ही नहीं पुरे विश्व में एक आदर्श पुरुष के तोर पे पूजे जाते है। यहाँ भगवान श्री राम की आरती लिखी गयी है। अपने तन, मन से लीन हो कर आरती का पठन करने से हमें प्रभु के पास पहोचने का अहसास होता है। भगवान श्री राम की आरती – Bhagavan Shree Ram ki Aarti भगवान रामचंद्र जी की आरती – Ramchandra ji ki Aarti श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणं। नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम।। कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुंदरम। पट्पीत मानहु तडिप रूचि सूचि नौमी जनक सुतावरम।। भजु दिन बंधू दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम। रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम।। शिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारु अंग विभुषणं। आजानु भुज शर चाप घर संग्राम जित खर -धूषणं।। इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम। मम हदय कुंज निवास कुरु कामादि खल दल गंजनम।। मनु जाहि राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुन्दर सवारों। करुणा निधान सुजान सीलू सनेहु जानत रावरो।। एही भांति गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली। तुलसी भवानी पूजी पूनी पूनि मुदित...