संत रामपाल जी महाराज की ताजा खबर 2022

  1. Build a patriotic guru
  2. Sant Rampal Ji Maharaj News की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़ In Hindi
  3. Roti Ram Maharaj 39 s 39th death anniversary celebrated
  4. जूनियर इंजीनियर से संत, फिर सलाखों तक पहुंचने वाले बाबा की पढ़ें पूरी कहानी
  5. pakhandkhandani
  6. अवतरण दिवस 2022: 8 सितम्बर संत रामपाल जी महाराज अवतरण दिवस।


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Build a patriotic guru

-संत समागम में लोकतंत्र सेनानियों का किया गया सम्मान -परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, सांसद जगदम्बिका पाल व विधायकों ने लिया बाबा का आशीर्वाद लखनऊ। संवाददाता बाबा जयगुरुदेव संगत की ओर से आयोजित दो दिवसीय सत्संग व नामदान कार्यक्रम के अंतिम दिन रविवार को संत बाबा उमाकांत जी महाराज ने देशभक्त, गुरुभक्त और नशा मुक्त समाज बनाने का आह्वान किया। सतसंग में आये अनुयायियों से मांस, मदिरा समेत सभी तरह के नशे से दूर रहने का संदेश दिया। इस दौरान लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया गया। सतसंग में उमाकांत महराज ने कहा कि देश में भारतीय संस्कृति और ईश्वरवादिता समाप्त हो रही है। ये वही भारत है देश है जहां श्रीराम, कृष्ण और नानकदेव जी जैसे महापुरुष व संत हुये। आज लोग उन्हें भूलते जा रहे हैं। बाबा ने लोगों से देशभक्त, गुरुभक्त और नशामुक्त समाज का निर्माण करने का आह्वान किया। शहीद पथ स्थित अवध विहार योजना, सेक्टर -नौ में आयोजित सतसंग में प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, सांसद जगदम्बिका पाल, विधायक अमरेश कुमार रावत, रविदास मेहरोत्रा ने बाबा का आशीर्वाद लिया। संत उमाकांत जी ने लोकतंत्र सेनानियों को संगत का पटका, माला व रजत पदक भेंटकर सम्मानित किया। गुरु दक्षिणा में अपनी बुराइयां यहीं छोड़ जाएं...... सत्संग में संत उमाकान्त जी महाराज ने अनुयायियों से गुरु दक्षिणा में अपनी बुराइयों को यही छोड़ जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा काम न करो जिससे किसी का दिल दुखे। अब तक आपने जो मांसाहार किया, शराब का नशा किया, वो अब मत करें। भगवान इसी मनुष्य शरीर में मिलता है अपने आध्यात्मिक संदेश में संत उमाकांत जी ने बताया कि लोग जब भगवान को भूलने लगते है। मौत, सत्य, अहिंसा, परोपकार को भूलने लगते है और उस भूल क...

Sant Rampal Ji Maharaj News की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़ In Hindi

हिसार में नवम्बर 2014 में रामपाल (Sant Rampal) से जुड़े बरवाला के सतलोक आश्रम (Satlok Ashram Case) में हत्‍या के केस नंबर 430 में मामले में स्वयंभू बाबा रामपाल (Sant Rampal) को हिसार कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. इस मामले में एक महिला की मौत हुई थी. बता दें कि मंगलवार को 4 महिलाओं और एक बच्चे की मौत के मामले में केस संख्या 429 में हिसार कोर्ट ने गी संत रामपाल और सभी 15 आरोपियों को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी. •

