रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल class 9

  1. Class 9 Science Chapter 4 Notes in Hindi परमाणु की संरचना
  2. रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल
  3. परमाणु संरचना (Atomic structure) Class 9 BSER Book Science
  4. NCERT Solutions for Class 9th: Ch 4 परमाणु की संरचना विज्ञान
  5. रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल क्या है, कमियां, सचित्र वर्णन, Rutherford atomic model in Hindi


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Class 9 Science Chapter 4 Notes in Hindi परमाणु की संरचना

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • Class 9 Science Notes in Hindi Chapter 4 परमाणु की संरचना (Structure of the Atom) 9th Class Science Notes in Hindi chapter 4 परमाणु की संरचना (Structure of the Atom) इस अध्याय में हमे जॉन डॉल्टन, प्रोटॉन की खोज-एनोड किरणें (केनाल किरणें ) की खोज किसने की ?, न्यूट्रॉन की खोज किसने की ?, “टॉमसन का परमाणु मॉडल” हैं ?, रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल, बोर का परमाणु मॉडल।, परमाणु, संयोजकता और भी बहुत कुछ इस अध्याय से जुड़ा हुआ पढ़ने को मिलेगा। इस Class 9 Science Chapter 4 Notes in Hindi परमाणु की संरचना (Structure of the Atom) इस अध्याय में हमे बहुत कुछ नया पढ़ने को मिलेगा और बहुत कुछ नया सिखने को मिलेगा। Chapter = 4 (परमाणु की संरचना) ➡️ जॉन डॉल्टन को क्यों नकार दिया ? • जॉन डॉल्टन ने परमाणु को अविभाज्य इकाई माना था, पर उनका यह तथ्य उन्नीसवीं शताब्दी के अंत में नकार दिया गया। असल में वैज्ञानिकों ने उस दौरान परमाणु में आवेशित कणों जैसे , की इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और अनावेशित कण न्यूट्रॉन की खोज की थी। • इलैक्ट्रॉन की खोज-कैथोड किरणें (जे. जे. टामसन) • टामसन ने कैथोड किरणों की मदद से परमाणु में इलैक्ट्रॉन की मौजूदगी के बारे में बताया। • इलेक्ट्रॉन पर आवेश 1.6×10″ C • इलेक्ट्रॉन पर द्रव्यमान = 9.1 x 10 Kg ➡️ प्रोटॉन की खोज-एनोड किरणें (केनाल किरणें ) की खोज किसने की ? • गोल्डस्टीन ने उनके द्वारा प्रसिद्ध एनोड किरणों या केनाल किरणों के प्रयोग से परमाणु में धनावेशित कण प्रोटॉन की खोज की। • प्रोटॉन पर आवेश = +1.6×10″C • प्रोटॉन का द्रव्यमान = 1.673 × 10Kg • प्रोटॉन का द्रव्यमान = 1840 * इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान ➡️ न्यूट्रॉन की खोज किसने की ?...

रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल

रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल सन् 1911 में रदरफोर्ड ने परमाणु का एक मॉडल प्रस्तुत किया जिसके अनुसार परमाणु का द्रव्यमान (इसके इलेक्ट्रॉनों के द्रव्यमान को छोड़कर) तथा समस्त धन आवेश परमाणु के केन्द्र पर 10-15 मीटर की कोटि की त्रिज्या के नाभिक में संकेन्द्रित है। नाभिक के चारों ओर 10-10 मीटर की कोटि की त्रिज्या के खोखले गोले में इलेक्ट्रॉन वितरित रहते हैं जिनका कुल ऋण आवेश, नाभिक के धन-आवेश के बराबर है। रदरफोर्ड मॉडल रदरफोर्ड ने यह परिकल्पना की कि ये इलेक्ट्रॉन स्थिर नहीं हैं बल्कि नाभिक के चारों ओर विभिन्न कक्षाओं (orbits) में घूमते रहते हैं (चित्र 4)। इसके लिये आवश्यक अभिकेन्द्र बल (centripetal force), इलेक्ट्रॉन तथा नाभिक के बीच स्थिरवैद्युत आकर्षण बल से प्राप्त होता है। परन्तु, रदरफोर्ड मॉडल में दो कमियाँ पायी गयीं : (i) परमाणु के स्थायित्व के सम्बन्ध में : नाभिक के चारों ओर घूमते इलेक्ट्रॉन में अभिकेन्द्र त्वरण होता है। विद्युत गतिविज्ञान (electrodynamics) के अनुसार, त्वरित आवेशित कण ऊर्जा (विद्युतचुम्बकीय तरंगें) उत्सर्जित करता है। अत: नाभिक के चारों ओर विभिन्न कक्षाओं में घूमते इलेक्ट्रॉनों से विद्युतचुम्बकीय तरंगें लगातार उत्सर्जित में होनी चाहिए। इस प्रकार, इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा का ह्रास होने के कारण उनके वृत्तीय पथ की त्रिज्या लगातार कम होती जानी चाहिए और अन्त वे नाभिक में गिर जाने चाहिए। इस प्रकार परमाणु स्थायी ही नहीं रह सकता। (ii) रेखीय स्पेक्ट्रम की व्याख्या के सम्बन्ध में : रदरफोर्ड मॉडल में इलेक्ट्रॉनों के वृत्तीय पथ की त्रिज्या के लगातार बदलते रहने से उनके घूमने की आवृत्ति भी बदलती रहेगी। इसके फलस्वरूप इलेक्ट्रॉन सभी आवृत्तियों की विद्युतचुम्बकीय तरंगें उत्सर्जित ...

