रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

  1. रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का इतिहास एवं शुभ मुहूर्त 2022 - Jag Khabar
  2. Raksha Bandhan 2022 :रक्षाबंधन कब, भद्राकाल के रहते किस शुभ मुहूर्त में बांधें राखी और क्या है पूजा विधि
  3. कब है रक्षाबंधन 2022 का शुभ मुहूर्त, इतिहास महत्त्व और कथाएं
  4. कब है रक्षाबंधन? जानिए तारीख, शुभ मुहूर्त और भद्रा काल
  5. Raksha Bandhan 2021 Date Kab Hai Shubh Muhurat


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रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का इतिहास एवं शुभ मुहूर्त 2022 - Jag Khabar

• निफ्टी आज 82.55 अंक बढ़कर 18,770.65 पर पहुंचा • सेंसेक्स आज 296.14 अंक बढ़कर 63,213.77 पर पहुंचा • चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' समुद्र से जमीन की तरफ बढ़ा, गुजरात में भारी बारिश, राजस्थान को लेकर भी अलर्ट • राजकीय आईटीआई में विश्व रक्तदाता दिवस के उपलक्ष्य में 125 यूनिट रक्त एकत्रित • यमुनानगर में गुरुद्वारे में घुसकर ग्रंथी पर तलवार से हमला, समुदाय के लोगों में रोष • यमुनानगर में सीएम फ्लाइंग अंबाला की टीम ने पकड़ी देसी और अंग्रेजी शराब • केंद्रीय मंत्री आरके रंजन के घर पर हिंसक भीड़ ने लगाई आग, पेट्रोल बम से किया हमला • पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से पहले बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी, MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा भारत, चीन और पाकिस्तान की बढ़ेगी टेंशन • गुजरात के तट से टकराया तूफान बिपरजॉय, 22 घायल, दो की मौत • मणिपुर के इंफाल में फिर हिंसा, केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह का घर फूंका बिपरजोय चक्रवाती (Biparjoy Cyclonic) तूफान का कहर – गुजरात के कई इलाकों में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ें स्प्रिंट दौड़ का इतिहास और परिभाषा (History and definition of Sprint race) पीएम मोदी (PM Modi) आज असम की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) को दिखाएंगे हरी झंडी टेस्ला (Tesla) की नई किफायती इलेक्ट्रिक कारें, भारत में भी होगी लॉन्च आईफोन (IPhone) बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) ने बेंगलुरु में खरीदी बड़ी साइट Table of Contents • • • • • • • • रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार सबसे प्रतीक्षित और प्रतिष्ठित हिंदू त्योहारों में से एक है। यह दिन भाई और बहन के बंधन को समर्पित है। यह त्यौहार भाई-बहनों के बीच स्नेह और सम्मान का प्रतीक माना जाता है और इस दिन बहनें भाइयों की सलामती की प्...

Raksha Bandhan 2022 :रक्षाबंधन कब, भद्राकाल के रहते किस शुभ मुहूर्त में बांधें राखी और क्या है पूजा विधि