Roti Ram Maharaj 39 s 39th death anniversary celebrated

कस्बे के श्रद्धा एवं आस्था के केंद्र ब्रह्मलीन संत स्वामी रोटीराम महाराज जी वर्ष 1984 में ब्रह्मलीन हो गए थे। तब से प्रत्येक वर्ष उनके परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर हवन यज्ञ के साथ पूजा आरती का कार्यक्रम संपन्न होता चला रहा है। इसी के तहत बुधवार को तपोभूमि के विरक्त आश्रम में हवन-पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें स्वामी जी के भक्तों ने शामिल होकर उन्हें याद किया। हवन के बाद समाधि स्थल पर स्वामी जी के भक्तों द्वारा आरती और पूजन का कार्यक्रम हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे। इस मौके पर पंडित बलदेव प्रसाद शास्त्री ने हवन पूजन कराया। इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम में आश्रम के महंत जगन्नाथ महाराज, इटरा आश्रम के महंत स्वामी बलरामदास महाराज, स्वामी सुखानन्द महाराज, अरुण कुमार दुबे उर्फ पप्पू भैया, नगर पंचायत अध्यक्ष धीरेंद्र शिवहरे, प्रकाशबाबू शिवहरे,

जूनियर इंजीनियर से संत, फिर सलाखों तक पहुंचने वाले बाबा की पढ़ें पूरी कहानी

“मैं बाबाओं के बारे में कहती थी कि कुछ को छोड़कर अधिकांश बाबा फरेबी होते हैं. बच्चों और पति को भी यही बात अक्सर बताती रहती थी कि, इन बाबाओं के चक्कर से भगवान सबको दूर ही रखे. पर शादी के चार पांच साल बाद घर में एक के बाद एक सब कुछ उल्टा होना शुरू हो गया. कहीं कोई रास्ता नहीं देखा. पड़ोस के फ्लैट में रहने वाली ने बताया कि, मैं (वो महिला पड़ोस वाली) गुरुजी के दरबार में हाजिरी लगाने जाती हूं. तुम भी चला करो. सोचा कि पड़ोस में कई साल से रह रही हैं (पड़ोसन) और जब वे खुद गुरुजी के दरबार में जा रही हैं. तो एक बार चलकर देख लेती हूं. उस एक दिन के चक्कर में बर्बाद हुई जिंदगी साहब…फिर समझो और भी ज्यादा बर्बादी के बुरे दिनों पर ही आकर रुकी. पति और जवान बेटा भी शक करने लगे. उन्हें मैंने लाख समझाया कि, मैं गलत नहीं हूं. उसके बाद लाख मन को समझाया. मैंने बाबा के यहां जाना बंद नहीं किया. अब तो पति भी मर चुके हैं. बेटा भी कहीं घर छोड़कर चला गया. अब तो बाबा जेल में कई साल से बंद हैं. और मैं अकेली दुखियारी बस चाहती हूं कि भगवान मुझे उठा ले.” मीना मुरादनगर, (बदला हुआ नाम) वही रामपाल जिसे काबू करने के दौरान कई बेकसूरों की जान चली गई. उसकी एक भक्त ने अपनी दुख भरी कथा सुनाई. वही रामपाल जिसकी गिरफ्तारी का आदेश हरियाणा-चंडीगढ़ हाईकोर्ट को भी देना पड़ गया था. वही बाबा रामपाल जिसे बेनकाब करने की कोशिश में उसका सतलोक अड्डा (आश्रम) बन गया था. बेकसूरों की कब्रगाह! वही रामपाल दास, जिसके चेहरे से संत का नकाब हटाकर उसका असली चेहरा जमाने के सामने लाने की खूनी-कोशिशों में मारी गई थीं चार महिलाएं और एक बच्चा. वही रामपाल जिसे काबू करने के लिए हरियाणा पुलिस को इस्तेमाल करने पड़ गए थे हथगोले-बंदूक यानी गोला-गोली ...