परमाणु संरचना (Atomic structure) Class 9 BSER Book Science

परमाणु संरचना (Atomic structure) Class 9 BSER Book Science भारतीय दार्शनिक महर्षिKanada ने ईसा पूर्व छठी शताब्दी में बताया कि " पदार्थ को छोटे कणों में विभाजित कर सकते हैं, परन्तु अंतिम सूक्ष्मतम कण अविभाज्य रहेगा। " कणाद ने इसे "परमाणु " नाम दिया। अन्य भारतीय दर्शनशास्त्री 'कात्यायाम ' ने बताया कि ये 'कण' संयुक्त रूप से पाए जाते हैं जो पदार्थ को भिन्न-भिन्न रूप प्रदान करते हैं। लगभग इसी समय ग्रीक दार्शनिक ' डेमोक्रिटस एव लियुलीपस ' ने इस अविभाज्य कण को एटम्स (Atoms) कहा जिसका अर्थ होता हैं, 'न काटे जाने वाला ' या 'अविभाज्य ' अर्थात विभाजित नहीं किया जा सकता। ये सभी सुझाव दर्शन पर आधारित थे, इनका कोई प्रायोगिक आधार नहीं था। जॉन डाल्टन (John Dalton)सन् 1808 में वैज्ञानिक 'जॉन डाल्टन' ने रासायनिक संयोजन, द्रव्यमान संरक्षण एवं निश्चित अनुपात के नियमों के आधार पर 'परमाणु सिद्धांत ' दिया जिसके मुख्य बिंदु निम्नलिखित • सभी द्रव्य छोटे-छोटे कण से मिलकर "परमाणु "बने होते हैं • परमाणु अविभाज्य (undivided) कण हैं, जिसको न तो नष्ट , न ही उत्पन्न कर सकते हैं। • एक तत्व के सभी परमाणु समान होते हैं। • भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर पूर्णसंख्या के अनुपात में ही संयोग कर यौगिक [Compound] अणु बनाते हैं। • परमाणु के रासायनिक परिवर्तन वस्तुतः परमाणुओं कापुनर्विन्यास, संयोजन तथा वियोजनहोता हैं। • भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु भिन्न भिन्न गुणधर्म नियम रखते हैं। उन्नीसवीं शताब्दी के अतः तक विभिन्न प्रयोगों की श्रृंखला से स्पष्ट हुआ कि परमाणु में कुछ छोटे कण उपस्थित होते हैं, जिन्हें ' अवपरमाण्विक कण (Subatomic particle) कहा गया। परमाणु के भौतिक कण एवं उनकी खोज इलेक्ट्रॉन की खोज (Discovery of elec...