रक्षाबंधन 2022 हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को श्रावणी पूर्णिमा और राखी के नाम से भी जाना जाता है। रक्षाबंधन बहन-भाई के प्रेम,स्नेह और दुलार का प्रतीक है। यह हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार में से एक है। इस बार रक्षाबंधन 11 अगस्त, गुरुवार को मनाया जा रहा है। इस बार रक्षाबंधन के त्योहार पर भद्रा का साया रहने वाला है। सावन पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से आरंभ हो रही है जो अगले दिन यानी 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त को रात 8. 53 मिनट से 9. 45 तक अभिजीत मुहूर्त- 11. 37 मिनट से 12. 29 मिनट तक प्रदोष काल मुहूर्त- 08:53 मिनट से 09:14 मिनट तक भद्राकाल का आरंभ- सुबह 10.38 मिनट से रात 8.25 तक भद्रा का समापन- 08.51 मिनट पर भद्रा पूंछ- 05.17 मिनट से 06.18 मिनट तक भद्रा मुख- 06. 18 मिनट से 08.00 मिनट तक रक्षाबंधन का पूजा विधि बहन-भाई को रक्षाबंधन का इंतजार साल भर से रहता है। आइए जानते हैं रक्षाबंधन के दिन कैसे भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधें आइए जानते है रक्षाबंधन पूजा विधि। - रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले स्नान करके भगवान की पूजा-आराधना करें और अपने-अपने इष्टदेव को रक्षासूत्र बांधे। - पूजा के बाद बहनें राखी की थाली सजाएं। - पूजा की थाली में रोली, अक्षत,कुमकुम, रंग-बिरंगी राखी, दीपक और मिठाई रखें। - शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए बहनें भाईयों के माथे पर चंदन, रोली और अक्षत से तिलक लगाएं। - इसके बाद भाई के दाएं हाथ की कलाई पर रक्षासूत्र बांधे और भाई को मिठाई खिलाएं। - अंत में बहनें भाई की आरती करते हुए अपने इष्टदेव का स्मरण करते हुए भाई की...

कब है रक्षाबंधन 2022 का शुभ मुहूर्त, इतिहास महत्त्व और कथाएं

रक्षाबंधन का त्यौहार कब मनाया जाता है, जानिए इसका महत्व, पौराणिक कथाएं, कब है रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 11 या 12 अगस्त को (Raksha Bandhan kab hai, kyu manaya jata hai, date time, history facts in hindi) हिंदू पंचांग के मुताबिक हिंदुओं के प्रत्येक त्योहार को मनाने का एक विशेष मुहूर्त होता है। रक्षाबंधन भी श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष साल 2022 में श्रावण मास की पूर्णिमा की तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से 11 और 12 अगस्त को पड़ेगी। Advertisements इस बार पूर्णिमा की तिथि 11 और 12 अगस्त दोनों दिन पड़ेगी ऐसे में भद्रा काल की स्थिति मृत्युलोक यानी की पृथ्वीलोक में होगी। हिंदू पंचांग की मान्यताओं के अनुसार ग्रंथों में बताया गया है कि मृत्यु लोक में भद्रा का वास किसी भी त्योहार के लिए शुभ नहीं होता ऐसे में रक्षाबंधन के दौरान इन सब बातों का विशेष ध्यान रखते हुए ज्योतिष होने कुछ शुभ मुहूर्त बताए हैं। इस साल श्रावण मास की पूर्णिमा की तिथि 11 अगस्त को 10:39 से शुरू होगी और अगले दिन 12 अगस्त को 7:05 तक रहेगी। 11 अगस्त के दिन भद्रा का वास पाताल लोक मृत्यु लोक और स्वर्ग लोक में होगा जिनमें से मृत्यु लोक में भद्रा का वास अशुभ माना जाता है जबकि स्वर्ग लोक तथा पाताल लोक में भद्रा का वास शुभ फलदायक होता है। मान्यताओं के अनुसार देखा जाए तो दोपहर में रक्षाबंधन को शुभ माना जाता है लेकिन इस दौरान 11 अगस्त को भद्रा भी रहेगा जो 11 तारीख की रात 8:51 पर समाप्त होगा। लेकिन पंचांग के अनुसार सूर्यास्त के बाद राखी बांधना अशुभ माना जाता है। ऐसे में 11 अगस्त की शाम 5:18 से लेकर 6:18 तक भद्रा पूछ के समय राखी बांधी जा सकती है। 12 अगस्त का दिन रक्षाबंधन मनाने के लिए बहुत शुभ माना जा रहा है...

