Ras ki paribhasha udaharan sahit

  1. Ras in Hindi
  2. शांत रस की परिभाषा एवं उदाहरण सहित स्पष्टीकरण
  3. वीर रस की परिभाषा उदाहरण सहित
  4. हास्य रस की परिभाषा एवं उदाहरण लिखिए


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Ras in Hindi

In this page we are providing all Ras in Hindi (रास इन हिंदी) | Ras Ki Paribhasha, Bhed, Udaharan (Example) – Hindi Grammar What is Ras In Hindi (Hindi Mein Ras) रस : शब्द की व्युत्पत्ति एवं अर्थ संस्कृत में ‘रस’ शब्द की व्युत्पत्ति ‘रसस्यते असो इति रसाः’ के रूप में की गई है; अर्थात् जिसका आस्वादन किया जाए, वही रस है; परन्तु साहित्य में काव्य को पढ़ने, सुनने या उस पर आधारित अभिनय देखने से जो आनन्द प्राप्त होता है, उसे ‘रस’ कहते हैं। सर्वप्रथम भरतमुनि ने अपने ‘नाट्यशास्त्र’ में रस के स्वरूप को स्पष्ट किया था। “विभावानुभावव्यभिचारिसंयोगाद्रसनिष्पत्तिः।” अर्थात् विभाव, अनुभाव तथा व्यभिचारी भाव के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है। इस प्रकार काव्य पढ़ने, सुनने या अभिनय देखने पर विभाव आदि के संयोग से उत्पन्न होनेवाला आनन्द ही ‘रस’ है। काव्य में रस का वही स्थान है, जो शरीर में आत्मा का है। जिस प्रकार आत्मा के अभाव में प्राणी का अस्तित्व सम्भव नहीं है, उसी प्रकार रसहीन कथन को काव्य नहीं कहा जा सकता। इस प्रकार रस ‘काव्य की आत्मा ‘ है। भरतमुनि द्वारा रस की परिभाषा- रस उत्पत्ति को सबसे पहले परिभाषित करने का श्रेय भरत मुनि को जाता है। उन्होंने अपने ‘नाट्यशास्त्र’ में रास रस के आठप्रकारों का वर्णन किया है। रस की व्याख्या करते हुए भरतमुनि कहते हैं कि सब नाट्य उपकरणों द्वारा प्रस्तुत एक भावमूलक कलात्मक अनुभूति है। रस का केंद्र रंगमंच है। भाव रस नहीं, उसका आधार है किंतु भरत ने स्थायी भाव को ही रस माना है। रस की काव्यशास्त्र के सिद्धान्त हिन्दी- • सिद्धान्त – प्रवर्तक • रीतिवाद – केशवदास (रामचन्द्र शुक्ल ने चिन्तामणि कों हिन्दी में रीतिवाद का प्रवर्तक माना है।) • स्वच्छन्दतावाद – श्रीधर पा...

शांत रस की परिभाषा एवं उदाहरण सहित स्पष्टीकरण

शांत रस की परिभाषा (Shant Ras Ki Easy Definition): शांत रस का स्थायी भाव “निर्वेद (उदासीनता)” होता है. शांत रस में तत्व ज्ञान की प्राप्ति अथवा संसार से वैराग्य होने पर, परमात्मा के वास्तविक रूप का ज्ञान होने पर मन को जो शांति मिलती है, वहा शांत रस की उत्पत्ति होती है. जहा न तो दुःख होता है और न ही द्वेष होता है. मन संसारिक कार्यो से मुक्त हो जाता है, और मनुष्य वैराग्य प्राप्त कर लेता है, इसे ही शांत रस कहा जाता है.

