संत रामपाल जी महाराज

  1. संत रामपाल महाराज
  2. संत रामपाल जी महाराज Download official App पुस्तक, समाचार, भक्ति बोध, भविष्यवाणी
  3. जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज कौन हैं? » Jagatguru Tatvadarshi Sant Rampal Ji Maharaj Kaun Hain
  4. संत रामपाल जी महाराज की जीवनी Rampal Maharaj History Hindi
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  6. संत रामपाल जी महाराज का संक्षिप्त परिचय


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संत रामपाल महाराज

रामपाल महाराज का जन्म पंजाब के सोनीपत जिले के गोहाना तहसील के एक गांव धनाना में हुआ था। उनके पिता नंद लाल एक किसान थे, और उनकी मां इंदिरा देवी गृहिणी थीं। उन्होंने निलोखेरी में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त किया, और फिर हरियाणा के सिंचाई विभाग में एक जूनियर इंजीनियर के रूप में काम किया लेकिन 1995 में, उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। रामपाल महाराज की शादी नरो देवी से हुई है उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। सतलोक आश्रम – Satlok Ashram 1999 में, रामपाल ने रोहतक जिले के करोथा गांव में सतलोक आश्रम की स्थापना की, जो कि कबीर पंथ पर आधारित है। 2000 के दशक के दौरान, उन्होनें कई अन्य आश्रम स्थापित किए, और हरियाणा में उनके कई अनुयायी बने जो खासकर रोहतक और झज्जर जिले में हैं। उनकी आधिकारिक आत्मकथा के अनुसार, रामपाल हिंदू देवताओं के एक भक्त थे। उन्होंने कहा कि इस भक्ति के परिणामस्वरूप उन्होंने कभी भी मोक्ष, भलाई या शांति प्राप्त नहीं की। एक दिन उन्होंने कबीर पंथ के आध्यात्मिक नेता स्वामी रामदेवनंद से मुलाकात की। रामदेवनंद ने उन्हें बताया कि वे प्रचलित धार्मिक प्रथाओं के माध्यम से मुक्ति प्राप्त नहीं कर पा रहे थे। रामपाल ने कहा कि उन्होंने कई आध्यात्मिक पुस्तकों का अध्ययन किया, जिनमें भगवत गीता, कबीर सागर, और “सभी पुराण” शामिल थे। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने एक गहन जप शुरू किया, जिसके बाद उन्होंने “मानसिक शांति और चरम सुख” का सामना करना शुरू कर दिया। उन्होंने मई 1995 में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और एक पूर्णकालिन प्रचारक बन गए। मुकदमा 2006 में, रामपाल ने आर्य समाज की आलोचना की। इसके परिणामस्वरूप दो संप्रदायों के अनुयायी के बीच हिंसक झड़प हुए, जिसमें आर्य समाज क...

संत रामपाल जी महाराज Download official App पुस्तक, समाचार, भक्ति बोध, भविष्यवाणी

आज दुनिया भर में संत रामपाल जी महाराज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। संत रामपाल जी महाराज न केवल भारत के लोकप्रिय संतों में आते हैं बल्कि विदेशों में भी इनके भक्तों का बोलबाला है। अगर देखा जाए तो पिछले कुछ समय से लोग इनके चमत्कार, इनकी ज्ञान सागर से बहुत प्रभावित हो रहे हैं। ये ही वजह है कि दिनोंदिन इनके भक्तों मे बढ़ोतरी हो रही है । इन सब को देखते हुए सतलोक आश्रम द्वारा संत रामपाल जी महाराज का एक ऑफिसियल एप तैयार किया गया है जिसमे भक्तों को सम्पूर्ण जानकारी एक साथ मिलेगी आपको इस एप का लिंक नीचे दिया जा रहा है जहां से आप डायरेक्ट लिंक से इस एप को डाउनलोड कर सकते हो । संत रामपाल जी महाराज – सच्चे समाज सुधारक के रूप मे यह महान संत सदा से ही हमारे समाज में फैली दहेज प्रथा के विरुद्ध थे । इन्होंने दहेज प्रथा को एक बहुत ही बड़ी कुरीति माना है। दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए इन्होंने कई बार सामूहिक विवाह का आयोजन किया है। कोरोनावायरस के समय भी इन्होंने जरूरतमंदों के लिए और अपने भक्तों के लिए बहुत कुछ किया है। जरूरतमंदों को अनाज, धन व वस्त्र आदि की सहायता की है। इसलिए यह अपने भक्तों के लिए सदैव स्मरणीय है संत रामपाल जी महाराज के अभियान व एप डाउनलोड लिंक इस ऐप के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज के जो अभियान है, जितनी भी पुस्तकें प्रकाशित हुई है, धार्मिक पाखंड, भोजन दान दहेज मुक्त भारत, रक्तदान शिविर, सामाजिक बुराइयों का नाश W नशा मुक्त विश्व जो भी अभियान है सबकी आपको एक ही प्लेटफार्म पर जानकारी मिल सकती है।, इनके इस ऐप में हमारे सभी पवित्र ग्रंथों का सार सभी धर्मों में कबीर परमात्मा, सृष्टि की रचना, भक्ति बोध व अध्यात्मिक ज्ञान पर चर्चा आदि सभी जानकारी आप जिस भी भाषा में जानना चाहते ...

जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज कौन हैं? » Jagatguru Tatvadarshi Sant Rampal Ji Maharaj Kaun Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। सर आपके द्वारा पूछा गया सवाल है जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज कौन है जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज दुनिया का एक बहुत ही बड़ा संत है और महाराज जी हैं जगतगुरु हैं जो धार्मिक बातों को लोगों तक पहुंचाते हैं और लोगों को अच्छे रास्ते पर चलने का हुकुम लेते हैं sir aapke dwara poocha gaya sawaal hai jagatguru tatvadarshi sant rampal ji maharaj kaun hai jagatguru tatvadarshi sant rampal ji maharaj duniya ka ek bahut hi bada sant hai aur maharaj ji hain jagatguru hain jo dharmik baaton ko logo tak pahunchate hain aur logo ko acche raste par chalne ka hukum lete hain सर आपके द्वारा पूछा गया सवाल है जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज कौन है जगतगुरु तत्व

संत रामपाल जी महाराज की जीवनी Rampal Maharaj History Hindi

संत रामपाल जी महाराज की जीवनी Sant Rampal Ji Maharaj History In Hindi: सतलोक आश्रम हिंसार हरियाणा के संस्थापक और कबीर पंथी संत रामपाल एक धार्मिक गुरु हैं. कई प्रकरणों के चलते उन्हें बार बार जेल जाना पड़ा. आज भी ये जेल में हैं. इनके लाखों भक्त समय समय पर संत की रिहाई की गुहार भी लगाते हैं. आज की बायोग्राफी में हम संत रामपाल के जीवन के बारे में जानेगे. संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गाँव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा के एक किसान परिवार में हुआ था. पढाई पूरी करके हरियाणा प्रान्त में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे. सन 1988 में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा प्राप्त की तथा तन मन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए गये भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया. संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या की रात्रि को प्राप्त हुई. उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष की थी. उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है. सन 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल को सत्संग करने की आज्ञा दी और वर्ष 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की. Telegram Group भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण जे.ई. की पोस्ट से त्याग पत्र दे दिया, जो हरियाणा सरकार द्वारा 16 मई 2000 को स्वीकृत किया गया. वर्ष 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, गाँव गाँव, नगर नगर में जाकर सत्संग किया. बहु संख्या में अनुयायी हो गये, साथ ही साथ ज्ञान हीन संतों का विरोध बढ़ता गया. वर्ष 1999 में गाँव करौंथा जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की तथा एक ज...

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गज

आज Mukti Bodh-मुक्ति बोध में जानिए गज-ग्राह की कथा-Gaj Grah Yudh and Kahani के बारे में hindi में | Spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj गज-ग्राह की कथा-Gaj Grah Yudh & Kahani [Hindi] हाहा-हूहू नाम के दो तपस्वी थे। उनको अपनी भक्ति का गर्व था। एक-दूसरे से अधिक सिद्धि-शक्ति वाला कहते थे। अपनी-अपनी शक्ति के विषय में जानने के लिए ब्रह्मा जी के पास गए। ब्रह्मा जी से पूछा कि हमारे में से अधिक सिद्धि-शक्ति वाला कौन है? ब्रह्मा जी ने कहा कि आप श्री विष्णु जी के पास जाओ, वे बता सकते हैं। ब्रह्मा जी को डर था कि एक को कम शक्ति वाला बताया तो दूसरा नाराज होकर श्राप न दे दे। हाहा-हूहू ने श्री विष्णु जी के पास जाकर यही जानना चाहा तो उत्तर मिला कि आप शिव जी के पास जाऐं। वे तपस्वी हैं, ठीक-ठीक बता सकते हैं। शिव जी ने उन दोनों को पृथ्वी पर मतंग ऋषि के पास जाकर अपना समाधान कराने की राय दी। मतंग ऋषि वर्षों से तपस्या कर रहे थे। अवधूत बनकर रहते थे। अवधूत उसे कहते हैं जिसने शरीर के ऊपर एक कटि वस्त्र (लंगोट) के अतिरिक्त कुछ न पहन रखा हो। मतंग ऋषि शरीर से बहुत मोटे यानि डिल-डोल थे। जब हाहा-हूहू मतंग ऋषि के आश्रम के निकट गए तो उनके मोटे शरीर को देखकर हाहा ने विचार किया कि ऋषि तो हाथी जैसा है। हूहू ने विचार किया कि ऋषि तो मगरमच्छ जैसा है। मतंग ऋषि के निकट जाकर प्रणाम करके अपना उद्देश्य बताया कि कृपा आप बताऐं कि हम दोनों में से किसकी आध्यात्मिक शक्ति अधिक है? ऋषि ने कहा कि आपके मन में जो विचार आया है, आप उसी-उसी की योनि धारण करें और अपना फैसला स्वयं लें। उसी समय उन दोनों का शरीर छूट गया यानि मृत्यु हो गई। हाहा को हाथी का जन्म मिला तथा हूहू को मगरमच्छ का जन्म मिला। जब दोनों जवान हो गए तो एक दिन हा...

संत रामपाल जी महाराज का संक्षिप्त परिचय

संत रामपाल जी महाराज का संक्षिप्त परिचय संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। सन् 1988 में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया। संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को रात्री में प्राप्त हुई। उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है। उपरोक्त विवरण श्री नास्त्रोदमस जी की उस भविष्यवाणी से पूर्ण मेल खाता है जो पृष्ठ संख्या 44-45 पर लिखी है। ”जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व नेता की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा, बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में संसार में प्रसिद्ध होगा। वह सन् 2006 होगा।“ सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने आपको सत्संग करने की आज्ञा दी तथा सन् 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण जे.ई. की पोस्ट से त्यागपत्र दे दिया। जो हरियाणा सरकार द्वारा 16- 5-2000 को पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16-5-2000 के तहत स्वीकृत है। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर-घर, गांव-गांव, नगर-नगर में जाकर सत्संग किया। बहु संख्या में अनुयाई हो गये। साथ-साथ ज्ञानहीन संतों का विरोध भी बढ़ता गया। सन् 1999 में गांव करौंथा जिला रोहत...