कब है रक्षाबंधन? जानिए तारीख, शुभ मुहूर्त और भद्रा काल

रक्षाबंधन का त्‍योहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाते हैं. इस साल पूर्णिमा तिथि 2 दिन यानी कि 11 अगस्‍त 2022 और 12 अगस्‍त 2022 दोनों को पड़ रही है. इस कारण लोगों में रक्षाबंधन मनाने को लेकर भ्रम की स्थिति है कि भाई-बहन के पवित्र रिश्‍ते को मनाने का यह त्योहार 11 अगस्‍त को है या 12 अगस्‍त को है. रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त में बहनें अपने भाईयों को राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करते हैं. बदले में भाई अपनी बहनों को भेंट देते हैं और उनकी सुरक्षा का वादा करते हैं. सावन महीने के शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त की सुबह 10:38 बजे से शुरू होकर 12 अगस्त को 07:05 बजे तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि 12 अगस्‍त को है और इस लिहाज से 12 अगस्‍त को रक्षाबंधन मनाया जाना चाहिए. लेकिन चूंकि 11 अगस्‍त को पूरे दिन पूर्णिमा तिथि रहेगी इसलिए ज्‍योतिषाचार्यों के मुताबिक 11 अगस्‍त को रक्षाबंधन मनाना उत्‍तम रहेगा. इस तरह साल 2022 में रक्षाबंधन 11 अगस्‍त 2022, गुरुवार को मनाई जाएगी. रक्षा बंधन 2022 का शुभ मुहूर्त 11 अगस्‍त 2022 को रक्षाबंधन मनाने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह से ही शुरू हो जाएंगे. इस दिन सुबह 10:38 बजे से लेकर रात 9 बजे तक राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा. इस दौरान दोपहर 12:06 बजे से दोपहर 12:57 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. वहीं अमृत काल शाम 06:55 बजे से रात 08:20 बजे तक रहेगा. भद्रा काल में गलती से भी न बांधें राखी बहनें ध्‍यान रखें कि भद्रा काल के दौरान अपने भाइयों को राखी न बांधें. भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ होता है क्‍योंकि लंकापति रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांधी थी और रावण युद्ध में मारा गया था. इसलिए भद्रा काल में राखी नहीं बां...

Raksha Bandhan 2021 Date Kab Hai Shubh Muhurat

Raksha Bandhan 2021 Date Kab Hai Shubh Muhurat - भाई-बहन brother-sister के स्नेह प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व 22 अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन बहुत शुभ है very special क्योंकि इस दिन भद्रा का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ने वाला। मतलब पूरे दिन किसी भी समय बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकते हैं । चंद्रमा मकर राशि से कुंभ राशि में सुबह 8:35 बजे जाएगा । राखी बांधना एक पारंपरिक रीति नहीं है बल्कि एक प्यारा सा पवित्र सा बंधन है जो एक धागे में संस्कारों को लपेटे हुए हैं। हम अक्सर देखते हैं महिलाएं कई पेड़ों की पूजा wprshpi of trees करके उनके चारों ओर धागा बांधकर परिक्रमा लगाते हैं। ठीक वैसे ही बहने भी रक्षा सूत्र Rakhi में भी अपनी ताकत energy होती है कि भाई को जीवन की खुशियां happiness in brother's life देती हैं।ठीक उसी प्रकार भाई भी अपनी बहनों को अलग-अलग के सुंदर-सुंदर तौफे lots of gifts देते हैं और उनकी रक्षा करने का वादा भी करते हैं promise to protect her. ऐसी मान्यता है कि राखी बांधते समय हमें हमेशा एक मंत्र का जाप करना चाहिए। 'ओम येन बद्धो बली राजा दानवेंद्रो महाबल: तेंन त्वमापी बहनमि रक्षे मा चल मा चां:'।। जो पौराणिक काल Ancient time में 12 वर्षों तक सुर और असुरों God & Demons के बीच युद्ध war हुआ था। ऐसा लगता था इस बार शायद असुरो की ही जीत victory होगी । दानवों के राजा king of demon ने स्वयं को त्रिलोक का राजा sky,world,hades king घोषित announce कर दिया था तब परेशान इंद्र god Indr गुरु बृहस्पति के पास अपनी परेशानी लेके पहुंचे । इस विधान में गुरु बृहस्पति ने मंत्र mantra का जाप किया । वही उनकी पत्नी इंद्रारी ने भी सभी रक्षा सूत्रों में शक्ति भरवा lots of energies...