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क्या स्वामी दयानंद की मृत्यु विष के कारण होने से क्या स्वामी जी की महानता कम हो जाती हैं? कुछ अज्ञानी लोग (ढोंगी रामपाल एंड कंपनी) स्वामी दयानंद की यह कहकर निंदा करते हैं की की स्वामी जी अगर इतने ही बड़े योगी थे तो उनकी मृत्यु विष के कारण तड़प तड़प कर क्यूँ हुई। वे लोग यह क्यूँ भूल जाते हैं की संसार में अनेक महापुरुषों को मृत्यु का गमन अनेक कष्टों को सहते हुए करना पड़ा था जैसे आदि शंकराचार्य को उन्ही के दो चेलों ने विष दे दिया था जिससे उनकी मृत्यु कई मास तक बीमार रहने के पश्चात हुई थी। योगिराज श्री कृष्ण जी महाराज की मृत्यु पैर में तीर लगने से हुई थी। सिखों के गुरु तेग बहादुर का अंत औरंगजेब के तलवार से उनका सर काटने से हुआ था। वीर शिवाजी की मृत्यु कई मास तक बीमार रहने के पश्चात हुई थी। महाराणा प्रताप जीवन भर रेगिस्तान में अपने शरीर को तपाते रहे, उनका असमय अंत अत्यधिक परिश्रम और आराम न मिलने के कारण हुआ था। १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम में वीर कुँवर सिंह की मृत्यु वृद्ध अवस्था में अपने जख्मों के कारण हुई थी। जब वे नाँव से नदी पार कर रहे थे तो एक अंग्रेज सिपाही की गोली उनके बाजु में आकर लगी थी। उन्होंने अपनी तलवार से अपनी बाजु को काट डाला जिससे उनकी उस समय तो प्राण रक्षा हो गई परन्तु उसी घाव के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी। १९४७ के भारत के स्वाधीनता संग्राम में कई हजार ज्ञात और अज्ञात शहीदों की मृत्यु फाँसी पर लटकने से हुई जिनमे रामप्रसाद बिस्मिल, भगत सिंह, सुखदेव आदि प्रमुख थे। क्या महान व्यक्ति की महानता उनकी अकाल मृत्यु से अथवा रोग आदि से पीड़ित होकर कम हो जाती हैं? नहीं तो फिर यह व्यर्थ का आक्षेप स्वामी दयानंद पर लगाना की उनकी मृत्यु रोग के कारण हुई मुर्खता नहीं तो और क्या हैं! डॉ...

अवतरण दिवस 2022: 8 सितम्बर संत रामपाल जी महाराज अवतरण दिवस।

अवतरण शब्द से हीं स्पस्ट होता है की किसी देव या भगवान का अवतार होना। 08 सितम्बर 2022 संत रामपाल जी महाराज का अवतरण दिवस 2022 को मनाया जा रहा है। अवतार गण हमेशा इस पृथ्वि पर आते रहते हैं और पूरी पृथ्वी पर शांति स्थापित करते हैं। जब तीनो लोकों से अवतार गण इस पृथ्वी पर आते हैं तो राक्षसों का विनाश करके शांति स्थापित करने का कोशिश करते हैं लेकिन जब पूर्ण परमात्मा या उनके अवतार गण इस मृत्युलोक में आते हैं तो वह अपने सत्य और शास्त्रनुकूल भक्ति विधि बताकर पुरे विश्व में शान्ति स्थापित करते हैं। आज विश्व में एकमात्र पूर्ण परमात्मा के अवतार जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हीं हैं जिनके बारे में सैंकड़ों संतो और भविष्यवक्ताओं ने आज से करीब कई दशक पहले हीं भविष्यवाणियां कर चुके हैं। उत्तर, दक्षिण, पूर्व पश्चिम, फिरता दाने दाने नू । सर्व कलां सतगुरु साहेब की, हरि आए हरियाणे नू ।। संत गरीबदास जी महाराज कौन हैं संत रामपाल जी? जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज एक कबीरपंथी संत है अथार्त वह कबीर साहेब जी की भक्ति करवाते हैं और सभी धर्म के पवित्र शास्त्रों से प्रमाणित करके ज्ञान बताते हैं। संत रामपाल जी महाराज का जन्म पवित्र भूमि भारतवर्ष के छोटे से गाँव सोनीपत जिला धनाना में 8 सितम्बर 1951 को हुआ था। संत रामपाल जी के पिता जी का नाम नन्दलाल राम और माताजी का नाम इन्द्रो देवी है। किस उपलक्ष्य में मनाया जाता है अवतरण दिवस? जिस दिन इस पृथ्वी पर पूर्ण परमात्मा या उनके संदेशवाहक आते हैं उस दिन उनका अवतरण दिवस मनाया जाता है। 8 सितम्बर 2022 को जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज पूर्ण परमात्मा के अवतार का 72वां अवतरण दिवस मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज के 9 आश्र...