NCERT Solutions for Class 9th: Ch 4 परमाणु की संरचना विज्ञान

केनाल किरणें धनावेशित विकिरण हैं, जो वोल्टेज देने पर एनोड से कैथोड की ओर जाती हैं| इन किरणों में प्रोटॉन नामक धनावेशित कणों का समावेश होता है| 2. यदि किसी परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन है, तो इसमें कोई आवेश होगा या नहीं? उत्तर एक इलेक्ट्रॉन ऋणावेशित कण तथा एक प्रोटॉन धनावेशित कण होता है| दोनों कणों का आवेश बराबर होता है| इसलिए किसी परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन है, तो इसमें कोई आवेश नहीं होगा| इस प्रकार यह एक उदासीन परमाणु होगा| पृष्ठ संख्या 56 1. परमाणु उदासीन है, इस तथ्य को टॉमसन के मॉडल के आधार पर स्पष्ट कीजिए| उत्तर टॉमसन के मॉडल के आधार पर परमाणु धन आवेशित गोले का बना होता है और इलेक्ट्रॉन उसमें धंसे होते हैं| ऋणात्मक और धनात्मक आवेश परिमाण में समान होते हैं| इसलिए परमाणु वैद्युतीय रूप से उदासीन होते हैं| 2. रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु के नाभिक में कौन सा अवपरमाणुक कण विद्यमान है? उत्तर रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन कण विद्यमान है| 3. तीन कक्षाओं वाले बोर के परमाणु मॉडल का चित्र बनाइए| उत्तर यदि अल्फ़ा कणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने जैसी पतली पन्नी से करने पर तेज गति से चल रहे ये कण सीधा निकल गए| सोने की यह पन्नी 1000 परमाणुओं के बराबर मोटी होती है| चूँकि अन्य धातु के अपेक्षाकृत कम लचीला होने के कारण यह प्रयोग असंभव होगा| यदि हम मोटी पन्नी का उपयोग करते हैं तो इस प्रयोग का होना संभव नहीं होगा| यदि किसी परमाणु के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 4 से कम या बराबर होती है तो उस तत्व की संयोजकता बाह्यतम कोश के उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर होती है| वहीं दूसरी ओर, यदि यदि किसी परमाणु के बाह्यतम ...

रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल क्या है, कमियां, सचित्र वर्णन, Rutherford atomic model in Hindi

रदरफोर्ड ने सन 1911 ई० में परमाणु की संरचना का अध्ययन करने के लिए एक प्रयोग किया। इसमें रदरफोर्ड ने रेडियोएक्टिव तत्व पोलिनियम की गतिज ऊर्जा से निकलने वाली α-किरणों की एक किरण पुंज को एक बहुत पतले सोने (स्वर्ण) के पत्र पर गिराया, तथा फिर देखा कि स्वर्ण पत्र में से गुजरते हुए यह α-कण विभिन्न दिशाओं में विक्षेपित हो जाते हैं। α-किरणों का इस प्रकार अपने मार्ग से विचलित होने की घटना को प्रकीर्णन कहते हैं। इस प्रकार रदरफोर्ड के इस प्रयोग को रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल (Rutherford atomic model in hindi) कहते हैं। रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के तथ्य रदरफोर्ड ने अपने मॉडल को विस्तार पूर्वक समझाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य दिए जो निम्न प्रकार से हैं – • इस प्रयोग में रदरफोर्ड देखा कि ज्यादातर α-कण स्वर्ण पत्र से विक्षेपित हुए बिना सीधे चले जाते हैं। तब निष्कर्ष निकला कि परमाणु का ज्यादातर भाग अंदर से खोखला होता है। • कुछ α-कण अपने मार्ग से न्यून कोण बनाते हुए विक्षेपित हो जाते हैं। चूंकि हमें पता है कि α-कण धनावेशित होता है। इसलिए यह किसी धनावेशित वस्तु द्वारा ही विक्षेपित हो सकता है। इससे रदरफोर्ड ने माना कि परमाणु का संपूर्ण धन आवेश परमाणु के भीतर एक छोटे से भाग में केंद्रित रहता है। • कुछ α-कण अपने मार्ग से अधिक कोण पर प्रकीर्णिन होकर वापस लौट आते हैं। इससे रदरफोर्ड ने यह माना कि धन आवेश परमाणु के अंदर एक अति सूक्ष्म स्थान संकेंद्रित रहता है इस स्थान को नाभिक कहते हैं। रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल चित्र द्वारा स्पष्ट है कि α-कण नाभिक के जितने समीप होता है उस पर उतना ही अधिक प्रतिकर्षण बल लगता है। जिसके कारण वह अधिक कोण पर विक्षेपित होता है। इसके विपरीत α-कण नाभिक से जितनी दूरी पर होता है उस...