वीर रस की परिभाषा उदाहरण सहित

वीर रस की परिभाषा उदाहरण सहित : शत्रु के उत्कर्ष को मिटाने, दीनों की दुर्दशा देख उनका उद्धार करने और धर्म का उद्धार करने आदि में जो उत्साह मन में उमड़ता है वही वीर रस का स्थाई भाव है। जिसकी पुष्टि होने पर वीर रस की सिद्धि होती है। उदाहरण (1) मैं सत्य कहता हूँ सखे, सुकुमार मत जानो मुझे, यमराज से भी युद्ध में, प्रस्तुत सदा मानो मुझे, है और कि तो बात क्या, गर्व मैं करता नहीं, मामा तथा निज तात से भी युद्ध में डरता नहीं वीर रस की परिभाषा : शत्रु के उत्कर्ष को मिटाने, दीनों की दुर्दशा देख उनका उद्धार करने और धर्म का उद्धार करने आदि में जो उत्साह मन में उमड़ता है वही वीर रस का स्थाई भाव है। जिसकी पुष्टि होने पर वीर रस की सिद्धि होती है। अवयव : स्थाई भाव : उत्साह। आलंबन (विभाव) : अत्याचारी शत्रु। उद्दीपन (विभाव) : शत्रु का अहंकार, रणवाद्य, यश की इच्छा आदि। अनुभाव : गर्वपूर्ण उक्ति, प्रहार करना, रोमांच आदि। संचारी भाव : आवेग, उग्रता, गर्व, औत्सुक्य, चपलता आदि। उदाहरण (1) स्पष्टीकरण : अभिमन्यु का ये कथन अपने साथी के प्रति है। इसमें कौरव- आलंबन, अभिमन्यु-आश्रय, चक्रव्यूह की रचना-उद्दीपन तथा अभिमन्यु के वाक्य- अनुभाव है। गर्व, औत्सुक्य, हर्ष आदि संचारी भाव हैं। इन सभी के संयोग से वीर रस के निष्पत्ति हुई है। उदाहरण 2 साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धारि, सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत हैं। भूषन भनत नाद बिहद नगारन के, नदी नाद मद गैबरन के रलत हैं।। स्पष्टीकरण : प्रस्तुत पद में शिवाजी कि चतुरंगिणी सेना के प्रयाण का चित्रण है। इसमें शिवाजी के ह्रदय का उत्साह स्थाई भाव है। युद्ध को जीतने कि इच्छा आलंबन है। नगाड़ों का बजना उद्दीपन है। हाथियों के मद का बहना अनुभाव है तथा उग्रता संचारी भाव है। इनमें सबस...

हास्य रस की परिभाषा एवं उदाहरण लिखिए

Rate this post हेल्लो मेरे प्यारे स्टूडेंट्स, हम जानते है की आप हमसे “हास्य रस की परिभाषा एवं उदाहरण लिखिए – Hasya Ras Ki Paribhasha Avm Udaharan Sahit Likhiye” का उत्तर जानने के लिए बेताब है. मैं आज आपको यही तो बताने वाला हु. मैं आपको यह सभी चीजे एक दम सरल शब्दों में आपके सामने पेस करने वाला हु जिसे देखते ही आपको याद हो जायेगा. मैंने अपने यू ट्यूब चैनल NCERT eNotes पर भी इसके बारे में अच्छे से विस्तारपूर्वक समझाया है की हास्य रस की परिभाषा क्या है एवं इसके उदहारण वह भी सबसे सरल शब्दों में. लेकिन मैं आज आपको यह यही पर बताने वाला हु. आपको कही और क्यों जाना जब यह सब हम आपको दे ही रहे है. यदी आपको किसी भी प्रकार का नोट्स चाहिए तो आप हमारे इस ब्लॉग से ले सकते है. मैंने हर तरह के नोट्स डाल रखे है आपके बोर्ड एग्जाम के लिए. आपको मैं बता दू की यदि आपके परीक्षा में Hasya Ras Ki Paribhasha Udaharan Sahit Likhiye ऐसा बोला जाता है तो आपको इसका परिभाषा एवं उदहारण लिख कर आना है जिसके आपको 3 अंक दिए जायेंगे. आपको 2 अंक परिभाषा और 1 अंक उदहारण लिखने के मिलते है. आसन शब्दों में “हास्य रस की परिभाषा देते हुए उदाहरण भी लिखिए”– Hasya Ras Ki Paribhasha Easy Udaharan Sahit चलिए अब हम लोग अपने टॉपिक पर आते है जिसकी आपको तालाश थी. यहाँ पर मैं आपको सरल शब्दों में हास्य रस का उदाहरण एवं परिभाषा बताने वाला हु. यदि आपको हास्य अथवा करुण रस की परिभाषा उदाहरण सहित दीजिए इसका ज़वाब चाहिए तो आप यहाँ से Hasya Ras Ka Example Easy पढ़ लीजिये और Hasya Ras Ka Udaharan Avn Paribhasha को जान लेते है ताकी हमारा मार्क्स कन्फर्म हो जाये. हास्य रस की परिभाषा (Hasya Ras Ki Easy Definition):“हास्य रस का स्थायी भाव हास ह...