Raskhan ke savaiye class 9 bhavarth

  1. Raskhan Ke Savaiye Class 9 MCQ : रसखान के सवैये
  2. summary of the poem raskhan ke savaye
  3. NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 11
  4. रसखान के सवैये Raskhan Ke Savaiye
  5. NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 11
  6. ग्राम श्री का भावार्थ


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Raskhan Ke Savaiye Class 9 MCQ : रसखान के सवैये

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summary of the poem raskhan ke savaye

class 8 ras khan ji wants to tell that all dev and devtas worship lord krishna and wants to see only once the image of lord krishna but it is not allowed for them.Nard muni everytime says him name like parrot and vysa everytime does sri krishna prayer for his image.On the other hand krishna gives his love,image to his bhakth.the gopiya of brij makes sri krishna dances for a handfull of maakan

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 11

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 11 सवैये are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for सवैये are extremely popular among Class 9 students for Hindi सवैये Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of Class 9 Hindi Chapter 11 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class Class 9 Hindi are prepared by experts and are 100% accurate. Answer: रसखान जी अगले जन्म में ब्रज के गाँव में ग्वाले के रूप में जन्म लेना चाहते हैं ताकि वह वहाँ की गायों को चराते हुए श्री कृष्ण की जन्मभूमि में अपना जीवन व्यतीत कर सकें। श्री कृष्ण के लिए अपने प्रेम की अभिव्यक्ति करते हुए वे आगे व्यक्त करते हैं कि वे यदि पशु रुप में जन्म लें तो गाय बनकर ब्रज में चरना चाहते हैं ताकि वासुदेव की गायों के बीच घूमें व ब्रज का आनंद प्राप्त कर सकें और यदि वह पत्थर बने तो गोवर्धन पर्वत का ही अंश बनना चाहेंगे क्योंकि श्री कृष्ण ने इस पर्वत को अपनी अगुँली में धारण किया था। यदि उन्हें पक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त होगा तो वहाँ के कदम्ब के पेड़ों पर निवास करें ताकि श्री कृष्ण की खेल क्रीड़ा का आनंद उठा सकें। इन सब उपायों द्वारा वह श्री कृष्ण के प्रति अपने प्रेम की अभिव्यक्ति करना चाहते हैं। Page No 102: Answer: रसखान जी श्री कृष्ण से प्रेम करते हैं। जिस वन, बाग और तालाब में श्री कृष्ण ने नाना प्रकार की क्रीड़ा की है, उन्हें निहारते रहना चाहते हैं। ऐसा करके उन्हें अमिट सुख प्राप्त होता है। ये सुख ऐसा है ...

रसखान के सवैये Raskhan Ke Savaiye

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 11

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 11 – Savaiye (सवैये) Textbook Hindi Class 9 Kshitij (क्षितिज भाग 1) Chapter 11 – Savaiye (सवैये) Author Raskhan (रसखान) Khand Kavya Khand (काव्य खंड) प्रश्न-अभ्यास 1. ब्रजभूमि के प्रति कवि का प्रेम किन-किन रूपों में अभिव्यक्त हुआ है? उत्तर:- प्रस्तुत काव्य में कवि प्रभु से विनती करता है कि अगर उसे धरती पर मनुष्य बना कर भेजा जाए, तो वह ब्रिज भूमि पर ग्वाला बनना चाहेगा; अगर उसे पशु बनाकर भेजा जाए, तो वह कृष्ण की गायों में से एक बनना चाहेगा; अगर पक्षी बनाया जाए, तो वह कंदब के पेड़ की डाली पर वास करना चाहेगा और अगर पत्थर बनाया जाए, तब भी वह ब्रजभूमि पर ही रहना चाहेगा। इन सब से कवि का ब्रजभूमि के प्रति गहरा लगाव अभिव्यक्त होता है। वह हर जन्म में ब्रजभूमि पर ही पैदा होना चाहता है व अपना पूरा जीवन उस पर न्योछावर करना चाहता है। 2. कवि का ब्रज के वन, बाग और तालाब को निहारने के पीछे क्या कारण है? उत्तर:- कवि को ब्रजभूमि से गहरा लगाव इसलिए है क्योंकि वह कृष्ण का जन्म स्थान रहा है और वहां कृष्ण ने तरह-तरह की अठखेलियां व शरारतें की थी। उन्होंने वहां अपनी बांसुरी के मधुर स्वर से सबको मनमोहक अनुभव करवाया था। कवि को इसी कारण वह स्थान दिव्य लगता है और वे उस स्थान पर इन सबको महसुस करते हैं, इसलिए वे कृष्ण से जुड़ी इन सब चीजों को व ब्रजभूमि को निहारते हैं। 3. एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्यौछावर करने को क्यों तैयार है? उत्तर:- कवि एक कंबल और लाठी पर सब कुछ न्यौछावर करने को इसलिए तैयार है क्योंकि वह लाठी और कंबल उनके पूजनीय श्री कृष्ण के हैं और उन्हें पा लेना कवि के लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है। इसके लिए वे तीनों लोगों का राज भी त्यागने...

ग्राम श्री का भावार्थ

Gram Shree Class 9 Short Summary :ग्राम श्री का भावार्थ इस कविता में कवियत्री ने गाँव में छायी हरियाली का दिल छू लेने वाला वर्णन किया है। यहाँ जाड़े के मौसम का अंत तथा वसंत ऋतू का आगमन का दृश्य प्रस्तुत किया गया है।खेतों में फैली दूर दूर तक फसलें और उनके ऊपर जबसूरज की किरणें पड़ती हैं तो कवियत्री को ऐसा प्रतीत होता है मनो किसी ने चांदी का जाल बिछा दिया हो। गेहूं और अरहरकी सुनहरी बाली तथा पिली सरसों द्वारा फैला तैलीय सुगंध उन्हें बहुत मोहित करता है। खेतों में मटर के पौधे अपने बीजों को छिपाकर हंस रही हैं और रंग बिरंगी तितलियाँ फूलों के ऊपर मंडरा रही हैं जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी ने रंगों की छठा बिखेरी दी हो। फलों के पकने कामौसम होने के कारण वृक्ष आम, अमरुद, जामुन तथा कटहल, आड़ू आदि से झुका पड़ा है। पालक, धनिया के पत्ते लहलहा रहे हैं, टमाटर मखमल की तरह लाल हो गए हैं तथा मिर्च हर-भरी थैली की तरह लग रही है। गंगा के तट पर पड़े बालू के टीले ऐसे लगते हैं मानो लम्बे-लम्बे सांप पड़े हों तथा तरबूजे की खेती भी मनको भा रही है। पास में बगुला अपनी अँगुलियों से अपने कलगी में कंघी कर रहा है तथा मगरमच्छ पानी में अलसाया सोया पड़ा है। कुल मिलाकर कवि ने पुरे वातावरण का सजीव चित्रण किया है जो की बहुत ही मनोहारी है। ग्राम श्री कविता का अर्थभावार्थ व्याख्या class 9 Detail summary फैली खेतों में दूर तलकमखमल की कोमल हरियाली,लिपटीं जिससे रवि की किरणेंचाँदी की सी उजली जाली !तिनकों के हरे हरे तन परहिल हरित रुधिर है रहा झलक,श्यामल भू तल पर झुका हुआनभ का चिर निर्मल नील फलक ! भावार्थ –प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि ‘सुमित्रानंदन पंत’ जी के द्वारा रचित कविता ‘ ग्राम श्री’ से ली गई हैं | इन पंक्तियों के माध...