Rani lakshmi bai ki jivani

  1. Rani Lakshmibai Biography
  2. रानी लक्ष्मी बाई का जीवन परिचय Rani Lakshmi Bai Biography in Hindi


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Rani Lakshmibai Biography

Gk Skill की इस पोस्ट में रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmibai ) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस पोस्ट में दिए गए रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmibai ) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी और आप इनके बारे में अपनी जानकारी बड़ा पाएंगे । Rani Lakshmibai Biography and Interesting Facts in Hindi. रानी लक्ष्मीबाई की जीवनी (Rani Lakshmibai Biography ):- पूरा नाम- रानी लक्ष्मीबाई की जीवनी जन्म ( Born) – 19 नवंबर 1828 मृत्यु (Died) – 18 जून 1858 जन्म स्थान- काशी पिता – मोरोपंत तांबे माता – भागीरार्थी बाई रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmibai ) • रानी लक्ष्मीबाई 1857 की भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महान वीरांगना थी • रानी लक्ष्मी बाई झांसी की रानी के नाम से प्रसिद्ध है • रानी लक्ष्मीबाई ने देश भक्ति की अनुपम गाथा प्रस्तुत की • रानी लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को काशी में हुआ था • रानी लक्ष्मी बाई के माता का नाम भागीरार्थी बाई और पिता का नाम मोरोपंत तांबे था • लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम मणिकर्णिका था लोग उन्हें प्यार से मनु के नाम से पुकार थे • लक्ष्मी बाई का शादी 1842 मे झांसी के राजा गंगाधर राव के साथ हुई थी • 1851 में लक्ष्मी बाई को एक पुत्र की प्राप्ति हुई परंतु 4 महीने में ही उसकी मौत हो गई • लक्ष्मीबाई ने आनंदराव नामक बच्चे को गोद लिया जिसका बाद में नाम दामोदर राव रखा गया • 21 नवंबर 1853 को लक्ष्मी बाई के पति महाराजा गंगाधर राव का निधन हो गया रानी देख दामोदर राव को झांसी का उत्तराधिकारी बनाया • जनरल डलहोजी ...

रानी लक्ष्मी बाई का जीवन परिचय Rani Lakshmi Bai Biography in Hindi

रानी लक्ष्मी बाई का जीवन परिचय Rani Lakshmi Bai Biography in Hindi लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवम्बर 1828 को वाराणसी जिले के भदैनी नामक जगह पर हुआ। उनके पिता का नाम मोरोपन्त तांबे था तथा उनकी माँ का नाम भागीरथीबाई था। मोरोपन्त एक मराठी थे। माता भागीरथीबाई एक बुद्धिमान एवं धार्मिक महिला थीं। बचपन में लक्ष्मी बाई को सब मनु कहकर बुलाते थे। जब वह चार वर्ष की थी तभी उनकी माता का देहांत हो गया। घर में मनु की देखभाल के लिये कोई नहीं था, इसलिए उनके पिता को उन्हें अपने साथ पेशवा बाजीराव दरबार में ले जाना पड़ता था। छोटी सी मनु दरबार में सभी से मीठी मीठी बातें करती थी। लोग उन्हें प्यार से “छबीली” कहकर बुलाते थे। उनके पिता ने उन्हें बचपन से ही शष्त्रों की शिक्षा दी थी। सन् 1842 में उनका विवाह झाँसी के मराठा राजा गंगाधर राव नेवालकर के साथ हुआ और वे झाँसी की रानी बनीं। विवाह के बाद उनका नाम लक्ष्मीबाई रखा गया। सन् 1851 में रानी लक्ष्मीबाई ने एक पुत्र को जन्म दिया। परन्तु चार महीने की आयु में ही उसकी मृत्यु हो गयी। बाद में रानी लक्ष्मी बाई और राजा गंगाधर राव ने एक पुत्र को गोद लिया। जिसका नाम दामोदर राव रखा गया। सन् 1853 में राजा गंगाधर राव का स्वास्थ्य बहुत अधिक बिगड़ जाने पर उनकी मृत्यु हो गयी। ब्रिटिश सरकार ने उनके गोद लिए गए पुत्र दामोदर राव के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर कर दिया। ब्रिटिश सरकार ने उनके राज्य का खजाना ज़ब्त कर लिया और उनके पति ने जो कर्ज लिया था, उसकी रकम ,रानी की सालाना आय से से काटने का निर्णय सुनाया। इस वजह से परेशान होकर रानी को झाँसी का क़िला छोड़ कर झाँसी के रानीमहल में जाना पड़ा। मगर फिर भी साहसी रानी लक्ष्मीबा ई ने हिम्मत नहीं हारी और हर हाल में झाँसी राज्य की रक्षा...