रक्षा बंधन फुल मूवी

  1. तिरंगा (फ़िल्म)
  2. अक्षय की 'रक्षा बंधन' में भाई


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तिरंगा (फ़िल्म)

अनुक्रम • 1 संक्षेप • 2 मुख्य कलाकार • 3 संगीत • 4 नामांकन और पुरस्कार • 5 सन्दर्भ • 6 बाहरी कड़ियाँ संक्षेप [ ] फिल्म प्रलयनाथ गैंडास्वामी ( इस बीच, नए साल की पूर्व संध्या पर हरीश और उसके दोस्तों ने राधा टंडेल पर हत्या का प्रयास देखा। वे उसे अस्पताल ले जाते हैं लेकिन बाद में भाग जाते हैं क्योंकि स्टाफ मामले के बारे में पूछताछ करने के लिए पुलिस को फोन करता है। तब पुलिस हरीश के बटुए से उसका पता लगाते हैं और राधा पर बलात्कार के प्रयास के साथ उसे गिरफ्तार करते हैं। यह जानने के बाद कि सूर्यदेव कौन है, प्रलयनाथ गैंडास्वामी उसकी कार में बम लगाकर उसे मारने की कोशिश करता है। लेकिन सूर्यदेव की कार एक उच्च तकनीक वाहन है और इसलिए वह कार में नीचे के दरवाजे से अपने ड्राइवर / अंगरक्षक बहादुर के साथ बच निकलता है। तब खबर व्यापक फैलती है कि उसकी हत्या कर दी गई है। लेकिन सूर्यदेव बच निकला और एक समाचार साक्षात्कार के माध्यम से प्रलयनाथ को यह समाचार बताता है। प्रलायणथ प्रोफेसर खुराना का अपहरण करने की कोशिश करता है लेकिन सूर्यदेव और वाघले उसके प्रयास को असफल करते हैं। तब प्रलयनाथ हरीश और उसके दोस्तों को मारने की कोशिश करता है, लेकिन उसका एक मित्र रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर उसे बचाने के लिए अपना जीवन त्याग देता है। प्रलयनाथ फिर प्रोफेसर खुराना का अपहरण करने की कोशिश करता है लेकिन ऐसा करने में असफल रहता है और इसके बजाय अपनी मिसाइलों को काम करने के लिए फ्यूज कंडक्टर लेता है। वाघले और सूर्यदेव उन्हें अपने ट्रांस-मीटर के माध्यम से ट्रैक करते हैं। सूर्यदेव फ्यूज कंडक्टर निकाल लेता है और उसे बंदूक से मार देता है। वाघले ने प्रलयनाथ के बेटे को खत्म कर दिया। फिल्म मुख्य कलाकार [ ] • • • • • • • • • •...

अक्षय की 'रक्षा बंधन' में भाई

रक्षा बंधन और 15 अगस्त के मौके पर दो बड़ी फिल्में- ‘रक्षा बंधन’ और ‘लाल सिंह चड्‌ढा’ रिलीज हो रही हैं। यहां ‘रक्षा बंधन’ फिल्म के रिव्यू पर बात करने से पहले बता दें कि सालों बाद किसी फिल्म का भव्य प्रीमियर रखा गया। थिएटर को फूलों से सजाने के साथ चाट, कुल्फी, गोलगप्पा, चाय-पान आदि का स्टॉल लगाकर शादी-विवाह और मार्केट का माहौल बनाने की सफल कोशिश की गई। क्या है फिल्म की कहानी? फिल्म की कहानी के बारे में बात करें, तब लाला केदारनाथ (अक्षय कुमार) दिल्ली स्थित चांदनी चौक में गोलगप्पे की पुश्तैनी दुकान चलाता है। मान्यता है कि गर्भवती महिलाएं उसकी दुकान पर गोलगप्पे खाती हैं, तब लड़का पैदा होता है। इसके चलते गोलगप्पे खाने के लिए महिलाओं की लाइन लगती है। लाला केदारनाथ की चार बहने हैं, जो शादी योग्य हो चली हैं। जीवन के अंतिम समय में मां केदारनाथ से वचन लेती है कि वह बहनों के हाथ पीले करने के बाद ही घोड़ी चढ़ेगा। केदारनाथ मां को दिए वचन पूरा करने में लगा होता है, लेकिन मुश्किलें तब खड़ी हो जाती हैं, जब चार बहनों की शादी में लाखों की दहेज देने की समस्या सामने आती है। दूसरी तरफ सपना (भूमि पेडनेकर) बचपन से केदारनाथ को प्यार करती है। सपना के पिता (नीरज सूद) को बेटी की बढ़ती उम्र के साथ उसकी शादी चिंता सताती है। वह बार-बार पहले बेटी की शादी के लिए केदारनाथ पर दबाव डालता है, पर केदारनाथ मां को दिए वचन के मुताबिक सपना और उसके पिता से मोहलत मांगता रहता है। खैर, केदारनाथ जैसे-तैसे दहेज के लिए दुकान गिरवी रखकर बहन गायत्री (सादिया खतीब) की शादी करवाता है। बाकी बहनों की शादी में दहेज देने के लिए अपनी एक किडनी बेचकर रक्षाबंधन के दिन हॉस्पिटल से घर लौटता है, तब उसे खबर मिलती है कि दहेज से प्रताड़ित होकर ग...